आज के इस आर्टिकल में हम राजस्थान सरकार की योजनाएं | Rajasthan Sarkari Yojana 2024 के तहत महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं राजस्थान में संचालित प्रमुख स्कीम्स पर बात करेगे.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राजस्थान की इन सरकारी योजना राजस्थान फॉर वीमेन, गर्ल्स एंड चाइल्ड को इसका पात्र माना गया हैं.
राजस्थान सरकार की योजनाएं 2024 में राजश्री योजना, सरस लाडो योजना, मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओं, बेटी पढाओं अभियान, जननी एक्स्प्रेम एबुलेंस सेवा, जननी सुरक्षा योजना (JSY), जनमंगल कार्यक्रम, ओजस, कुशल मंगल कार्यक्रम, किशोरी प्रजनन एवं यौन लैंगिक स्वास्थ्य, किशोर मित्र स्वास्थ्य सेवा, मुख्यमंत्री बालिका सम्बल योजना सहित प्रमुख राजस्थान सरकार की महिलाओं व बालिकाओं के लिए २०24 बनाई गई स्कीम की जानकारी देगे.
राजस्थान सरकार की योजनाएं | Rajasthan Sarkari Yojana 2024
नमस्कार मित्रों आज के आर्टिकल में राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही जनहितकारी योजनाओं की लिस्ट यहाँ बता रहे हैं,
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इन योजनाओं का फायदा उठाने से पूर्व इनके बारे में सम्बन्धित पूरी जानकारी यहाँ से ले सकते हैं.
Rajasthan Govt Yojana 2024
- किशोरी बालिकाओं के लिए योजना (SAG)
- इंदिरा महिला शक्ति उद्यम योजना
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
- राजस्थान सामूहिक विवाह अनुदान योजना
- महिलाओं एवं बालिकाओं को निशुल्क RS- CSEP प्रशिक्षण
- इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना
मुख्यमंत्री राजश्री योजना बेटियों के लिए (rajshri yojana rajasthan)
1 जून 2016 से मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना के साथ पर ‘राजश्री योजना‘ प्रारम्भ की गई हैं. बालिका कल्याण की इस महत्वकांक्षी योजना में अब बेटियों को जन्म से लेकर 12 वीं कक्षा उतीर्ण करने तक अलग अलग किस्तों में कुल 50 हजार रूपये की राशि दी जाएगी.
इस योजना के तहत जिलों के सभी चिकित्सा संस्थानों तथा jsy में अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थानों पर बालिका के जीवित जन्म पर लाभ निम्न प्रकार देय होगा.
- जीवित जन्म पर प्रथम क़िस्त- 2500 रूपये
- एक साल की उम्रः में पूर्ण टीकाकरण होने पर दूसरी क़िस्त-2500 रूपये
- स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश पर तीसरी क़िस्त- 4000 रूपये
- छठी कक्षा में प्रवेश पर चौथी क़िस्त- 5000 रूपये
- दसवीं कक्षा में प्रवेश पर पांचवी क़िस्त- 11000 रूपये
- राजकीय विद्यालय से 12 वीं कक्षा उतीर्ण करने पर- 25000 रूपये
- बालिका को मिलने वाली कुल राशि- 50000/-
सरस लाडो योजना (Saras Lado Scheme 2018)
जयपुर डेयरी द्वारा यह योजना 1 जनवरी 2016 को प्रारम्भ की गई. कन्या शिशु के जन्म को प्रोत्साहित करना, लिंगानुपात को बढ़ाना तथा बाल विवाह को हतोत्साहित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य हैं.
इसमें जनवरी 2016 या उसके बाद पैदा हुई कन्या शिशु को 18 साल के बाद उसके विवाह पर 1 लाख रूपये दिए जाएगे.
मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना (CM Shubh Laxmi Yojana (SLY) in rajasthan)
प्रदेश में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने और मातर मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 2013 को यह योजना प्रारम्भ की गई.
योजना के तहत 1 अप्रैल 2013 या इसके बाद बालिका के जीवित जन्म पर माता को कुल 7300 रु की प्रोत्साहन राशि तीन किश्तों में निम्न प्रकार देय होगी.
- बालिका के जीवित जन्म होने पर २१०० रूपये की राशि
- बालिका के प्रथम जन्म दिवस अवसर पर २१०० रूपये की राशि
- बालिका की उम्रः पांच वर्ष पूर्ण होने पर स्कूल में प्रवेश लेने पर ३१०० रूपये की राशि देय होगी.
- लाभान्वितों को द्वितीय व तृतीय किश्त की राशि समय पर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य में दिनाकं 15 अक्टूबर 2014 से ई शुभलक्ष्मी योजना को प्रारम्भ किया गया हैं. अब इसके स्थान पर राजश्री योजना प्रारम्भ की गई हैं.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान (Beti Bachao, Beti Padhao Yojana)
22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत हरियाणा के पानीपत से की थी. इस योजना के तहत देशभर के 100 जिलों का चयन किया गया हैं.
जिसमें राजस्थान के कम शिशु लिंगानुपात वाले 10 जिले- अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, गंगानगर, जयपुर, झुंझुनू, करौली, सवाईमाधोपुर, सीकर आदि शामिल थे.
अब इसमें राज्य के चार अन्य जिले -जोधपुर, जैसलमेर, हनुमानगढ़ व टोंक भी शामिल किए गये हैं. राज्य में इस योजना का शुभारम्भ जयपुर के धानक्या गाँव में 14 मार्च 2015 को किया गया.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने झुंझुनू में 8 मार्च 2018 को इस अभियान का देश के सभी जिलों में विस्तार करने का शुभारम्भ किया.
जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा (janani express yojana in hindi)
राज्य में सुरक्षित मातृत्व एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य को सुनिश्चिंत करने तथा सुरक्षित प्रसव हेतु मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं व नवजातों के लिए 2 अक्टूबर 2012 को जयपुरिया अस्पताल से इस सेवा की शुरुआत की.
इस सेवा के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं बीमार नवजात शिशुओं को अस्पताल लाने जाने के लिए निशुल्क वाहन उपलब्ध करवाया जाता हैं.
राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (RJSSK) (mahila bal vikas rajasthan)
प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं गर्भवती महिलाओं व 1 वर्ष तक के बीमार शिशुओं को निशुल्क दवा व अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने मेवात हरियाणा में जननी शिशु कार्यक्रम (JSSK) 1 जून 2011 को प्रारम्भ किया.
राजस्थान में इसका प्रारम्भ केंद्र सरकार के सहयोग से राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (RJSSK) के नाम से मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर के दूदू कस्बें टोंक के पीपलू गाँव व दौसा में 12 सितम्बर 2011 को किया.
जननी सुरक्षा योजना (jsy) (janani suraksha yojana rajasthan)
राजस्थान में केंद्र सरकार की यह योजना सितम्बर 2005 में प्रारम्भ की गई. इसका उद्देश्य मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना एवं संस्थागत प्रसवों की संख्या में वृद्धि करना हैं.
इस योजना के तहत राजकीय एवं मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में प्रसव कराने पर प्रसूताओं एवं आशा सहयोगिनी को निम्न प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं.
- ग्रामीण क्षेत्रों में- 1400 रु प्रसूता को एवं 300 रूपये आशा सहयोगिनी को
- शहरी क्षेत्रों में- 1100 रु प्रसूता को एवं 200 रु आशा सहयोगिनियों को
ज्योति योजना (jyoti yojana rajasthan)
पुत्र रहित केवल एक या दो बालिकाओं के पश्चात स्वेच्छा से परिवार कल्याण का स्थायी साधन नसबंदी ओपरेशन) अपनाने वाली 22 से 32 वर्ष की महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार के अवसरों में प्राथमिकता देने हेतु ज्योति योजना 1 अप्रैल 2011 से आरम्भ की गई.
जनमंगल कार्यक्रम (Janamangal Program)
जनसंख्या की वृद्धि दर में कमी करने, जनसंख्या में स्थायित्व लाने तथा शिशु एवं मातृ मृत्युदर में कमी करने के लिए समुदाय आधारित गर्भ निरोध के साधनों के वितरण के उद्देश्य से यह कार्यक्रम वर्ष 1992 से अलवर व उदयपुर जिलों में प्रारम्भ किया गया था. वर्ष 1997-98 से इसे सम्पूर्ण राज्य में लागू कर दिया गया.
यह कार्यक्रम दम्पतियों को परिवार कल्याण के अंतराल साधनों की आपूर्ति मांग को पूरा करने व अंतराल साधनों के उपयोग को बढ़ावा देने का एक सामुदायिक कार्यक्रम हैं.
ओजस (ojas rajasthan)
यह राज्य में जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना एवं राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (RJSSK) के अंतर्गत दी जाने वाली राशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रान्सफर करने की योजना हैं.
कुशल मंगल कार्यक्रम (kushal mangal karyakram pdf)
यह राजस्थान प्रदेश में मातृ मृत्यु दर को कम करने हेतु हाईरिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हित कर उनका समुचित प्रबंधन करने हेतु ११ जुलाई 2015 से आरम्भ योजना हैं. यह राजस्थान का ऐसा पहला कार्यक्रम हैं जिसमें अत्यंत सूक्ष्म रूप से निगरानी रखी जाती हैं.
किशोरी प्रजनन एवं यौन लैंगिक स्वास्थ्य (arsh scheme/kishori shakti yojana)
किशोरियों एवं महिलाओं को स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लक्ष्य से राजस्थान सरकार की योजनाएं का यह कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया हैं. इसके अंतर्गत निम्न कार्य चल रहे हैं.
- किशोर मित्र स्वास्थ्य सेवा (AFHS): यह कार्यक्रम राजस्थान के 12 जिलों में चलाया जा रहा हैं.
- जीवन कौशल शिक्षा: जीवन कौशल शिक्षा विषय सभी विद्यालयों के कक्षा 11 में सत्र 2005-06 में अनिवार्य रूप से लागू हैं. जीवन कौशल शिक्षा को स्कूली शिक्षा के साथ जोड़ने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य हैं.
मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना (mukhyamantri sambal yojna rajasthan)
राज्य में गिरते लिंगानुपात को रोकने के उद्देश्य से यह योजना 1 अप्रैल 2007 से लागू की गई, इस योजना का उद्देश्य हैं.
- प्रदेश में बाल विवाह की प्रथा को रोकने के लिए माता पिता को प्रेरित करने की भावना.
- निरंतर गिरते जा रहे लिंगानुपात को रोकना.
योजना का स्वरूप:- राज्य में ऐसे दम्पति जिनके कि पुत्र नही हैं और एक या दो बच्ची होने पर नसबंदी करा लेते हैं तथा बच्चियों की उम्रः ५ साल या इससे कम हैं तो उन्हें बालिका संबल योजना के अंतर्गत प्रत्येक बालिका के नाम से 10-10 हजार रूपये की राशि यूटी आई म्यूच्यूअल फंड की सी सी पी योजना के अंतर्गत जमा कराकर बांड उपलब्ध करवाएं जाते हैं.
बालिका की 18 वर्ष की आयु पर उक्त बांड परिपक्व होगा. जिस पर यूटी आई फंड से अधिकतम 77 हजार रूपये की राशि प्राप्त हो सकेगी.
स्वामी विवेकानंद एकल बालिका छात्रवृत्ति योजना | Swami Vivekananda Single Girl Child Scholarship Yojna
विश्वविधालय अनुदान आयोग द्वारा स्वामी विवेकानंद एकल बालिका छात्रवृति प्रदान किया जा रहा हैं. बालिका को शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर बिच में ही पढाई छोड़ देने का अनुपात बालकों की तुलना में कही अधिक हैं इस उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी यहाँ दी जा रही हैं.
- महिला शिक्षा पर स्वामी विवेकानंद के विचारों को ध्यान में रखते हुए और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए यूसीजी ने उन एकल बालिकाओं के लिए उच्चतर शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए उच्चतर शिक्षा की सीधी लागत से प्रतिपूर्ति के लक्ष्य से सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान हेतु एकल बालिका के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृति प्रारम्भ की हैं. इसके लिए सामान्य वर्ग की छात्राओं की आयु ४० वर्ष, आरक्षित वर्ग की छात्राओं की आयु ४५ वर्ष निर्धारित की गई हैं.
- इस योजना के तहत उपलब्ध वित्तीय सहायता प्रथम 2 वर्ष के लिए 25,000 प्रतिमाह और तीसरे व चौथे वर्ष के लिए 28,000 प्रतिमाह हैं. (अपवादा परिस्थतियों में पांचवें वर्ष के लिए बढाए जाने योग्य)
स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप का उद्देश्य
सामाजिक विज्ञान विषय में रूचि रखने वाली छात्राओं को मोदी सरकार द्वारा 2018 में शुरू की गई इस योजना द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती हैं. इस स्कालरशिप स्कीम के जरिये समाज में बालिका को उच्च स्थान दिलाना पहला लक्ष्य हैं.
हमारे देश में दुनिया के कई अन्य विकासशील देशों की तरह, बालिका को उसके जन्म से, अपने बचपन में और उसकी वयस्कता में भेदभाव किया जाता है।
यह पुरुषों के पक्ष में महिलाओं के पक्ष में तिरछे लिंग अनुपात से बहुत स्पष्ट है (महिलाएं महिलाओं से अधिक हैं) क्योंकि बेटियों पर पुत्रों को प्राथमिकता दी जाती है।
कई राज्यों में लिंग अनुपात खतरनाक है। देश के अधिकांश हिस्सों में महिला भ्रूणहत्या की बुराई प्रचलित है।
स्थिति समाज के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इससे महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ सकता है। इस भेदभाव का मूल कारण शिक्षा, बच्चों के खिलाफ समाज के प्रति उदासीन दृष्टिकोण और प्रथाओं की कमी है
और हमारे समाज में महिलाओं की स्थिति है। ऐसी परिस्थितियों में महिलाओं की शिक्षा का उपयोग किया जाना चाहिए और उनके सशक्तिकरण और शिक्षा के लिए प्रभावी साधन उन्हें अपने जीवन पर नियंत्रण रखने के लिए तैयार करेंगे।
सरकार भारत ने प्राथमिक शिक्षा को प्रत्येक बच्चे के मूल मानव अधिकार के रूप में घोषित किया। भारत सरकार ने लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा सहित विभिन्न योजनाओं को लागू करके महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं।
स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप में सहायता राशि
ऑनलाइन मोड के माध्यम से प्राप्त सभी मामलों में योग्य पात्र आवेदनों के आधार पर फैलोशिप के लिए स्लॉट की संख्या हर साल तय की जाती हैं. 2018 में बालिका शिक्षा की इस योजना में सहायता राशि इस प्रकार हैं.
इस योजना के तहत उपलब्ध वित्तीय सहायता निम्नानुसार है:
साहचर्य | @ रु। प्रारंभिक दो वर्षों के लिए 25,000 / – अपराह्न @ रु। शेष कार्यकाल के लिए 28,000 / – बजे |
आकस्मिकता | @ रु। प्रारंभिक दो वर्षों के लिए 10,000 / – प्रति वर्ष @ रु। शेष कार्यकाल के लिए 20,500 / – प्रति वर्ष |
एस्कॉर्ट्स / रीडर सहायता | रुपये। पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के मामले में 2,000 / – बजे |
सिंगल गर्ल स्कालरशिप स्कीम के लिए आवेदन के लिए प्रमुख समाचार पत्रों और रोजगार समाचारों में विज्ञापन के माध्यम से वर्ष में एक बार ऑनलाइन मोड के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। यूजीसी वेबसाइट में लघु अधिसूचना भी अपलोड की गई है ।
ऑनलाइन आवेदन के लिए, यहां क्लिक करें ।
पूर्ण दिशानिर्देशों तक पहुंचने के लिए, यहां क्लिक करें ।
Chhatrawas Yojana | छात्रावास योजना | Hostel Scheme
विभाग द्वारा राज्य के जिलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, स्वच्छाकार, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए छात्रावास योजना संचालित है.
इन छात्रावासों के माध्यम से गरीब एवं पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षित कर उन्हें समाज के योग्य एवं संस्कारवान बनाने का प्रयास किया जाता है. ताकि वे शैक्षणिक रूप से सुद्रढ़ होकर अपना भविष्य उज्जवल कर सके.
राज्य में छात्रावास योजना की शुरुआत वर्ष 1952-53 से की गई थी.
लाभान्वित वर्ग-
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, स्वच्छकार एवं विशेष पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी
पात्रता
- विद्यार्थी का चरित्र उत्तम श्रेणी का होना चाहिए
- विद्यार्थी के परिवार की वार्षिक आय एक लाख रूपये से अधिक नही हो.
- विद्यार्थी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग से होना अनिवार्य है.
- छात्रावास में कक्षा 6 से 10+2 के ही विद्यार्थी प्रवेश ले सकेगे. महाविद्याय स्तर के छात्रावास महिला विद्यार्थियों के लिए संभाग स्तर पर है.
- विद्यार्थी को मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलेगा.
- नियमित रूप से अध्ययनरत विद्यार्थी ही प्रवेश का हकदार है.
- शैक्षणिक सत्र 2011-12 के आरक्षित वर्ग के BPL छात्र-छात्राओं को ही प्रवेश दिया जाएगा. छात्रावासों में पूर्व से अध्ययनरत छात्र छात्रा जो गैर BPL परिवार से है, उनको अधिकतम एक वर्ष के लिए प्रवेश दिया जाएगा.
देय सुविधाएं
- राजकीय एवं अनुदानित छात्रावासों में मिलने वाली सुविधाएं निम्नलिखित है.
- भोजन, नाश्ता, विशेष भोजन
- स्कूल युनिफोर्म आदि
- तेल साबुन बाल कटाई आदि.
- चादर, तकिया, खोली, तौलिया, धुलाई
- बिजली,पानी
- समाचार पत्र पत्रिकाएँ
आवेदन का तरीका
छात्रावास में प्रवेश के लिए अभियर्थी द्वारा जिला समाज कल्याण अधिकारी को आवेदन दिया जाएगा. जिसकी जांच सम्बन्धित छात्रावास अधीक्षक से करवाकर पात्र विद्यार्थियों को योग्यता के आधार पर प्रवेश देने का प्रावधान है. सामान्यत यह प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी कर ली जाती है.
आवेदन कहाँ किया जावे
जिला कार्यालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
आवेदन के साथ औपचारिकताएं
- जन्म प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति
- आय प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति
- जन्म प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति पिछली कक्षा की अंक तालिका की प्रमाणित प्रति.
सम्पर्क सूत्र
जिला कार्यालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना | devnarayan yojana
पूरा नाम और योजना का विवरण- Devnarayan School Scholarship Distribution and Incentive Scheme राजस्थान.
राजस्थान के अन्य पिछड़ा वर्ग की नियमित छात्राओं हेतु 2011-12 से 500 स्कूटी तथा 2012-13 से 1000 स्कूटी तथा द्वितीय व तृतीय वर्ष स्नातक के लिए दस हजार रूपये व स्नातकोतर छात्राओं हेतु बीस हजार रूपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि.
लाभान्वित वर्ग
राज्य के अंत्यंत पिछड़ा वर्ग की नियमित छात्राएं.
पात्रता-
- राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राएं आय सीमा 2 लाख रूपये वार्षिक.
- स्कूटी हेतु- बाहरवी की परीक्षा में 50 प्रतिशत या इससे अधिक अंक
- प्रोत्साहन राशि हेतु- द्वितीय व तृतीय वर्ष स्नातकोतर पूर्वार्द्ध की छात्राओं द्वारा पूर्व परीक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक तथा स्नातकोतर उतरार्ध की छात्राओं द्वारा पूर्व परीक्षाओं में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक.
देय सुविधाएं-
प्रथम वर्ष की छात्राओं हेतु स्कूटी वाहन मय एक वर्ष का बीमा. द्वितय व तृतीय वर्ष की छात्राओं हेतु दस हजार रूपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि.
आवेदन का तरीका-
निर्धारित आवेदन प्रपत्र वह विद्यार्थी अपने महाविद्यालय में जमा करवाएं जहाँ वे अध्ययनरत है.
आवेदन कहाँ किया जाए-
विद्यार्थी अपने महाविद्यालय के प्राचार्य के समझ आवेदन पत्र प्रस्तुत करे.
आवेदन के साथ औपचारिकताएं
आवेदन प्रपत्र के अनुसार
संपर्क सूत्र-
सम्बन्धित महाविद्यालय के प्राचार्य
राजस्थान उत्तर मेट्रिक स्कालरशिप योजना | uttar matric scholarship
भारत सरकार द्वारा जारी मेट्रिकोतर छात्रवृति नियमों के अनुसार 10+2 एवं कॉलेज स्तरीय छात्रवृति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के उन छात्र छात्राओं को दी जाती है
जिनके माता पिता सरंक्षक की वार्षिक आय क्रमश 2 लाख 2 लाख तथा 1 लाख रूपये तक हो. इस योजना में नॉन रेफ्न्डेबल फीस एवं अनुरक्षण भत्ते का भगतान छात्रवृति के रूप में किया जाता है
उत्तर मेट्रिक स्कालरशिप इस योजना की शुरुआत अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र छात्राओं के लिए 1944-45 से की गई थी. जिनके नियम जुलाई 2010 में संशोधित किये गये थे.
अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के लिए इस छात्रवृति योजना की शुरुआत 1998-99 से की गई तथा इनके नियमों में 1 जुलाई 2011 को संशोधन किया गया.
- लाभान्वित वर्ग- इस स्कालरशिप स्कीम के तहत अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे.
पात्रता (Eligibility)-
- छात्र-छात्रा राजस्थान का मूल निवासी हो.
- अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का हो.
- अनुसूचित जाति जनजाति के लिए माता पिता संरक्षक की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय सीमा 2 लाख रूपये एवं अन्य
- पिछड़ा वर्ग के लिए आय सीमा 1 लाख रूपये तक की हो.
- विद्यार्थी किसी राजकीय या मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में उत्तर मेट्रिक शिक्षा में अध्ययनरत हो अथवा कक्षा 10 के बाद मान्यता प्राप्त मेट्रिकोतर पाठ्यक्रमों में अध्य्यरंरत हो.
आवेदन का तरीका (application system)
- शैक्षणिक सत्र 2012-13 से आवेदन ऑनलाइन पोर्टल RAJPMS.NIC.IN पर किया जाए तथा प्रिंटआउट लेकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ महाविद्यालय में जमा करावे.
उत्तर मेट्रिक स्कालरशिप के लिए आवेदन कहाँ करे (Where to Apply for Upper Metric Scholarship)
- किसी महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी राजकीय महाविद्यालय में
- निजी महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थी सम्बन्धित महाविद्यालय के माध्यम से सम्बन्धित जिले के सामाजिक
- न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में.
- राजस्थान राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी जो अन्य राज्यों की मान्यता
- प्राप्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत है स्वयं के जिला शिक्षा अधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में.
आवेदन के साथ औपचारिकताएं (Formalities with application)
- जाति प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति
- आय प्रमाण पत्र हेतु माता/पिता/अभिभावक/का नोटेरी अथवा कार्यपालक रजिस्ट्रेड से सत्यापित घोषणा पत्र/शपथ पत्र
- दसवीं की अंकतालिका/प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति
- गत उतीर्ण समस्त परीक्षाओं की सत्यापित प्रति
- फीस की मूल रसीद
- आवेदन पत्र पर उपयुक्त स्थान पर आवेदक का प्रमाणिक फोटो
- विद्यार्थी के बैंक खाते की पासबुक की प्रति
- मूल निवास प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति
- यदि संरक्षक का आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाता है तो माता/पिता/पति का मृत्यु प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति.
केवल अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए उत्तर मेट्रिक स्कालरशिप में
- बीपीएल प्रमाण पत्र की प्रति
- नि शक्त्ता प्रमाण पत्र/ विधवा/तलाकशुदा महिला/ विधवा का पुत्र या पुत्री/तलाकशुदा महिला का पुत्र या पुत्री होने का प्रमाण
सम्पर्क सूत्र
जिला कार्यालय, सामजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय kgbv | Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya
kgbv | Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya- राजस्थान में कुल 200 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय यानि केजीबीवी संचालित है. जिनमे 186 शैक्षणिक द्रष्टि से पिछड़े ब्लाक में तथा 14 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय अल्पसंख्यक बाहुल्य शहरी क्षेत्रों में संचालित है.
केजीबीवी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा बीपीएल परिवारों की शिक्षा से वंचित बालिकाओं को उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6,7 और 8) की गुणवता युक्त शिक्षा आवासीय सुविधा सहित निशुल्क प्रदान की जाती है.
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय इस योजना को राजस्थान राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005-06 से शुरू किया गया था.
लाभान्वित वर्ग–
- सामान्य केजीबीवी में 75 प्रतिशत सीटों पर एसी तथा एसटी बालिकाओं को प्राथमिकता देवे. जबकि 25 प्रतिशत पर ओबीसी/अल्पसंख्यक/सामान्य वर्ग की बीपीएल परिवारों की बालिकाओं को प्रवेश दिया जाता है.
- अल्पसंख्यक वर्ग के लिए स्वीकृत 14 केजीबीवी में 75 प्रतिशत प्राथमिकता अल्पसंख्यक वर्ग को दिया जाना अपेक्षित है. अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाएं नही मिलने की स्थति में शेष सीटों पर ही अन्य वर्ग की बालिकाओं को प्रवेश दिया जाता है.
पात्रता
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा बीपीएल परिवारों में अनामांकित/ड्राप आउट बालिकाएं.
- 5 प्रतिशत सीट पर विशेष आवश्यकता वाली cwsn बालिकाएं.
सुविधाएं
- सभी बालिकाओं को आवास व्यवस्था.
- सभी बालिकाओं को दोनों समय मैन्यू अनुसार भोजन तथा नाश्ते की व्यवस्था.
- पुस्तके तथा शिक्षण सामग्री.
- विद्यालय, पोशाक, स्वेटर, जूते मोज़े सहित
- दैनिक उपयोगी वस्तुएं यथा साबुन तेल, टोलियां, टूथपेस्ट, कंघा, चम्पल,सेनेटरी नेपकिन इत्यादि.
- प्रतिमाह 100 रूपये बालिका के खाते में स्टाइपेंड राशि के रूप में.
केजीबीवी में संचालित गतिविधियाँ
- अनामांकित एवं ड्रापआउट बालिकओं हेतु एक वर्षीय कंडेसड कोर्स.
- निओस के माध्यम से बालिकाओं को कौशल प्रशिक्षण
- जीवन कौशल शिक्षा, स्काउड गाइड गतिविधि.
- खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं को विद्यालय स्तर से राज्य स्तर तक आयोजित.
- आत्म रक्षा प्रशिक्षण
- केजीबीवी शिक्षिकाओं एवं स्टाफ का अभिवर्द्धन प्रशिक्षण.
- 51 विद्यालयों में cce आधारित मूल्यांकन प्रणाली.
- सभी विद्यालयों में शैक्षिक मेलों का आयोजन
- अंतर जिला भ्रमण कार्यक्रम
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में आवेदन के लिए उम्मीदवार साथ कागज के जरिये अपना आवेदन प्रस्तुत करवा सकते है.
केजीबीवी में बालिका के आवेदन के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका से सम्पर्क किया जा सकता है.
केजीबीवी में आवेदन के साथ औपचारिकताएं
- ब्रिज कोर्स में पढ़ने का प्रमाण पत्र
- विद्यालय छोड़ने का कारण सहित प्रमाण पत्र
- बीपीएल प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- बालिका एवं उनसे मिलने आने वाले अभिभावकों के फोटो
- बालिका एवं परिवार की एक फोटो आईडी
सम्पर्क सूत्र
- केजीबीवी प्रधानाध्यापिका
- सम्बंधित ब्लाक प्रारम्भिक जिला शिक्षा अधिकारी
- जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान
- राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद जयपुर
बहुत ही सुंदर और ज्ञानवर्धक सामग्री