रामनाथ कोविंद का जीवन परिचय Ram Nath Kovind Biography in hindi:1 अक्टूबर 1945 को कानपुर में जन्मे रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति हैं| भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से पहले ये govt of bihar में राज्यपाल के पद पर थे|
Ram Nath Kovind Caste जाति कोली हैं| अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखने वाले रामनाथ कोविंद का नाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन NDA द्वारा अपने प्रत्याशी बनाए गयें हैं.
कई बड़े नामों को पीछे छोड़कर निम्न जाति के प्रति अपना रुझान बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने संभवत रामनाथ कोविंद का नाम प्रस्तुत किया हैं| इनके जीवन परिचय में जानते हैं अब तक के जीवन का सक्षिप्त ब्यौरा-
रामनाथ कोविंद का जीवन परिचय Ram Nath Kovind Biography in hindi
76 वर्षीय रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेताओ में से एक हैं| राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से पहले इन्हे बहुत से कम लोग ही जानते हैं|
इनका जन्म परोख गाँव देहात जिला कानपुर उत्तरप्रदेश में हुआ था| 19 जून इनके जीवन का सबसे योदगार दिन होगा| जिस दिन भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेताओ ने इन्हे अपने दल का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया|
पर्याप्त मात्रा में बहुमत होने और कोविन्द की प्रष्टभूमि को देखते हुए उन्हें अन्य विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल सकता हैं|इससे पूर्व के दिवंगत राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम के प्रस्ताव पर भी विपक्ष और सतापक्ष ने निर्विरोध रूप से चुना था|
रामनाथ कोविंद की शिक्षा (Ram Nath Kovind education)
रामनाथ कोविंद जी बहुप्रतिभा के धनी इन्सान हैं जिन्होंने कला वर्ग में बाहरवी अपने गृह जिले के सरकारी विद्यालय से की| तीव्र बुद्दि के कोविन्द सिविल सेवा में जाने का सपना पाल रहे थे|
इस लिए इन्होने कानपूर युनिवर्सिटी से वाणिज्य में बीकॉम से ग्रेजुएशन कर, कानून की पढ़ाई करनी शुरू कर दी और llb की डिग्री प्राप्त की|
अब रामनाथ कोविंद ने लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रशासनिक सेवा की भर्ती परीक्षा देना आरम्भ किया| आईएएस बनने का सपना सजोए प्रारम्भिक दोनों प्रयासों में कुछ ही अंको के अंतर से पिछड़ गये|
फिर भी अपने अटल लक्ष्य को ठाने रामनाथ कोविंद निरंतर मेहनत करते रहे| दो बार विफल होने के बाद तीसरे प्रयास में कोविन्द प्रशासनिक सेवा की परीक्षा तो पास कर गयें मगर शायद यह पद उनके किस्मत में नही लिखा था पद ना मिलने के कारण इन्होने प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ दी और वकालत करनी शुरू कर दी|
रामनाथ कोविंद का करियर (Career of Ramnath Kovind In Hindi)
रामनाथ कोविंद के करियर को तीन भागो में विभाजित किया जा सकता हैं आईएएस न बन पाने के कारण इन्होने उस नौकरी को लात मार दी और वकालत में आ गये|
फिर राजनीती में इनकी शुरुआत हुई कई वर्षो तक की राजनीती के बाद रामनाथ कोविंद बिहार राज्य के राज्यपाल बनाए गये| आखिर उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के बदले 19 जून को भाजपा ने अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया और राष्ट्रपति भी बन जाएगे|
रामनाथ कोविंद वकील के रूप में (Ramnath Kovind as lawyer)
- इन्होने पढ़ाई के बाद करियर की शुरुआत वकालत से की,
- एक वकील के रूप में कोविन्द ने दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रशिक्षु के रूप में अभ्यास किया|
- कई वर्षो तक अभ्यास के बाद इन्हे भारत सरकारी के सरकारी वकील के रूप में काम करने का अवसर मिला|
- सरकारी वकील के रूप में दिल्ली उच्च न्यायालय में इन्होने दो वर्षो तक अपनी सेवा दी.
- इसके बाद कोविन्द का तबादला दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में हो गया
- जहां इन्होने 1980 से लेकर 13 वर्ष तक अनवरत रूप से अपनी सेवाए एक सरकारी कौंसिल के रूप में दी|
रामनाथ कोविंद का राजनीतिक कैरियर (Political career of Ramnath Kovind In Hindi)
ये पहली बार वर्ष 1990 में राजनीती की ओर अग्रसर हुए, सुप्रीम कोर्ट में वकील के रूप में इन्होने 1991 में भारतीय जनता पार्टी से नाता जोड़ लिया|
पार्टी से जुड़ने के तीन ही साल बाद 1994 में भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें अपने गृह जिले से राज्यसभा की टिकट दी और जीत गये| राम नाथ कोविन्द दूसरी बार वर्ष 2000 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए इस तरह वे भारतीय जनता पार्टी के 12 वर्षो तक राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं|
कोविन्द को मार्च 2015 में बिहार राज्य के राज्यपाल के रूप में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | 27 महीने की सेवा के बाद जून 2017 में राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद राष्ट्रपति बन गये|
रामनाथ कोविंद भारत के राष्ट्रपति के रूप में (Ramnath Kovind as the President of India)
दलित नेता और किसान परिवार के सम्बन्ध रखने वाले रामनाथ कोविंद भारत के 14वे राष्ट्रपति होंगे|
वकालत के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले कोविन्द को राष्ट्रपति बनाने के लिए प्रस्ताव दिए जाने पर परिवार और उनके गृह जिले में ख़ुशी का माहौल हैं| राष्ट्रपति पद की होड़ में कोविन्द के साथ कई बड़े विरिष्ट नेताओ के नाम भी थे|
मगर NDA की बैठक में नरेंद्र मोदी सहित अन्य दलों ने भी इस नाम पर मुहर लगा दी हैं|
गरीब कल्याण और समाज सेवी के रूप में जमीन से जुड़ें रामनाथ कोविंद जून 2017 से जून 2022 तक भारत के प्रधानमन्त्री पद पर रहेगे| देश के अधिकतर दल प्रधानमन्त्री मोदी के फैसले से पूर्व ही अपना समर्थन इन्हे दे चुके हैं|
यदि विपक्ष भी इन्हे स्वीकार कर ले तो रामनाथ कोविंद निर्विरोध राष्ट्रपति चुने जा सकते हैं| इस विषय पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ बैठक चल रही हैं|
रामनाथ कोविंद जी ने गर्वनर के पद पर रहते हुए सभी के साथ अच्छे रिश्ते रखे साथ ही उनकी साफ़-सुथरी छवि और दलित चेहरा होने की वजह से बहुत सारी विपक्षी पार्टियों की भी पहली पसंद हैं| दलित और पिछड़ी जातियों की राजनीती करने वाले दलों को अब समर्थन देने के सिवाय कोई विकल्प नही हैं|
क्युकि वे हमेशा दलित उत्थान की बात करते हैं| यदि वे रामनाथ कोविंद जी को समर्थन ना देगी तो दलित विरोधी छवि के कारण उनका वोट बैंक खीचक सकता हैं|
रामनाथ कोविंद का परिवार (Ramnath Kovind’s family)
रामनाथ कोविंद जी के परिवार में उनके चार भाई चार बहिन हैं, ये अपने सभी भाइयो में सबसे छोटे हैं| उनके पिता माईकू लाल और माता कलावती का निधन कई वर्ष पहले हो चूका हैं|
रामनाथ कोविंद का विवाह सविता कोविंद के साथ 30 मई 1974 को 29 वर्ष की आयु में हुआ था| इनके एक बेटा और एक बेटी हैं, बेटे का नाम प्रशांत कोविन्द और बेटी का नाम स्वाति कोविंद हैं|
रामनाथ कोविंद का घर देहात जिले से 50 किमी की दुरी पर स्थित हैं| रामनाथ कोविंद ने अपने जीवन में अपने लिए कुछ करने की बजाय अपने पिछड़े गाव को मॉडर्न गाँव तक पहुचाने का काम किया|
इन्होने अपने गाँव में बैंक और कॉलेज अपने प्रयासों से बनवाकर गाँव के लडको के लिए भविष्य में मीलो दूर जाने की बजाय गाँव में ही भविष्य सवारने का अवसर प्रदान किया|
रामनाथ कोविंद के कार्य (Ramnath Kovind’s work)
वर्तमान में रामनाथ कोविंद एक इमानदार दलित नेता और सच्चे समाजसेवी हैं, इन्होने आरम्भ में वकालत का कार्य किया| इसके बाद ये राज्यसभा से सांसद बने उनकी कार्यकुशलता के कारण के कारण इन्हें अचानक बिहार के राज्यपाल के पद के लिए आमत्रित किया गया|
आखिर 19 जून को उन्हें भारत के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में नामित किया गया| इनके अतिरिक्त भी रामनाथ कोविंद कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं,जिनका विवरण निचे दिया जा रहा हैं|
- 2000 में रामनाथ कोविंद अनुसूचित जाति और जनजाति संसदीय समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं|
- गृह मंत्रालय संसदीय कमेटी के सदस्य रह चुके हैं|
- प्राकृतिक गैस और पेंट्रोलियम कमेटी के सदस्य
- कानून संसदीय कमेटी के सदस्य
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता समिति के सदस्य
- रामनाथ कोविंद राज्यसभा के चेयरमेन
- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रिय प्रवक्ता
- बिहार के राज्यपाल
- डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी संचालन कमेटी के सदस्य रह चुके हैं|
- सयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा में भारत का नेतृत्व कर चुके हैं|
- रामनाथ कोविंद कलकता के इन्डियन इंस्टिट्यूट के मेम्बर of बोर्ड में काम कर चुके हैं|
Ramnath Kovind Farewell Ceremony
25 जुलाई 2022 को द्रौपदी मूर्मू भारत की अगली राष्ट्रपति चुनी गई इसी के साथ रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो गया. उनके इस पद पर रहते भारत में कई एतिहासिक कार्य हुए जिनमें जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना, सीएए-एनआरसी तथा तीन तलाक बिल पारित करवाना.
अपने विदाई भाषण में कोविंद ने कहा था ” प्रकृति मां गहरी पीड़ा में है और जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकत को सलाम करता हूं”