सलाह पर सुविचार अनमोल वचन | Advice Quotes In Hindi

सलाह पर सुविचार अनमोल वचन | Advice Quotes In Hindi हेलो फ्रेड्स आपका स्वागत हैं, आज के आर्टिकल में हम एडवाइज अर्थात सलाह सुझाव के विषय पर शानदार उद्धरण, सुविचार आपके साथ साझा कर रहे हैं. उम्मीद करते है आपको ये लेख पसंद आएगा.

सलाह पर सुविचार अनमोल वचन | Advice Quotes In Hindi

सलाह पर सुविचार अनमोल वचन Advice Quotes In Hindi

Quotes:- It is easy to teach a twenty persons what to do, but it is difficult for me to behave in accordance with my education as one of them in 20.

In Hindi:- एक बीस व्यक्तियों को शिक्षा देने के लिए यह सरल है कि क्या करना चाहिए, परन्तु उन 20 में किसी एक के रूप में अपनी शिक्षा के अनुसार आचरण करना मेरे लिए कठिन है.


Quotes:- The consultation is rarely welcomed, the ones who need it most often love it.

In Hindi:- परामर्श का स्वागत बहुत कम किया जाता है, जिनको इसकी सर्वाधिक आवश्यकता होती है वो इसकों सबसे कम पसंद करता है.


Quotes:- Many people get counseling. But people who count them have benefited from this

In Hindi:- परामर्श अनेक व्यक्तियों को मिलता है. परन्तु इने गिने ही लोग उससे लाभान्वित होते है


Quotes:- The advice is like ice. As much as it is given with mildness, the longer it grows for more time and the same goes deep into the brain.

In Hindi:- सलाह बर्फ की तरह होती है. यह जितनी मृदुता के साथ दी जाती है उतनी ही अधिक समय तक ठहरती है तथा उतनी ही गहराई तक मस्तिष्क में प्रवेश करती है.


Quotes:- Counseling is done on the basis of the result, not by looking at the intentions.

In Hindi:- परामर्श का आकलन परिणाम के आधार पर किया जाता है, इरादों को देखकर नही.


Quotes:- Which is not itself sensible. He should not give advice or advice.

In Hindi:- जो स्वयं समझदार नही है. उसकों मन्त्रणा या सलाह नही देनी चाहिए.


Quotes:- Wear learning lessons, learn well

In Hindi:- सीख वाको दीजिए जाकों सीख सुहाय

सीख दिनी वानर को, घर बया का जाय


Quotes:- If there is a curiosity to advise a person, it means that they themselves need it.

In Hindi:- यदि किसी व्यक्ति को सलाह देने का चाव है इसका तात्पर्य यह है कि स्वयं उसकों इसकी आवश्यकता है.


Quotes:- The person who does not believe in learning can not be helped.

In Hindi:- जो व्यक्ति सीख न माने उसकी सहायता नही की जा सकती है.


Quotes:- Any woman’s advice, tell her something, just reverse her, you will definitely become sensible.

In Hindi:- किसी नारी की परामर्श को, वह कुछ बताएं, उसका ठीक उल्टा करो, तुम निश्चित रूप से समझदार बन जाओगे.


Quotes:- Listen to everyone, but say very little, accept the criticism of each person, but give up your decision.

In Hindi:- प्रत्येक व्यक्ति की बात सुनो परन्तु बहुत कम से कहो, प्रत्येक व्यक्ति की आलोचना स्वीकार करो,परन्तु अपना निर्णय विचरोंउप्रांत करो.


Quotes:- Listen to everyone’s mind.

In Hindi:- सुनों सबकी करो मन की.


Quotes:- Do not ever rely on the learning of a person suffering from difficulties.

In Hindi:- कठिनाइयों द्वारा ग्रसित व्यक्ति की सीख पर कभी भरोसा मत करो.


Quotes:- Bad people often give the best advice.

In Hindi:- निकृष्ट व्यक्ति प्राय सर्वोत्तम सलाह देते है.


Quotes:- Write the advice of the person who loves, even if you do not like it at this time.

In Hindi:- जो व्यक्ति प्यार करता है उसके परामर्श को लिख लो, भले ही इस समय तुमको वह अच्छी नही लगती है.


Quotes:- Whatever you learn, summarize.

In Hindi:- आप जो कुछ सीख दे, संक्षेप में कहे.

सलाह पर सुविचार

संसार में वैसे तो मुफ्त कोई चीज़ नहीं मिलती है लेकिन सलाह एक ऐसी चीज़ है जो मुफ्त मिलती है, एक माँगो कई मिलती है और उन सलाहों में काम की बात बहुत कम होती है।


लोग परेशानियों में साथ दे ना दे लेकिन सलाह देने में सबसे आगे होते हैं।


मनुष्य को सलाह माँगने पर देनी चाहिए बिन माँगी सलाह की ज़रूरत नहीं होती है।


अज्ञान व अधूरे ज्ञान स्वरूप सलाह न देना अच्छा है क्योंकि ऐसी सलाह सही मार्ग प्रशस्त नहीं करती है बल्कि भ्रम पैदा करती है।


ज्ञानवान, गुरुजनों, माता-पिता की सही सलाह जीवन में सहायक होती है जो रास्ता भटकने से बचाती है।


किसी कार्य को शुरू करने से पहले उस विषय से संबंधित सलाह विशेषज्ञों से लेना कार्य के लिए सकारात्मक रूप प्रस्तुत करता है।


एक सच्चा दोस्त, दोस्त को समझता है जीवन राहों में साथ निभाता है और सही सलाह देता है।


यह ज़रूरी नहीं कि सलाह देने वाले को विषय का ज्ञान हो या बात की महत्ता का पता हो।


सलाह देने वाले बहुत मिलेगें लेकिन ये खुद पर निर्भर करता है कि कौन सी सलाह माननी चाहिए और कौन सी सलाह नहीं मानी चाहिए।


महापुरुषों की दी गई सलाह से जीवन का उद्धार होता है और इसका पालन करने से ही मनुष्य का जीवन सफल होता है।


मनुष्य बिना माँगें इतनी सलाह देते रहते हैं जबकि ज़रूरी नहीं कि मनुष्य को हर वक्त सलाह की ज़रूरत हो।


एक अच्छे गुरु की सलाह विद्यार्थी के लिए सही मार्ग दर्शन का रूप प्रदर्शित करती है।


जिन लोगों को अधिक सलाह देने की आदत है उन्हें पहले स्वयं को सलाह देनी चाहिए। सलाह का उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना, मज़ाक करना, बुरा चाहना, आलोचना करना नहीं होना चाहिए।


मनुष्य को हर बात पर अत्यधिक सलाह देना खुशी नहीं देती है बल्कि प्रत्यक्ष रूप से परेशान करती है। सही बात की सलाह माँगने पर मिले तो सहायता करती है।


मनुष्य अगर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है तो मार्ग दर्शन की ज़रूरत होती है ऐसे मार्गदर्शन की जो लक्ष्य की महत्ता समझे और सही सलाह दे  जिनकी सलाह मार्गदर्शन में उपयोगी साबित हो।


सही सलाह मनुष्य के भविष्य के निर्माण में दीपक का काम करती है जो अँधेरे में रोशनी दिखाती है।


जीवन में अच्छे सच्चे लोगों की सलाह मार्गदर्शन स्वरूप होती है।


एक अच्छी पुस्तक एक अच्छी सलाहकार साबित होती है जो जीवन में सहायक सिद्ध होती है।


अच्छे मनुष्य, अच्छे दोस्त, परिवार के सदस्य, शुभचिंतक, गुरु जी की सही अच्छी सलाह जीवन के लिए उपयोगी ही होती है।


मनुष्य को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अनेक लोगों की सलाह की ज़रूरत होती है क्योंकि सही जानकारी के बिना कार्य सही रूप से पूर्ण नहीं होते हैं।


सलाह देना और अच्छी सलाह देना दोनों में फर्क होता है क्योंकि सलाह तो कोई भी दे सकता है और ज़रूरी नहीं यह सलाह हमारे लिए उपयुक्त हो लेकिन अच्छी सलाह जीवन में मार्गदर्शन देती है।


मनुष्य को मिलने वाली अच्छी सलाह जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में साथ देती हैं।


मनुष्य एक दूसरे की सलाह तब मानते हैं जब उस सलाह को स्वयं पालन किया जाए क्योंकि जब तक इंसान सलाह का खुद पालन नहीं करता तो कैसे दूसरा व्यक्ति उसे प्रभावित हो सकता है। सिगरेट पीना एक बुरी आदत है जो मनुष्य खुद सिगरेट नहीं पीता वह इस बात की सही सलाह दे तो गौर किया जा सकता है।


मनुष्य जितना अच्छा सलाहकार स्वयं के लिए होता है और कोई अन्य नहीं हो पाता है क्योंकि मनुष्य अपने बारे में, अपनी सोच, क्षमता, गुण, अवगुण, कमी, खूबी आदि से वाकिफ होता है खुद को अच्छी सही सलाह दे सकता है।


मनुष्य बिना दूसरों की सलाह लिए अपनी समझदारी से सही सलाह का पालन कर अपने ध्येय को प्राप्त कर सकता है।


मनुष्य की अंतरात्मा जो सत्य महसूस करती है वह सही होती है इसलिए कौन सी सलाह माननी चाहिए और कौन सी सलाह नहीं माननी चाहिए इसका निर्णय अंतर्मन से करना चाहिए। बिना जाने समझे यूँ ही दूसरों की सलाह पर अमल नहीं करना चाहिए।


अनुभवी मनुष्य ही अच्छी सलाह दे सकते हैं जो मनुष्य उस बात से गुज़रा ही नहीं वो कैसे समझ सकता है और सही सलाह दे सकता है। जिन मनुष्यों ने परिस्थितियों का सामना किया है, समान स्थितियों का अनुभव प्राप्त हो वो सही सलाह दे सकता है।


मनुष्य अगर खुद परेशानियों से घिरा होगा वो कैसे सलाह दे पाएगा, उसके लिए समस्या से उबरा हुआ मनुष्य ही सलाह सुचारू रूप से दे पायेगा। 


माता पिता अपने बच्चे को सही सलाह ही देते हैं जो स्वार्थ से परे एक अच्छी भावना से ओतप्रोत बच्चे की भलाई से जुड़ी होती है।


ऐसे व्यक्तियों को सलाह देना व्यर्थ है जो दूसरों की बात न सुनते हैं न समझते हैं बस अपना राग अलापते हैं।


मुसीबत में पड़े मनुष्य को सलाह की ज़रूरत नहीं होती है बल्कि साथ और समर्थन की अधिक ज़रूरत होती है।


हर किसी की सलाह को यूँ ही नहीं मान लेना चाहिए,चाहे कोई कितना भी ज्ञाता हो, पहले अपने अंतर्मन से पूछना चाहिए कि क्या यह सलाह स्वयं के लिए उपयोगी होगी, सही होगी क्योंकि अंतर्मन कभी गलत नहीं होता है।


मनुष्य जहाँ शंकित होता है, परेशानी में घिर जाता है उसे समझ नहीं आता कि क्या करे क्या ना करे, सारी परिस्थितियाँ विपरीत हों तब मनुष्य को सही सलाह और सहयोग की ज़रूरत पड़ती है जो उसकी स्थिति को समझ सके और सही व उचित  मार्ग दर्शन दे सके।


दूसरों को दी जाने वाली सलाह का अगर हम खुद पालन करें तो जीवन में हमारी सलाह भी मायने रखती है।


सही सलाह सही रास्ता दिखाने में सहायक होती है और बुरी सलाह व बेमतलब की सलाह समय बर्बाद करती है।


मनुष्य स्वयं को जितनी अच्छी व प्रभावी सलाह दे सकता है वैसी सलाह दूसरों से अपेक्षा करना व्यर्थ है।


बिना माँगे किसी को सलाह नहीं देनी चाहिए क्योंकि उस सलाह का कोई मोल नहीं रहता है।


मनुष्य को सलाह देने वाले बहुत होते हैं जिसको जो सलाह देनी है देने दें लेकिन निश्चित संदर्भ का निर्णय स्वयं ही लें।


जब मनुष्य सफलता प्राप्त कर लेते हैं तो अधर में फंसे लोगों को सलाह अधिक देने लगते हैं जो उनके लिए आसान होता है।


मनुष्य सलाह देना और माँगना मुफ्त में करता है, पैसे की ज़रूरत नहीं पड़ती है।


मनुष्य एक दूसरे को सलाह तो दे सकता है लेकिन निर्णय मनुष्य को खुद ही लेना पड़ता है।


बच्चों की इच्छा स्वभाव जान समझ कर ही उनको सलाह देना अच्छा होता है।


मनुष्य एक दूसरे को ज्यादा सलाह न दे तो ही ठीक है क्योंकि किसी को अत्यधिक सलाह की ज़रूरत नहीं होती है बल्कि सही सलाह की ज़रूरत होती है।


मनुष्य को ज्यादा सलाह लेनी भी नहीं चाहिए बल्कि स्वयं के मन मस्तिष्क का भी प्रयोग करना चाहिए कार्य को पूर्ण करने में ताकि कार्य सुचारू रूप से हो सके।


एक प्रभावी सलाह यह होती है कि मनुष्य को अपने अंतर्मन की आवाज़ ज़रूर सुननी चाहिए और स्वयं पर भरोसा करना चाहिए।


मनुष्य को सलाह मानने से पहले अपनी सोच पर ध्यान देना चाहिए और मन से वह सलाह सही लगे तो दोनों में तालमेल करके ही अनुभवी सलाह पर गौर करना चाहिए।


बुरी सलाह जीवन के रास्तों में सही मार्गदर्शन नहीं करती है बल्कि रास्तों को सही दिशा से भटका देती है।

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