Bhainsrorgarh Fort History In Hindi: चम्बल और बामनी नदियों के संगम तट पर अरावली पर्वतमाला की घाटी में भैंसरोड गढ़ Bhainsrorgarh Fort जल दुर्ग स्थित हैं. कर्नल टॉड ने जनश्रुति के आधार पर व्यापारी भैंसाशाह और रोड़ा चारण को इस किले का निर्माता माना हैं.
यह किला अधिकांशतः मेवाड़ के अधिकार में ही रहा. मराठों ने इस किले पर घेरा डाला मगर आदिवासियों के प्रबल विरोध के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा था. आज हम चित्तौड़गढ़ के इस भैंसरोडगढ़ किले के बारे में इसके इतिहास को जानेगे.
भैंसरोडगढ़ किले का इतिहास | Bhainsrorgarh Fort History In Hindi
भैंसरोडगढ़ दुर्ग को “राजस्थान का वेल्लोर” कहते है. भैंसरोडगढ़ किला एक प्राचीन किला है अब यह राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है, इस दुर्ग का सबसे निकटतम शहर रावतभाटा हैं जिसकी यहाँ से दुरी मात्र सात किलोमीटर हैं.
राजस्थान के अन्य बड़े शहरों की यहाँ से दूरी की बात करे तो कोटा 50 किमी, बूंदी 90 किमी, चित्तौड़ 125 किमी, भीलवाड़ा 150 किमी, जयपुर 300 किमी पर स्थित हैं.
भैंसरोडगढ़ के किले को अभेद्य दुर्गों में गिना जाता हैं इसकी स्थापना दूसरी सदी पूर्व मानी जाती हैं. चम्बल तथा बामनी नदियों के मध्य में बसा यह किला देखने में बेहद मनोहारी और आकर्षक हैं.
इस किले में देवी भीम चौरी, शिव और गणेश जी के मन्दिर बने हुए हैं. रावत लाल सिंह द्वारा निर्मित, 1741 ई। में मेवाड़ के महाराणा जगत सिंह द्वितीय द्वारा भैंसरगढ़ को एक जागीर (जागीर) के रूप में प्रदान किया गया था.
वर्तमान किला लगभग 260 साल पुराना है और इसे 1740 के दशक में बनाया गया था। भैंसरोडगढ़ किला अब पूर्ववर्ती शाही परिवार द्वारा संचालित एक लक्जरी विरासत होटल में परिवर्तित हो गया है और दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. रावतभाटा का भैंसरोडगढ़ किला चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ हैं.
राजस्थान के वेल्लोर में आज भी लोगों के घर है वे अपना जीवन इस किले में ही बिताते है. बताया जाता है कि तक़रीबन पांच छः हजार लोग का निवास स्थान यहाँ हैं. महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्तिसिंह की छतरी भी यहाँ बनी हुई है जिसे पंच देवला कहा जाता हैं.
भैंसरोडगढ़ के रावत और कोटा के महारावल के मध्य सबंध अच्छे हुआ करते थे. १८५७ की क्रांति के समय जब कोटा के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया था. तो रावत ने कोटा को सैन्य सहायता दी थी.
रावतभाटा के प्राचीन बाड़ोली मंदिर और भैंसरोडगढ़ किले को देखने के लिए बरसात के मौसम में सैलानियों का तांता लगा रहा रहता हैं फ्रांस, जर्मनी, अमरीका, स्वीडन, इग्लैंड और अफ्रीकी देशों से पर्यटक राजस्थान के इस ऐतिहासिक किले की स्थापत्य कला और सौन्दर्य का नजारा देखने आते हैं.
इस किले के परिसर में गणेश, माताजी, दो विष्णु मंदिर और चार मंदिर शिव जी के मन्दिर बने हुए हैं.
भैंसरोडगढ़ दुर्ग घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Bhainsrodgarh Fort In Hindi
अगर आप राजस्थान के दुर्ग, किलो, मन्दिरों आदि के दर्शन की योजना बना रहे है तथा आपकी पिक लिस्ट में भैंसरोड़गढ़ है तो यहाँ विजिट करने का सबसे अच्छा समय भी जान लीजिए. अगर आप अक्टूबर से मार्च की अवधि में यहाँ आते है तो यह सबसे अच्छा समय हैं.
राजस्थान का वेल्लोर कहा जाने वाला यह दुर्ग जलदुर्ग की श्रेणी में आता है बारिश के सीजन की समाप्ति एवं हल्की ठंड के आगमन के समय यहाँ का भ्रमण करना आनन्ददायक हो सकता हैं.