गोविंद सिंह डोटासरा जीवन परिचय Biography of Govind Singh Dotasra In Hindi: जब राजस्थान की मौजूदा राजनीति की बात आती हैं तो कई बड़े चेहरे सामने आते हैं जिनमें एक नाम गोविंद सिंह डोटासरा का हैं.
जमीनी स्तर की राजनीति से उभरकर सचिन पायलट के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री का पद वर्तमान में इनके पास रह चुके हैं.
गोविंद सिंह डोटासरा जीवन परिचय Biography of Govind Singh Dotasra In Hindi
जीवन परिचय बिंदु | Govind Singh Dotasra Biography In Hindi |
पूरा नाम | गोविंद सिंह डोटासरा |
जन्म | 1 अक्टूबर 1964 |
जन्म स्थान | लक्ष्मणगढ़ सीकर |
पहचान | कांग्रेस दिग्गज नेता |
जाति | Caste/Jati | जाट |
पत्नी विवाह | सुनीता देवी |
गोविंद सिंह डोटासरा कौन हैं. (Who is Govind Singh Dotasara?)
वर्तमान में राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री हैं. प्रदेश के प्रमुख जाट राजनेताओं में इनकी गिनती की जाती हैं. स्वभाव से बेहद सख्त माने जाते हैं. बहुत बार अपने बयानों और कठोर निर्णयों के कारण चर्चा का विषय भी रहे हैं.
गहलोत सरकार में सबसे अधिक लोकप्रिय मंत्री भी हैं. सोशल मिडिया पर सबसे अधिक सक्रिय रहते हैं क्षेत्रीय विकास को भी प्रमुखता देते हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों में गोविंद सिंह डोटासरा का नाम लिया जाता हैं. आइये अब हम इनके जन्म से शुरूआती राजनीतिक जीवन के सफर को जानते हैं.
गोविंद सिंह डोटासरा का आरंभिक जीवन व शिक्षा (Early life and education of Govind Singh Dotasara)
57 वर्षीय डोटासरा जी का जन्म एक अक्टूबर को राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में कृपाराम जी की ढाणी गाँव में हुआ था. इनके पिताजी का नाम मोहन सिंह डोटासरा है जो एक सरकारी अध्यापक थे.
इनका विवाह सुनीता देवी के साथ वर्ष 1984 में हुआ, जो एक सरकारी अध्यापिका हैं. इनके दो पुत्र हैं. डोटासरा जी ने अपनी आरम्भिक पढाई गाँव से ही की तथा उच्च शिक्षा में राज विवि से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की. गोविंद सिंह ने करियर की शुरुआत सीकर में वकालत से की तथा करीब 20 वर्षों तक करते रहे.
गोविंद सिंह डोटासरा का राजनैतिक जीवन (Govind Singh Dotasara’s political life)
वर्ष 2018 के राजस्थान विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला तो सत्ता की खीचतान भी साथ ही शुरू हो गई थी, इसी संकट में गोविंद सिंह डोटासरा को अपने राजनीतिक जीवन में चरम पर जाने का मौका मिला.वैसे तो तीन बार लक्ष्मण गढ़ से विधायक रह चुके हैं. मगर इनका सफर काफी रोचक और साधारण रहा हैं.
सीकर कोर्ट में वकालत के दिनों से ही डोटासरा कांग्रेस यूथ के कार्यकर्ता बन गये. वर्ष 2005 में पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और प्रधान बन गये.
लगातार सात वर्षों तक ये जिला कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे. ये पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह जी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं.
वर्ष 2008 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में लक्ष्मणगढ़ सीट से गोविंदसिंह डोटासरा जी को अपना प्रत्याशी बनाया, अपने पहले ही बड़े चुनाव में इन्हें कई दलों के व निर्दलीय उम्मीदवारों से मुकाबला था.
वोटों के विभाजन के बावजूद इन्हें 34 मतों से विजयश्री मिली और पहली बार राजस्थान विधानसभा में गये. इसके पश्चात 2013 और 2018 तीन बार लगातार विधायक बने.
गोविंद सिंह डोटासरा जी के विवाद (Controversy of Govind Singh Dotasara)
प्रदेश के लाखों युवा गोविंद सिंह डोटासरा जी को पसंद नहीं करते हैं, उसकी बड़ी वजह समय समय पर उनके विवादित बोल रहे हैं. उनके आवास पर ज्ञापन देने आए शिक्षकों को नाथी का बाड़ा समझ रखा है क्या, के बयान के बाद प्रदेश भर में शिक्षक समाज ने इस वक्तव्य का भरपूर विरोध किया था.
बोर्ड पूरक परीक्षा परिणामो में सुधार को लेकर शिक्षकों का नहीं निदेशक महोदय की बदौलत परिणाम अच्छे रहे, इस वक्तव्य के बाद भी उन्हें सफाई देनी पड़ी थी.
ये कुछ ताजा तरीन छिटपुट विवाद थे, डोटासरा जी के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं हैं. कम राजनीतिक अनुभव और अधिक कार्य बोझ के चलते भी कई बार उनसे मिलने आए युवाओं के साथ अपमानजनक बर्ताव करते रहे हैं.
प्रदेश सरकार के सबसे सक्रिय मंत्री होने के कारण भी विपक्ष की निगाहें हमेशा इनकी छोटी बड़ी गलतियों पर रहती हैं.
इस्तीफा
19 नवम्बर 2021 को गोविन्द सिंह डोटासरा ने राज्य के शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. तीन अन्य मंत्रियों (हरीश चौधरी, रघु शर्मा) के साथ अपना इस्तीफा सोनिया गाँधी को भेज दिया हैं. डोटासरा ने आगे चलकर संगठन के साथ राजस्थान में ही काम करने की इच्छा व्यक्त की हैं.
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