Biography of Munshi Devi Prasad In Hindi | मुंशी देवी प्रसाद की जीवनी: मुंशी देवीप्रसाद का जन्म 18 फरवरी 1848 में जयपुर में हुआ. 1879 ई में देवीप्रसाद जोधपुर में महकमा अपील का नायब नियुक्त किया गया.
1885 ई में उसे मुंसिफ बनाया गया. सबसे पहले उसने मारवाड़ राज्य के कानून बनाए तथा कानून विषयक 13 पुस्तकें लिखी.
मुंशी देवी प्रसाद की जीवनी | Biography of Munshi Devi Prasad In Hindi
जन्म | 14, संवत् 1904 |
मृत्यु | वि. – संवत् 1980 |
पहचान | प्राचीन इतिहास के पण्डित |
पिता | मुंशी नत्थनलाल |
रचना | अकबरनामा, हुमायूँनामा, बाबरनामा |
स्थान | राजस्थान |
भाषाएँ | हिन्दी, उर्दू, फारसी और अरबी |
भारतीय इतिहास और हिंदी के प्रकांड पंडित देवी प्रसाद जी का जन्म सक्सेना परिवार में हुआ था. इन्होने पिताजी से उर्दू व फ़ारसी की शिक्षा अर्जित की तथा हिंदी का ज्ञान अपनी माँ से प्राप्त किया. टोंक में रहते हुए इन्होने उर्दू में ख़्वाब राजस्थान लिखी तथा हिंदी में इन्हें स्वप्न राजस्थान नाम से अनुवादित किया.
लोग देवी प्रसाद को कानून की माता व कानूनी नाम से पुकारते थे. जनवरी 1883 में मारवाड़ राज्य के इतिहास लेखन हेतु स्थापित तवारीख महकमा का मुंशी देवी प्रसाद आजीवन सदस्य रहा. 1891 ई की जनगणना के समय मुंशी देवी प्रसाद मारवाड़ राज्य में तदर्थ सहायक अधीक्षक नियुक्त हुआ.
तब इस जनगणना रिपोर्ट में देवीप्रसाद ने जोधपुर राज्य की प्रजा का विवरण लिखकर मारवाड़ में बसने वाली सभी प्रमुख जातियों का हाल, व्यवसाय और जीवन की आवश्यक बातों की महत्वपूर्ण जानकारी विशिष्ट चित्रों सहित प्रस्तुत की. इस पर मारवाड़ राज्य ने मुंशी देवी प्रसाद को प्रशंसा पत्र एवं 500 रूपये का नकद पुरस्कार दिया.
1898 ई में उसे 250 रूपये मासिक वेतन पर महकमा बाकियात और खासी दुकानात के अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया. 1923 ई में जोधपुर में देवी प्रसाद की मृत्यु हो गई.
टोंक में 1879 ई में उसने मआसिर इ आलमगिरी की पांडुलिपि का अध्ययन कर हिन्दुओं से सम्बन्धित सामग्री का संकलन किया.
उसके ऐतिहासिक ज्ञान से प्रभावित होकर हाडौती व टोंक के पोलिटिकल एजेंट म्यूर ने बूंदी का गजेटियर तैयार करते समय मुंशी देवी प्रसाद को हिंदी पांडुलिपियों के संकलन एवंम उनके अंग्रेजी अनुवाद का काम सौपा, जिसे उसने गम्भीरता से पूरा किया.
देवीप्रसाद ने मारवाड़ का भूगोल मारवाड़ के राव मालदेव का जीवन चरित्र राजा भारमल प्रतिहार वंश प्रकाश आदि का लेखन कार्य किया. मुंशी देवी प्रसाद ने राजस्थान के इतिहास से सम्बन्धित कई फुटकर लेख लिखे.
मुंशी देवीप्रसाद ने बाबरनामा, हुमायूँनामा, अकबरनामा, शाहजहाँनामा आदि ग्रंथ हिंदी व उर्दू भाषा में साथ साथ ही छपवाए तथा प्रत्येक पृष्ट के बाएँ आधे हिस्से पर हिंदी तो आधे दाहिने हिस्से पर उसी का रूपांतरण लिखा.
मुंशी देवीप्रसाद की भाषा सरल थी. किन्तु वाक्य विन्यास में उर्दू फारसी का प्रभाव दृष्टिगोचर होता हैं. मुंशी देवी प्रसाद ने अपने ऐतिहासिक योगदान द्वारा राजस्थान के इतिहास, संस्कृति और साहित्य को नया दिशाबोध दिया.
कृतियाँ
देवीप्रसाद मुंशी इतिहास के बड़े विद्वान थे इन्होने हिंदी व उर्दू भाषाओं में लेखनी की हैं. इनके कुल ग्रंथों की संख्या 50 से 60 के बीच बताई जाती हैं. उनको कई रचनाओं के लिए पुरस्कार भी मिले हैं.
इन्होने देवीप्रसाद ऐतिहासिक पुस्तकमाला की स्थापना की जो ऐतिहासिक ग्रंथों के प्रकाशन का कार्य करता हैं. उनकी रचनाएँ निम्न हैं.
- अकबरनामा,
- हुमायूँनामा,
- बाबरनामा,
- जहाँगीरनामा
- भागवत सम्प्रदाय
- कारनामा-ए-नौ आईन
- सूरदासजी का जीवनचरित
- जहाँगीर का आत्मचरित
- खानखाना नामा
- गुलदस्ता-ए-बिहारी
- प्रकृति विज्ञान
- मुगल दरबार
- इंसाफ संग्रह
- मीराबाई का जीवनचरित्र
- स्वप्नराजस्थान
- महिला मृदुवाणि
- इन्तिखाब-ए-नादिरा
- अर्जंग-ए-चीन
- मेयर-उल-बालघाट
- मखजान-उल-फवाएद
- नैणसी को राजस्थान
यह भी पढ़े
- स्वामी केशवानंद की जीवनी
- वीर सतसई के लेखक सूर्यमल्ल मिश्रण का जीवन परिचय
- वीर अमरसिंह राठौड़ का इतिहास
- दयालदास की जीवनी
- डूंगजी जवाहर जी की जीवनी
- कुंवर प्रताप सिंह बारहठ का जीवन परिचय
- मुहणौत नैणसी का जीवन परिचय
आशा करता हूँ दोस्तों Biography of Munshi Devi Prasad In Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.
इस तरह के ऐतिहासिक व्यक्तित्व का परिचय हिंदी में रोचक जानकारियों के लिए आप हमारें ब्लॉग Hihindi को नित्य विजिट करते रहे.