नमस्कार खाद व उर्वरक में अंतर Difference Between Manure And Fertilizer In Hindi आज के आर्टिकल में हम पेड़ पौधों और फसलों के लिए काम में लिए जाने वाली जैविक खाद और रासायनिक उर्वरक के विषय में जानेगे.
दोनों के अर्थ और इनमें क्या अंतर हैं इसे समझने का प्रयास करेगे.
खाद व उर्वरक में अंतर Difference Between Manure & Fertilizer In Hindi
खाद और उर्वरक वे पदार्थ होते है जो फसलों अथवा पेड़ पौधों में जल के अलावा मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने तथा पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं.
अधिकतर उर्वरक कारखानों में रासायनिक पदार्थों द्वारा तैयार किये जाते हैं जिनमें कई पोषक तत्व शामिल किये जाते हैं जो जल व मृदा में घुलनशील होते हैं,
उर्वरक जैसे अमोनियम सल्फेट, सोडियम नाइट्रेट, कैल्शियम साइनेमाइड, पोटेशियम नाइट्रेट इत्यादि. वही जैविक खाद (बायो फर्टिलाइजर) पर्यावरण में उपस्थित अकार्बनिक पदार्थ जैसे जीव जन्तुओं के मल मूत्र, कचरा आदि का उपयोग भी कृषि में किया जाता हैं.
खाद का अर्थ प्रकार व परिभाषा एवं उपयोग (Meaning and definition of fertilizers and usage)
इसमें (खाद में) कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती हैं. खाद को जन्तुओं के अपशिष्ट तथा तथा पौधों के मृत भागों के अपघटन से तैयार किया जाता हैं.
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों (Organic matter) से परिपूर्ण करती हैं. और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती हैं.
खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की सरंचना में सुधार करती हैं, खाद के बनाने में हम जैविक कचरे का उपयोग करते हैं.
इससे उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग की आवश्यकता नही होगी तथा इस प्रकार से पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलेगा, खाद बनाने की प्रक्रिया में विभिन्न जैव पदार्थों के उपयोग के आधार पर खाद को निम्न वर्गों में विभाजित किया जाता हैं.
खाद के प्रकार
- कंपोस्ट तथा वर्मी- कंपोस्ट कंपोस्टीकरण की प्रक्रिया में कृषि अपशिष्ट पदार्थ, जैसे पदार्थों का मलमूत्र गोबर इत्यादि, सब्जी के छिलके एवं कचरा, घरेलू कचरा खरपतवार आदि को गड्डों में डालते हैं. इन कृषि अपशिष्ट तथा पशु अपशिष्ट का सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटन हो जाता हैं. यह अपघटित पदार्थ खाद के रूप में उपयोग किया जाता हैं. कंपोस्ट में कार्बनिक तथा पोषक बहुत अधिक मात्रा में होते हैं. वर्मी कम्पोस्ट को केचुओं द्वारा पौधों तथा पशुओं के अपशिष्ट पदार्थों के शीघ्र निम्नीकरण की प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता हैं.
- हरी खाद- फसल उगाने से पहले खेतों में कुछ फलीदार शिम्बी पौधें जैसे पटसन, मूंग अथवा ग्वार आदि उगा देते हैं. उचित बढवार के पश्चात उन पर हल चलाकर खेत की मिट्टी में मिला दिया जाता हैं. ये पौधे हरी खाद में परिवर्तित हो जाते हैं, जो मृदा को नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की आपूर्ति करते हैं.
उर्वरक का अर्थ प्रकार व परिभाषा एवं उपयोग (The meaning and definition and usage of fertilizer)
urvarak in hindi– उर्वरक व्यावसायिक रूप से तैयार पादप पोषक हैं. उर्वरक, नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटेशियम प्रदान करते हैं. इनके उपयोग से अच्छी कायिक वृद्धि होती हैं. और स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती हैं.
अधिक उत्पादन के लिए उर्वरकों का उपयोग किया जाता हैं. उर्वरकों का उपयोग बड़े ध्यान से करना चाहिए. कभी कभी उर्वरक अधिक सिंचाई के कारण पानी में बह जाते हैं और पौधे उसका पूरा अवशोषण नही कर पाते हैं.
उर्वरक की यह अधिक मात्रा जल व मृदा प्रदूषण का कारण होती हैं. उर्वरक का सतत प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता हैं. इससे सूक्ष्म जीवों एवं भूमिगत जीवों का जीवन चक्र प्रभावित होता हैं.
उर्वरकों के उपयोग द्वारा फसलों का अधिक उत्पादन कम समय में प्राप्त हो सकता हैं, परन्तु यह मृदा की उर्वरता के कुछ समय पश्चात हानि पहुचाते हैं. जबकि खाद के उपयोग के लाभ दीर्घ अवधि तक रहते हैं.
कार्बनिक खेती, खेती करने की वह पद्दति हैं, जिसमें रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी, शाकनाशी रसायनों का उपयोग बहुत कम या नहीं होता हैं.
इस पद्धति में कार्बनिक खाद, कृषि अपशिष्ट तथा पशुधन अपशिष्ट का पुनः चक्रण, जैविक कारक जैसे कि नील हरित शैवाल का संवर्धन, जैविक उर्वरक बनाने में उपयोग किया जाता हैं.
नीम की पत्तियों तथा हल्दी का विशेष रूप से जैव कीटनाशकों के रूप में, खाद्य संग्रहण में प्रयोग किया जाता हैं.
गोबर खाद-
कृषि की पैदावर बढ़ाने के लिए पशुओं के अपशिष्ट मलमूत्र की खाद का अत्यधिक महत्व हैं. गोबर खाद के 5-7 टन में 20 से 25 किलों तक नाइट्रोजन तथा 10 किलो तक फास्फोरस की मात्रा विद्यमान रहती हैं.
सामान्य भूमि पर प्राकृतिक सिंचाई पद्धति से कृषि के लिए रासायनिक उर्वरक की तुलना में अधिक मात्रा में गोबर खाद की आवश्यकता पड़ती हैं.
भिन्न भिन्न जीवों की गोबर खाद की प्रकृति तथा गुणों में भिन्नता पाई जाती हैं. जो पशुओं के खाद्य पदार्थ व सरंचना के आधार पर निर्भर करती हैं, जिस तरह पशुओं का गोबर खेती के लिए उपयोगी है.
उसी प्रकार मूत्र भी खाद की तरह ही उपयोगी होता हैं. अलग अलग पशुओं के मूत्र में भी पोषक तत्वों में भिन्नता पाई जाती हैं.
Difference Between Manure And Fertilizer In Hindi
तुलना के लिए आधार | खाद | उर्वरक |
अर्थ | खाद एक प्राकृतिक सामग्री है, जो पौधे और पशु अपशिष्ट को क्षीण कर प्राप्त करती है, जो मिट्टी पर अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए लागू हो सकती है। | उर्वरक मानव निर्मित या प्राकृतिक पदार्थ है, जिसे मिट्टी में अपनी उर्वरता में सुधार और उत्पादकता में वृद्धि के लिए जोड़ा जा सकता है। |
तैयारी | खेतों में तैयार | कारखानों में तैयार |
धारण क्षमता | यह मिट्टी को आर्द्रता प्रदान करता है। | यह मिट्टी को आर्द्रता प्रदान नहीं करता है। |
पोषक तत्त्व | पौधे पोषक तत्वों में तुलनात्मक रूप से कम समृद्ध। | पौधे पोषक तत्वों में अमीर। |
अवशोषण | धीरे-धीरे पौधों द्वारा अवशोषित | पौधों द्वारा जल्दी से अवशोषित |
लागत | यह आर्थिक है | यह महंगा है |
दुष्प्रभाव | कोई दुष्प्रभाव नहीं है, वास्तव में यह मिट्टी की शारीरिक स्थिति में सुधार करता है। | यह मिट्टी में मौजूद जीवित जीव को नुकसान पहुंचाता है। |
खाद और उर्वरक के बीच महत्वपूर्ण अंतर
खाद और उर्वरक के बीच का अंतर निम्नलिखित आधार पर स्पष्ट रूप से खींचा जा सकता है:
- खाद को फसल अवशेष या पशु उत्सर्जन के अपघटन द्वारा तैयार कार्बनिक पदार्थ के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जिसे मिट्टी में अपनी प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए जोड़ा जा सकता है। इसके विपरीत, उर्वरक को किसी भी पदार्थ (कार्बनिक या अकार्बनिक) के रूप में वर्णित किया जाता है, जिसे मिट्टी में जोड़ा जाता है, फसलों की उपज में वृद्धि होती है।
- खेत में खाद तैयार किया जाता है, जानवरों को डंप करके और खुले गड्ढे में कचरा लगाने के लिए, इसे विघटित करने के लिए तैयार किया जाता है। इसके विपरीत, रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से कारखानों में उर्वरकों का उत्पादन होता है।
- चूंकि क्षय संयंत्र और पशु अपशिष्ट से खाद उत्पन्न होता है, यह मिट्टी को आर्द्रता प्रदान करता है, जो मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ाता है। इसके विपरीत, उर्वरक मिट्टी को आर्द्रता प्रदान नहीं करता है।
- पौधे पोषक तत्वों के मामले में खाद उर्वरकों के रूप में ज्यादा समृद्ध नहीं है, क्योंकि उर्वरक पौधे पोषक तत्वों में समृद्ध हैं।
- चूंकि खाद पानी में अघुलनशील है, यह धीरे-धीरे मिट्टी से अवशोषित हो जाता है। दूसरी तरफ, उर्वरकों को आसानी से पानी में भंग कर दिया जाता है, और यही कारण है कि इसका उपयोग तुरंत पौधों द्वारा किया जाता है।
- जबकि खाद आर्थिक है, क्योंकि इसे स्वयं किसानों द्वारा तैयार किया जा सकता है, उर्वरक औद्योगिक रूप से निर्मित रसायन होते हैं; यह महंगा है।
- खाद मिट्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता; वास्तव में, यह लंबे समय तक मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसके विपरीत, उर्वरक का उपयोग मिट्टी की प्रभावशीलता को कम कर सकता है, साथ ही यह मिट्टी में मौजूद जीव को नुकसान पहुंचा सकता है।
Khad or urvarak me anter bataiye