पुस्तकालय पर निबंध Essay on Library in Hindi: पुस्तकालय अर्थात लाइब्रेरी हमारे सामाजिक और शैक्षिक जीवन का एक अहम स्थान हैं. आज का निबंध पुस्तकालय पर हिंदी में दिया गया हैं. स्कूल स्टूडेंट्स या कॉलेज के विद्यार्थी प्रोजेक्ट के रूप में लाइब्रेरी एस्से का उपयोग कर सकते हैं.
Essay on Library in Hindi- पुस्तकालय पर निबंध
essays on ‘Library‘ for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए Library Essay पुस्तकालय निबंध यहाँ पर 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में दिया गया हैं.
प्रत्येक स्कूल में एक पुस्तकालय भवन होता है, जिसमें छात्रों तथा अध्यापकों के पढ़ने के लिए विविध प्रकार की ज्ञानवर्धक पुस्तकों तथा पत्रिकाओं का संग्रह रहता हैं.
बच्चों को मेरे विद्यालय के पुस्तकालय पर छोटा बड़ा निबंध (hindi essay pustakalaya) आदि लिखने को कहा जाता हैं. आप हमारे इस निबंध की मदद से एक बेहतरीन पुस्तकालय निबंध को प्रस्तुत कर सकते हैं.
पुस्तकालय पर निबंध-
विद्यालयों तथा कॉलेज में पुस्तकालय स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना है जहां पर उन्हें डिस्टर्ब करने वाला कोई भी ना हो और यही वजह है कि लाइब्रेरी में पुस्तकें पढ़ते वक्त हम ध्यानमग्न हो जाते है। क्योंकि यहां पर हम जो भी पढ़ते हैं, वह शांत वातावरण होने के कारण सीधा हमारे दिमाग में बैठ जाता है।
लाइब्रेरी की स्थापना हो जाने के कारण अब लोगों को विभिन्न प्रकार के विषयों से संबंधित ज्ञानवर्धक किताबें एक ही जगह पर मिल जाती है, साथ ही कुछ पुस्तकालय ऐसे भी हैं जो फ्री में लोगों को पुस्तकालय में आकर के किताब पढ़ने का मौका देते हैं। इससे हम अपनी मनपसंद किताब पढ़ सकते हैं और अपने ज्ञान में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
पुस्तकालय के स्थापित होने का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को मिला है तो वह लोग गरीब समुदाय के लोग ही हैं, क्योंकि इन लोगों के पास किताबें खरीदने के लिए कभी कबार पैसे नहीं होते हैं। यही वजह है कि सार्वजनिक पुस्तकालयों में जाकर के वे लोग भी अपनी पसंदीदा किताब पढ़ अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते है।
पुस्तकालय के अंदर हमें पॉलिटिक्स, जाति, धर्म, कला, साइंस,राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित किताबे आसानी से पढ़ने के लिए मिल जाती है। इससे हमें विभिन्न प्रकार की घटनाओं का ज्ञान होता है जो प्रतियोगी परीक्षा में हमारे लिए काफी काम आता है।
पुस्तकालय में आपको अंग्रेजी भाषा के अलावा हिंदी तथा अन्य कई भाषाओं की किताबें भी आसानी से मिल जाती है। साहित्य प्रेमी के लिए तो पुस्तकालय साक्षात स्वर्ग के समान होता है।
पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi)
पुस्तकालय वह स्थान है भिन्न भिन्न तरह के ज्ञान, जानकारों, सन्दर्भ एवं सेवाओं का विस्तृत संग्रह रहता हैं. पुस्तकालय शब्द अंग्रेजी के लाइब्रेरी शब्द का हिंदी रूपान्तरण हैं.
लेटिन भाषा के लाइवर शब्द से इसकी उत्पत्ति मानी जाती हैं, जिसका अर्थ होता है पुस्तक. पुस्तकालय की हिस्ट्री लेखनी प्रणाली तथा पुस्तक व दस्तावेजों को उसी स्वरूप में लम्बे समय तक रखने की प्रणाली से साथ शुरू हुआ था.
हिंदी शब्द पुस्तकालय एक संधि शब्द हैं जो पुस्तक+आलय दो भिन्न शब्दों से मिलकर बना हैं जिनका आशय उस स्थान से हैं जहाँ पढ़ने की सामग्री पुस्तकें, फिल्म, पत्रपत्रिकाएँ, मानचित्र, हस्तलिखित ग्रंथ, ग्रामोफोन रेकार्ड एव अन्य पठनीय सामग्री आदि का विस्तृत संग्रह किया गया हो.
हालांकि कई बुक स्टॉल पर भी अलमारियां भरी ढेरों पुस्तके होती हैं मगर व्यवसायिक दृष्टि से पुस्तक संग्रह होने के कारण उसे पुस्तकालय की श्रेणी में नहीं गिना जाता हैं.
आज हम बच्चों के पुस्तकालय पर निबंध लेकर आए हैं. स्कूल में कई बार बच्चों को पुस्तकालय के महत्व पर निबंध लिखने को कहा जाता हैं, आप यहाँ दिए गये निबंध को अपने शब्दों में छोटा बड़ा करके उपयोग कर सकते हैं.
पुस्तकालय का महत्व पर निबंध
पुस्तकालय (पुस्तक+आलय) शब्द का अर्थ हैं पुस्तकों का घर. वह स्थान जहाँ पुस्तकों का संग्रह किया जाता हैं. पुस्तकालय कहा जाता हैं. पुस्तकालय में अनेक विषयों की पुस्तकें विषयानुसार क्रम से लगी रहती हैं. इनमें से लोग अपनी रूचि और आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें पढ़कर हमारा ज्ञान बढ़ाते हैं.
पुस्तकालयों के प्रकार (types of library in hindi)– पुस्तकालय मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, निजी पुस्तकालय और सार्वजनिक पुस्तकालय.
निजी पुस्तकालय वह होता हैं जो अपने ही घर के लिए स्थापित करते हैं. ऐसे पुस्तकालय में केवल एक ही व्यक्ति या परिवार की रूचि की पुस्तके होती हैं.
सार्वजनिक पुस्तकालय आम जनता के लिए होता हैं. ऐसे पुस्तकालयों का संचालन तीन तरह से होता हैं. व्यक्तिगत स्तर पर, पंचायती स्तर पर और सरकारी स्तर पर. कुछ धनी लोग अपने ही पैसों से पुस्तकालय खुलवाकर लोगों की मदद करते हैं. ये व्यक्तिगत पुस्तकालय कहलाते हैं.
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर तथा विद्यालयों द्वारा संचालित पुस्तकालय पंचायती होते हैं. इनके अतिरिक्त सरकार भी कुछ पुस्तकालय चलाती हैं.
पुस्तकालय की उपयोगिता- पुस्तकालय ज्ञान के भंडार होते हैं. जिनके पास विद्यालय जाने का समय नही हैं, वे लोग पुस्तकालय की पुस्तकों से अपना ज्ञान बढ़ाते हैं. आज पुस्तकों के मूल्य बढ़ गये हैं.
इसलिए सब लोग उन्हें खरीद नही पाते हैं. किन्तु पुस्तकालय से पुस्तकें लेकर तो सभी पढ़ सकते हैं. इस प्रकार निर्धन व्यक्तियों के लिए पुस्तकालय विशेष लाभदायक होते हैं.
पुस्तक पढ़ना खाली समय बिताने का एक अच्छा साधन हैं. जब हमारे पास कोई काम नही होता है तो हमारा दिमाग बहुत सी अनुचित बाते सोचने लगता हैं. इस प्रकार पुस्तकालय हमें बुरी आदतों से बचाकर अच्छा नागरिक बनाते हैं.
पुस्तकालय में वे ही लोग आते हैं. जो ज्ञान बढ़ाना तथा स्वयं को सुधारना चाहते हैं. इस प्रकार पुस्तकालय में जाने से हमारी भले लोगों से भेट होती हैं इससे आपसी प्रेम भी बढ़ता हैं.
उपसंहार- पुस्तकालय हमारे सच्चे मित्र होते हैं. वे हमें उबने नही देते. वे हमारा मनोरंजन करते तथा ज्ञान बढ़ाते हैं.
पुस्तकालय के लाभ हिंदी निबंध
मानव शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जिस प्रकार हमें पौष्टिक संतुलित भोजन की आवश्यकता होती हैं. उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञान की प्राप्ति आवश्यक हैं.
यदि हमे ज्ञान की प्राप्ति करनी है तो इसके लिए मस्तिष्क को गतिशील बनाना पड़ता हैं. ज्ञान प्राप्ति का सबसे सरल रास्ता विद्यालय में जाकर गुरूजी से अध्ययन करना होता हैं. तथा इसका दूसरा माध्यम पुस्तकालय होते हैं.
किसी व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति के लिए विविध संस्थानों में प्रवेश के लिए बहुत सारी राशि खर्च करनी पड़ती हैं. मगर इन्ही के विकल्प के रूप में सरकार द्वारा सरकारी विद्यालय खोले जाते है.
इसमें छात्रों तथा अध्यापकों के पढ़ने के लिए एक अलग कक्ष का प्रावधान होता हैं जिसे हम पुस्तकालय कहते हैं. इससे हर वह व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर सकता हैं, जिसको पढने में रूचि एवं लग्न हो.
पुस्तकालय का अर्थ होता है पुस्तक घर अथवा जहाँ किताबों को सहेज कर रखा जाता हैं. इस हिसाब से उन सभी रूम, म्यूजियम अथवा शॉप्स को पुस्तकालय की श्रेणी में गिना जाता हैं.
जहाँ ढेरों नवीन प्राचीन पठन पाठन के लिहाज से उपयोगी पुस्तकों का संग्रह किया जाता हो. मानव के लिए पुस्तके ज्ञान की उपहार है तो पुस्तकालयों को ज्ञान भंडार कह सकते हैं. जो ज्ञान राशि रुपी मूल्यवान पुस्तकों का भंडारण करके रखता हैं.
पुस्तकालय का महत्व (Importance of Library in Hindi)
हमारे लिए पुस्तकालय ज्ञान मन्दिर अथवा जहाँ स्वयं देवी सरस्वती विराजमान होती हैं वह स्थान हैं जहाँ मनुष्य ज्ञान रुपी धन को पाकर जीवन के अज्ञान रुपी अँधेरे को दूर कर पाता हैं. ये हमें प्रत्यक्ष ज्ञान प्रदान करते हैं.
समाज तथा राष्ट्र की दशा व दिशा के निर्धारण में पुस्तकालयों की अहम भूमिका होती हैं. मानव के विकास में पुस्तकीय ज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई हैं. हमारे मस्तिष्क, बुद्धि, दृष्टिकोण के विकास में पुस्तक तथा पुस्तकालय का अहम योगदान होता हैं.
हम पुस्तकीय ज्ञान पाकर न केवल अपने जीवन को समर्थ बना सकते हैं बल्कि देश समाज तथा मानवता के कल्याण के कार्य भी कर सकते हैं. हर व्यक्ति अपनी मनचाही पुस्तक को बाजार से लाकर नहीं पढ़ सकता हैं.
वह आर्थिक रूप से इतना सबल नहीं होता कि पुस्तकों पर व्यय कर सके. अथवा दुर्लभ ग्रंथ तथा पुस्तकों को कहीं से मंगवा सके. पुस्तकालय उन लोगों की बड़ी मदद करता हैं.
यह उन पुस्तकों का भी एकमात्र स्रोत हैं जिनका वर्तमान में प्रकाशन नहीं किया जाता हैं. यह पुस्तक मन्दिर ही अमूल्य धरोहर रुपी पुस्तकों की प्रतियों को समाज के लिए सहेजकर रखता हैं.
पुस्तकालयों के प्रकार (Types of Library)
पुस्तकालय अपने स्वरूप के आधार पर भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं जिनमें से कुछ ये हैं.
- व्यक्तिगत पुस्तकालय
- विद्यालय एवं महाविद्यालय के पुस्तकालय
- सार्वजनिक पुस्तकालय
- सरकारी पुस्तकालय
सरकारी तथा सार्वजनिक प्रकार के पुस्तकालय आज के दौर में बेहद कम देखने को मिलते हैं. बड़े बड़े नगरों शहरों में है भी तो लोगों को इस सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी नहीं रहती हैं. विद्यालयों तथा महाविद्यालयों के पुस्तकालयों का क्षेत्र सीमित होता हैं.
इसमें स्कूल कॉलेज में पढाए जाने वाले विषयों से सम्बन्धित ही नवीन तथा प्राचीन लेखकों की पुस्तकें ही रहती हैं. आज के समय में बड़ी संख्या में व्यक्तिगत पुस्तकालय चलन में हैं.
हर छोटे बड़े शहर में इस प्रकार के पुस्तकालय देखने को मिल जाएगे. जहाँ निर्धारित फीस देकर शांत एवं व्यवस्थित माहौल के मध्य पुस्तकों का अध्ययन किया जा सकता हैं.
पुस्तकालय से लाभ (Benefits of Library)
पुस्तकालय मानव जाति के कल्याण की राह दिखाने वाले केंद्र हैं इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं.
ज्ञान की प्राप्ति (Knowledge Gain)
शिक्षा का मूलभूत उद्देश्य मानव के मस्तिष्क का विकास हैं. वह अपने पसंद के विषयों को पढकर ज्ञान प्राप्त करता हैं. विद्याल यों में सीमित पुस्तकीय व व्यवहारिक ज्ञान की प्राप्ति होती हैं.
बच्चें मात्र चंद पुस्तकों को पढकर अगली कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं. उन्हें अपने विषय का पूर्ण ज्ञान पटापट नहीं होता है. विषयवार ज्ञान को विस्तृत दायरे में पढ़ने के लिए विविध पुस्तकों को पढना पड़ता हैं.
मनोरंजन का स्वस्थ साधन (Library as a Entertainment)
आज मनोरंजन के सैकड़ों साधन हो गये हैं व्यक्ति अपने खाली समय का उपयोग मनोरंजन के लिए कभी फिल्म, खेल, गेम्स आदि में व्यतीत करते हैं. पुस्तकालय मनोरंजन एवं खाली समय के सदुपयोग का सबसे बेहतरीन साधन हैं.
पुस्तकें न केवल हमें संसार के सम्बन्ध में हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं बल्कि हमारे विचार तथा दृष्टिकोण को भी परिपक्व बनाती हैं. पुस्तकों से मानसिक विकास को गति मिलती हैं तथा अपने रूचि के अनुसार खाली समय में अच्छी पुस्तकों को पढकर मनोरंजन भी कर सकते हैं.
दुर्लभ पक्षियों की प्राप्ति के साधन
पुस्तकालय अतीत और वर्तमान के बीच सेतु का कार्य करते हैं. किसी विषय पर शोध, अनुसन्धान में ये पुस्तकें बड़ी मददगार साबित होती हैं. जहाँ हम दुलर्भ विषयों के सम्बन्ध में जानकारी पा सकते हैं. पुस्तकालय में आसानी से प्रत्येक विषय से सम्बंधित दुर्लभ पुस्तकें आसानी से मिल जाती हैं.
पठन-पाठन में सहयोगी (Beneficial for both Student and Teachers)
विद्यार्थी व शिक्षक दोनों के लिए पुस्तकालय बड़े मददगार साबित हो सकते हैं. अपने बौद्धिक ज्ञान तथा सामान्य ज्ञान व जानकारी में वृद्धि आसानी से कर सकते हैं.
उपसंहार (Conclusion)
यही मायनों में पुस्तकालय ही ज्ञान के मन्दिर हैं जो हमें विविध विषयों की पुस्तके सुलभता से उपलब्ध करवाकर मानव जीवन को वास्तविक अर्थ प्रदान करते हैं.
सरकार व समाज को चाहिए कि वे अपने नागरिकों को लिए ऐसे अधिक से अधिक पुस्तकआलयों की स्थापना करे तथा उनका सही ढंग से संचालन किया जाए.
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Thank you. Sir/ma’am
Thank you sir /Ma’am
I,m a school student
I’m a school student
My name is Pavithra and I am using my mother’s phone
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And I had an ASL about this topic it was very helpful than Wikipedia because you’re giving the basic ideas which is more important
Thank you sir/maam
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That is
In Hindi language full stop is one line no line segment (l)
But here you are putting English language’s full stop
I know you know it most probably you must be mistakenly written
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I’m a school student
Pavithra
And I am using my mother’s phone
It was very helpful than Wikipedia because you’re giving the basic ideas which is more important
I had an ASL about this topic and it was very helpful
But I found a mistake that
In Hindi language full stop is one line no line segment but here you have used the dot full stop
Any way thank you sir /maam
दरअसल हम जिस हिंदी फॉण्ट को उपयोग कर रहे हैं उसमें पूर्ण विराम के लिए अंग्रेजी का फुल स्टॉप … ही हैं जबकि हिंदी के पूर्ण विराम की खड़ी लाइन | भी हम उपयोग करने की कोशिश करेगे. आप हमसे निरंतर जुड़े रहे इसके लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन करते हैं. हम आपकी आशाओं पर खरा उतरने का प्रयत्न करेंगे|
Thank you Sir.