मेरा मकान पर निबंध। Essay on My house in Hindi

मेरा मकान पर निबंध Essay on My house in Hindi : प्रत्येक प्राणी को सिर ढकने के लिए एक छत की अभिलाषा रहती हैं, इसलिए वह अपने घर का निर्माण करता हैं. मेरा अपना मकान चाहे

वह कच्छा हो या पक्का उसमें यादें, तथा जीवन का सच्चा सुख व सुरक्षा के भाव जुड़े होते हैं. मेरे घर पर आज यहाँ निबंध बता रहे हैं, जिन्हें स्टूडेंट्स परीक्षा के लिहाज से याद कर सकते हैं. My house टॉपिक पर यहाँ Hindi Essay दिया गया हैं.

मेरा मकान पर निबंध। Essay on My house in Hindi

मेरा मकान पर निबंध। Essay on My house in Hindi

(ड्रीम हाउस) अपने मकान पर निबंध 300 शब्दों में

मेरा घर सिर्फ मेरा घर ही नहीं बल्कि हमारा घर है क्योंकि हमारे घर में मैं, मेरे माता-पिता, मेरे भाई-बहन के अलावा चाचा चाची, दादा-दादी और परिवार के अन्य सदस्य भी रहते हैं। इसलिए मैं अपने घर को हमारा घर कहना उचित समझता हूं।

किसी पर इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं में घर भी शामिल है। आपने शायद रोटी कपड़ा और मकान पिक्चर भी देखी होगी। इसी बात से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि इंसान को रोटी,कपड़ा के अलावा मकान की आवश्यकता भी होती है।

अगर मैं हमारे मकान के बारे में बात करु तो हमारा घर एक मंजिला है जिसमें तकरीबन 5 कमरे हैं। इसमें से एक कमरे में मेरे माता-पिता, दूसरे कमरे में मेरे चाचा चाची, तीसरे कमरे में मेरे नाना नानी और बाकी एक कमरे में मैं, मेरे भाई और मेरी छोटी बहन रहती है और एक कमरा मेहमानों के लिए हमने छोड़ कर रखा है।

फिलहाल तो हमारा घर अभी 1 मंजिला ही है और मेरे पिताजी हमारे घर को और बड़ा करने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। मुझे भी उम्मीद है कि जब मैं बड़ा हो जाऊंगा और जब मैं कमाने लायक हो जाऊंगा, तब मैं भी अपने घर को डिवेलप करने में कुछ ना कुछ योगदान अवश्य दूंगा और अपने घर को अपने सपनों का घर बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दूंगा।

हमारी पहचान और हमारा व्यक्तित्व कहीं ना कहीं हमारे मकान के ऊपर भी डिपेंड करती है और शायद आपने भी यह महसूस किया होगा कि जब किसी व्यक्ति का मकान छोटा होता है या फिर व्यवस्थित नहीं होता है.

तो लोग उसे काफी दीन हीन मानते हैं और जिसका मकान बड़ा होता है लोग उसे एक संपन्न व्यक्ति के तौर पर जानते हैं। इसलिए मेरी यह कोशिश है कि मैं भी अपने घर को अच्छे से अच्छा बनाऊ, ताकि हमारे घर में सब खुशी से रह सके और समाज में भी हमारा मान सम्मान लगातार बढ़ता रहे।

मेरे मकान / घर पर निबंध 400 शब्द (my House Essay)

ग्वालियर शहर की शारदा कोलोनी की शुरूआती पंक्ति में मेरा मकान पड़ता हैं, मैं और मेरा परिवार कोलोनी के एक साधारण से बहुमंजिले भवन में रहते हैं.

आज से बारह वर्ष पूर्व जब मेरे पिताजी की ड्यूटी शहर में लगी तो उन्होंने सपनें से सुंदर इस घर में रहना शुरू किया था. हमारे घर के बाहरी भाग में अतिथि गृह, एक रसोई, शोचालय तथा दो शयन कक्ष बने हुए हैं. घर की छत से छटे स्टायलिश छज्जे बने हैं जो इसकी रौनक को और बढ़ा देते हैं.

जब मैं पांच वर्ष का था तो हम इस घर में आए थे. हमारे परिवार के सदस्यों के लिहाज से यह काफी बड़ा घर हैं. माता पिता, एक बहिन तथा मैं हम चारों लोग ही यहाँ रहते हैं.

मेरा यह घर लोहे की सरियों व सीमेंट से बना हैं इसकी फर्श मार्बल से बनी हैं. तथा इसमें समस्त प्रकार की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. दो बड़ी अलमारियों को ग्रेनाईट से बनाया गया हैं.

मेरे मकान के प्रवेश द्वार से दाई ओर का दूसरा कमरा रसोई घर का हैं जो काफी बड़ा और आरामदायक भी हैं. इससे छ्टे कमरे हमारे सोने तथा पढ़ने के लिए हैं.

सभी कमरों के बीच की छोटी गैलरी प्रवेश द्वार की ओर खुलती हैं जहाँ से हम अपनी सोसायटी के दर्शन आसानी से कर सकते हैं. हमारा अतिथि गृह मेहमानों तथा रिश्तेदारों के लिए हैं इसे भली भांति से सजाया गया हैं. इसकी फर्श को नरम कालीन से ढका हैं.

दीवार के सभी ओर प्रकृति की सुंदर तस्वीरे लगी हुई हैं. वही दरवाजे के पास रंगीन टीवी का सेट लगा हुआ हैं. अतिथि ग्रह में एक गोल टेबल हैं तथा बैठने के लिए अच्छे सोफे रखे गये हैं.

मेरे कमरे की बड़ी छत हैं जिस पर कपड़े सुखाने व सर्दियों में धुप का आनन्द लेने के लिए मैं जाता हूँ, छज्जे पर सुंदर खुशबूदार फूलों के गमले रखे गये हैं जिसकी महक पुरे घर में फैली रहती हैं.

यह हमारे मकान की सुन्दरता को भी बढाता हैं. मेरे घर की डिजाइन इस तरह से बनी हैं जिसमें प्राकृतिक हवा अबाध रूप से आती है, कमरों में हवा के लिए चार छत पंखे तथा एक मेज फेन लगा हुआ हैं. इस तरह मेरे घर में वे समस्त सुविधाए है जो एक अच्छे घर में होनी चाहिए.

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