ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

आज का निबंध ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi पर दिया गया हैं. सरल भाषा में ई लर्निंग क्या हैं.

वर्तमान में ऑनलाइन एजुकेशन का अर्थ महत्व आवश्यकता लाभ हानि आदि के बारे में निबंध दिया गया हैं. छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए डिजिटल शिक्षा पर यह निबंध आपको पसंद आएगा.

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

एक दौर था, जब बच्चों को अध्ययन के लिए गुरु के पास भेजा जाता था. वह 24 वर्ष की आयु में पढ़ाई पूरी कर घर लौटता था. जिसे हम गुरुकुल प्रणाली कहते हैं. बाद में स्कूली शिक्षा का चलन चला और आज भी हमारी शिक्षा उसी दौर में हैं.

पिछले पांच वर्षों में हुई इन्टरनेट क्रांति ने एक और शिक्षा के माध्यम को जन्म दिया, वह हैं ऑनलाइन घर बैठे शिक्षा.

कोरोना महामारी ने मानव जनित समूचे तन्त्र को विफल कर दिया, लोग घरों में कैद हो गये ऐसे विकट हालातों में भी ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से बच्चों की शिक्षा को नियमित किया जा सकता हैं.

देश के हजारों विद्यालय व महाविद्यालय आज भी ऑनलाइन शिक्षा / डिजिटल एजुकेशन के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. आज का निबंध, अनुच्छेद ऑनलाइन शिक्षा पर ही दिया गया हैं. हम जानेगे कि यह क्या हैं इसके लाभ हानि महत्व और उपयोगिता को.

शिक्षा हमारे जीवन का मूल आधार हैं, प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले यह उनका मूलभूत अधिकार एवं आवश्यकता भी हैं. अच्छी शिक्षा के दम पर ही बेहतरीन करियर की नीव रखी जा सकती हैं.

भारतीय शिक्षा व्यवस्था को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं. प्राचीन शिक्षा, औपनिवेशिक काल में शिक्षा और आधुनिक भारत की शिक्षा.

आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों के चलते शिक्षा का स्वरूप परम्परागत से अत्याधुनिक रूप ले चूका हैं.

वर्तमान समय में ई एजुकेशन यानी ऑनलाइन शिक्षा बेहद लोकप्रिय हो रही हैं. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कोसो दूर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफार्म एप्प, स्काइप, ज़ूम, यूट्यूब आदि की मदद से पढ़ा रहे हैं.

बच्चे अपने स्टडी या बेडरूप में स्वतंत्र बैठकर मोबाइल, लेपटोप या कंप्यूटर के माध्यम से अपने अध्यापक को सुन व देख सकते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को नकारने वाले शिक्षाविदों ने भी कोरोना के चलते लॉकडाउन में अव्यवस्थित हुई शिक्षा प्रणाली को पटरी पर लाने का एक ही विकल्प डिजिटल एजुकेशन बताया हैं.

भले ही आज बच्चें स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं. शिक्षक उन्हें ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से लेक्चर घर बैठे पंहुचा रहे हैं. शिक्षा की इस प्रणाली में तेज गति के इंटरनेट पहली आवश्यकता हैं.

वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैध शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया हैं. जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता हैं. इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम को VS/डीवीडी और इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती हैं.

ऑनलाइन शिक्षा क्या है ? (What is Online Education In Hindi)

ऑनलाइन शिक्षा को हम आधुनिक शिक्षा का सबसे नवीनतम स्वरूप कह सकते हैं, जिसमें बालक को कई मील तक के सफर को तय कर ब्लैक बोर्ड के सामने बैठकर पढने की बजाय अपने गुरूजी के साथ घर बैठे ही वर्चुअल क्लास में इन्टरनेट के द्वारा जुड़ सकता हैं.

इस शिक्षा में वही बालक सहभागी बन सकते हैं, जिनके पास अच्छा इन्टरनेट कनेक्शन मोबाइल, लेपटोप या कंप्यूटर आदि हो.

आज स्कूल कॉलेज आदि के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स भी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा पा रहे हैं, ऑनलाइन शिक्षा ने उनकी भी राहें आसान कर दी हैं.

अब वे घर बैठे निश्चित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेगे . कई डिग्री परीक्षाएं और उनका पाठ्यक्रम भी ऑनलाइन चलता हैं. शिक्षा के इस माध्यम का बड़ा लाभ उन छात्रों को भी हैं जो विदेश जाकर पढाई नहीं कर पाते हैं.

वे घर बैठे विश्व के किसी भी ख्यातिप्राप्त शिक्षा केंद्र के साथ सीधे जुड़ सकते हैं. हमारे ज्ञान को सुलभ और घर तक लाने का श्रेय शिक्षा के इस माध्यम को जाता हैं.

इसनें यात्रा के खर्च व समय की बचत की हैं साथ ही छात्रों के समक्ष चयन के लिए हजारों विकल्प भी हैं, अब घर बैठे सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन क्लासेज से एक क्लिक में जुड़ा जा सकता हैं.

ई एजुकेशन का बड़ा फायदा यह भी हैं कि बच्चें एक बार की क्लास को रिकॉर्ड कर जब चाहे दुबारा चलाकर देख सकते हैं, जबकि परम्परागत शिक्षा व्यवस्था में इस गुण की कमी थी.

डिजिटल क्लासरूप इतने आधुनिक बन चुके हैं कि शिक्षक छात्र का आपसी संवाद उसी तन्मयता से बना रहता हैं जैसा कि वास्तविक कक्षा कक्ष में. छात्र लिखकर अपनी शकाओं या समस्याओं को अध्यापक के सामने प्रस्तुत कर सकता हैं.

बड़ी बड़ी सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, कानून आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं.

आज के समय में जब घर से निकलना भी एक चुनौती बन चूका हैं, ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा एक सुनहरा विकल्प हैं. यह न केवल बाधित शिक्षा व्यवस्था को गति दे सकता हैं, बल्कि अधिक आकर्षक तरीके से शिक्षक छात्र के अनुभव बढाए जा सकते हैं.

किसी शिक्षण संस्थान, कोचिंग सेंटर अथवा व्यक्तिगत ट्यूशन के कुल खर्च के दसवें भाग व्यय में आसानी से ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हो जाते हैं जिन्हें घर बैठकर कभी भी देखा जा सकता हैं.

समय तथा धन की बचत के साथ ही शिक्षण संस्थान जाने में आने वाली ट्रेफिक, मौसम आदि की समस्याओं से भी निजात मिल जाएगी.

भारत में ऑनलाइन शिक्षा और कोर्स उपलब्ध कराने वाले कुछ प्रसिद्ध प्लेटफार्म बाईजूस ,मेरिटनेशन, उत्कर्ष, ग्रेडअप आदि कुछ बड़े विख्यात नाम हैं. जहाँ आप अपनी जरूरत के मुताबिक़ फ्री या पैड कोर्स को चुन सकते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा से लाभ व हानि (Essay on Advantages and Disadvantages of Online Study)

शिक्षा का अधिकार 2009 देश के प्रत्येक बच्चें को निशुल्क एवं अनिवार्य एवं बाल शिक्षा का अधिकार देता हैं. शिक्षा व्यक्ति के चहुमुखी विकास की प्रथम शर्त मानी जाती हैं.

ऑनलाइन शिक्षा आज के युग की लोकप्रिय प्रणाली हैं. इसके कई सारे लाभ हैं तो कुछ हानियाँ भी हैं. जिन्हें हम इस प्रकार समझ सकते हैं.

ऑनलाइन स्टडी के लाभ

  1. बालक अपने घर में बैठे देश विदेश के किसी भी संस्थान से शिक्षा अर्जित कर सकता हैं.
  2. शिक्षण संस्थान विद्यालय, कॉलेज, कोचिंग सेंटर आदि में आने जाने के समय तथा यात्रा के खर्च की बचत हो जाती हैं.
  3. छात्र अपनी सुविधा के अनुसार समय में रेकॉर्डेड क्लास को देख सकता हैं. किसी अध्याय के समझ न आने पर वह उसे दुबारा या कई बार देखकर अपनी शंका का समाधान कर सकता हैं.
  4. वर्चुअल क्लास के दौरान कोई बिंदु स्पष्ट समझ न आने पर छात्र शिक्षक से पुनः स्पष्ट करने का निवेदन भी कर सकता हैं.
  5. स्कूल कॉलेज में पढने वाले छात्रों के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक युवतियां भी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपने पाठ्यक्रम को पढ़ सकते हैं, देख व सुन सकते हैं.
  6. बेहद कम शुल्क में कोर्स उपलब्ध होने के साथ ही भिन्न भिन्न संस्थानों के बेहतरीन कोर्स के चयन की स्वतन्त्रता छात्र व उसके अभिभावक को रहती हैं.
  7. ऑनलाइन शिक्षा के कई सारे फीचर परम्परागत कक्षा में प्रदर्शित नहीं किये जा सकते हैं. डिजिटल बोर्ड पर गूगल अर्थ , वीडियो , चित्र , एनिमेटेड चित्र , गूगल मैप्स, चार्ट आदि के जरिये गूढ़ विषयों को सरल तरीके से स्पष्ट किया जा सकता हैं.
  8. आजकल स्कूली पाठ्यक्रम की शिक्षा तो ऑनलाइन उपलब्ध है ही साथ ही कुकिंग , सिलाई , कढ़ाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग  का प्रशिक्षण भी घर बैठे प्राप्त किया जा सकता हैं.

ऑनलाइन शिक्षा की हानियाँ 

जिस तरह प्रत्येक वस्तु के दो पहलू होते हैं, ऑनलाइन शिक्षा की प्रक्रिया में ही ऐसा ही हैं. एक तरफ इसके बेशुमार लाभ हैं तो वही इसके कई दुष्परिणाम साइडइफेक्ट भी हैं जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. यहाँ हम निबंध में ऑनलाइन स्टडी के कुछ नुकसानों के बारे में चर्चा करेंगे.

  1. ऑनलाइन शिक्षा का स्वरूप छात्र को परम्परागत शिक्षा प्रणाली की तुलना में अत्यधिक स्वतन्त्रता देता हैं. ऐसे में बच्चों को स्व विवेक से स्वयं पर नियंत्रण रखना होता हैं. अध्ययन अध्यापन की सफलता इस बार पर निर्भर करती हैं कि उसे रूचि के साथ ग्रहण किया जाता हैं, अथवा नहीं. यकीनन छोटे बच्चों के लिए यह शिक्षा तभी वरदान बन सकती हैं, जब अभिभावक के सहयोग से बच्चे को प्रशिक्षित किया जाए.
  2. डिजिटल क्लास में प्रत्येक बच्चे पर अध्यापक का ध्यान देना व्यावहारिक रूप में सम्भव नहीं हैं. ऐसे में बच्चें यदि ईमान दारी के साथ शिक्षण प्रक्रिया में उपस्थित होकर सम्पूर्ण गतिविधियों में सलंग्न होते हैं तभी उसका उद्देश्य पूर्ण हो पाता हैं.
  3. अमूमन ऑनलाइन शिक्षा के साथ लोगों की यह शिकायत रहती हैं. यह कक्षा परम्परागत कक्षा की तरह संवाद स्थापित नहीं कर पाती हैं. शिक्षक केवल अपने पाठ्यक्रम से सम्बन्धित ही वार्तालाप करता हैं. निजी तथ्य, भावनाओं, जोक्स आदि के अभाव में कक्षा में नीरसता का आना स्वाभाविक हैं.
  4. ऑनलाइन कक्षा में छात्रों को कई घंटों तक स्क्रीन के समक्ष बैठना पड़ता हैं. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के सामने इतने लम्बे समय तक बैठना स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छा नहीं माना जाता हैं. आँखों की समस्या तथा सिर दर्द आदि के रूप में इसके साइडइफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं.
  5. इस शिक्षा प्रणाली का एक अन्य दुष्परिणाम सिमित संवाद हैं. यहाँ छात्र सिमित रूप में ही अपनी बात अध्यापक को कह पाते हैं, अध्यापक को भी सभी स्टूडेंट्स का ध्यान रखना होता हैं, ऐसे में सभी की बातों को पूरा समय नहीं दे पाते हैं.

ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार (online shiksha par nibandh Paragraph in hindi)

हम ऑनलाइन शिक्षा को सिंक्रोनस और असिंक्रोनस इन दो भागों में विभाजित कर सकते हैं.

सिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था: इसे हम रियल टाइम लर्निंग या लाइव टेलीकास्ट लर्निंग के नाम से भी जानते हैं. इस शैक्षिक व्यवस्था में एक ही समय में शिक्षक और छात्रों के मध्य संवाद स्थापित होता हैं.

तथा अध्ययन की गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं. ऑडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लाइव चैट तथा वर्चुअल क्लासरूम आदि इसके उदाहरण हैं.

असिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था: इस शैक्षिक प्रणाली में छात्र अपनी स्वेच्छा से जब चाहे दी गई अध्ययन सामग्री को पढ़ या देख व सुन सकता हैं.

इसमें रिकोर्डड क्लास विडियो, ऑडियो ई बुक्स, वेब लिंक्स, प्रेक्टिस सेट आदि सम्मिलित हैं. भारत में अधिकतर लोग इस शैक्षिक पद्धति के जरिये पढना पसंद करते हैं.

निष्कर्ष/ उपसंहार

कई मामलों में आज भी ऑनलाइन शिक्षा में सुधार की आवश्यकता हैं. इसके उपरान्त भी दूर रहने वाले बच्चों के लिए यह शिक्षा का सबसे उत्कृष्ट माध्यम हैं. खासकर कोविड 19 महामारी के दौर में ई शिक्षा देश दुनियां के छात्रों के लिए वरदान साबित हुई हैं.

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