इन्द्रधनुष पर निबंध Essay on Rainbow in Hindi

Essay on Rainbow in Hindi इन्द्रधनुष पर निबंध: कुदरत के अनूठे रंगों का संगम बहुत कम बार दिखता हैं वर्षा ऋतु में कई बार बरसात होने के पश्चात आसमान में सात रंगों की इंद्र धनुषी छटा नजर आती हैं इसे ही इंद्रधनुष कहते हैं.

देखने में बेहद आकर्षक ये सात रंग हर किसी का मन मोह लेते हैं. आज का निबंध इंद्रधनुष पर दिया गया हैं. चलिए इस निबंध में जानते हैं कि रेनबो क्या है और कैसे बनता हैं.

इन्द्रधनुष पर निबंध Essay on Rainbow in Hindi

इन्द्रधनुष पर निबंध Essay on Rainbow in Hindi

300 शब्द निबंध इन्द्रधनुष पर

मुख्य रूप से हमारे इंडिया में तीन सीजन आते हैं जिसमें बरसात,गर्मी और ठंडी का सीजन शामिल है। सभी को अलग-अलग सीजन पसंद होते हैं परंतु व्यक्तिगत तौर पर मुझे बरसात का सीजन काफी अच्छा लगता है,

क्योंकि बरसात का सीजन आने से आसमानों के बादलों से धरती पर बारिश होती है जिसके कारण सूखी जमीन भी पानी पाने के कारण हरी भरी हो जाती है।

बरसात के सीजन में अक्सर हमें आकाश में सतरंगी आकार की एक बहुत बड़ी चीज दिखाई देती है जो धनुष आकार के जैसी होती है जिसे हिंदी भाषा में इंद्रधनुष और अंग्रेजी भाषा में रैंबो कहा जाता है।

आपको बता दें कि, रैंबो पानी की बूंदों से ही क्रिएट होता है। प्रकाश की किरण जब आकाश में बरसने वाले पानी की बूंदों से गुजरती है तो पानी की बूंदे उसे परावर्तित कर देती हैं जिसके कारण इंद्रधनुष का निर्माण होता है और यह आकाश में काफी लंबी दूरी तक दिखाई देता है।

इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं जो नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल,गहरा नीला और बैगनी होता है। इंद्रधनुष देखने में काफी मनमोहक लगता है। इसका नाम इंद्रधनुष इसलिए भी पड़ा है क्योंकि यह धनुष के आकार की तरह आकाश में हमें बरसात के मौसम में दिखाई पड़ता है।

बरसात के मौसम में जैसे ही आकाश में इंद्रधनुष यानी कि रैंबो निकला हुआ दिखाई देता है वैसे ही लोग अपने अपने छत पर आकर के इंद्रधनुष को देखते हैं।

इंद्रधनुष को देखने की इच्छा खासतौर पर बच्चों में बहुत ही ज्यादा होती है क्योंकि उनके लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं होता है। इंद्रधनुष का जो बाहरी हिस्सा होता है वह लाल रंग का दिखाई देता है।

लाल रंग के बाद में हमें इंद्रधनुष के अंदर नारंगी, पीला, हरा, नीला, गहरा नीला और बैगनी रंग दिखाई देता है। इंद्रधनुष में जितने भी रंग है उनका सब का अलग-अलग महत्व होता है।

इंद्रधनुष में मौजूद लाल कलर पावर का प्रतीक माना जाता है, नारंगी कलर कंट्रोल का प्रतीक माना जाता है, पीला कलर इंफॉर्मेशन का प्रतीक माना जाता है, हरा कलर हेल्थ का सिग्नल माना जाता है।

इसमें मौजूद नीला कलर नई सोच को रिप्रेजेंट करता है। इंद्रधनुष में मौजूद गहरा नीला कलर जागरूकता का प्रतीक माना जाता है और इसमें मौजूद बैगनी रंग अध्यात्म का प्रतीक होता है।

1000 शब्द इन्द्रधनुष पर निबंध

तेज बरसात के बाद जब आसमान बादलों से पूरी तरह साफ़ हो जाता हैं तो कई बार हमें इन्द्रधनुष के दर्शन होते हैं अंग्रेजी में इसे रेनबो कहा जाता हैं.

दरअसल गगन की इस इन्द्रधनुषी छटा का कारण पानी की बुँदे ही होती हैं जो एक प्रिज्म का निर्माण करती हैं. पानी की बूंदों के इस प्रिज्म से होकर जब सूर्य का प्रकाश हम तक पहुँचता हैं तो वह सात विभिन्न रंगों का दिखाई देता हैं.

वैसे आम दिनों में भी सूर्य का प्रकाश सात रंगों का ही होता हैं. मगर हमें केवल इसके सफेद होने की ही अनुभूति होती हैं. मगर यह वर्षा के दिनों में कई बार अपने मूल स्वरूप में इन्द्रधनुष के रूप में दिखाई पड़ता हैं.

जब आसमान में वर्षा की छोटी छोटी बूंदों पर सूर्य की रोशनी आपतित होती हैं तो यह विविध रंगों का रूप धारण कर लेती हैं.

सरल शब्दों में इसे समझना चाहे तो गोलाकार आकृति का बना यह इन्द्रधनुष प्रकाश के रंगों के विक्षेपण की घटना का परिणाम हैं जब सूर्य की किरण पानी की बूंद पर गिरती हैं तो यह प्रकाश को परावर्तित कर देती हैं.

विभिन्न कोण पर प्रकाश परावर्तित हो जाता हैं. इन्द्रधनुष की बाहरी परत लाल रंग की होती हैं क्योंकि इसका अपवर्तनांक सबसे कम होता हैं. जबकि आंतरिक परत बैंगनी रंग की होती हैं. बैंगनी रंग का अपवर्तनांक सर्वाधिक होता हैं.

भारतीय हिन्दू संस्कृति में इंद्र को वर्षा का देव माना गया हैं. अतः सूर्य एवं जल के मेल पर जो धनुष रुपी आकृति बनती हैं उसे इंद्र के धनुष की संज्ञा दी जाती हैं. इसे इंद्र का सप्तरंगी झुला भी कहते हैं क्योंकि इसमें सात विविध रंग होते हैं.

हमारे जीवन में इन्द्रधनुष का महत्व (Importance of Rainbow colours in our life in Hindi language)

इंद्रधनुष एक प्राकृतिक घटना का परिणाम हैं. इसके सभी रंग बेहद सुहावने एवं दृश्य अद्भुत होता हैं. इसकी सुन्दरता से बढकर हमे इन्द्रधनुष के महत्व को भी समझना चाहिए.

क्योंकि ईश्वर की इस अद्भुत घटना हमें बेहद आकर्षित करती हैं. दार्शनिकों ने इसके सातों रंगों का अलग अलग महत्व समझाया हैं.

seven colours of rainbow in hindi

RAINBOW COLOURS NAME ENGLISHRAINBOW COLOURS NAME HINDI
Violetबैंगनी
Indigoगहरा नीला
Blueनीला
Greenहरा
Yellowपीला
Orangeनारंगी
Redलाल

एक इन्द्रधनुष सात रंगों का मेल होता हैं जो देखने में बेहद आकर्षक एवं आनन्द की अनुभूति प्रदान करता हैं. मानव जीवन को दो पल की मन ख़ुशी एवं शान्ति प्रदानं करता हैं.

खासकर बच्चें इन्द्रधनुष के प्रति अधिक आकर्षित होते हैं वृत के आकार का यह इन्द्रधनुष अपनी सुन्दरता के चलते विरला है रोचक है तथा इसका जितना बखान किया जाए वह कम ही हैं.

सात रंगों की इस आकृति को रेनबो भी कहते हैं जिसका शाब्दिक आशय होता हैं बरसात की बुँदे. मानव जीवन में इन्द्रधनुष एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता हैं.

इसके सभी रंगों में लाल और बैगनी ही सर्वाधिक दीखते हैं जो आंतरिक तथा बाहरी सतह का निर्माण करते हैं. आँखों से देखने पर यह 50 डिग्री का कोण बनाता हैं इसी कारण हमें इसकी चमक सर्वाधिक लगती हैं.

  • इन्द्रधनुष की बाहरी सतह का रंग लाल हैं जो लाल जुनून, जीवन शक्ति, उत्साह और सुरक्षा का प्रतीक माना गया हैं इसकी तरंग दैर्ध्य सर्वाधिक हैं.
  • नारंगी- यह हल्का या रंग पीला और लाल रंग से मिलकर बनता हैं इसे यह रचनात्मकता, व्यावहारिकता, चंचलता संतुलन तथा नियंत्रण का प्रतीक रंग माना गया हैं.
  • पीला- इसे सूर्य का रंग माना जाता हैं जो विचार, ज्ञान, अनुशासन और ऊर्जा का प्रतीक समझा जाता हैं.
  • हरा- यह इन्द्रधनुष के मध्य का रंग हैं जो प्रजनन, विकास, संतुलन, स्वास्थ्य व सम्रद्धि का प्रतीक माना गया हैं.
  • नीला- यह ऊपर से पांचवा रंग हैं जो नई सोच तथा विचार का प्रतीक माना गया हैं इसी कारण आसमान व सागर का रंग भी यही प्रदर्शित किया जाता हैं.
  • गहरा नीला- रंगीन मणि पत्थरों का उपयोग अक्सर आध्यात्मिक प्राप्ति, मानसिक क्षमताओं, आत्म जागरूकता और अंतर्ज्ञान की वृद्धि का प्रतीक माना जाता हैं.
  • बैगनी- यह इन्द्रधनुष का सबसे आंतरिक रंग है  जो लाल व नीले दो प्राथमिक रंगों से मिलकर बना हैं इसे आध्यात्म का प्रतीक माना जाता हैं.

बैनीआहपीनाला इस संक्षिप्त नाम ट्रिक के साथ इन्द्रधनुष के सात रंगों के नाम याद किये जा सकते हैं.

इंद्रधनुष के प्रकार Types of rainbow

फॉगबो

फॉगबो एक विशेष प्रकार का इंद्रधनुष है, जो सूर्य के प्रकाश के रूप में बनता है, जो एक छोटे बादल या कोहरे के माध्यम से यात्रा करता है और कोहरे की बूंदें सूरज की रोशनी को अलग करती हैं।

कोहरे में रंग का स्पेक्ट्रम आमतौर पर सफेद, लाल और नीला होता है। आमतौर पर कोहरे का पानी शरीर पर या पतले कोहरे वाले क्षेत्र में बनता है।

चांदनी के तहत इंद्रधनुष

रेनबो को पानी की बूंदों पर सूर्य के प्रकाश के प्रतिबिंब और विक्षेपण के परिणामस्वरूप माना जाता है। हालाँकि, कुछ उदाहरणों में, चांदनी के तहत इंद्रधनुष भी बनाए जा सकते हैं, लेकिन ऐसे उदाहरण अत्यंत दुर्लभ हैं।

बहरहाल, कुछ अवसरों पर जब पूर्णिमा या उसके समीप चांदनी के तहत इंद्रधनुष बनते हैं। इन इंद्रधनुषों को चांदनी के रूप में भी जाना जाता है,

एक ही रंग को प्रदर्शित करने के लिए सोचा जाता है, लेकिन विभिन्न रंगों के एक स्पेक्ट्रम से बना होता है, लेकिन सूरज की रोशनी की तुलना में चांदनी की सुस्तता के कारण, ये रंग नग्न मानव आंखों को दिखाई नहीं देते हैं।

उच्च-क्रम रेनबो

इंद्रधनुष आदेश एक विशेषता है जो इंद्रधनुष को दो बुनियादी समूहों में वर्गीकृत करने के लिए उपयोग किया जाता है: प्राथमिक इंद्रधनुष और माध्यमिक इंद्रधनुष।

एक इंद्रधनुष आदेश का मुख्य निर्धारक एक इंद्रधनुष के गठन में शामिल पानी की बूंदों में प्रकाश के प्रतिबिंबों की संख्या है। प्राथमिक इंद्रधनुष को प्रथम-क्रम के रूप में भी जाना जाता है और एक प्रकाश प्रतिबिंब से बनता है, जबकि द्वितीयक इंद्रधनुष, जिसे द्वितीय-क्रम इंद्रधनुष भी कहा जाता है, दो प्रतिबिंबों से बना होता है।

अन्य इंद्रधनुष हैं जो दो से अधिक आंतरिक प्रतिबिंबों से बनते हैं, और इन्हें उच्च-क्रम वाले इंद्रधनुष कहा जाता है। आंतरिक प्रतिबिंबों की संख्या सीमित नहीं है और अनंत तक चलती है, लेकिन आंतरिक प्रतिबिंबों की संख्या बढ़ने पर उच्च-क्रम के इंद्रधनुष कम दिखाई देते हैं।

परावर्तित इंद्रधनुष और प्रतिबिंब इंद्रधनुष

एक प्रतिबिंबित इंद्रधनुष और एक प्रतिबिंब इंद्रधनुष दो अलग-अलग प्रकार के इंद्रधनुष हैं, लेकिन दोनों निकट से संबंधित हैं। सूर्य के प्रकाश के बाद वर्षा की बूंदों से विक्षेपित होने के बाद परावर्तित इंद्रधनुष होता है और फिर एक पर्यवेक्षक द्वारा देखे जाने से पहले एक जल निकाय से परिलक्षित होता है।

परावर्तित इंद्रधनुष कभी-कभी क्षितिज के नीचे पानी की सतह पर दिखाई देते हैं और पानी के पिंडों के रूप में छोटे (आंशिक रूप से) देखे जा सकते हैं।

दूसरी ओर, एक प्रतिबिंब इंद्रधनुष, तब बनता है जब सूर्य के प्रकाश को पहली बार पानी के एक पिंड से परावर्तित किया जाता है,

फिर एक प्रेक्षक को दिखाई देने से पहले इंद्रधनुष द्वारा विक्षेपित किया जाता है। प्रतिबिंब इंद्रधनुष उनके गठन में शामिल जटिलता के कारण शायद ही कभी दिखाई देते हैं।

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