भारत और मालदीव के संबंध पर निबंध | Essay on relations between India and Maldives In Hindi

भारत और मालदीव के संबंध पर निबंध | Essay on relations between India and Maldives In Hindi : भारत और मालदीव एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं. दक्षिण एशिया में स्थित दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं. मालद्वीप एक छोटा सा समुद्री द्वीपों का समूह देश है जो खासकर पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर टिका है, वही भारत विश्व की उभरती हुई शक्तियों में से एक हैं.

सदियों से दोनों देशों के अच्छे सम्बन्ध रहे हैं. आधुनिक दौर में चीनी हितों और प्रभाव के चलते दोनों के बीच कुटनीतिक रिश्ते उतार चढ़ाव के दौर से भी गुजरे हैं. भारत ने नैबर फर्स्ट पॉलिसी के तहत सदैव मालदीव का संकट के समय हाथ थामा हैं. आज के निबंध में हम दोनों देशों के रिश्तो पर नजर डालेगे.

भारत और मालदीव के संबंध पर निबंध | Essay on relations between India and Maldives In Hindi

भारत और मालदीव के संबंध पर निबंध | Essay on relations between India and Maldives In Hindi

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव प्रचार से लेकर राष्ट्रपति बनने और उसके बाद से भारत विरोधी और चीनी पक्ष की राजनीति के चलते दोनों देशों के सम्बन्धों में तल्खी देखी गई हैं. मालदीप से भारतीय सुरक्षा दस्ते के निर्वाचन और बाद में लक्षद्वीप में नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद मालद्वीप के मंत्रियों की घ्रणित टिप्पणी के बाद दोनों देशों के रिश्तो के कडवाहट देखने को मिली हैं.

भारत के दक्षिण में लक्षद्वीप के पास स्थित मालदीप के साथ भारत के मजबूत रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं. 1966 में जब मालदीप अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ तो भारत उसे मान्यता देने वाला प्रथम देश था.

भारत ने चिकित्सा, सैन्य और तकनीक के क्षेत्र में मालदीप का सदैव सहयोग किया हैं. माले ग्रेटर परियोजना से लेकर इंदिरा गांधी अस्पताल, कोविड में फ्री वैक्सीन व सैन्य मदद व राजनैतिक संकट के समय हर सम्भव सहायता भारत की ओर से दी गई हैं.

भारत-मालदीव व्यापारिक संबंध

दोनों देशों के बीच काफी बड़ी आर्थिक निर्भरता हैं. भारत और मालदीप के बीच व्यापारिक सम्बन्धों की बात की जाए तो वर्ष 2021 में यह 300 मिलियन डॉलर पार कर गया तथा वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच का व्यापार 500 मिलियन डॉलर का था.

1981 में, भारत और मालदीव ने एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये. दोनों देश सार्क के संस्थापक सदस्य भी है साथ ही दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार संधि के हस्ताक्षरकर्ता भी हैं. ऑपरेशन कैक्टस दोनों देशों के आर्थिक रिश्तो को मजबूत करने वाला एक सैन्य ओपरेशन था.

भारत-मालदीव के बीच पर्यटन

मालदीप भारत के लोगों के लिए पर्यटन की सबसे पंसदीदा जगह रही हैं. यहाँ के समुद्री तट के नजारे देखने हर साल लाखों भारतीय मालदीप आते हैं. इससे पर्यटन आधारित मालदीप की अर्थव्यवस्था को बड़ा विदेशी आर्थिक भंडार मिलता हैं.

अगर पर्यटन के आंकड़ों की बात करे तो मालदीप में आने वाले विदेशी पर्यटकों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की हैं. 2022 में कुल 2.41 लाख भारतीय मालदीव गए थे, वहीं 2023 में भी करीब दो लाख भारतीय इस देश की यात्रा पर गये.

भारत और मालदीव विवाद

भारत और मालदीप के बीच के कुटनीतिक रिश्तो की बात करे तो यह अधिकतर समय मधुर रहे हैं. 2023-24 में नव निर्वाचित राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत विरोधी रवैये के चलते दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी खटास अवश्य देखने को मिली हैं.

द्वीपीय देश को अमर्जेंसी मेडिकल और सुरक्षा सहायता के लिए भारत सरकार ने मालदीप की मांग पर दो हेलीकॉप्टर सहित कुछ सैनिक भी उपलब्ध कराएं. मुइज्जू ने अपने चुनावी प्रचार में इण्डिया आउट का कैम्पन चलाकर एक नयी खटाई को जन्म दिया.

इसके बाद राष्ट्रपति बनते ही भारत की जगह टर्की और चीन की यात्रा और मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीप के नेताओं की अभद्र टिप्पणियों के चलते भारतीयों द्वारा बायकोट मालदीप भी ट्रेंड चला और भारत के लोगों ने लक्षदीप को प्रमोट करने लगे.

भारतीय सहयोग

जब जब मालदीप पर किसी तरह के संकट की घड़ी आई भारत ही सबसे पहले आगे आया और उनकी मदद की. कई अभियानों के द्वारा भारत ने अपने पड़ोसी का सहयोग किया हैं. अगर इन्हें बिन्दुओं में समाहित करे तो मुख्य रूप से इन पॉइंट्स को गिना जा सकता हैं.

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