शेयर बाजार पर कविता | Share Market Poem in Hindi

शेयर बाजार पर कविता | Share Market Poem in Hindi में आपका स्वागत हैं. आज की डिजिटल दुनिया में हर कोई शेयर मार्केट से वाकिफ है. अनगिनत मोबाइल एप्प्स की मदद से लोग शेयर बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं. छोटी बड़ी खबर शेयर मार्केट को आसमान पर पंहुचा देती है या रसातल में भी ले जाती हैं. बेहद रिस्की समझे जाने वाले इस बाजार पर कुछ कविताएँ आज हम पढ़ेगे.

भारत में ट्रेडिंग अब एक सुलभ चीज बन चुकी है. हर कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर सकता हैं. इस सुलभता के अवसर में जोखिम भी उतना ही अधिक होता हैं. अपने नॉलेज और रिसर्च के दम पर लोग अच्छी खासी कमाई भी शेयर बाजार से करते है. तो ऐसे भी लाखों लोग होते है जो अपनी जीवन भर की पूंजी को खर्च कर सड़क पर आ जाते हैं.

शेयर बाजार पर कविता | Share Market Poem in Hindi

शेयर बाजार पर कविता | Share Market Poem in Hindi

तेज़ी मे इन्वेस्ट सब करे…
मंदी मे करे न कोई….
जो मंदी मे इनवेस्ट करे…..
सदा करे एन्जॉय ॥

तेजी मंदी दोनो चले….
तभीं मार्किट कहलाय …
तेजी मे बेचें न कोय…
मंदी आये घबराए ॥

आलसी – लालची और ऋणीं
इस मार्किट मे ना आए …
काबू रहे न ख़ुद के …
मार्केट पे दोष लगाय ॥

बिजनस न्यूज़ सुन सुन के
मुआ पंडित भया ना कोंय …
सब्र और समझ़ से काम ले….
वही खिलाड़ी होय ॥

बॉटम बॉटम सब़ कहे
बॉटम बना न कोय
ज़ब असल में बॉटम आए
रोकडा बचा न होय ॥

गिंरता निफटी देख़कर
महेश कौशिक़ दिया रोए
बुल बीअर के बीच मे
फ़ोलोवर बचा न कोई।।

संत कबीर दास की शैली में लिखी गई यह कविता, महेश कौशिक द्वारा लिखी गई हैं. शेयर बाजार की प्रकृति उसके उतार चढाव के समय निवेशक के मन के भाव और व्यथा को इन कविता की पंक्तियों के माध्यम से समझा जा सकता हैं. उम्मीद करते है यह आपको पसंद आई होगी.

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