भेंट, उपहार पर सुविचार अनमोल विचार | Gift Quotes In Hindi

भेंट, उपहार पर सुविचार अनमोल विचार | Gift Quotes In Hindi : गिफ्ट भेट उपहार तोफ्हा एक दुनिया का रस्म है रिवाज हैं. रसूल यह कहता है  जो उपहार प्रेम से मिले उसे स्वीकार लेना चाहिए.

हर एक ख़ुशी के अवसर पर उपहारों का आदान प्रदान हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा रहा हैं. गिफ्ट भले ही कीमती हो या न हो अगर सच्चे दिल से दिया जाता है तो सहर्ष स्वीकारना चाहिए,

आज हम भेंट, उपहार पर कुछ अनमोल वचन / Gift Quotes पढ़ रहे हैं. 

भेंट, उपहार पर सुविचार अनमोल विचार | Gift Quotes In Hindi

भेंट, उपहार पर सुविचार अनमोल विचार Gift Quotes In Hindi

1#. दयालुतापूर्ण एक विचार भौतिक भेंट की उपेक्षा अधिक मूल्यवान होता है, क्योंकि इसकों खरीदा नही जा सकता हैं.


2#. प्राप्त करने की अपेक्षा देना केवल अधिक पवित्र ही नही हैं, बल्कि अधिक आनन्ददायक भी हैं.


3#. किसी के द्वारा देने का ढंग दी हुई भेंट की अपेक्षा भेंटवार्ता के चरित्र को अधिक प्रकट करता हैं.


4#. जब एक मित्र कोई मांग करता है, तो कल करने का कोई प्रश्न उत्पन्न नही होता हैं.


5#. जो व्यक्ति भेंट देता रहता है, प्रत्येक व्यक्ति उसका मित्र हो जाता हैं.


6#. एक शत्रु द्वारा दी गई भेटों से डरना ही न्यायपूर्ण है अथवा उचित यही है कि शत्रु की भेंटों से न डरा जाए.


7#. एक अँधा व्यक्ति एक दर्पण की भेंट के लिए तुम्हे धन्यवाद नही देगा.


8#. परमात्मा उसको प्यार करता है, जो प्रसन्नतापूर्वक किसी को कुछ दे देता हैं.


9#. जो शीघ्रतापूर्वक देता है उसका एक बार देना दोबार देने के समान होता हैं.


10#. जो व्यक्ति गरीब पर दया करता हैं, वह एक प्रकार परमपिता को ऋण देता हैं.


11#. भेंट देने जैसी खतरनाक कला में किसी अन्य सामाजिक कार्य की अपेक्षा तुमकों अधिक व्यवहारकुशलता की आवश्यकता होती हैं.


12#. देने के लिए अच्छी समझ की आवश्यकता होती हैं.


13#. आज” भगवान का दिया हुआ एक उपहार है- इसीलिए इसे “प्रेजेंट” कहते हैं.


14#. कुछ देकर भी यह महसूस करना कि कुछ नही दिया उपहार देने का सबसे अच्छा तरीका हैं.


15#. भेंट का आकार नही बल्कि उसे देने वाले के ह्रदय का आकार मायने रखता हैं.


16#. कुछ लोग भेंट कुछ इस अंदाज से देते है कि आप उसे याद रखते है जब तक आप जीवित होते हैं.

उपहार पर सुविचार

कीमत के तराज़ू पर तौले उपहार से प्यार भरा उपहार ज्यादा मूल्यवान होता है। उपहार में पैसे का वजन अक्सर प्यार की भावना से कम ही होता है जो उपहार के मूल्य का मान रखता है।


प्यार के इज़हार का एक प्यारा सा तरीका है उपहार देना जो दिल को खुशी देता है और दिल से स्वीकार किया जाता है। प्यार भरा उपहार बिन शब्दों के भी अनेक भावनाएँ महसूस करा देता है।


मनुष्य का जीवन ईश्वर द्वारा प्रदान किया उपहार स्वरूप है जो ईश्वर की अद्भुत रचना है जिसके अलग अलग रूप संसार में दिख जाते हैं।


माता पिता के लिए उनके सुपुत्री और सुपुत्र ईश्वर द्वारा प्रदान किए सुंदर उपहार ही होते हैं और बच्चों के लिए माता पिता का अथाह प्यार उपहार समान है जो अनमोल है।


उपहार में देने वाले की भावना देखनी चाहिए न कि पैसों का दिखावा क्योंकि उपहार खुशी से और खुशी के लिए दिए जाते हैं।


उपहार को कभी पैसों से नहीं तौलना चाहिए क्योंकि उपहार तो उपहार होता है जिसमें अमीर गरीब का संदर्भ निरर्थक होता है।


मनुष्य के सुकर्मों के परिणाम के लिए उपहार स्वरुप मनुष्य को उसके जीवन में खुशियाँ प्राप्त होती है।


मनुष्य को दिया जाने वाला उपहार देने वाले के चरित्र व व्यवहार के रूप को प्रदर्शित करता है।


उपहार की महत्वपूर्णता देने वाले की नीयत में प्रदर्शित होती है।


किसी को प्यार से उपहार देना पुण्य कर्म ही होता है क्योंकि उपहार देकर दूसरे को खुशी दी जाती है और दूसरों को खुशी देना पुण्य कर्म ही है।


मनुष्य अगर किसी को दिल से अपनी मेहनत की कमाई से कुछ उपहार देता है तो कभी उसको छोटा नहीं समझना चाहिए और न ही उसका तिरस्कार करना चाहिए।


मनुष्य की महानता उपहार को प्रदर्शित करने में नहीं दिखती है बल्कि बिना मतलब और बिना दिखावटी रूप के प्यार से देने में होती है।


उपहार देने वाला महत्व रखता है ना कि उपहार छोटा या बड़ा, सस्ता या महंगा की महत्वपूर्णता होती है यह बस सांसारिक लोगों की पहचान कराती है।


मनुष्य किस रूप में किस भावना से उपहार देता है यह मायने रखता है जो हमेशा कई बार याद रखे जाते हैं।


उपहार की महत्ता उपहार देने वाले व उपहार प्राप्त करने वाले दोनों के हृदय की भावना पर निर्भर करती है।


उपहार के स्वरूप से ज्यादा उपहार देने वाले की भावना का महत्व होता है अगर वह हृदय की सच्चाई और अच्छाई से संबंधित होता है।


उपहार देकर किसी को खुशी देना ज्यादा अच्छा है बजाये इसके कि उपहार देकर यह दिखाना कि हमने दिया है, दिखावा करना व्यर्थ है। 


किसी मनुष्य द्वारा दिया गया उपहार तभी मायने रखता है जब उसे स्नेह से दिया गया हो भले उपहार कैसा भी हो।


ईश्वर द्वारा दिए गए मनुष्य में जन्मजात गुण उपहार स्वरूप ही होते हैं।


ईश्वर ने मनुष्य को जीवन रूप में सुंदर उपहार दिया है अगर उसे मनुष्य और खूबसूरत बना ले तो वह जीवन खुद के लिए उपहार स्वरूप है।


उपहार की मूल्यता हृदय की भावना से प्रेरित होती है।


मनुष्य जितनी खुशी से और प्यार  भावना से उपहार दे उसे उसी स्वरूप से लेने पर उपहार की मूल्यता बढ़ जाती है।


मनुष्य के लिए उसके जीवन में सच्चे मित्र उपहार स्वरूप होते हैं जो जीवन को सँवार देते हैं।


जीवन में मनुष्य के लिए मित्रता एक खूबसूरत उपहार होती है।


मनुष्य को प्राप्त स्वस्थ शरीर ईश्वर द्वारा दिया गया विशेष उपहार है जो मनुष्य को खुशहाली व सफलता प्राप्त करवाते हैं।


उपहार कह कर देने में उतना अच्छा नहीं लगता जितना बिना कहे प्यार से दिया जाए एक अलग ही खुशी बयां करता है।


दोस्तों के बीच अक्सर उपहार के रूप में प्यार बाँटा जाता है जो दिल को सुकून व खुशी देता है।


मनुष्य की भावना में अगर शीलता का गुण विद्यमान है तो वह एक प्यारा उपहार समान ही है।


किसी बेरोज़गार को काफी संघर्ष के बाद मिलने वाली नौकरी मूल्यवान उपहार स्वरूप होती है जो उसकी अथाह खुशी का कारण बनती है।


मनुष्य का जीवन और जीवन में सच्चा प्यार व समझ का सही व सच्चा रूप उपहार स्वरूप ही है।


मनुष्य को प्राप्त सच्चे स्वरूप की अच्छाई और आदर्श भरा उपहार श्रेष्ठतम होता है।


पक्षपात से दूर, भेदभाव से परे, प्यार व विश्वास स्वरूप एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य को दिया जाने उपहार सर्वोत्तम होता है।


उपहार भावना से जुड़ा वो प्यार है जो जीवन को खुशी देता है जिससे मन को सुकून की प्राप्ति होती है।


कोई मनुष्य अगर किसी के लिए अपना वक्त देता है तो उसका सम्मान करना समय के महत्व को दर्शाता है क्योंकि गया समय वापस नहीं आता और न इन्सान एक बार जाने के बाद पुनः वो स्वरूप नहीं दे पाते हैं इसलिए समय स्वरूप उपहार का मान रखना चाहिए।


सभी को मूलरूप से उपहार पसंद ही होते हैं और प्यार से दिए गए उपहार खुशी ही देते हैं।


एक मनुष्य के लिए उसका अच्छा परिवार उसके जीवन के लिए बहुमूल्य उपहार समान है।


हर मनुष्य में गुण अवगुण होते हैं और मनुष्य के व्यक्तित्व में गुण उपहार स्वरूप होते हैं जो जीवन को अलग रूप प्रदान करते हैं।


मनुष्य को प्राप्त ज़िन्दगी उपहार के समान ही है जिसको अपनी सुनहरी याद बनाना चाहिए और अपने जीवन को खूबसूरत बनाना चाहिए।


मनुष्य के जीवन में अगर आनंद, सफलता, खुशी है तो उपहार स्वरूप जीवन अमीर कहलाता है।


मनुष्य को प्राप्त सुख -समृद्धि -सफलता उसके जीवन की उपहारों में से खुशी के उपहार हैं।


हर पल, हर दिन अगर मनुष्य जीवित रहता है तो यह ईश्वर द्वारा दिया गया उपहार है अतः अपनी हंसी बरकरार रखनी चाहिए और अपने जीवन को खुशियों से भर लेना चाहिए क्योंकि खुशहाल जीवन ईश्वर की कृपा प्राप्ति का अहसास है।


मनुष्य को अगर जीवन स्वरूप उपहार मिला है तो उसे दूसरों की सहायता करने, अपने दायित्व का निर्वाह करने व अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में लगाना चाहिए।


उपहार की मूल अभिव्यक्ति उपहार की महत्वपूर्णता को मायने देती है।


मनुष्य की आत्मशक्ति सबसे बड़ा उपहार है जिसके ज़रिए मनुष्य अपना जीवन सफल बना लेता है और अपने जीवन की हर कठिनाइयों का सामना कर लेता है।


प्यार भरा जीवन स्वरूप उपहार जो मनुष्य को ईश्वर द्वारा मिला है बहुमूल्य ही होता है।


मनुष्य द्वारा दिया गया उपहार कभी पैसे के संदर्भ में सस्ता महंगा नहीं होता है बल्कि हर रूप से कीमती होता है।


विश्वास एक बहुत बड़ा उपहार है जो जीवन की नींव बनाए रखती है।


प्रतिदिन मनुष्य जीवन अनुभव करता है यह उपहार स्वरूप है जो जीवन में बदलाव को सहमति देता है।


मनुष्य अगर कठिन से कठिन परिस्थिति में भी आशा बनाए रखता है और हर स्थिति को सकारात्मक बना लेता है तो आशा ही मनुष्य के लिए प्यार भरा मूल्यवान उपहार बन जाता है।


जीवन में समय अमूल्य धन है जो प्रत्येक क्षण की उपयोगिता को दर्शाता है। समय जैसे मूल्यवान उपहार की कद्र करनी चाहिए।


ईश्वर की कृपा प्राप्ति और आशीर्वाद मनुष्य के लिए मूल्यवान उपहार ही है जो जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।


मनुष्य को अपने जीवन में परिवर्तन लाने के लिए अपने जीवन के उपहारों जैसे प्रतिभा व विश्वास को उपयोग में लाना चाहिए।


ईश्वर द्वारा मनुष्य को अनेक उपहार प्राप्त हैं जिनका मोल रखना चाहिए एवं ईश्वर का आभार मानना चाहिए कि ईश्वर द्वारा इतनी खूबसूरत जिंदगी के साथ-साथ अनेक गुण भी मिले एवम् मनुष्य को अनेक प्रतिभाओं से नवाज़ा गया है।

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