गुड़ी पड़वा पर निबंध शायरी 2024 | Gudi Padwa Essay Shayari In Hindi

Gudi Padwa Essay Shayari In Hindi: गुड़ी पड़वा 2024 महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व हैं.

गुड़ी पड़वा पर निबंध शायरी 2024 में आपके साथ छोटे बच्चों के लिए हिन्दू नव वर्ष के दिन मनाए जाने वाले उगादी पर्व पर छोटा बड़ा हिंदी भाषण व निबंध यहाँ उपलब्ध करवा रहे हैं.

गुड़ी पड़वा पर निबंध शायरी 2024 | Gudi Padwa Essay Shayari In Hindi

Essay On Gudi Padwa In Hindi : भारत को त्योहारों का देश कहा जाता हैं यहाँ महीनों के सभी 30 दिनों कोई न कोई पर्व व उत्सव अवश्य मनाया जाता हैं.

हिन्दू नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता हैं गुड़ी पड़वा का अर्थ विजय पताका होता हैं.

हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वाले इस त्योहार को भिन्न भिन्न तरीके से मनाते हैं. महाराष्ट्र में इस दिन गुड़ी का पूजन किया जाता हैं तथा इसे घर के दरवाजे पर लगाया जाता हैं.

ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन घर के द्वार पर गुड़ी अथवा आम के पत्तों के बंदनवार लटकाने से घर में सुख सम्रद्धि का वास होता हैं. इस दिन सभी घरों में मीठे पकवान बनाये जाते हैं तथा कुछ क्षेत्रो में लोग इस दिन सुबह नीम को कोपल भी खाते हैं.

यह एक कृषि पर्व भी हैं इस समय तक वंसत ऋतु का आगमन हो चुका होता हैं तथा पूरी प्रकृति में नयें पत्तों तथा फूलों की बहार आ जाती हैं.

हिन्दुओं में यह मान्यता हैं कि ब्रह्माजी ने इसी दिन को सृष्टि की रचना की थी. इस दिन भगवान् राम ने अयोध्या में राज्याभिषेक किया था तथा स्वामी दयानत सरस्वती ने भी आर्य समाज की स्थापना इसी दिन से की थी.

इस दिन लोग पारम्परिक वस्त्र धारण करते हैं तथा ईश्वर की प्रार्थना व मित्रों रिश्तेदारों को नव वर्ष के उपहार देने की परम्परा भी हैं. इस तरह से यह एक दावत का दिन भी माना जाता हैं.

गुड़ी पड़वा के अवसर पर लोग अपने घरों की साफ़ सफाई कर उन्हें स्वच्छ बनाते हैं तथा आंगन में रंगोली बनाई जाति हैं.

ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मदेव ने गुड़ीपड़वा के दिन ही सृष्टि के रचना की शुरुआत की थी. संवत्सर का पूजन, नवरात्र घटस्थापन, ध्वजारोपण के साथ इस दिन की शुरुआत होती हैं. शुक्ल प्रतिपदा का दिन चंद्रमा की कला का प्रथम दिवस माना जाता है.

गुड़ी पड़वा की सम्पूर्ण जानकारी | Gudi Padwa Information In Hindi

हिन्दू नव संवत्सरारम्भ & गुड़ी पड़वा महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार हैं. गुड़ी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ होता है जो चैत्र प्रतिपदा के दिन मनाया जाता हैं इसे उगादि (युगादि) भी कहा जाता हैं.

माना जाता हैं कि इस दिन शालिवाहन नामक एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं को पराजित किया था.

आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ग़ुड़ी पड़वा’ का त्योहार मनाया जाता हैं.इसी दिन से हिन्दू नववर्ष माना जाता हैं ब्रह्माजी ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण भी किया था.

इसी मान्यता के चलते देश भर में इसे अलग अलग तरीके से उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं. इस दिन लोग गुड़ी का पूजन कर घर के दरवाजे पर आम के पत्तों से बन्दनवार सजाया जाता हैं.

इस बन्दनवार को लगाने के पीछे यह मान्यता हैं कि ऐसा करने से घर में खुशियों का वास होता हैं. इस दिन मीठे पकवान खीर पुरिया तथा घी के व्यंजन बनाए जाते हैं. आंध्रा में इस दिन प्रसाद के रूप में पच्चड़ी घर घर बांटी जाती हैं.

कुछ स्थानों पर लोग सवेरे उठकर नीम की कोपल खाकर फिर गुड़ खाते हैं मान्यता के अनुसार ऐसा करने से जीवन की कड़वाहट मिठास में बदल जाती हैं.

महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के अवसर पर गुड़, नमक, नीम के फूल, इमली और कच्चा आम को मिलाकर मीठी रोटी बनाई जाती हैं तथा नीम के फूल कड़वाहट मिटाने गुड़ खाया जाता हैं. इमली व आम जीवन के खट्टे-मीठे स्वाद चखने का प्रतीक माने गये हैं.

भारत के इतिहास में गुड़ी पड़वा का अनूठा सम्बन्ध हैं. इस दिन सारे महत्वपूर्ण कार्य हुए जिनमें- ब्रह्माजी ने इस दिन ही सृष्टि की रचना की, भगवान् श्रीराम का राज्याभिषेक भी इसी दिन को हुआ था.

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माँ दुर्गा के नवरात्र की शुरुआत होती हैं. युधिष्‍ठिर संवत्, शालिवाहन शक संवत् तथा विक्रम संवत की शुरुआत गुड़ी पड़वा के दिन से हुई थी.

केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म भी इसी दिन हुआ था जिन्होंने आरएसएस की स्थापना की इसके अतिरिक्त संत झूलेलाल का प्रकट दिवस तथा आर्य समाज की स्थापना भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हुई थी.

उगादी या गुडी पडवा त्यौहार 2024 में कब है? (Ugadi or Gudi Padwa festival 2024 date)

गुड़ी पड़वा का उत्सव हर साल मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता हैं, वर्ष 2024 में यह त्योहार 9 अप्रैल को भारत भर में मनाया जाएगा. चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता हैं,

बसंत ऋतु के आगमन पर्व के रूप में यह हर्ष का उत्सव मनाया जाता हैं. आप सभी को उगादी & गुड़ी पड़वा त्योहार 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं.

सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने|
लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्.|

जिस तरह सूर्य रौशनी देता हैं पुष्प सुगंध देता हैं उसी तरह आप अपने ह्रदय में दया करुणा के भाव को बसाएं रखे हिन्दू नववर्ष 2024 आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो, हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं.

गुड़ी पड़वा की शायरी 2024 | Gudi Padwa Shayari In Hindi

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती हैं. हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वाले इसे नयें वर्ष के उत्सव के रूप में मनाते हैं.

यह भी मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी, भगवान् राम का राज्याभिषेक भी गुड़ी पड़वा के दिन हुआ था. महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा को धूमधाम से मनाया जाता हैं.

नए पत्ते आते है वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता हैं
हम यूं ही हैप्पी न्यू ईयर नहीं मनाते
हिन्दू धर्म में यह त्यौहार प्राकृतिक बदलाव से आते

आई है बहार, झूमे हम और तुम
पास आये, आनन्द और दूर जाए गम
कुदरत की लीला है आई
आपको तहे दिल से गुड़ी पड़वा बधाई

Happy Gudi Padwa 2024 Images, Wishes Greetings, SMS Messages: आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में नववर्ष के दिन को गुड़ी पड़वा व उगादी पर्व के रूप में मनाते हैं.

लोग इस दिन अपने घरों के आंगन पर आम के पत्तों की माला लटकाते हैं. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर हो जाती हैं.

एक खूबसूरती
एक ताजगी
एक सपना
एक सच्चाई
एक विश्वास
एक अहसास
यही है
एक नयें वर्ष की शुरुआत
हैप्पी गुड़ी पड़वा

हिन्दू शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इसी दिन से सत्ययुग का आरम्भ हुआ था. हिन्दू पंचांग का आरंभ भी गुड़ी पड़वा से आरम्भ होता हैं.

मान्यता हैं कि इसी दिन आदिशक्ति पृथ्वी पर प्रकट हुई थी. गुड़ी पड़वा 2024 के इस अवसर पर हमें अपने दोस्तों तथा रिश्तेदारों को अवश्य विश करना चाहिए.

अपनों को बधाईयाँ देते जाएं
घर के द्वार पर आम के पत्ते लगाए
सुख शांति आंगन में बरसाएं
मिल जुलकर गुड़ी पड़वा मनाएं

हर तरफ हो खु​शिया ही खुशिया
मीठी पोरन-पोली और गुजिया ही गुजिया
द्वारे सजे सदुर रग की सौगात
आसमां मे सारो ओर पतगो की बारात
सभी का शुभ हो नववर्ष हजारों बार

नूतन पात आते है पेड़ हर्ष से झूम जाते है
ऐसे मौसम मे ही तो नया आगाज होता है
हम यूही हैप्पी न्यू ईयर नही मनाते
हिंदुत्व मे यह त्यौहार प्राकृतिक परिवर्तन से आते

पिछली यादें गठरी मे बाधकर
करें नववर्ष का इतजार
लाये खुशियों की बारात
ऐसी हो गुड़ी पड़वा पर नववर्ष आगाज

पुराने लम्हे अब यादो का हिस्सा है
आगे खुशियो का नया देवदूत है
भुजा फैलाये करो नए साल का आगमन
आया है आया गुड़ी का त्यौहार

तुला गणेशजीने आशीर्वादित केले आहे
सरस्वती पासून विद्या मेल
दौलत मिल लक्ष्मी
आनंदाने
सर्व प्रेम
तुझी इच्छा असेल
आनंदी गुढी पाडवा


पॅंट वर ठेवा
सुमारे गोड डिश
बहारने गोड शब्द केले,
सर्वांना स्वागत आहे
चला हिंदू नववर्ष 2024 साजरा करूया


नवीन पाने झाडांवर सजवणे
आनंदाचा स्वभाव मागे
अशा गुढीचा उत्सव आहे
नवीन वर्ष हंगामात स्वतःला सन्मानित करतो

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