स्वास्थ्य पर सुविचार अनमोल वचन नारे | Health Quotes In Hindi

Health Quotes In Hindi (स्वास्थ्य सुविचार) : हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी कहा गया है पहला सुख निरोगी काया (health quotes in hindi). आज हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद नजर आता हैं. रोग स्वास्थ्य के दुश्मन होते हैं.

जागरूकता के अभाव में लोग सेहत पर कम ही ध्यान दे पाते थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी इस दिशा में पहल की जा रही हैं. 7 अप्रैल को हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता हैं.

जब समाज व देश के लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी वह देश प्रगति कर सकेगा. इसलिए हमें नशे जैसे स्वास्थ्य की दुश्मन आदतों को न अपनाते हुए आओ स्वस्थ भारत का सपना साकार करते हैं.

आज हम स्वास्थ्य पर सुविचार (Health Quotes) नारे, स्लोगन में जानेगे कि दार्शनिकों का स्वास्थ्य के सम्बन्ध में क्या थोट्स है तथा हेल्थ का महत्व क्या हैं.

स्वास्थ्य पर सुविचार अनमोल वचन नारे | Health Quotes In Hindi

स्वास्थ्य पर सुविचार अनमोल वचन नारे Health Quotes In Hindi

1#. शारीरिक या मानसिक अस्वास्थ्य ही जीवन की पराजय हैं न केवल स्वास्थ्य विजय हैं.


2#. समस्त सुख का आधार स्वास्थ्य हैं. healthy life quotes


3#. जिसके पास स्वास्थ्य है उसके पास आशा है, जिसके पास आशा है उसके पास सब कुछ हैं.


4#. एक स्वस्थ मस्तिष्क एक स्वस्थ शरीर में होता हैं.


5#. स्वास्थ्य और मुदिता परस्पर एक दूसरे को प्राप्त करते हैं. health tips in hindi


6#. प्रथम सम्पति स्वास्थ्य हैं.


7#. पहला सुख जो निर्मल काया. short health quotes


8#. स्वास्थ्य का स्थान श्रम हैं, कठिन श्रम के अतिरिक्त स्वास्थ्य का अन्य कोई राजमार्ग नही हैं.


9#. कभी कभी बीमार होना स्वास्थ्य का लक्षण हैं. slogan on health in hindi


10#. हमारे भीतर निहित प्राकृतिक शक्तियाँ ही रोगों की सच्ची औषधियां हैं. healthcare quotes


11#. स्वास्थ्य के बारे में किताबों पर अधिक विश्वास ना करे, एक गलती वाला प्रिंट भी जानलेवा हो सकता हैं.


12#. जीवन के 20 वर्ष की अवस्था में इन्सान का जो चेहरा होता है वो ईश्वर की देन है ३० साल की आयु में चेहरा जिन्दगी के उतार चढाव का नतीजा है तथा पचास साल की आयु में चेहरा अपने जीवन की समस्त कमाई का हैं.


13#. जब तक व्यक्ति बिमारी का शिकार नही होता है उसे स्वास्थ्य के महत्व का पता नही चलता हैं.


14#. जिनके पास हेल्थ है उसके पास होप है तथा जीवन में जिसके पास होप है उसके पास सब कुछ हैं.


15#. रात को जल्दी सोना और सवेरे जल्दी उठना इन्सान को बुद्धिमान धनी व स्वस्थ बना देता हैं.


16#. स्वास्थ्य वो संपदा है जिसे संसार की समस्त पूंजी देकर भी खरीदा नही जा सकता हैं.


17#. ख़ुशी आत्मा का स्वास्थ हैं और चिंता उसका जहर.


18#. व्यक्ति को लम्बी आयु तक जीना है तो उन्हें स्वास्थ्य की देखभाल करनी होगी.

स्वास्थ्य पर सुविचार

मनुष्य का अनमोल धन उसका स्वास्थ्य ही होता है। स्वास्थ्य सही होगा तो ही मनुष्य धन कमा सकता है।


स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है और स्वस्थ विचारों की अनुभूति हो सकती है।


ईश्वर द्वारा दिया गया आशीर्वाद मनुष्य का स्वस्थ शरीर है।


मनुष्य की संपन्नता उसकी धन-संपत्ति से ज्यादा मनुष्य के स्वस्थ शरीर से दर्शित होती है।


मनुष्य को अपने जीवन में सुख, शांति, धन, समृद्धि, सफलता पाने के लिए शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है।


एक स्वस्थ शरीर ही सफलता प्राप्ति के लिए प्रयासरत रह सकता है। अपने निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है।


मनुष्य अपने शरीर को स्वस्थ स्वयं के द्वारा ही रख सकता है जिसे किसी से प्राप्त नहीं किया जा सकता है।


स्वस्थ शरीर ही सक्रिय होता है और स्वस्थ मन में गुणों की वृद्धि कर सकता है।


मनुष्य को स्वास्थ्य शरीर को प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, आशा जगाई रखनी पड़ती है, प्रयासरत रहना पड़ता है।


सुख की प्राप्ति के लिए शरीर का स्वस्थ होना ज़रूरी है क्योंकि स्वस्थ शरीर ही वास्तविक रूप से सुख प्राप्त कर सकता है।


स्वस्थ शरीर मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि है जो मनुष्य को उसके अनेक ध्येय पूरे करने में मदद करती है।


मनुष्य को पहले अपने मन को स्वस्थ रखना चाहिए जो सकारात्मक विचारों और अच्छी सोच से संभव है। अगर मन स्वस्थ होगा तो शरीर को स्वस्थ आराम से किया जा सकता है। 


मनुष्य का शरीर स्वस्थ तभी रहेगा जब मनुष्य स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहेगा और अपने सकारात्मक विचारों से प्रयासरत रहेगा।


मनुष्य अपने कार्य की सफलता तभी प्राप्त कर सकता है जब मनुष्य अपने शरीर को स्वस्थ रखेगा क्योंकि मनुष्य का शरीर स्वस्थ होगा तभी वह कार्य को सही रूप से पूर्ण कर पायेगा।


मनुष्य को जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपना स्वास्थ्य सही रखना पड़ेगा। स्वस्थ शरीर ही अपने उद्देश्य को पूरा कर सकता है।


मनुष्य चाहे कितनी भी शौहरत पा ले, नाम कमा ले, पैसा बनाने ले सब निरर्थक हो जाता है अगर शरीर स्वस्थ नहीं है, वह उनका उपयोग नहीं कर पाता है।


मनुष्य स्वास्थ्य सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं है मनुष्य का मन मस्तिष्क स्वस्थ होना चाहिए तभी मनुष्य सफलता प्राप्त कर सफल कहलाता है।


मनुष्य अगर अपने जीवन में अपने स्वास्थ्य की मूल्यता समझ पाता है व समय का मोल जानता हो तो धन-संपत्ति, सुख समृद्धि से जीवन कभी दूर नहीं हो सकता है।


मनुष्य अपने जीवन में कई निर्णय लेता है लेकिन उन्हें पूर्ण करने के लिए मनुष्य को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना ज़रूरी है। बिना स्वस्थ मन व शरीर के निर्णय की पूर्णता कारगर नहीं हो पाती है।


स्वास्थ्य से बड़ी कोई औषधि नहीं जो मनुष्य को सफल बनाती है और उसके लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होती है।


शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए वक्त का मोल समझकर अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना पड़ता है। जीवन दिनचर्या में सही नियमों का पालन करना पड़ता है और खान-पान का ध्यान रखना पड़ता है।


मनुष्य के स्वास्थ्य की डोर मनुष्य की प्रगति से जुड़ी होती है क्योंकि मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी प्रगति की ओर बढ़ा जा सकता है।


मनुष्य को अपने स्वास्थ्य के प्रति अहमियत वक्त रहते समझ जानी चाहिए क्योंकि समय एक जैसा नहीं रहता है समय बीत जाने पर तो सामान्य बीमारी भी गंभीर रूप धारण कर लेती है।


मनुष्य को अपने जीवन में बुरी सोच, बुरी आदतों को अपनाने से बचना चाहिए वरना मनुष्य मानसिक के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त नहीं कर पाता है।


मनुष्य को अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य सही होगा तभी मनुष्य अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत, कोशिश, लगन, समर्पण, ध्यान कर पायेगा।


मनुष्य की जीवन पूंँजी उसका स्वास्थ्य है जो ईश्वर द्वारा दी ज़िन्दगी के लिए वरदान स्वरुप है। स्वस्थ शरीर खुशहाल शरीर होता है।


जो मनुष्य बीमारी से ग्रस्त पल पल दुख दर्द भोगता है उससे ज्यादा स्वास्थ्य की अहमियत कौन जा सकता है जो अपने बीमार शरीर से पल-पल लड़ता है कि ठीक हो जाये।


अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के तहत व्यायाम, योगा अहम् भूमिका निभाते हैं।


मनुष्य सकारात्मक सोच के साथ ध्यान करे तो मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है।


मनुष्य के स्वास्थ्य से बढ़कर क्या हो सकता है क्योंकि प्रत्येक कार्य करने के लिए मनुष्य का स्वस्थ होना ज़रूरी है।


मनुष्य कई कार्य उम्मीद के भरोसे पूरे कर लेता है और उम्मीद पर खरे उतरने के लिए मनुष्य का शरीर व मन स्वस्थ होना चाहिए।


मनुष्य को अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है और स्वयं के शरीर की देखभाल करना भी दायित्व स्वरूप है। 


मनुष्य को अक्सर ऐसे लोगों, बातों, कार्यों के प्रति निकटता रखनी चाहिए जो खुशी देते हैं।


मनुष्य को अगर स्वस्थ रहना है तो अपनी दिनचर्या में मुस्कुराहट को अपनाना चाहिए।


जब तक मनुष्य ठीक रहता है स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाता है और अहमियत तब पता चलती है जब बीमार हो जाता है इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही स्वयं के लिए ही अहितकारी है।


मनुष्य का स्वास्थ्य पूर्ण रूप से स्वस्थ तभी माना जाता है जब मनुष्य मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ हो।


मनुष्य को अगर अपना जीवन सुख, समृद्धि, सम्पन्नता, खुशी, सफलतापूर्वक बिताना है तो मनुष्य को स्वस्थ होना पड़ेगा।


समाज लोगों से बनता है और अगर समाज स्वस्थ रहेगा तो देश का उद्धार होगा। समाज में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना ही स्वास्थ्य की ओर बढ़ने का मार्ग है जो समाज के स्वास्थ्य से जुड़ा है।


बुरी सोच, बुरी आदतें, बुरे विचारों, गंदगी से कभी मनुष्य स्वस्थ नहीं हो सकता है।


स्वस्थ जीवन ईश्वर द्वारा दिया गया अमूल्य तोहफा है।


मनुष्य का स्वास्थ्य अगर अच्छा होगा तो मनुष्य के आंतरिक मन में आशा की ज्योति जगेगी।


एक स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन मनुष्य में आत्मविश्वास व मन की शांति विकसित करते हैं।


खुशी धन से प्राप्त होती है यह मिथ्या कथन समान है क्योंकि खुशी तो मनुष्य के स्वास्थ्य पर निर्भर होती है।


मनुष्य को अगर अपना जीवन सुनहरा बनाना है तो अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने की कोशिश करनी चाहिए तभी स्वस्थ शरीर के माध्यम से जीवन की खुशहाली प्राप्त कर सकता है।


मनुष्य को अगर संसार में जीवित रहना है और लंबे समय तक अपना जीवन सफलतापूर्वक बिताना है तो स्वस्थ रहना पड़ेगा।


मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा होगा तो ईश्वरीय वंदना स्वस्थ मन से होगी और स्वस्थ आस्था स्वस्थ मन ही कर सकता है। स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन में ईश्वर का निवास होता है।


एक संतुष्ट व स्वस्थ शरीर ही संपन्न व खुशहाल व्यक्तित्व का स्वामी होता है।


मनुष्य को अपने स्वास्थ्य के प्रति इतना लापरवाह नहीं होना चाहिए कि धन की प्राप्ति की इच्छा में अपने स्वास्थ्य को दाँव पर लगा दे क्योंकि धन दुबारा प्राप्त किया जा सकता है लेकिन अगर शरीर अधिक बीमार पड़ गया तो पुनः सक्रिय स्वस्थ शरीर प्राप्त नहीं हो पाता है।


समय एक सा नहीं रहता है, ना ही गया समय वापस लौटकर आता है और ना ही उम्र का पड़ाव वापिस आता है अतः अपने स्वास्थ्य को समय के साथ ठीक रखना चाहिए।


स्वस्थ शरीर ही भविष्य की ज्योति स्वस्थ रूप से जला सकता है। इतिहास रचने की क्षमता के लिए शरीर और मन का स्वस्थ होना ज़रूरी है।

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