बीमा क्या है परिभाषा इसके प्रकार विशेषताएं और उपयोगिता | What Is Insurance Definition Type Characteristics And Utility In Hindi

बीमा क्या है परिभाषा इसके प्रकार विशेषताएं उपयोगिता What Is Insurance Definition Type Characteristics And Utility In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में हम जानेगे कि बीमा क्या होता है अर्थ परिभाषा आवश्यकता महत्व प्रकार लाभ हानि और जीवन बीमा क्या है. विभिन्न लाभ योजनाएं और जीवन बीमा के बारे में हिंदी में जानेगे.

Insurance In Hindi बीमा क्या है परिभाषा प्रकार विशेषताएं उपयोगिता

बीमा क्या है परिभाषा इसके प्रकार विशेषताएं और उपयोगिता | What Is Insurance Definition Type Characteristics And Utility In Hindi

प्राचीनकाल से ही भारत में मानव के जोखिम की रक्षा हेतु अनेक प्रकार के प्रयास किये जाते रहे है. राजा महाराजाओं व बड़े व्यवसायी भी अपने यहाँ कार्य करने वाले क्रमिकों की सुरक्षा हेतु अनेक उपाय करते थे.

उनके कार्य के दौरान अपाहिज मृत्यु व बुजुर्ग अवस्था होने पर उनके परिवार के पालन पोषण तथा उनके परिवारजनों को नियुक्त व आर्थिक संबल प्रदान करते थे.

अतः मनुष्य उस काल में अपने भविष्य की घटनाओं से सुरक्षा महसूस करता था.तथा पूर्ण मनोयोग के साथ कार्य करता था.

बीमा की आवश्यकता (Why do we need insurance?)- प्रत्येक व्यक्ति स्वाभाविक रुप से सुख सम्रद्धि सम्पन्नता तथा सुरक्षा चाहता है. यह विपति दुःख एवं आपदाओं से सुरक्षा चाहता है.

अतः वह इन संकटो को कम करने के लिए या समाप्त करने का प्रयत्न करता है. किन्तु उनके प्रयास यह घटनाओ के सामने निष्फल हो जाते है. इसे विभिन्न आपदाओं के कारण सामान्य से गंभीर नुकसान उठाना पड़ जाता है.

परिवार के मुखिया या कमाऊ व्यक्ति की असामाजिक मृत्यु हो जाने पर आश्रितों को दूकान या गोदाम में आग लग जाने पर जहाज डूब जाने या चोरी हो जाने पर व्यापारी को आर्थिक हानि उठानी पडती है.

तात्पर्य यह है कि सम्पूर्ण मानव जीवन व वातावरण अनिश्चिन्ताओं व जोखिमों से भरा पड़ा है. इन्ही जोखिमों से सुरक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता ने ही बीमा को जन्म दिया है.

बीमा की परिभाषा (definition of insurance in hindi)

विभिन्न विद्वानों द्वारा बीमा की जो परिभाषाएं दी गई है उनमे से कुछ इस प्रकार है. सर विलियम बेवरिज के अनुसार बीमा जोखिमों के सामूहिक वहन को कहते है.

न्यायमूर्ति टिंडल के अनुसार बीमा एक अनुबंध है जिसके अंतर्गत बीमित बीमाकर्ता को एक निश्चित अंशदान एक निश्चित घटना के घटित होने की जोखिम उठाने के प्रतिफल का रूप देता है.

विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई इन परिभाषाओं के अध्ययन के बाद यह स्पष्ट होता है कि बीमा (insurance) एक अनुबंध है, जिसमे बीमाकर्ता एक निश्चित प्रतिफल के बदले बीमित को किन्ही पूर्व निर्धारित कारणों से हानि होने पर एक निश्चित धनराशि देने का वचन देता है.

बीमा की विशेषताएं (Characteristics of insurance)

विभिन्न विद्वानों ने बीमा की दी गई परिभाषाओं के आधार पर निम्नलिखित विशेषताएं बताई है.

  • बीमा एक अनुबंध है-बीमा एक अनुबंध है, जिसमे बीमाकर्ता एक निश्चित प्रतिफल के बदले बीमित को किन्ही पूर्व निर्धारित कारणों से हानि होने पर क्षतिपूर्ति करने या एक निश्चित धनराशी का भुगतान करने का वचन देता है. इसमे दो पक्षकार होते है. बीमाकर्ता एवं बीमित.
  • क्षतिपूर्ति का साधन- बीमा संकटो से होने वाली आर्थिक हानि का प्रतिकार करने का एक प्रभावी साधन है. अर्थात बीमा क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करने का श्रेष्ट उपाय है. जीवन बीमा पर यह क्षतिपूर्ति का सिद्धांत लागू नही होता है. क्योकिं जीवन का मूल्य मौद्रिक रूप में नही आँका जा सकता है.और उसकी क्षतिपूर्ति भी नही की जा सकती है.
  • निश्चित सिद्धांतो पर आधारित- बीमा करते समय कुछ निश्चित सिद्धांतो को अपनाया जाता है, जिनमे परम सद्विश्वास का सिद्धांत, बीमा योग्य हित का सिद्धांत, सहकारिता का सिद्धांत, आश्वासन का सिद्धांत एवं अशदान का सिद्धांत मुख्य है.
  • शुद्ध जोखिमों के लिए बीमा- बीमा शुद्ध जोखिमों का ही कराया जा सकता है. अर्थात शुद्ध जोखिमों से तात्पर्य उन जोखिमों से है, जिनसे केवल हानि होने की सम्भावना होती है लाभ की नही. जैसे मृत्यु, दुर्घटना, अग्नि से उत्पन्न होने वाली हानि इत्यादि.
  • सहकारिता की भावना- बीमा में सब एक के लिए तथा एक सब के लिए की भावना निहितार्थ होती है. यह व्यक्तियों के पारस्परिक सहयोग व विश्वास पर आधारित है.
  • विज्ञान एवं कला- बीमा में संभावितता सिद्धांत के आधार पर हानि के कारण एवं प्रभावों का अनेक गणितीय विधियों एवं सांखियिकी सूत्रों की सहायता से अंशराशि/ प्रीमियम का निर्धारण किया जाता है. अतः यह एक विज्ञानं है लोगों को जागरूक बनाकर बीमा के प्रति आकर्षित करने एवं संभावित हानि को किस व्यक्तिगत चातुर्यता से न्यूनतम किया जा सके, की प्रबंध प्रणाली के कारण बीमा एक कला भी है.
  • बीमा जुआ और दान से पृथक- बीमा एक क्षतिपूर्ति की व्यवस्था है जिसमें लाभ नही होता है जबकि जुआ में लाभ के अवसर विद्यमान रहते है. बीमा जोखिम से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए कराया जाता है. जबकि जुए में लाभ और हानि का तत्व विद्यमान रहता है. बीमाकर्ता बीमित को जो राशि देता है वह कोई दान के रूप में नही देता है, जबकि बिमित द्वारा चुकाए गये अंशदान के बदले में देता है. अतः यह कोई दान नही है.
  • घटना के घटित होने पर भुगतान- बीमा में सामान्यतया एक निश्चित अवधि या घटना के घटित होने के पश्चात बीमित व्यक्ति या उसके उतराधिकारियों या नामित व्यक्ति को एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है. जीवन बीमा में जीवन की परिपक्वता या मृत्यु की स्थति पर तथा अग्नि एवं सामुद्रिक बीमा में बीमित घटना के कारण नुकसान होने पर ही भुगतान किया जाता है.
  • बीमा एक प्रक्रिया है- बीमा ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत बीमा कम्पनी ऐसें कदम उठाती है, जिससे निश्चिन्ता स्थापित की जा सके. इसलिए ही बीमा को अनिश्चिन्ताओं के स्थान पर निश्चिंतता स्थापित करने की प्रक्रिया कहा गया है.
  • बचत की भावना- बीमा करवाने पर व्यक्ति को समयानुसार व्यक्ति को प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. जिससे व्यक्ति में बचत की भावना का विकास होता है.
  • विभिन्न तत्वों का समावेश- बीमा में कई तरह के तत्व निहित होते है, जैसे बीमाकर्ता, बीमित, बीमा पालिसी या शर्ते, प्रीमियम आदि.
  • विस्तृत क्षेत्र- बीमा का क्षेत्र बहुत विस्तृत है इसमे मुख्यतया जीवन बीमा, अग्नि बीमा, दुर्घटना बीमा, सामुद्रिक बीमा, कृषि बीमा, पशु बीमा, चिकित्सा बीमा, चोरी बीमा आदि सम्मलित है.

बीमा की उपयोगिता (Insurance utility And benefits in Hindi)

जीवन में जितनी अधिक अनिश्चिंताएं एवं जोखिम है, बीमा का महत्व उतना ही अधिक हो जाता है. आज समाज के सभी वर्गों के लिए बीमा एक अनिवार्य आवश्यकता है.

भारत सरकार ने आम जनता के लिए बहुत कम प्रीमियम पर बीमा सुविधा प्रदान की गई है. बीमा की उपादेयता/लाभ का निम्न दृष्टिकोण से अध्ययन कर सकते है.

व्यक्तिगत एवं पारिवारिक दृष्टि से बीमा की उपयोगिता

  • जोखिमों से आर्थिक सुरक्षा
  • बचत एवं विनियोग की भावना का विकास
  • कार्यक्षमता में वृद्धि
  • भविष्य की आवश्यकताओं का नियोजन
  • करों में छुट
  • सामाजिक सुरक्षा की उपलब्धता

व्यावसायिक एवं आर्थिक दृष्टि से

  • जोखिमों से सुरक्षा
  • पूंजी व साख की सुविधा
  • अनुसन्धान व नव प्रवर्तन को प्रोत्साहन
  • विदेशी व्यापार को प्रोत्साहन
  • आर्थिक स्थायित्व

सामाजिक दृष्टि से उपयोगिता

  • पारिवारिक जीवन में स्थिरता एवं खुशहाली
  • जोखिम का विभाजन
  • रोजगार के अवसरों में वृद्धि
  • शिक्षा को बढ़ावा
  • करों में छुट
  • आधरभूत सुविधाओं के विस्तार में योगदान

राष्ट्रीय दृष्टि से उपयोगिता

  • राष्ट्रीय बचत में वृद्धि
  • विदेशी व्यापार में सहायक
  • कर्मचारी कल्याण में वृद्धि
  • मुद्रास्फीति में वृद्धि
  • राष्ट्रीय आय में वृद्धि
  • पूंजी का अनुकूलतम उपयोग

बीमा के प्रकार (types of insurance in india in hindi)

आधुनिक समय में बीमा का क्षेत्र बहुत विस्तृत है. जोखिम से सम्बन्धित सभी क्षेत्रों में बीमा करवाया जा सकता है. भारत एक विकासशील देश है तथा विकसित होने की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा है.

जो देश जितना अधिक विकसित है. वहां उतने ही अधिक बीमा के प्रकार प्रचलन में है. बीमा की प्रकृति के आधार पर बीमा को निम्न भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है.

  • जीवन बीमा
  • अग्नि बीमा
  • समुद्री बीमा
  • सामाजिक बीमा
  • विविध बीमा

जीवन बीमा के प्रकार, लाभ, पालिसी What Is Insurance And Life Insurance In Hindi

आपने अक्सर बीमा या insurance के बारे में सुना होगा. अगर आप जानना चाहते है की बीमा क्या है, बीमा कैसे होता है, बीमा के प्रकार क्या है, जीवन बीमा क्या है, जीवन बीमा के लाभ क्या है,

जीवन बीमा की पालिसी क्या है तो आप सही जगह पर आये है. आज की इस पोस्ट में, में आपको बीमा के बारे में सब कुछ बताऊंगा जो आप जानना चाहते है.

आपने अक्सर सुना होगा की लोग अपने जीवन का बीमा या insurance करवाते है, इसकी किश्ते भरते है, गाड़ियों का बीमा कराते है. आजकल तो मोबाइल फ़ोन का भी insurance होता है.

आज हम जानेंगे की आखिर यह बीमा या insurance क्या (what is insurance) है और इसे कराने के क्या फायदे है.

अगर सरल भाषा में समझे तो बीमा का मतलब आपको होने वाली हानि के बदले मुहावजे की गारंटी है अर्थात अगर insurance में बीमा कम्पनी आपको होने वाले नुकसान, बीमारी, दुर्घटना या मृत्यु में आपको मुहावजा देने की गारंटी देती है.

आज के टाइम में insurance या बीमा सबके लिए बहुत जरुरी है. आज के इस कलयुग के दौर में किसको, कब क्या हो जाये कुछ कह नहीं सकते है.

ऐसे में बीमा आपको सुरक्षा और मुहावजे की गारंटी देता है. ऐसा कह दो यह हमारे लिए एक Backup Plan है जो हमारे रहते हमारी और हमारे बाद हमारे परिवार की सुरक्षा करता है.

जीवन बीमा क्या है What Is Life Insurance

जीवन बीमा के अंतर्गत पालिसी देने वाली कम्पनी को हर महीने या साल में एक निश्चित रकम का भुगतान करना होता है. इस बीमा के अंतर्गत व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद उसके परिवार को पालिसी के नियम और शर्तों के अनुसार पैसे दिए जाते है.

यह पालिसी लोग अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कराते है. जीवन का कभी कोई भरोसा नहीं है. किस पल मौत आ जाये कुछ कह नहीं सकते.

हर आदमी चाहता है की मेरे जीते जी और मेरे मरने के बाद भी मेरे परिवार को किसी तरह की समस्या नहीं आये. इसलिए लोग जीवन बीमा या Life insurance कराते है ताकि व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार को पैसे मिल सके.

जीवन बीमा क्यों जरुरी है Why is Importent Life Insurance
  • जीवन बीमा या life insurance इसलिए कराया जाता है ताकि आपके जाने के बाद आपके परिवार को कुछ आर्थिक मदद मिल सके जिससे आपके परिवार को गुजारा करने में मदद हो सके और आपके बच्चों की शिक्षा भी अच्छे से हो सके.
  • यह Future के लिए भी एक Benifit है ताकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको घर बैठे पैसे मिले.
  • इसके अलावा भी कोई दुर्घटना हो जाए तो भी जीवन बीमा या Life insurance बहुत जरुरी होता है.

कितना जीवन बीमा जरुरी है

यह आप इस हिसाब से देख सकते है की आप पर कितने लोग आश्रित है, आपके पैसों का निवेश, बच्चों की जरुरी शिक्षा, परिवार का आराम से गुजारा, कोई लोन ले रखा है तो उसकी राशी आदि के हिसाब से जीवन बीमा कराया जाता है.

जीवन बीमा पालिसी क्या है? What Is Life Insurance Policy

जीवन बीमा पालिसी या Life insurance Policy एक कॉन्ट्रैक्ट है जो कम्पनी और पालिसीधारक के बीच सम्बध को दर्शाता है.

प्रीमियम क्या है? What Is Premium

प्रीमियम एक राशी है जो आप जीवन बीमा पालिसी के अंतर्गत पालिसी देने वाली कम्पनी को देते है.

पालिसी लेने से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए

पालिसी लेने से पहले आपको पालिसी की शर्तें देख लेनी चाहिए. कितने टाइम का बीमा करा रहे है, उनके Return की क्या गारंटी है,

अगर बीमा बीच में छोड़ रहे है तो पैसे वापिस मिलने की क्या शर्ते है यानी कुल-मिलाकर आपको कम्पनी की शर्तें (Term And Condition) देखनी है.

पालिसी पर क्लेम कब कर सकते है

जब आपकी पालिसी की आख्रित तारीख आ जाती है तब आप जरुरी Document दिखाकर क्लेम कर सकते है, अगर बीच में आपकी मौत हो जाती है तो आपके नॉमिनी को जरुरी Document दिखा देने के बाद राशि दे दी जाती है.

बीमा से सम्बन्धित महत्वपूर्ण शब्दावली (Important Terminology Related to Insurance)

  • बीमाकर्ता- वह व्यक्ति या संस्था जो बीमित को अंशदान स्वीकार कर जोखिम से होने वाली क्षतिपूर्ति का वचन देता है.
  • बीमित- वह व्यक्ति जो बीमाकर्ता को अंशदान प्रीमियम का भुगतान कर बीमा की विषयवस्तु को जोखिम होने पर वचन प्राप्त करता है तथा क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार रखता है.
  • बीमा की विषयवस्तु- जिस सम्पति या जीवन का बीमा किया जाता है, वह बीमा की विषयवस्तु कहलाता है.
  • बीमा राशि- बीमा अनुबंध द्वारा निर्धारित वह अधिकतम राशि जो बीमाकृत घटना के घटित होने पर या निर्धारित अवधि के समाप्त होने पर बिमीत या उसके उतराधिकारी को क्षतिपूर्ति के रूप में प्राप्त की जानी है.
  • प्रिमियम- बीमित द्वारा बीमाकर्ता को दिया जाने वाला अंशदान जिसके बदले उसे हानि से सुरक्षा वचन मिलता है प्रीमियम या अंशदान कहलाता है.

गैस सिलेंडर का बीमा Right To Insurance With Gas Cylinder In Hindi

आज व्ही खबर आपके बीच में है. लेकिन यह सच है की जो भी व्यक्ति गैस सिलेंडर का कनेक्शन लेता है उसे साथ में 40-50 लाख तक का बीमा मिलता है.

आजकल हर चीज का बीमा होता है. चाहे वो मोबाइल हो, या लाइफ इंश्योरेंस, घर, गाड़ी सब का बीमा होता है. ऐसे में जीवन का बीमा सबसे महत्वपूर्ण है.

जिंदगी का कुछ कह नहीं सकते, कब खत्म हो जाए. आये दिन अखबारों में आता रहता है की गैस सिलेंडर के फटने से लोगों की मौत हो गई, ऐसे में आप भी बीमा राशी क्लेम करने के हकदार होते है.

कैसे होता है बीमा? How Is Insurance

जब आप किसी अधिकृत LPG डीलर से कोई सिलेंडर लेते है तो उसके साथ ही आप 40 से 50 लाख तक के बामा के हकदार होते है. किसी भी तरह के रिस्क की श्रेणी में आपकी गलती नहीं होती है.

कई बार गैस भरते समय या सिलेंडर को सही तरीके से सील नहीं करने के कारण दुर्घटना हो जाती है, ऐसे में आप बीमा राशी पाने के हकदार होते है.

इसमें ग्राहकों से कोई प्रीमियम राशि नहीं ली जाती है. कम्पनियां Third Party इश्योरेंस लेती है और दुर्घटना होने पर हम इस राशि को पाने के हकदार होते है, लेकिन जानकारी के आभाव में हम कभी ऐसा करते ही नहीं है. आज हम आपको बताएँगे की अगर कहीं ऐसा होता है रोई कैसे क्लेम कर सकते है.

कैसे करे बीमा राशि के लिए क्लेम? How To Claim

सबसे पहले तो दुर्घटना की जानकारी पुलिस स्टेशन में देनी होती है. उस्के बाद कुछ दिनों के अंदर ही आपको गैस विक्रेता को लिखित में सुचना देनी होगी.

जिसके बाद विक्रेता, बीमा कम्पनी को बताएगा. अगर दुर्घटना में मौत हो जाती है तो अदालत में बताना पड़ता है. अदालत पीड़ित की उम्र, वेतन और अन्य शर्तों के अनुसार राशी का निर्धारण करता है.

यह नियम याद रखें

  • ISI प्रमाणित लाइटर, गैस पाइप आदि का उपयोग करें.
  • गैस डीलर से सारे नियम जांच ले.
  • गैस पाइप अगर काफी पुराना हो गया है तो उसे बदल दे.

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