ज्ञान पर सुविचार अनमोल वचन | Knowledge Quotes In Hindi

ज्ञान पर सुविचार अनमोल वचन | Knowledge Quotes In Hindi : ज्ञान ही बंद दिमाग के पटल खोलता है और वास्तविकता से परिचय कराता है. ज्ञान की अनुभूति के कारण ही हम समझ पाते है हम कौन किसके क्या क्यों आदि.

व्यक्ति जीवन में सम्रद्धि की कामना करता है तो उसके पास ज्ञान का भंडार होना नितांत आवश्यक हैं. ज्ञान के बल पर कोई भी व्यक्ति महाशक्तियों को परास्त करने का साहस रखता हैं.

आज हम ज्ञान पर सुविचार (Knowledge Quotes Hindi) में ज्ञान उद्धरण के दार्शनिकों के कुछ थोट्स पढ़ेगे.

ज्ञान पर सुविचार अनमोल वचन | Knowledge Quotes In Hindi

एक राजा का सम्मान केवल उसके राज्य की सीमा में होता है, एक विद्वान् को हर जगह सम्मानित किया जाता हैं. ज्ञान एक बड़ी सम्पति है,

इसकों न तो रिश्तेदार बाँट सकते है अथवा चोरों द्वारा चुराई भी नही जा सकती. अन्य लोगों को दान देने के बाद भी ज्यों की त्यों बनी रहती हैं.


ज्ञान के समान कोई खजाना नही हैं.


अपने अज्ञान का ज्ञान, ज्ञान का सर्वाधिक श्रेष्ठ अंश हैं.


प्रत्येक ज्ञानी से ज्ञान प्राप्त करो, भले ही वह बालक को.


जिस प्रकार प्रकाश के अभाव में वस्तुओं का बोध असम्भव हैं, उसी प्रकार ज्ञान की प्राप्ति की जिज्ञासा के अतिरिक्त अन्य किसी स्रोत से प्राप्त नहीं हो सकती हैं.


प्रार्थना करो, ऐ मेरे मालिक, ज्ञान में मेरी वृद्धि करो,


अज्ञान ईश्वर का अभिशाप हैं, ज्ञान वह पंख है, जो हमें उड़ाकर स्वर्ग तक ले जाता हैं.


अनेक वस्तुओं के अधूरे ज्ञान की अपेक्षा कुछ न जानना अच्छा होता हैं.


जो दूसरों के बारे में जानता है, वह विद्वान हैं, जो अपने बारे में जानता है, ज्ञानी/ बुद्धिमान हैं.


अपने को जानों.


ज्ञान शक्ति हैं.


कर्म शक्ति हैं, इसकी उच्चतम अभिव्यक्ति तब होती है जब यह ज्ञान द्वारा निवेशित होता हैं.


भगवान के भय के साथ ज्ञान का आरम्भ होता हैं.


स्वल्प ज्ञान एक खतरनाक वस्तु हैं.


ज्ञान उत्पादन का एकमात्र ऐसा साधन है जिस पर उत्पादन में क्रमिक हास का नियम लागू नही होता हैं.


जब तुम किसी बात को जानते हो और उस पर स्थिर हो, तब तुम किसी बात को नही जानते हो और स्वीकार करते हो कि तुम उसकों नही जानते हो बस यही ज्ञान हैं.


ज्ञान के साथ संदेह की वृद्धि होती हैं.


ज्ञान तो सभी में होता है, परन्तु ज्ञानी सभी नही होते हैं.


किताबें पन्नों का गठजोड़ नही है बल्कि जिन्दगी के ज्ञान का गठजोड़ हैं.


ज्ञान अतीत की व्याख्या करने के लिए नही, बल्कि भविष्य निर्माण के लिए होता हैं.


जीवन में कठोर तपस्या के द्वारा ज्ञान की प्राप्ति संभव हैं.


मूर्ख गाली का जवाब गाली से देते है जबकि ज्ञानी मौन धारण से.


ज्ञान से अधिक पवित्रता देने वाली कोई वस्तु भगवान ने नही बनाई हैं.


अज्ञान से बढकर कोई शत्रु नही हैं.


अज्ञान ही समस्त बुराइयों की जड़ है अज्ञानी रहने से अच्छा है जन्म ही ना ले.


बिना अनुभूति के ज्ञान प्राप्ति से पंडित तो बना जा सकता है मगर ज्ञानी नही.


स्वयं को महाज्ञानी समझने वाला महामूर्ख ही होता हैं.


किसी को गलत ज्ञान बाटने की बजाय उसे स्पष्ट मना कर देना श्रेष्ठ हैं.


श्रद्धावश और दानवश ज्ञान दिया अथवा लिया जा सकता हैं.


साख्य जैसा कोई ज्ञान नही योग जैसा कोई बल नही.


एक ज्ञानवान मनुष्य को उतने ही वायदे करने चाहिए जिन्हें वो निभा सके.


जिस वस्तु को हम नहीं जानते उन्हें जानना ही ज्ञान हैं.


ज्ञान बांटने से कम नही होता बल्कि कई गुना बढ़ता हैं.


अभ्यास ज्ञान रुपी खजाने की कुंजी हैं.


ज्ञान वह नही होता जो सब कुछ जानता हो बल्कि ज्ञानी वह है जो काम की बात जानता हैं.

ज्ञान पर सुविचार उद्धरण कोट्स

ज्ञान वो मार्ग है जो मनुष्य को सही दिशा की ओर उन्मुख करता है। जीवन में तथ्यों को जानने की समझ प्रदान करता है।


ज्ञान मनुष्य को परिपक्व बनाता है। सही ज्ञान मनुष्य के जीवन को सफल बनाता है।


ज्ञान वो रास्ता है जिसके माध्यम से मनुष्य अपनी परेशानियों से बाहर आ सकता है और समाधान की ओर बढ़ सकता है।


ज्ञान ही मनुष्य को अपने जीवन का सही अर्थ समझाता है। जीवन में लक्ष्य को पूरा करने के रास्ते ढूँढ़ने में मदद करता है।


ज्ञानी समाज में अपने ज्ञान के द्वारा ही सम्मान पाते हैं। प्राचीन काल के कितने ज्ञानी एवम् आज के युग के ज्ञानियों की पहचान उनका ज्ञान ही है जो एक दूसरे से अलग कर एक अहम भूमिका निभाते हैं।


ज्ञान के द्वारा मनुष्य में समझ का प्रादुर्भाव होता है। ज्ञान के द्वारा ही मनुष्य एक दूसरे को परखता है।


बिना ज्ञान के मनुष्य का जीवन अंधकार समान है। अज्ञानता में मनुष्य सिर्फ ठोकर ही खाता है।


ज्ञान मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र है जो उसका साथ निभाता है और मुश्किलों में सहायता करता है। ज़रूरत पड़ने पर मदद करता है।


ज्ञान वो दीया है जो जीवन में प्रकाश फैलाता है जिसके आलोक से जीवन में उजाला हो जाता है।


ज्ञानी मनुष्य काबिल होता है अपनी सभी परेशानियों का मार्ग वो स्वयं ढूँढ़ लेता है।


ज्ञान के बिना यह जीवन निरर्थक सा है। मनुष्य जीवन अपने ज्ञान अनुसार ही संसार में अपनी अलग पहचान बनाता है।


ज्ञान के द्वारा ही मनुष्य अपने अस्तित्व को पहचान पाता है और दुनिया की समझ रखता है।


ज्ञान मनुष्य को अपने लक्ष्य बनाने एवम् उसे पूर्ण करने के मार्ग प्रशस्त करता है।


ज्ञान के द्वारा ही यह संसार मनुष्य द्वारा सुचारू रूप से चल पाता है। बिना ज्ञान के दुनिया में प्रगति संभव नहीं है। 


बचपन से लेकर बुढ़ापे तक मनुष्य ज्ञान के अनेक रूपों को ग्रहण करता है और अपने जीवन में विभिन्न पड़ावों में ज्ञान अनुसार ही स्थापित होता है।


इस संसार में मनुष्य ज्ञान के द्वारा ही नाम, शोहरत, पैसा प्राप्त कर पाता है।


ज्ञान मनुष्य जीवन की वह शक्ति है जिसके बलबूते पर मनुष्य अपनी जिंदगी बदल सकता है। सामान्य जीवन को श्रेष्ठ बना सकता है।


ज्ञान मनुष्य की सबसे कीमती दौलत है जिसे कमा कर बाँटने से बढ़ती है कभी कम नहीं होती है। ज्ञान मनुष्य को धनवान बना देता है।


ज्ञान मनुष्य का भूत, भविष्य और वर्तमान निर्धारित करता है जिसके तहत मनुष्य अपना वर्तमान उज्जवल बना सकता है और भविष्य सँवार सकता है।


ज्ञानी वह नहीं जो अपने ज्ञान से किसी को नीचा दिखाए। असली ज्ञानवान तो वह है जो दूसरे मनुष्य को अपने ज्ञान से सही राह दिखाए।


ज्ञानवान लोगों की बात काम की होती है जो जीवन पथ पर सहायक सिद्ध होती है।


ज्ञान मनुष्य को नम्रता का गुण प्रदान करता है। विनम्रता का स्वभाव मनुष्य को इस काबिल बनाता है कि वह अपने जीवन में एक मुकाम पा लेता है।


ज्ञान का सही रूप  मनुष्य को अंधकार से उजाले की ओर ले जाता है जबकि गलत रूप उजाले से अंधकार में डुबो देता है। अतः मनुष्य को ज्ञान के द्वारा ही समझना होता है कि सही और गलत राह कौन सी है।


ज्ञान मनुष्य को परिपूर्ण बनाता है। शक्ति के रूप में सशक्त व्यक्तित्व बनाने में सहायक होता है।


मनुष्य ज्ञान को सिर्फ वाचन तक सीमित रख कर ज्ञानवान नहीं बन सकता बल्कि ज्ञान को अपने व्यवहार में अमल करके ही महान बनता है।


ज्ञान सिर्फ मस्तिष्क तक सीमित रह कर गतिशील नहीं हो पाता है एक जगह ठहर जाता है और जीवन को कोई लाभ नहीं पहुँचा पाता है।


मनुष्य इस संसार में अनेक बातों से घिरा रहता है जो उसे समझ नहीं आती है इन्हीं बातों को समझना और सही रूप से सीखना ही ज्ञान है।


ज्ञान प्राप्त कर मनुष्य निश्चित हो सकता है कि वह अकेला नहीं है क्योंकि ज्ञान कभी साथ ना छोड़ने वाला वो साथी स्वरूप है जो मनुष्य का जीवन भर सच्चा साथ देता है, मुश्किल परिस्थितियों में मदद करता है और साथ निभाता है।


मनुष्य को ज्ञान होना अच्छी बात है और इस ज्ञान को श्रेष्ठ बनाना मनुष्य के प्रयत्न से पूर्ण होता है।


ज्ञान मनुष्य के चक्षु समान है जिससे मनुष्य जीवन के वास्तविक स्वरूप को देख सकता है और जान – समझ सकता है।


ज्ञान मनुष्य के अंदर एक ऐसी ऊर्जा संचालित करता है जिसके मध्य मनुष्य स्वयं के व्यक्तित्व में अनेक शक्तियों का आभास करता है जिससे उसका व्यक्तित्व महानता का गुण प्राप्त कर लेता है।


ज्ञान की बढ़ोतरी में मनुष्य द्वारा प्राप्त नई नई सीख और नए-नए आविष्कार विशेष भूमिका निभाते हैं।


ज्ञान को समय-समय पर निखारते रहना चाहिए वरना जंक लग जाती है। ज्ञान को हर समय नया रूप देते रहना चाहिए जिससे ज्ञान सुधरता रहे और ज्ञान में बढ़ोतरी होती रहे।


ज्ञान वो धारा है जो बहती रहनी चाहिए। ठहरने से सीमित हो जाती है। ज्ञान का महत्व असीमित होने पर बढ़ता जाता है।


मनुष्य की सफलता का राज़ ज्ञान है। उसके जीवन का आधार ज्ञान है जो उसकी महानता में चार चाँद लगा देता है।


मनुष्य को अगर अपने जीवन में सफलता पानी है और अपने जीवन को खुशहाल करना है तो ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है वरना जीवन अज्ञान में डूब जाता है। उसकी राह भ्रम से गुजरती है।


ज्ञान प्राप्त करने के लिए मनुष्य को किसी बाहरी तत्व की जगह आंतरिक रूप से इच्छा एवम् लगन की ज़रूरत होती है।


जीवन में अपने सपनों को साकार करने के लिए ज्ञान प्राप्ति का रास्ता सर्वोच्च है जो सपने साकार कर देता है।


ज्ञान मनुष्य के जीवन का अनमोल गहना है जिसे चोर चोरी नहीं कर सकता और न ही किसी से छीना जा सकता है।


मनुष्य अपने ज्ञान से ऊँचा उठता है और अपने अज्ञान से नीचे गिरता है। ज्ञान मनुष्य जीवन की सबसे अच्छी सौगात है जो जीवन भर मनुष्य का साथ निभाती है व जीवन सुनहरा बना देती है।


ज्ञान में मनुष्य का विश्वास दृढ़ होता है जो उसे सफल होने से नहीं रोक सकता है क्योंकि ज्ञान जीवन चक्र की सही समझ देता है।


मनुष्य का ज्ञान और अनुभव मनुष्य के भीतर आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं जिससे मनुष्य कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना सहज रूप से कर लेते हैं।


मनुष्य का ज्ञान उसे सही गलत की पहचान कराता है। अपने गुण और दोष, कमी और सामर्थ्य का अहसास कराता है। स्वयं को पूर्ण रूप से जानने की क्षमता विकसित करता है।


अच्छा ज्ञानी अपने ज्ञान की कद्र करता है साथ ही अन्य के सही ज्ञान की भी कद्र करता है। ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान के महत्व को समझ कर उसके सही रूप का प्रयोग करता है।


मनुष्य दूसरों का आंकलन करता है इसकी बजाए अपनी अज्ञानता, कमियों को पहचान कर सही ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।


मनुष्य का ज्ञान अगर उसे सही कर्मों की ओर प्रेरित करता है और जीवन को सही मायने देता है तो ऐसे मनुष्य ज्ञानी कहलाते हैं।


अधूरा और झूठा ज्ञान मनुष्य के अज्ञान से भी ज्यादा घातक है।


मनुष्य का ज्ञान मनुष्य को आत्मज्ञान कराता है एवम् आंतरिक शांति प्रदान करता है।


मनुष्य को अगर अपने मस्तिष्क को तंदुरुस्त रखना है तो ज्ञान प्राप्त करते रखना चाहिए।


मनुष्य को जीवन में हर बात का थोड़ा थोड़ा ज्ञान होना जीवन की राह में सहायक सिद्ध होता है और ज्ञान ग्रहण करते रहने से जीवन सफलता की ओर बढ़ता रहता है।

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