आज का निबंध मेरा देश भारत पर निबंध My Country Essay India In Hindi And English पर दिया गया हैं. यहाँ हम मेरे प्यारे देश भारत पर स्टूडेंट्स के लिए आसान भाषा में शोर्ट निबंध बता रहे हैं.
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Essay on India in Hindi Language का उपयोग कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स भारतदेश पर निबंध लिखने में कर सकते हैं.
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मेरा देश भारत पर निबंध My Country Essay India In Hindi English
It’s human nature that he loves her lands, place, and things. we are Indian citizens and felt proud to be of nationality.
in this My Country Essay India In Hindi And English language for students and children, they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9.
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Short Essay On My Country India In English
India is my country. it is the seventh biggest country in the world according to the area. it has a noble past. Indian civilization and culture are the oldest in the world.
the Vedas are the best and oldest books in the library of the world. our policy has always been to live and live. our players have also won the name in many international games.
India is rich in forest wealth. it has many kinds of birds and animals. it has small villages where real India lives. it has big towns like Bombay and Calcutta. Delhi is the capital of our country.
India is a republic now. we have our national flag. it has three colors. the different colors for different virtues.
our national language is Hindi. Mahatma Gandhi, Jawaharlal Nehru, Lala Lajpat Rai, Subhash Chandra Bose, and many others are the gems of India.
it is a great country. it has always been a torch-bearer to the rest of the world. my country is a fit adobe for the gods.
100 words मेरा देश भारत पर निबंध My Country Essay India In Hindi
मेरे देश का नाम भारत है, क्षेत्रफल के लिहाज से दूसरा व जनसंख्या के अनुसार यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है. भारत की सभ्यता एवं संस्कृति सबसे पुरानी है.
हमारे वेद विश्व संग्रहालय की सबसे प्राचीन रचनाओं में से एक है. भारत की विदेश निति हमेशा जियों और जीने दो की रही है. विदेशों में भारत के खिलाड़ियों द्वारा भी विभिन्न खेलों में देश का नाम रोशन किया है.
वन्य संपदा के लिहाज से हमारा देश पूर्ण सम्रद्ध है. यहाँ लगभग विश्व की जन्तु व पेड़ पौधों की अधिकतर जातियां पाई जाती है. भारत का असली स्वरूप गाँवों में बसता है. मुंबई व कोलकाता जैसे शहर है, नई दिल्ली भारत देश की राजधानी है.
१९४७ में अंग्रेजों के उपनिवेश से स्वतंत्र होने के बाद २६ जनवरी १९५० को भारतदेश गणतन्त्र बना. भारत का अपना एक राष्ट्रीय ध्वज है, जिसे तिरंगा भी कहा जाता है.
इसके तीनों रंग देश की विविधता में एकता को दर्शाते है. महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस हमारे भारतरत्न हैं।
देव भूमि कही जाने वाली भारतभूमि पुरे संसार के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. तभी तो कहा जाता है, मेरा भारत महान एवं मुझे ऐसे देश का नागरिक होने पर गर्व है.
250 Words Essay on India in Hindi Language in For Students
भारत मेरा देश हैं. इसका स्वरूप अत्यंत भव्य और विशाल हैं. इसकी धरती का भौगोलिक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत हैं. इसके उत्तर में स्थित हिमालय पर्वत इसके मस्तक का हिम किरीट हैं.
दक्षिण में इसके चरण प्रक्षालन करता हिन्द महासागर हैं. पूर्व पश्चिम में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर हैं. इसमें स्थित कश्मीर स्वर्ग से भी अधिक सुंदर हैं.
इसके मैदानी वक्षस्थल पर लहलहाती हरी भरी फसलें इसे और अधिक सौन्दर्ययुक्त बनाती हैं. इसकी गोद में बहती हुई नदियाँ इसकी शोभा को द्विगणित करती हैं.
हमारा देश प्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाला देश हैं. यह संसार का गुरु हैं. ज्ञान विज्ञान का आविष्कार इसी ने किया हैं. सोने की चिड़ियाँ कहे जाने वाले इस देश की सम्पन्नता से आकर्षित होकर अनेक आक्रमणकारी जातियाँ यहाँ आई. इस देश की संस्कृति ने उन सबको अपने में रचा बसाकर अपनी उदारता का परिचय दिया.
हमारे भारत देश की सभ्यता और संस्कृति असाधारण हैं. इसकी संस्कृति में अन्य संस्कृतियों को अपने में आत्मसात करने की असाधारण क्षमता हैं. इसलिए हमारी संस्कृति मिश्रित संस्कृति हैं.
हमारे देश में अनेक धर्मों और जातियों के लोग आपस में मिलकर निवास करते हैं. जाति और धर्म के नाम पर उनमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं हैं. सभी अपने तीज त्यौहार अपनी अपनी रस्मों के अनुसार स्वतंत्रतापूर्वक मनाते हैं.
हमारे देश में प्राकृतिक, भौगोलिक, धार्मिक, भाषाई, रहन सहन रीती रिवाज आदि अनेक प्रकार की विभिन्नताओं के बाद भी यहाँ के निवासियों में भावनात्मक एकता हैं. इस प्रकार भारत देश महान हैं. इस महान देश में जन्म लेकर हम अपने प्राणों को धन्य मानते हैं.
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भारत पर निबंध | Short Essay on India in Hindi Language
Hello Dear Students Today We Share With You Short & Long Essay on India in Hindi Language For School Students & Kids.
जन्म भूमि से स्वाभाविक प्रेम-
अरुण मधुमय देश हमारा
जहाँ पहुच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा
स्वर्णिम देश है मेरा भारत, मुझे इससे गहरा प्रेम हैं. हर प्राणी को अपनी जन्मभूमि से स्वाभाविक प्रेम होता हैं. स्वदेश के अन्न, जल और वायु से ही मनुष्य को जीवन मिलता हैं.
इसका इतिहास और परम्पराएं उसके सिर को गर्व से ऊँचा करती हैं. अतः मुझे भी अपने भारत से असीम प्यार हैं. मुझे भारतीय होने पर गर्व हैं.
नामकरण और भौगोलिक स्थिति- ऐसा माना जाता है कि राजा दुष्यंत और शंकुतला के प्रतापी पुत्र सम्राट भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत हुआ. भरतखंड, जम्बद्वीप, आर्यावर्त, हिंदुस्तान, इंडिया भी भारत के अन्य नाम रहे है.
हमारा देश एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित हैं. इसके उत्तर में हिमालय के धवल शिखर हैं और दक्षिण में हिन्द महासागर. पूर्वी सीमा पर असम, नागालैण्ड, त्रिपुरा और पश्चिम में राजस्थान तथा गुजरात प्रदेश हैं.
इतिहास एवं संस्कृति– भारत विश्व के प्राचीनतम देशों में गिना जाता है. भारत के प्राचीन वैभव का परिचय हमें वेद, उपनिषद और पुराण आदि ग्रंथों में मिलता हैं.
भारतीय संस्कृति संसार की प्राचीनतम और महानतम संस्कृति रही हैं. इस संस्कृति ने सर्वे भवन्तु सुखिनः अर्थात सभी सुखी रहें, सारी पृथ्वी के निवासी एक परिवार के समान हैं.
ऐसे महान संदेश दिए हैं. इस संस्कृति ने सत्य, अहिंसा, परोपकार, दान, क्षमा आदि श्रेष्ठ जीवन मूल्यों को अपनाया हैं.
दधिची, शिवि, रंतिदेव, कर्ण जैसे दानी और परोपकारी राम, कृष्ण, अर्जुन जैसे वीर हरिश्चन्द्र जैसे सत्यनिष्ठ बुद्ध और महावीर जैसे अहिंसा के पालक भारतीय संस्कृति की ही देन हैं. भारतीय संस्कृति सभी धर्मों को सम्मान देने का संदेश देती हैं. अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की ही विशेषता हैं.
प्राकृतिक वैभव- मेरी भारत भूमि पर प्रकृति ने अपार प्रेम बरसाया हैं. बारी बारी से छः ऋतुएँ इसका श्रृंगार करती हैं. मधुकंठ विहगों की अवली नित मंगलगीत सुनाती हैं.
नभस्पर्शी हिमालय हरे भरे विस्तृत मैदान, बलखाती नदियाँ, दर्पण से झील ताल, वनस्पतियों से भरे वनांचल और सागर के अनंत विस्तार क्या नहीं दिया है प्रकृति ने भारत को.
वर्तमान स्थिति- आज मेरा भारत विश्व का विशालतम और स्थिर लोकतंत्र हैं. अपने बहुमुखी विकास में जुटा हुआ हैं.
ज्ञान विज्ञान, व्यवसाय, शिक्षा एवं आध्यात्म हर क्षेत्र में अपनी प्रगति के परचम फहरा रहा हैं. आज हमारा देश विश्व की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं.
हमारा कर्तव्य- भारत फिर अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त कर विश्व गुरु के आसन पर आसीन होगा. इस महायज्ञ में हम सभी भारतवासी अपनी अपनी आहुति दे.
राष्ट्रीय एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अन्याय, शोषण, भ्रष्टाचार और आततायियों के विनाश के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाए और एक बार फिर आकाश में गूंज उठे वन्दे मातरम्, वंदेमातरम्. किसी कवि ने ठीक ही कहा हैं.
जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं
वह ह्रदय नहीं पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं.