प्रत्यय – परिभाषा, भेद और उदाहरण | Pratyay in Hindi हिंदी व्याकरण में सामान्य रूप से कई सारे ऐसे भेद होते हैं जिनके बारे में हमें जानना अच्छा लगता है और हम निश्चित रूप से ही उनके बारे में जानते हैं।
हिंदी व्याकरण के कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें हम ऊपरी रूप से जानते हैं लेकिन उनकी गहराई को समझ नहीं पाते|
प्रत्यय – परिभाषा, भेद और उदाहरण | Pratyay in Hindi
ऐसे में कभी-कभी अधूरा ज्ञान हमारे लिए खतरनाक हो जाता है और जिस वजह से हमें कई प्रकार की दिक्कत हो सकती है|
ऐसे में आज हम आपको हिंदी व्याकरण के मुख्य प्रत्यय के बारे में जानकारी देंगे जो निश्चित रूप से ही आपके और हमारे काम आएंगे और समय रहते हम इनका उपयोग भी कर सकेंगे|
प्रत्यय क्या है?
मुख्य रूप से प्रत्यय का इस्तेमाल एक नए शब्द के रूप में भी किया जाता है, जहां पर प्रत्यय उन शब्दों के रूप में जाने जाते हैं, जो किसी दूसरे शब्द के अंत में जुड़ने से बनते हैं।
जब भी कोई नया शब्द बनता है, तो अंत में एक परिवर्तन नजर आता है और जिस में “प्रति’’ का मतलब साथ में और ‘’अय’’ का मतलब चलने वाला होता है|
ऐसे में ही निश्चित रूप से ही हमें इन दोनों के संगम से एक नया शब्द मिलता है, जो हम कई बार उपयोग करते आए हैं और ऐसे में हम आपको इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी देने वाले हैं|
प्रत्यय के भेद
जब भी हम प्रत्यय के बारे में पढ़ते हैं, तो उनके भेद के बारे में सही तरीके से जानकारी हासिल नहीं कर पाते हैं| ऐसे में हम आपको बताने वाले हैं कि प्रत्यय के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं-
- संस्कृत प्रत्यय
- हिंदी प्रत्यय
- विदेशी भाषा प्रत्यय
इन सब के बारे में हम आपको जानकारी एक-एक करके देते जाएंगे ताकि आपको किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो, इन प्रत्यय को समझने में|
- संस्कृत के प्रत्यय — मुख्य रूप से हम इनमें संस्कृत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं या फिर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जो संस्कृत भाषा से कहीं ना कहीं जुड़े हुए होते हैं। ऐसे में संस्कृत के प्रत्यय के भी दो भेद होते हैं, जो कृत और तद्धित नाम से जाने जाते हैं।
कृत प्रत्यय — जब भी हम हिंदी व्याकरण में किसी प्रत्यय का इस्तेमाल करते हैं, तो ज्यादातर हम ‘’कृत प्रत्यय’’ का ही इस्तेमाल करते हैं जिसमें धातु के बाद इन प्रत्यय को लगाया जाता है| और मुख्य रूप से कृत प्रत्यय से बनने वाले शब्दों को कृदंत कहा जाता है।
कृत प्रत्यय के कुछ मुख्य उदाहरण – नायक, नालायक, गायक, पाठक, घुमक्कड़, पियक्कड़ आदि|
तद्धित प्रत्यय — जब भी हम अपने वाक्यों में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण में से किसी का भी उपयोग करते हैं, तो मुख्य रूप से उनके अंत में लगने वाला प्रत्यय तद्धित प्रत्यय होता है। इनके मेल से भी कई प्रकार के शब्द बनते हैं जिनका हम इस्तेमाल करते हैं|
तद्धित प्रत्यय का उदाहरण – सुंदर + ता = सुंदरता, महान + ता = महानता, बूढ़ा + पा = बुढ़ापा|
कृत प्रत्यय के प्रकार — जब भी हम प्रत्यय के बारे में जानकारी लिखते और पढ़ते हैं, तो हमेशा उनके अंदरूनी बातों के बारे में जानकारी हासिल नहीं कर पाते हैं| ऐसे में आज हम आपको संस्कृत के मुख्य प्रत्यय कृत प्रत्यय के प्रकार के बारे में जानकारी देंगे जो बहुत ही सरल है और आप आसानी से ही समझ जाएंगे|
विकारी कृत प्रत्यय — यह मुख्य रूप से किसी की संज्ञा या विशेषण के माध्यम से बनते हैं और हमें एक नया शब्द दे जाते हैं|
अविकारी कृत प्रत्यय — इस प्रकार के प्रत्यय में हमेशा क्रिया मुलक विशेषण यज्ञ होते हैं, जिन्हें गहराई से समझने में ही हमें यह सही तरीके से समझ में आते हैं।
इनमें किसी प्रकार की दिक्कत हो रही हो, तो हम किसी ऐसे व्यक्ति से ही सलाह ले सकते हैं ताकि इसके बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल हो।
विकारी कृत प्रत्यय के भेद
प्रत्यय एक ऐसा शब्द समूह होता है जिसमें हम जितने ज्यादा अंदर जाते हैं उतने हमें अलग बातों के बारे में पता चलता है|
ऐसे में जहां हमने सिर्फ प्रत्यय के बारे में जानकारी हासिल की थी वहीं अब इनके अंदरूनी भेद के बारे में भी हम आपको निश्चित रूप से जानकारी दे रहे हैं, जहां हम आपको विकारी के बारे में बताने वाले हैं, जो मुख्य रूप से चार होते हैं–
- करतीवाचक संज्ञा
- वर्तमान कालीक कृदंत
- भूतकाल कृदंत
- क्रियाअथक संज्ञा
जहां इन के माध्यम से छह प्रकार के कृदंत भी बनाए जा सकते हैं और जिन्हें हम बारी-बारी से समझा सकते हैं
करती वाचक — यह ऐसे प्रकार के प्रत्यय होते हैं जिन्हें संयोग से बनने वाले शब्दों के माध्यम से क्रिया का ज्ञान होता है और साथ ही साथ माध्यम का पता चलता है उदाहरण के तौर पर सार, माध्यम, द्वारा आदि|
करती वाचक कृदंत बनाने का नियम—
- इसके अंतर्गत क्रिया के सामान्य रूप के अंतिम अक्षर ना करके उसके बाद वाला प्रत्यय जोड़ा जाता हो, वहां पर इस प्रकार का नियम लागू होता है उदाहरण के रूप में चढ़ना – चढ़ने वाला, नाचना– नाचने वाला, पढ़ना — पढ़ने वाला इत्यादि|
- इसके अलावा यदि ना को न करके उसके बाद हार या सार प्रत्यय जोड़ दिया जाता है, तो एक नया शब्द मिलता है उदाहरण के रूप में मिलना – मिलनसार, चल – चलना, बढ़ – बढ़िया आदि|
2 गुणवाचक —- इस प्रकार के प्रत्यय में मुख्य रूप से किसी विशेष गुण या फिर विशिष्ट होने का बोध होता है जिसमें मुख्य रुप से अपना, इया, आओ इत्यादि प्रत्यय जोड़कर बना दिया जाता है उदाहरण के तौर पर बिकना – बिकाऊ, चलना – चलाऊ आदि|
3 कर्म वाचक — इस प्रकार के मुख कृत प्रत्ययों के माध्यम से संख्या पदों से कर्म का बोध होता है और इसे कर्म वाचक का कृदंत के नाम से भी जाना जाता है|
इसके माध्यम से ही एक नया शब्द बनकर तैयार हो जाता है और हम इसके आंतरिक भेदों को भी समझ सकते हैं। उदाहरण के रूप में खिलौना, बिछौना, ओढ़नी, आदि|
4 करण वाचक —- मुख्य रूप से यह ऐसे कृत प्रत्यय के रूप में जाने जाते हैं जिनमें संख्या पदों से क्रिया के होने वाले साधक का बोध होता उन्हें इस नाम से जाना जाता है|
इस प्रकार के धातुओं में अंत में ने, आन, ना, आनी, अ आदि प्रत्यय जोड़कर शब्द बनाए जाते हैं। उदाहरण के रूप में चलनी, करनी, अपना, ढक्कन, बेलन आदि|
5 भाववाचक — यह इस प्रकार के मुख्य प्रत्यय में संज्ञा पदों के भावों का बोध होता हो उन्हें मुख्य रूप से भाववाचक कृदंत भी कहा जाता है।
इस प्रकार के वाक्य में क्रिया के अंत में आप, अंत, वक़्त हट, आई, आव, जैसे संज्ञा पद बनाए जाते हैं| उदाहरण के रूप में — मिलाप, लड़ाई, बनाई, कमाई|
6. क्रियाद्योतक— इस प्रकार के मुख्य प्रत्यय में मूल रूप से संज्ञा विशेषण अव्यय के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं और इन के माध्यम से मूल धातु आ, अथवा, वा जोड़कर नया शब्द बनाया जाता है साथ ही साथ इन्हें वर्तमान कृदंत काल के नाम से भी जाना जाता है जिसका उपयोग हम कहीं पर व्याकरण में किया करते हैं.
उदाहरण के रूप में — खोया, सोया, रोता हुआ, बहता, हुआ, जाता हुआ इत्यादि|
2 हिंदी के प्रत्यय —- अगर सामान्य रूप से हिंदी के प्रत्यय के बारे में जानकारी दिया जाए तो यहां पर कई सारे ऐसे प्रत्यय होते हैं, जो हमारे वाक्य को बहुत अच्छे तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं.
उदाहरण के रूप में अ, आ, आई, आलू, अवनी, सार, हार , हट, , नी, आवा, आपा,क, का, वाला आदि हो सकते है|
उदाहरण के रूप में प्रत्यय
- आक – तैरना = तैराक
- आलू — झगड़ना = झगड़ालू
- अकड़ — पीना = पियक्कड़
- हुआ — पकना = पका हुआ
- वन – सुहाना = सुहावन
- हरा – सोना = सुनहरा
- आ — झूलना = झूला
- नी — कतरना = कतरनी
- आनी – मथना = मथानी
- अ – दौड़ना = दौड़
- बट – मिलना = मिलावट
- आ — रोना = रोया
- पन – बच्चा = बचपन
- आस — मीठा = मिठास
- री — छाता = छतरी
- हाल — नाना = ननिहाल
- इ — लखनऊ = लखनवी
- आयन – नर = नारायण
- गार — मदद = मददगार
- बाज – दगा = दगाबाज
- आबाद – हैदर = हैदराबाद
- दानी – मच्छर = मच्छरदानी
- मंद – अकल = अकलमंद
- दार — माल = मालदार
- बंद — कमर = कमरबंद
3 विदेशी भाषा प्रत्यय — इनमें हिंदी के अलावा भी कुछ मुख्य विदेशी भाषा प्रत्यय का इस्तेमाल किया जाता है, जो निश्चित रूप से अंग्रेजी या किसी अन्य भाषा में भी हो सकते हैं| उदाहरण के रूप
- अर — पेंट = पेंटर
- आईट – नक्सल = नक्सलाइट
- इयन — द्रविड़ = द्रविडियन
- आ – सफेद = सफेदा
- ई – बेवफा = बेवफाई
- बान – दर = दरबान
- साज — घड़ी = साजघड़ी
- बिन – दूर = दूरबीन
- नामा – इकरार = इकरार नामा
- बान — दर = दरबान
Q. वह शब्द बताइए जिसमें संधि तथा प्रत्य़य दोनों का प्रयोग हुआ हैं.
A. रंगीनियाँ
B. ध्वंसावशेष
C. अधीरता
D. संप्रदायवाद
ANS- ध्वंसावशेष
Q. आ प्रत्यय से निर्मित हिन्दी कृदंत (सभी शब्द युक्त) शब्द समूह है.
A. झगड़ा, टोटा, बैठा, चूरा
B. फेरा, भूखा, रगड़ा, मेला
C. घेरा, छापा, उतारा, झटका
D. जोड़ा, तोड़ा, बोझा, धोया
ANS- घेरा, छापा, उतारा, झटका
Q. ल प्रत्यय से निर्मित शब्द नहीं हैं.
A. कमल
B. वत्सल
C. श्यामल
D. मंजुल
ANS- कमल
Q. राघव शब्द में प्रत्य़य हैं.
A. अव
B. अ
C. आ
D. व
ANS- अ रघु+अ = राघव
Q. नीचे दिए गये विकल्पों में से कोई एक शब्द के अंत में भिन्न प्रत्य़य है उसका विकल्प हैं.
A. वैधानिक
B. दैनिक
C. शैक्षणिक
D. इच्छुक
ANS- इच्छुक
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Q. किस शब्द नी प्रत्य़य प्रयुक्त हुआ हैं.
A. नानी
B. जवानी
C. मोरनी
D. चीनी
ANS- मोरनी ( मूल शब्द मोर)
Q. निम्नलिखित में से किस शब्द में प्रत्य़य का सही प्रयोग नहीं हुआ हैं.
A. अभिजात+ य= अभिजात्य
B. चाचा+ एरा= चचेरा
C. राधा+ एय= राधेय
D. दिति+य= दैत्य
ANS- अभिजात+ य= अभिजात्य
Q. इनमें से प्रत्य़य रहित शब्द कौनसा है.
A. विवाद
B. चलन
C. लेखक
D. बिटिया
ANS- विवाद (वि उपसर्ग)
Q. निम्नलिखित में से किस शब्द में इत प्रत्य़य प्रयुक्त नहीं हुआ है.
A. कलंकित
B. आनंदित
C. इंसानियत
D. पुष्पित
ANS- इंसानियत
Q. आवट प्रत्यय से कौनसा शब्द नहीं बना हैं.
A. रूकावट
B. गुर्राहट
C. तरावट
D. सजावट
ANS- गुर्राहट
upsarg aur pratyay | pratyay in sanskrit
Q. ईय प्रत्यय योग से बना शब्द नहीं हैं.
A आदरणीय
B. शासकीय
C. भारतीय
D. स्वर्गीय
ANS- आदरणीय
Q. कालिमा शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय हैं.
A. मा
B. इमा
C. लिमा
D. आ
ANS- इमा
Q. याद्रश्चिक शब्द में कौनसा प्रत्यय हैं.
A. ईक
B. इक
C. छिक
D. क
ANS- इक
Q. किस क्रम में प्रत्यय का सही प्रयोग नहीं हुआ हैं.
A. प्रभाविष्णु
B. पथरैला
C. तपस्वी
D. शीघ्रतम
ANS- पथरैला
Q. किस क्रम में गुणवाचक तद्धित प्रत्यय हैं.
A. ईर्ष्यालु
B. बबुआ
C. वैराग्य
D. घ्रणास्पद
ANS- ईर्ष्यालु
Q. किस क्रम में भाववाचक प्रत्यय नहीं हैं.
A. मर्दानगी
B. टोपीवाला
C. बपौती
D. बहुतायत
ANS- टोपीवाला
Q. किस शब्द में तद्धित प्रत्यय हैं.
A. कोचवान
B. पछतावा
C. धरती
D. घुमाव
ANS- कोचवान
Q. गुर्राहट में कौनसा प्रत्यय हैं.
A. क्रियाबोधक कृत प्रत्यय
B. कृतवाचक तद्धित प्रत्यय
C. भाववाचक कृत प्रत्यय
D. करणवाचक कृत प्रत्यय
ANS- भाववाचक कृत प्रत्यय
Q. किस क्रम में कर्मवाचक कृत प्रत्यय नहीं हैं.
A. खिलौना
B. ओढ़ना
C. चलनी
D. खुरचन
ANS- खुरचन
Q. किस क्रम में भाववाचक कृत प्रत्यय हैं.
A. लिखाई
B. पियक्कड़
C. लुटेरा
D. चालाक
ANS- लिखाई
Q. किस क्रमांक में कृत प्रत्य़य का भेद नहीं हैं.
A. भाववाचक कृत प्रत्यय
B. सम्बन्ध वाचक कृत प्रत्यय
C. क्रियावाचक कृत प्रत्यय
D. करणवाचक कृत प्रत्यय
ANS- सम्बन्ध वाचक कृत प्रत्यय
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Q. किस क्रमांक में एरा प्रत्य़य नहीं हैं.
A. चटेरा
B. ममेरा
C. फुफेरा
D. मौसेरा
ANS- चटेरा
Q. किस क्रमांक में गुणवाचक तद्धित प्रत्यय नहीं हैं.
A. सात्विक
B. भाषिक
C. दयालु
D. लालित्य
ANS- लालित्य
Q. आवट प्रत्य़य में कौनसा शब्द नहीं बना हैं.
A. चिकनाहट
B. लिखावट
C. थकावट
D. सजावट
ANS- चिकनाहट
Q. समाज शब्द में इक प्रत्य़य लगाने पर कौनसा शब्द बनेगा.
A. सामाजिक
B. सामाजीक
C. समजिक
D. समाजिक
ANS- सामाजिक
Q. किस क्रमांक में विशेषण युक्त कृत प्रत्य़य नहीं हैं.
A. पठनीय
B. चिंतित
C. विशेषज्ञ
D. समझौता
ANS- समझौता
Q. किस क्रमांक में भाववाचक तद्धित प्रत्य़य हैं.
A. भुलावा
B. ममेरा
C. गुणवान
D. लखेरा
ANS- भुलावा
Q. किस क्रमांक में आव प्रत्य़य नहीं हैं.
A. बचाव
B. तनाव
C. लिखाव
D. रखाव
ANS- लिखाव
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Q. तद्धित प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं.
A. पांच
B. तीन
C. चार
D. छः
ANS- छः
Q. कलंक में इत प्रत्य़य लगाने से कौनसा शब्द बनता हैं.
A. कलंकी
B. कालन्कित
C. कलंकित
D. कलंकीत
ANS- कलंकित
Q. द्रवित शब्द में प्रयुक्त प्रत्य़य किस क्रमांक में हैं.
A. त
B. वित्
C. इत
D. अ
ANS- इत
Q. आहट प्रत्यय के योग से बना शब्द नहीं हैं.
A. हिचकिचाहट
B. रूकावट
C. मुस्कराहट
D. गुदगुदाहट
ANS- रूकावट
Q. तद्धित प्रत्य़य वे होते है.
A. जो क्रिया शब्दों का विस्तार करते है
B. जो क्रिया के अतिरिक्त अन्य शब्दों का निर्माण करते हैं.
C. जो क्रिया के धातु रूपों को छोड़कर अन्य शब्दों के साथ लगते हैं.
D. जो शब्दों का हित निर्माण करते हैं.
ANS- C
Q. निम्नांकित शब्दों में से एक शब्द नी प्रत्य़य नहीं है उसका चयन कीजिए.
A. मोरनी
B. बामनी
C. ऊंटनी
D. चाँदनी
ANS- बामनी
Q. बनैला शब्द में प्रत्य़य हैं.
A. आ
B. ला
C. एला
D. ऐला
ANS- ऐला
Q. ईन प्रत्य़य से निर्मित शब्द हैं.
A. नाइन
B. पंडिताईन
C. कुलीन
D. ठकुराइन
ANS- कुलीन
Q. कार प्रत्य़य से निर्मित शब्द नहीं हैं.
A. बेकार
B. कलाकार
C. कुम्भकार
D. तक्षकार
ANS- बेकार
Q. किस शब्द में आल प्रत्यय नहीं हैं.
A. ससुराल
B. ननिहाल
C. तिरपाल
D. ददिहाल
ANS- तिरपाल
Q. पैतृक शब्द में इक प्रत्य़य के साथ मूल शब्द हैं.
A. पिता
B. पितृ
C. पितर
D. पैत्र
ANS- पितृ
Q. किस क्रमांक में विशेषण युक्त प्रत्य़य नहीं हैं.
A. पठनीय
B. चिंतित
C. विशेषज्ञ
D. समझौता
ANS- विशेषज्ञ
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Q. किस शब्द में तद्धित प्रत्य़य हैं.
A. कोचवान
B. पछतावा
C. धरती
D. घुमाव
ANS- कोचवान
Q. सैनिक शब्द में कौनसा प्रत्य़य हैं.
A. क
B. इक
C. ईक
D. निक
ANS- इक
Q. मधुरिमा शब्द में प्रत्यय बताइए
A. रिमा
B. मा
C. इमा
D. मधु
ANS- इमा
Q. किस शब्द में ता का प्रयोग प्रत्य़य के रूप में नहीं हैं.
A. पात्रता
B. विफलता
C. पिता
D. सफलता
ANS- पिता
Q. बुहारी में किस प्रत्य़य का प्रयोग हुआ हैं.
A. आरी
B. अरी
C. अई
D. ई
ANS- आरी
Q. गतिमान में किस प्रत्य़य का प्रयोग हुआ हैं.
A. आन
B. मान
C. न
D. अन
ANS- मान
Q. पूजनीय शब्द में कौनसा प्रत्य़य हैं.
A. ईय
B. नीय
C. अनीय
D. य
ANS- अनीय
Q. इनमें किस शब्द में ईन प्रत्य़य नहीं हैं.
A. प्राचीन
B. समीचीन
C. कुलीन
D. विलीन
ANS- विलीन
Q. इनमें से किस शब्द में प्रत्यय नहीं हैं.
A. सौतेला
B. बाशिंदा
C. खिदमत
D. इंसानियत
ANS- खिदमत
Q. निम्नलिखित में से कौनसा कृतवाचक कृत प्रत्य़य हैं.
A. औना
B. अक्कड़
C. आई
D. इयत
ANS- अक्कड़
Q. संपोला शब्द में मूल शब्द और प्रत्य़य हैं.
A. साँप+ओला
B. साँप+ऊला
C. साँप+औला
D. साँप+अऊला
ANS- A
Q. इनमें से किस शब्द में अक प्रत्यय नहीं है.
A. चालक
B. पालक
C. कारक
D. बालक
ANS- कारक
Q. किस क्रमांक में मूल शब्द और प्रत्य़य सही सही अलग है.
A. लुटेरा= लुट+एरा
B. बचपन= बच+पन
C. खिवैया= खेना+वैया
D. लड़ाकू= लड़+आकू
ANS- D
Q. नीचे दिए गये शब्दों में प्रत्य़य युक्त शब्द का चयन कीजिए.
A. चौमासा
B. चौराहा
C. चाटुकारिता
D. चौकोर
ANS- चौराहा
Q. किस शब्द की रचना प्रत्यय से हुई है.
A. अभियोग
B. व्यायाम
C. रचयिता
D. कोई नहीं
ANS- कोई नहीं
Q. चौधरानी, देवरानी में कौनसा प्रत्य़य है.
A. आनी
B. प्रत्यय है ही नहीं
C. रानी
D. इनमें से कोई नहीं
ANS- आनी
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Q. किस समूह के सभी शब्दों में प्रत्य़य हैं.
A. अधर्म, सामान्य, गौरव
B. दयालु, डिबिया, अज्ञानी
C. गुड़ियाँ, शंकर, प्यास
D. घर, राजमहल, कसैला
ANS- B
Q. निम्नलिखित पद इक प्रत्य़य लगने से बने है, इनमें कौनसा पद गलत हैं.
A. पक्षिक
B. भौमिक
C. सामाजिक
D. दैविक
ANS- पक्षिक
Q. वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में जुड़ते है तथा शब्द के अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, उन्हें क्या कहा जाता हैं.
A. प्रत्य़य
B. समास
C. उपसर्ग
D. कोई नहीं
ANS- प्रत्य़य
Q. हिंदी में प्रमुख कृत प्रत्ययों की संख्या कितनी हैं.
A. तीस
B. अठाईस
C. पचास
D. चालीस
ANS- 28 अट्ठाईस
Q. प्रत्य़य से कौन सा शब्द नहीं बना हैं.
A. नवल
B. मृदुल
C. बहुल
D. निगल
ANS- निगल
Q. किस शब्द में य प्रत्यय हैं.
A. गंतव्य
B. वैधव्य
C. ज्ञातव्य
D. दृष्टव्य
ANS- वैधव्य
Q. साहित्यिक शब्द में कौनसा प्रत्य़य हैं.
A. यिक
B. इक
C. त्यिक
D. क
ANS- इक
Q. मानसिक शब्द बना हैं.
A. मानस+इक
B. मनस+इक
C. मान्स्+इक
D. मनस्+इक
ANS- D
Q. कर्तत्व बोधक त्रच प्रत्यय वाले शब्द किस समूह में हैं.
A. मातृ, पितृ, दात्र
B. स्वस्र, श्रोत, पात्र
C. मात्र, भात्र, कवपित्र
D. दुहित्र, दात्र, रचियत
ANS- A
Q. आई प्रत्य़य से कौनसा शब्द नहीं बना हैं.
A. लिखाई
B. लड़ाई
C. चलनी
D. चढ़ाई
ANS- चलनी
Q. आहट प्रत्यय से कौनसा शब्द नहीं बना हैं.
A. रूकावट
B. कड़वाहट
C. चिल्लाहट
D. घबराहट
ANS- A
Q. पुराण शब्द में इक प्रत्य़य लगाने से कौनसा शब्द बनता हैं.
A. पुराणिक
B. पूरानिक
C. पौरणिक
D. पौराणिक
ANS- D
Q. उपनिषद् शब्द में इक प्रत्य़य लगाने पर कौनसा शब्द बनता हैं.
A. औपनिषदिक्
B. उपनिषदिक्
C. औपनिषद
D. औपनीषदीक
ANS- A
प्रत्यय हिंदी व्याकरण का एक बेहतरीन भेद है, जहां पर आपने वाक्यों को बनाना, जोड़ना और फिर उन्हें अलग करना सीखते हैं जिनमें कई प्रकार के शब्द और हमें नजर आते ,हैं
जो शब्दों में एक उभार लेकर आते हैं ताकि सही तरीके से हम उन शब्दों का इस्तेमाल करते हुए एक नया शब्द बना सकें और साथ ही साथ ज्यादा से ज्यादा जानकारी भी हासिल की जा सके|
कई बार ऐसा होता है कि हमें इन शब्दों को समझने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| ऐसे में हमने पूरी कोशिश की है कि अब आप को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और अंत में इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद|