रविन्द्र सिंह भाटी का जीवन परिचय | Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi

रविन्द्र सिंह भाटी का जीवन परिचय | Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi रवसा भाटी विधायक शिव निर्दलीय नेता के बारे में जानकारी करियर छात्र राजनीति पता फोन नंबर, एड्रेस, सम्पति, विवाद जीवनी हिस्ट्री हिंदी में.

बाड़मेर जिले की सीमाचल विधानसभा शिव अपनी मौलिक विशेषताओं वाली धरती हैं. दूर दूर तक फैली बसावट और आम तौर पर बुनियादी सुविधाओं से वंचित रही इस धरा पर विधानसभा चुनाव 2023 में कुछ ऐसा हुआ जिसकी चर्चा जयपुर से लेकर दिल्ली और विदेशों में भी हुई. दशकों से कांग्रेस की गढ़ रही यह सीट इस बार एक 26 साल का युवा निकाल ले आया. जिसनें टिकट के भरोसे एक दल का दामन थामा. मगर दल ने जब उसके साथ खेल किया तो उन्होंने भी भरपूर अंदाज में खेल न केवल खेला बल्कि मझे हुए बाजीगरों को धूल चटा डाली. हम रविन्द्र सिंह भाटी की बात कर रहे हैं. छात्र राजनीति से नये नवेले स्टेट पोलिटिक्स में आने वाले रवसा भाटी आज सबसे कम उम्र के विधायक है. शिव विधानसभा में मुस्लिम, राजपूत वोटर हमेशा निर्णायक रहते हैं. मगर रविन्द्र ने सभी को एक आस बंधाकर चुनाव लड़ा और न केवल उनके साथ गेम करने वाली भाजपा को आईना दिखाया, बल्कि 57 वर्षों से अजेय रहे कांग्रेस के गढ़ को भी दहा दिया.

रविन्द्र सिंह भाटी का जीवन परिचय | Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi

रविन्द्र सिंह भाटी का जीवन परिचय | Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi
पूरा नामरविन्द्र सिंह भाटी उर्फ़ रवसा
पिता का नामशैतान सिंह भाटी
माता का नामअशोक कंवर
जन्म1997, तलिया दुधोड़ा
आयु26 वर्ष
पत्नीधाऊ कंवर
पदनिर्दलीय विधायक शिव
सन्तान2

रविन्द्र सिंह भाटी कौन हैं (Who is Ravindra Singh Bhati)

पूर्व जेएनवीयू छात्र संघ अध्यक्ष एवं वर्तमान शिव विधानसभा के विधायक रविन्द्र सिंह भाटी हैं. 84 वर्ष के कांग्रेस के दिग्गज नेता अमीन खान और कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे फतेह खान को चुनावी रण में हराने के बाद 26 वर्ष के युवा नेता ने अपने राज नैतिक करियर की शुरुआत की हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में इनके चलते ही शिव विधानसभा की चर्चा पूरे देश में थी. दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के दंगल के बीच अपनी सीट निकालने में कामयाब रहे रविन्द्र सिंह 2019 में जय नारायण विश्वविद्यालय जोधपुर के छात्र संघ का चुनाव भी 1294 मतों से अपने दम पर निर्दलीय लड़कर जीते थे. इस तरह राजस्थान की विधानसभा में दुधोड़ा गाँव का यह छोरा सबसे युवा नेता के रूप में शिव की आवाज बुलंद करेगा.

रविन्द्र सिंह भाटी का जन्म और जन्म स्थान

तलिया दुधोड़ा के रहने वाले शैतान सिंह भाटी के घर रविन्द्र भाटी का जन्म 3 दिसम्बर 1997 को हुआ था. इनके पिताजी पेशे से शिक्षक है तथा प्रधानाध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. भाटी कई इंटरव्यू में अपने पिताजी की तारीफ़ भी करते नजर आते हैं. 3 दिसम्बर को जब राजस्थान विधानसभा के नतीजों की घोषणा हुई तो रविन्द्र का यह 26 वें जन्म दिन का अवसर था. शिव की जनता ने बर्थ डे पर उन्हें ऐसा उपहार दिया जो सदा उन्हें याद रहेगा. हालांकि जब उन्होंने विधायक का नामांकन करवाया जब इनकी आयु 25 वर्ष थी. इस हिसाब से वे राजस्थान के सबसे कम उम्र में बनने वाले विधायक भी हैं. लगभग एक सप्ताह तक भारतीय जनता पार्टी में रहने वाले रविन्द्र ने स्वरूप सिंह खारा को टिकट देने के तुरंत बाद ही पार्टी से इतर होकर निर्दलीय नामांकन कर दिया था.

रविन्द्र सिंह भाटी की पत्नी, बेटा और परिवार

रविन्द्र के पिताजी का नाम शैतान सिंह है ये सरकारी अध्यापक हैं. इनकी माँ का नाम अशोक कंवर है. ये एक राजपूत हिन्दू परिवार से आते हैं. धाऊ कंवर इनकी पत्नी का नाम हैं. रविन्द्र के दो बेटे भी है जिनके नाम देवेन्द्र सिंह भाटी एवं दिव्यराज सिंह भाटी हैं. ये एक सामान्य किसान परिवार से आते है सादगी भरा जीवन और स्थानीयता इनके जीवन की विलक्ष्ण विशेषता हैं. हमेशा अपनी मायड भाषा बोलने वाले रविन्द्र ने मारवाड़ी में ही विधानसभा में शपथ ली थी.

रविन्द्रसिंह भाटी की शिक्षा

रविन्द्र सिंह की शुरूआती शिक्षा कहा से हुई तथा किन वर्षों में इन्होने बाहरवीं तक की शिक्षा प्राप्त की इस बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हैं. मौजूदा जानकारी के अनुसार रविन्द्र सिंह ने साल 2013 से जोधपुर का रूख किया तथा यहाँ से कॉलेज की पढ़ाई शुरू की. इन्होने कानून में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की तथा वकालत का पेशा चुना. ये साल 2019 में जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव निर्दलीय लड़े और भारी अंतर से विजयी रहे, इसके पश्चात इन्हें खूब पहचान मिली. इस तरह 2019 से 2022 तक छात्र राजनीति में रहने के बाद ये राज्य की राजनीति में उतरे है तथा युवाओं ने इन्हें अपना रोल मॉडल बड़ों ने इन्हें खूब सम्मान दिया.

रविन्द्र सिंह की कमाई व नेट वर्थ

महंगी डिफेंडर और फॉर्च्यूनर जैसे गाड़ियों के काफिले में चलने वाले रविन्द्र सिंह भाटी मध्यम किसान परिवार से आते हैं. इनकी आय का स्रोत कृषि व स्वयं का पेशा हैं. अपने दोस्तो के सहयोग के चलते ये चुनाव में अच्छी रैलिया करने में कामयाब रहे हैं. रविंद्र सिंह भाटी की संपत्ति की बात करे तो नामांकन के दौरान दिए शपथ पत्र में इन्होने अपने पास 1,50,000 व पत्‍नी के पास 1,00,000 रुपए होना बताया हैं. 30 हजार 900 रुपए के आभूषण व पत्‍नी के पास 19 लाख 32 हजार के आभूषण भी हैं.

रविन्द्र सिंह भाटी का राजनीतिक करियर

शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी की राजनैतिक उपलब्धियों की बात करे तो वे बेहद इस इसलिए हो जाती है क्योंकि ये किसी के बिना आश्रय से उन्हें प्राप्त हुई हैं. किसी दल के चुनाव सिम्बल से चुनाव जीत जाना उतनी बड़ी बात नहीं है मगर एक निर्दलीय के रूप में दांव लगाकर बड़े बड़े खिलाड़ियों को परास्त कर जाना ये करिश्मा हैं. 2019 में इन्होने जेएनवीयू के छात्र संघ चुनाव में 1294 मतों से जीत हासिल की, 57 वर्षों के इतिहास में बड़ा कारनामा था. विधानसभा चुनाव 2023 में रविंद्रसिंह भाटी 79495 वोट हासिल करके लगातार दस बार विधायक चुनाव लड़ने वाले अमीन खान कांग्रेस के बागी नेता फतेह खान को 3950 मतों से करारी शिकस्त दे देते हैं. ये 75 साल की शिव की राजनीति में पहला करिश्मा था जब एक 26 साल के युवा ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को बौना साबित कर जीत हासिल की.

रविन्द्र सिंह भाटी से जुड़े विवाद

युवा नेता रविन्द्र सिंह भाटी का अभी राजनीति में आगमन भर है. उनके साथ कोई विशेष विवाद नहीं पनपा हैं. विरोधी उनसे चुनाव प्रचार के दौरान एक आरोप जरुर लगाते है कि अगर वे आम आदमी है तो इतनी महंगी गाड़ियाँ वे कहा से लाते हैं. कुछ लोग इन पर जातिवादी होने का आरोप भी मढ़ते हैं. मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन पर छः अपराधिक मुकदमें भी दर्ज हैं. कुछ लोग इन पर स्वार्थी होने का आरोप भी लगाते है. क्योंकि वे महज एक हफ्ते के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भर बने थे मगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.

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