गणगौर पर कविता शायरी गीत दोहे Poem On Gangaur In Hindi

गणगौर पर कविता शायरी गीत दोहे Poem On Gangaur In Hindi भारतीय संस्कृति में त्योहारों का बड़ा महत्व रहा हैं तीज त्यौहार न केवल उत्साह और आनन्द के अवसर होते हैं, बल्कि हमें आध्यात्म व अपनी संस्कृति की जड़ों से भी जोड़ते हैं.

राजस्थान में गणगौर भी एक ऐसा धार्मिक पर्व हैं, चैत्र शुक्ल तृतीया को महिलाओं द्वारा गणगौर का पर्व मनाया जाता हैं. 18 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा की जाती हैं.

कुँवारी और सुहागन स्त्रियों द्वारा अच्छे पति की कामना के लिए व्रत रखकर पूजन किया जाता हैं.ऐसी मान्यता हैं कि माँ गौरी (पार्वती) होली के दूसरे दिन अपने मायके जाती हैं, आठ दिनों के बाद भगवान शिवजी (इसर) उन्हें वापस लेने जाते हैं तथा चैत्र शुक्ल तृतीया को गौरी की विदाई होती हैं.

राजस्थान में इस दिन गौर के लोकगीत गाए जाते हैं. एक बड़े पर्व के रूप में बड़े पारिवारिक आयोजन के साथ तृतीया को गणगौर उत्सव का समापन होता हैं.

Shayari, Geet, Dohe, Kavita & Poem On Gangaur In Hindi

Shayari, Geet, Dohe, Kavita Poem On Gangaur In Hindi

हमारी संस्कृति में शिव पार्वती के दाम्पत्य जीवन को आदर्श के रूप में माना जाता हैं. गणगौर के उत्सव में भी माताएं बहिनें शिव जैसे पति की कामना माँ गौरी से करती हैं.

उनका उपवास रखती तथा पूजन करती हैं. राजस्थान में इस दिन हाथों पर मेहँदी लगाने की रस्म हैं. माँ म्हाने खेलण दो गणगौर इसी पर्व पर आधारित गीत हैं.

आज के लेख में हम गणगौर पर कुछ हिंदी राजस्थानी कविताएँ, गीत, शायरी, दोहे आदि आपके लिए लेकर आए हैं, जिन्हें आप सोशल मिडिया पर स्टेटस के रूप में पोस्ट कर अपने प्रियजनों को गणगौर की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

गणगौर की कविता

वैसे तो यह महिलाओं और युवतियों का पर्व हैं. सुहागन स्त्रियाँ इस दिन अपने पति की लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर व्रत रखती है तो वही कुँवारी कन्याएं अच्छे वर की अभिलाषा में व्रत धारण करती हैं तथा माँ गौरी की आराधना करती हैं.

आज की कविता एक प्रेमी द्वारा उसकी प्रेयसी के सम्मान में लिखी गई हैं, इसका शीर्षक हैं तुम ही गणगौर हो. आप भी पढ़िये इस सुंदर कविता को और आनन्द लीजिए.

पूजा के अर्पित फूल हो, अर्धांगिनी का सुर्ख सिंदूर हो,
जीवन की सहचरी, वो जीवनपर्यन्त तुम गणगौर हो!

धरा पर चाँद का टुकड़ा हो, मेरे व्रत का तू आधार हो,
प्रेम अर्ध्य तुम तक पहुंचे वो अनुष्ठान तुम गणगौर हो!

दिये कि शांत लौ हो, रौशनी अपनत्व की चुँहु ओर हो,
दिए बाती का रिश्ता जैसा, वो पूरक तुम गणगौर हो!

रिमझिम से तर विहार हो, मन चितवन चितचोर हो,
आँचल बन जाये सर पर पल्लू, वो तुम गणगौर हो!

सावन की बहकती बयार हो, सौंधी खुशबू प्रेम की हो,
मेघ मल्हार सी सरगम जैसी, वो पायल तुम गणगौर हो!

बदली, मेघ की शहजादी हो, ओस सुबह की लगती हो,
कजरारी आंखों का काज़ल, वो दुल्हन तुम गणगौर हो!

चंदा की सोलह कला हो, सोलह श्रृंगार से परिपूर्ण हो,
सोलह सोमवार का पुण्य, वो सोलह आने तुम गणगौर हो!

शिव प्रदत वरदान हो, गौरी का अटल आशीर्वाद हो,
गौर-ईसर सी जोड़ी “राज” वो चाहत तुम गणगौर हो!

गणगौर की शुभकामनाएं कविता

आ गया मेरी गणगौर मैया का त्यौहार
सज गये है हर घर आंगन और द्वार
मैया लाती है साथ में खुशियों की बौछार
बताती है शिव जी और गौरी मैया का प्यार
घर आंगन में सबके प्यार के फूल खिलेगे
गणगौर मैया के आने से सब फुले फ्लेगे
शिवजी और गौरी मैया के नाम में है प्यार
चाँद की चांदनी और शरद की हो बहार
शिवजी और गौरी मैया तो एक ही है
यही बताए ये गणगौर मैया का त्यौहार
कल व्यस्त रहूंगी इसलिए आज करो स्वीकार
बधाई हो आप सबको गणगौर मैया का त्यौहार

गणगौर की शायरी

देखा देख माँ न्हें
करे लाडैसर होड़
देखो
गणगौर माँ रमे
बाईसा रे जोड़


युगों से चली आ रही इस प्रथा को आ मिल दोहराए
मैं प्रेम दीवानी बनूं गँवर तो तू मेरा ईसर हो जाए

प्रेम की कोंपले फूटे मन में बसंती फूल भी खिल जाए
फाल्गुन का उड़ता गुलाल मेरी मांग सिंदूरी कर जाए

आज सजाऊँगी खुद को ऐसे कि तू मेरा चकोर हो जाए
रूप श्रृंगार देख कर मेरा आज तू झूमता मोर हो जाए

पतझड़ सी तपती दुपहरी में तू मेरी सुहानी छाँव हो जाए
रतजगी आँखों का मेरी तू सुनहरा हसीन ख़्वाब हो जाए

मैं लुक छिप करू तेरी पूजा तू शिव मूरत माटी की हो जाए
मेरे पतिव्रता को तू महल अटारी और घाट गणगौर हो जाए

शहर की गलियों में तेरे मेरे प्यार की चर्चा हो जाए
अखंड सौभाग्य का माँ से आज मुझकों वरदान मिल जाए


“खेलण दो गिणगौर
भँवर !
म्हाने पूजण दो गिणगौर
प्यारो घणो लागै सा, मनड़े ने भावे सा
ओ जी म्हारी सहेल्या जोवे है बाट
आलीजा ! म्हाने खेलण दो गिणगौर …”

हमारी सभी माताओं बहिनों को गणगौर पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभेच्छा, भगवान भोलेनाथ आपकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करें, भगवान सृष्टि को कोरोना महामारी से रक्षा करें तथा हम पूरी सतर्कता के साथ इस उत्सव में भाग लेवे.

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