सुनील छेत्री का जीवन परिचय Sunil Chhetri Biography in Hindi इसमें कोई दो राय नहीं की क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों की तरह आज भी भारत में फुटबॉल के खेल के प्रति लोगों की दिलचस्पी और दीवानगी बेहद कम है।
इसके बावजूद भारतीय खिलाडी सुनील छेत्री ने फुटबॉल में अपने प्रदर्शन से न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब नाम कमाया है।
अतः यह कहना गलत नहीं होगा की सुनील छेत्री के कारण ही इंडिया में कई युवा अब फुटबॉल में भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं, और पिछले कुछ समय में फुटबॉल का खेल देखने वाले दर्शकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
सुनील छेत्री का जीवन परिचय Sunil Chhetri Biography in Hindi
सुनील ने अपने खेल खेलने के कौशल से समय-समय पर इंडिया को गौरवान्वित किया है, साथ ही इन्होंने खेल में अपनी बढ़िया परफॉर्मेंस के कारण बहुत सारे अवार्ड इंडिया के लिए और खुद के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्राप्त किए हैं।
आइए सुनील की जीवनी यानी की बायोग्राफी पर एक नजर डालते हैं।
सुनील छेत्री का व्यक्तिगत परिचय
पूरा नाम: | सुनील छेत्री |
अन्य नाम; | भाई |
पेशा: | भारतीय पेशेवर फुटबॉलर |
जर्सी नंबर: | 11 |
स्थिति: | स्ट्राइकर, सेंटर – फॉरवर्ड |
मेंटर: | सुब्रोतो भट्टाचार्य |
राशि: | सिंह |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
गृहनगर: | सिकंदराबाद, भारत |
धर्म: | हिन्दू |
जातीयता: | भारतीय, नेपाली |
जन्म: | 3 अगस्त, 1984 |
उम्र: | 34 साल |
जन्म स्थान: | सिकंदराबाद, भारत |
पिता का नाम: | के. बी. छेत्री |
माता का नाम: | सुशीला छेत्री |
बहन का नाम: | बंदना छेत्री |
पत्नी का नाम: | सोनम भट्टाचार्य |
स्कूल: | बहाई स्कूल, गंगटोक, सिक्किम |
कॉलेज: | आसुतोष कॉलेज, कोलकाता |
सुनील छेत्री का प्रारंभिक जीवन, शिक्षा और परिवार-
इंटरनेशनल फुटबॉल प्लेयर सुनील का जन्म साल 1984 में 3 अगस्त को एक नेपाली परिवार में हुआ था। सुनील छेत्री के पिता जी का नाम बी छेत्री है, जो कि इंडियन आर्मी में गोरखा ऑफिसर है और इनकी माता जी घर का काम करती है यानी कि हाउसवाइफ है।
सुनील की बहन का नाम वंदना छेत्री है। जैसा कि हमने आपको बताया कि, इनके पिताजी इंडियन आर्मी में गोरखा ऑफिसर थे।
इसलिए इनका तबादला विभिन्न स्थानों में होता रहता था, जिसके कारण सुनील ने अपने स्कूल की पढ़ाई इंडिया के कई शहरों में की, जिसमें बहाई स्कूल,गंगटोक, बेथानी और आरसीएस,
स्कूल दार्जिलिंग, लोयला स्कूल कोलकाता और आर्मी पब्लिक स्कूल, नई दिल्ली शामिल है।
साल 2001 में सुनील ने अपने फुटबॉल खेलने की शुरुवात 17 साल की उम्र में नई दिल्ली शहर से की थी और यह काफी अच्छा फुटबॉल खेलते थे। इसीलिए लोगों की नजरों में इनकी प्रतिभा सामने गई और सुनील लगातार इस खेल में आगे बढ़ते गए।
सुनील छेत्री का फुटबॉल में आगमन
सुनील की माता नेपाल महिला राष्ट्रीय टीम के लिए फुटबॉल खेलती थी और इनके पिता भी इंडियन आर्मी में फुटबॉल का खेल खेलते थे। इसीलिए पारिवारिक परिस्थितियों की वजह से सुनील ने भी काफी कम उम्र में ही फुटबॉल के खेल में रुचि लेना चालू कर दिया था।
जब सुनील छेत्री को इंडिया के लिए एशियाई स्कूल चैंपियनशिप का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था, तो उन्होंने इसके लिए अपनी बारहवीं की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था और यहीं से सुनील के फुटबॉल कैरियर की शुरवात हुई थी।
पत्नी और शादी
सुनील की शादी सोनम भट्टाचार्य नाम की महिला के साथ हुई है, जिन्होंने स्कॉटलैंड की एक यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट के कोर्स को पूरा करने के बाद पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर के साल्ट लेक एरिया में अपना होटल चलाने का काम करती हैं।
आपको बता दें कि, सोनम भट्टाचार्य मोहन बागान के फेमस सुब्रतो भट्टाचार्य की बेटी है। सुब्रतो भट्टाचार्य ही सुनील के मेंटर हैं और इसलिए इन दोनों की मुलाकात आपस में अक्सर होती रहती थी और मुलाकात होने के कारण ही इन दोनों का आपस में अच्छा संपर्क हो गया था, जिसके कारण यह दोनों एक दूसरे को बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड मानने लगे थे।
सुनील ने सोनम भट्टाचार्य के साथ साल 2017 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में 4 दिसंबर को शादी कर ली। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सुनील छेत्री नेपाली हैं,
इसलिए उन्होंने अपनी शादी में नेपाली कपड़े पहने थे जबकि सोनम भट्टाचार्य ने अपनी मैरिज में गोल्डन कलर की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें थोड़ा लाल रंग भी मिक्स था। इन दोनों ने अपनी शादी बंगाली Tradition के हिसाब से की थी।
सुनील छेत्री का लुक
सुनील बहुत ही दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं। इनकी कद काठी के बारे में नीचे जानकारी दी गई है।
- कद:5 फुट 7 इंच
- वजन:62 किलोग्राम
- आँखों का रंग:गहरा भूरा
- बालों का रंग:काला
सुनील छेत्री की पसंद और नापसंद
- पसंद:इन्हें म्यूजिक सुनना, क्रिकेट, बैडमिंटन और टेनिस खेलना पसंद है।
- पसंदीदा फुटबॉलर: सुनील के पसंदीदा फुटबॉलर डेविड विला और लियोनेल मेसी है।
- पसंदीदा एक्टर: इनके पसंदीदा एक्टर शाहरुख खान है।
- पसंदीदा एक्ट्रेस: इनकी पसंदीदा ऐक्ट्रेस कोंकणा सेन है।
- पसंदीदा क्रिकेटर: इन्हें क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर क्रिकेटर के तौर पर पसंद है।
सुनील छेत्री का विवाद
फिलहाल तो सुनील से संबंधित किसी भी विवाद के बारे में कोई भी जानकारी हासिल नहीं हुई है, जिसका एक मुख्य कारण यह भी है कि यह बहुत ही शांत स्वभाव के हैं और इसीलिए इनका जल्दी किसी के साथ कोई भी झगड़ा नहीं होता है।
एक बार सुनील ने फुटबॉल प्लेयर लियोनेल मेसी के बराबर गोल करने का रिकॉर्ड किया था, जिसके कारण यह टीवी की सुर्खियों में आए थे।
नेट वर्थ –
इनकी नेटवर्थ एक अंदाज के मुताबिक तकरीबन एक मिलियन डॉलर से ज्यादा है।सुनील अपनी अधिकतर कमाई मैच खेल कर ही प्राप्त करते हैं और इन्हें हर मैच को खेलने के बदले में 1,10,008 रुपए प्राप्त होते हैं।
आपको बता दें कि सुनील को लग्जरी चीजों का बहुत ही शौक है और इसीलिए यह महंगी कार खरीदने के भी शौकीन है। इनके पास कई इंटरनेशनल लग्जरी कार मौजूद है,साथ ही उन्होंने इंडिया और नेपाल में कई प्रॉपर्टी भी खरीद कर रखी है।
इंटरनेशनल कैरियर
सुनील ने पाकिस्तान में हुए एशियाई खेलों में इंडियन अंडर 20 टीम के लिए साल 2004 में खेल करके अपने इंटरनेशनल कैरियर की स्टार्टिंग की थी,
परंतु सिर्फ 1 साल के बाद ही साल 2005 में जून के महीने में सुनील ने अपना पहला गोल पाकिस्तान के खिलाफ किया।
सुनील ने एसएएफएफ चैंपियनशिप में कुल दो गोल करके इंडिया को साल 2008 में फाइनल में पहुंचाने में सफलता हासिल की थी।
इसके अलावा ताजिकिस्तान के खिलाफ खेले गए फाइनल मैच में सुनील ने Hattrick Score करके इंडिया को एशियाई कप के लिए क्वालीफाई होने के लिए एलिजिबल बनाया।
साल 2011 में दिसंबर के महीने में एसएएफएफ चैंपियनशिप में इंडिया डोमिनेंट विनर था। इस मैच में सुनील ने टोटल 7 गोल किए थे।
सुनील को साल 2012 में एएफसी चैलेंज कप में कॉलीफिकेशन के लिए इंडियन फुटबॉल टीम का कैप्टन बनाया गया था। इस चैलेंज कप का आयोजन मलेशिया में हुआ था।
नेहरू कप टूर्नामेंट जिसका आयोजन साल 2012 में अगस्त के महीने में हुआ था, इसमें भी सुनील ने काफी बढ़िया प्रदर्शन किया था, जिसके कारण भारत को इस मैच को जीतने में सफलता हासिल हुई थी। इस मैच में सुनील छेत्री ने टोटल 4 गोल किए थे,जो काफी निर्णायक साबित हुए थे।
सुनील के काफी प्रयासों के बावजूद भी उन्हें साल 2015 में आयोजित हुए एशियाई कप के लिए क्वालीफाई होने का मौका नहीं मिला,परंतु उन्होंने अपनी इस इच्छा को साल 2019 के लिए क्वालीफाई हो करके पूरा कर लिया। इस प्रकार से सुनील का इंटरनेशनल कैरियर काफी अच्छा साबित हुआ है।
सुनील छेत्री द्वारा लोगों से फुटबॉल मैच देखने की अपील-
जितना पसंद फुटबॉल के खेल को विदेशों में किया जाता है, उतना प्यार इस खेल को भारत में नहीं किया जाता। इंडिया में अधिकतर लोग क्रिकेट के खेल को पसंद करते हैं परंतु क्रिकेट से ज्यादा फुटबॉल का खेल दुनिया में पॉपुलर है।
दरअसल भारत ने इंटरनेशनल कप में चाइनीस ताइपे को हराकर के 5-0 से जीत हासिल की थी, परंतु इस फुटबॉल मैच को देखने के लिए सिर्फ 2000 लोग ही आए थे, जिसके कारण खिलाड़ियों को बहुत ही हताशा हुई थी।
इसके बाद जब इंडिया और केन्या के बीच फुटबॉल मैच खेला जाने वाला था, तो मैच के पहले सुनील ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करके यह कहा कि आप भले ही हमें गाली दे दे, परंतु कम से कम आप हमारा मैच तो देखने आए।
इसके बाद सुनील की इस अपील को सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों ने भी समर्थन दिया और इसके बाद जब फुटबॉल मैच चालू हुआ तो पूरा स्टेडियम दर्शकों से भर गया था।
क्लब कैरियर-
- मोहन बागन क्लब
- जेसीटी क्लब
- पूर्व बंगाल क्लब
- डेंपो क्लब
- कंसास सिटी विजार्ड
- चिराग यूनाइटेड
- स्पोर्टिंग क्लब पुर्तगाल बी
- बेंगलुरू एफसी क्लब
- मुंबई सिटी क्लब
- सुनील छेत्री के पुरस्कार और अवार्ड
- अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ प्लेयर ऑफ़ द ईयर: 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 और 2018–19
- अर्जुन अवार्ड ( फुटबॉल ): 2012
- पद्म श्री अवार्ड: 2019
- एआईएफएफ ने खेल रत्न के लिए कप्तान सुनील की सिफारिश की: 2021
- Hero Of The Indian Super League:2017-2018