तैराकी पर निबंध Essay On Swimming In Hindi

आज का निबंध तैराकी पर निबंध Essay On Swimming In Hindi पर दिया गया हैं. सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए फेवरेट गेम स्वीमिंग पर निबंध दिया गया हैं.

यहाँ हम जानेगे कि तैराकी क्या होती है कैसे की जाती है और खेल में इसकी प्रतियोगिता के बारे में संक्षिप्त में जानेगे.

तैराकी पर निबंध Essay On Swimming In Hindi

तैराकी पर निबंध Essay On Swimming In Hindi

जल और मानव जीवन का अत्यंत घनिष्ट सम्बन्ध है. वास्तव में जल ही जीवन है. विश्व की प्रमुख संस्कृतियों का जन्म बड़ी बड़ी नदियों के किनारे ही हुआ था.

बचपन से ही हम जल की उपयोगिता, शीतलता और इसकी निर्मलता के कारण उसकी ओर आकर्षित होते रहे है. किन्तु नल के नीचे नहाने और जलाशय में डुबकी लगाने में रात दिन का अंतर है. हम जलाशयों को देखते ही मचल उठते है. उसमे तैरने के लिए

आज सर्वत्र सहस्त्री व्यक्ति प्रतिदिन सागरों, नदियों झीलों में तैरकर मनोविनोद करते है. और साथ ही अपना शरीर भी स्वस्थ बनाए रखते है. स्वच्छ और शीतल जल में तैरना तन को स्फूर्ति ही नही मन को भी शान्ति प्रदान करता है.

तैराकी आनन्द की वस्तु होने के साथ साथ हमारी आवश्यकता भी है.नदियों के आस-पास गाँव के लोग सड़क मार्ग न होने पर एक दुसरे से तभी मिल पाते थे जब उन्हें तैरना आता हो अथवा नदियों में नाव हो.

प्राचीनकाल में नावे कहाँ थी. तब तो आदमी को नदियाँ तैरकर ही पार करनी पड़ती थी. किन्तु तैरने के लिए आदिम मनुष्य को निश्चय ही प्रयत्न और परिश्रम करना पड़ा होगा. क्युकि उनमे अन्य प्राणियों की भाँती तैरने की जन्मजात क्षमता नही थी.

जल में मछली आदि जल जीवों को स्वच्छद विचरण करते देख मनुष्य ने उसी प्रकार तैरना सिखने का प्रयत्न किया धीरे धीरे उसने इस कार्य में इतनी निपुणता प्राप्त कर ली कि आज तैराकी एक कला के रूप में गिनी जा रही है. विश्व में जो भी खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है. उनमे तैराकी प्रतियोगिता अवश्य रूप से शामिल की जाती है.

वस्तुत तैराकी अपने आप में एक कला है एक व्यवसाय है खेल तथा मनोरंजन का प्रिय साधन भी यानि आम के आम और गुठलियों के दाम. यदि आप नही तैरना चाहते है तो नदी के किनारे खड़े होकर नाव की प्रतीक्षा करने की जरुरत नही है. तैरिये और नदी पार कर लीजिए और अपना स्वास्थ्य भी बनाइए.

इतना ही नही तैराकी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर आप विजय और ख्याति का अपार आनन्द भी प्राप्त कर सकते है.

आज तैराकी के चार प्रकार प्रचलित है.फ्री स्टाइल, बैक स्ट्रोक, ब्रेस्ट स्ट्रोक और बटरफ्लाईस्ट्रोक. फ्री स्टाइल स्ट्रोक (खुली तैराकी) में तैराक पहले दाहिनी भुजा और फिर बाई भुजा को आगे पीछे करते पानी को काटते जाता है. और अपने शरीर को आगे बढ़ाता जाता है.

पीठ के बल तैरने को बैक स्ट्रोक कहा जाता है और छाती के बल तैरने ब्रेस्ट स्ट्रोक कहा जाता है. ब्रेस्ट स्ट्रोक में दोनों भुजाएं का एक साथ संचालन करते हुए छाती के बल अपने शरीर को आगे बढ़ाता जाता है. बटरफ्लाई का अर्थ है तितली. इस स्ट्रोक का काफी ढंग से तितली के उड़ने से मिलता जुलता है.

आजकल तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तैराकी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. छोटी आयु की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को चार वर्गो में बाटा जा सकता है. दस साल से कम, दस से बारह, बारह से पन्द्रह, तथा पन्द्रह से सत्रह साल तक.

इसके अतिरिक्त दौ सौ और चार सौ मीटर मेडली, चार सौ और दौ सौ मीटर स्टाइल रिले, डाइविंग और वाटर पोलो आदि प्रतियोगिताएं है.

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