वरुण गांधी का जीवन परिचय Varun Gandhi Biography In Hindi वरुण गांधी भारतीय राजनीति से जुड़ा एक ऐसा नाम है, जो गांधी और नेहरू परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद राजनीति में कांग्रेस नही बल्कि भाजपा को समर्थन करते हैं।
जी हा दोस्तो आपने बिलकुल सही सुना हैं। वरुण ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत BJP के साथ की थी।
तो साथियों आज हम गांधी के जीवन से जुड़े उन सभी तथ्यों और उनके बारे में विस्तार से जानेंगे तो वरुण की इस जीवनी में अंत तक बनें रहें।
वरुण गांधी का जीवन परिचय Varun Gandhi Biography In Hindi
नाम | फिरोज वरुण गांधी |
जन्म | 13 मार्च 1980 |
जन्म स्थान | नई दिल्ली, भारत |
माता | मेनका गांधी |
पिता | संजय गांधी |
शिक्षा | पोस्ट ग्रेजुएट |
पेशा | राजनेता |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जाति | Not sure |
धर्म | Not sure |
पत्नि | यामिनी गांधी |
पत्नी का व्यवसाय | डिजाइनर |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
गांधी संयुक्त रूप से गांधी–नेहरू परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वरुण का जन्म 13 मार्च 1980 को राजधानी नई दिल्ली में हुआ था।
वरुण की माता का नाम मेनका गांधी है जो कि एक पर्यावरणविद और साथ ही में राजनीतिज्ञ भी है। वरुण के पिता जी का नाम संजय गांधी है जो कि एक राजनीतिज्ञ थे।
वरुण गांधी की शुरुआती शिक्षा
वरुण चूंकि बड़े घर से थे तो उनकी पढ़ाई भी उसी हिसाब से हुई थी। वरुण की शुरुआती शिक्षा ऋषि वैली स्कूल से और फिर मॉडर्न स्कूल सी.पी. न्यू दिल्ली से हुई, इसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा ब्रिटिश स्कूल नई दिल्ली से पूरी की।
ये सम्पन्न परिवार में जन्मे बेटे थे, तो जाहिर सी बात है कि उनकी पढ़ाई भी स्टैंडर्ड तरीके से हुई होगी। आगे की पढ़ाई के लिए वरुण लंदन चले गए।
वहां पर उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स & पॉलिटिकल साइंस लंदन से ऑनर्स में BSC की डिग्री हासिल की। इन्होंने इस डिग्री को दूरस्थ शिक्षा प्रावधान के माध्यम से प्राप्त किया।
परिवार और उनकी जाति & धर्म
वरुण गाँधी संयुक्त रूप से नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके परिवार में उनकी मां का नाम मेनका गाँधी और पिताजी का नाम संजय गाँधी है।
भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी वरुण की ही दादी हैं। वही फिरोज गाँधी जो एक प्रसिद्ध पत्रकार थे, इनके ही दादाजी थे।
वहीं भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री माननीय श्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी वरुण के ही परदादा है। बता दें उनकी महान परदादी कमला नेहरू भी एक स्वतंत्रता सेनानी ही थी।
उनके चाचा, स्वर्गीय राजीव गांधी जी भी एक राजनीतिज्ञ थे। और उन्हीं की पत्नी सोनिया गांधी आज भी एक राजनेता के तौर पर देश में एक प्रभावशाली नेता है।
वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कमान संभालने वाले राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी वरुण गाँधी के ही चचेरे भाई बहन है।
वरुण की पर्सनल फैमिली की बात की जाए तो उनकी शादी यामिनी गांधी से हुई है। जो कि एक ग्राफिक डिजाइनर है। और इस शादी से उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम अनुसया गांधी है।
वरुण गांधी के परिवार में अनुसाया गांधी से पहले भी एक बेटी थी जिसका नाम अध्य प्रदर्शनी था परंतु महज 4 महीने की उम्र में उसका निधन हो गया था, जिसके बाद से वरुण की एक ही बेटी है जिसका नाम अनुसया गांधी है।
वरुण गांधी का राजनीतिक कैरियर
वरुण के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2004 में ही हुई थी जब वह अपनी मां मेनका गांधी के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को ज्वाइन किए थे।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए गांधी ने अपने चिर प्रतिद्वंदी वीएम सिंह को लगभग 4,19,500 से भी अधिक मतों के अंतर से पराजित कार अपने राजनैतिक जीवन की धमाकेदार शुरुआत की।
गांधी परिवार में यह अब तक की सबसे अधिक मत के अंतर की जीत थीं। इसके बाद साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर श्री राजनाथ सिंह जी (वर्तमान में भारतीय केंद्रीय मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री) ने वरुण को बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया। और इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी का सबसे युवा महासचिव बनने का गौरव वरुण गांधी के नाम हो गया।
इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी वरुण गांधी नसुल्तानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और अपने प्रतिद्वंदी अमृता सिंह को हराकर एक बार फिर से विजय प्राप्त की।
उनकी जीत का सिलसिला यहीं पर नहीं रुका साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वरुण ने एक बार फिर से पीलीभीत निर्वाचन सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। और लोकसभा की सदस्यता प्राप्त की।
वरुण से जुड़े कुछ विवाद
- साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जब वरुण पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे, तो अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने भाषण में मुसलमानों के खिलाफ कुछ भड़काऊ बयान बना दिए। जिसके बाद गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया, और उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी कर लिया गया था, जिसके बाद उन्हें करीब 20 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था।
- इसके बाद वर्ष 2009 में ही जब वरुण गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ऊपर भड़काऊ बयान देने के मामले में अपने उपर दर्ज केस को रफा-दफा करने की अपील की थी। अपनी याचिका में वरुण की ओर से लिखा गया था कि वह लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स & पॉलिटिकल साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल किए हुए हैं। और इसके अलावा स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज से भी स्नातक की पढ़ाई कर चुके हैं। लेकिन विश्वविद्यालय ने इन सभी से संबंधित किसी भी डिग्री से साफ इनकार कर दिया। और ये भी क्लियर कर दिया कि लंबी दूरी प्रावधान की वजह से उन्होंने अपनी बीएससी और स्नातक की डिग्री प्राप्त की। और यह भी कहा गया कि उन्होंने सिर्फ समाजशास्त्र और एमएससी के लिए नामांकन लिया था। लेकिन फिर भी आज तक डिग्री पूरी नहीं की है।
- 29 मार्च 2009 को दंगे भड़काने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत वरुण को गिरफ्त में लिया गया।
- साल 2015 में वरुण गांधी को लेकर अपने दिए गए बयान में पूर्व आईपीएल के अध्यक्ष ललित मोदी ने कहा कि वह लंदन में गांधी से मिल चुके हैं, और उनके और सोनिया गांधी के बीच सब कुछ निपटाने को लेकर बातें की है।
- इसके बाद साल 2016 में हथियार डीलर अभिषेक वर्मा ने गांधी पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने हथियार निर्माता से संबंधित सुरक्षा या रहस्य को लीक किया है परंतु वरुण ने इन सभी आरोपों से किनारा लेते हुए सीधे शब्दों में यह कहा कि अभिषेक वर्मा के पास ऐसा कुछ सबूत नहीं है जिससे यह जानकारी मिल सके कि हमने हथियार निर्माता से संबंधित कोई भी जानकारी लीक किया है।
वरुण गांधी से संबंधित कुछ रोचक और अनसुनी बातें
- वरुण की उम्र महज 3 महीने की थी तब उनके पिता संजय गांधी जी की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई।
- वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान वरुण को उनकी मां मेनका गांधी ने राजनीति से परिचित कराया था।
- गांधी को राजनीति के साथ-साथ लेखन में भी रूचि है। अप्रैल 2015 में वरुण द्वारा लिखित “स्टीलनेस” शीर्षक की कविता हार्पर कालिंस द्वारा प्रकाशित की गई थी। और यह पुस्तक के रिलीज होने के महज 2 दिन के भीतर इसकी 10,000 से भी अधिक प्रतियां बिक गई थी।
- साल 2011 में जब भ्रष्टाचार के आंदोलन के लिए जब अन्ना हजारे ने उपवास रखा, तब वरुण धवन ने उन्हें अपने उपवास के लिए अपनी आधिकारिक निवास पर आने को कहा था। लेकिन सरकार द्वारा इसे स्वीकृत नहीं किया गया।
- इसके बाद साल 2011 में जब वरुण की बेटी आद्या प्रियदर्शनी जिसका नाम उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी के नाम पर रखा था, महज 4 महीने की आयु में उसका निधन हो गया, और बेटी के इस निधन ने वरुण को इस कदर हिला कर रख दिया था। कि वरुण ने अपनी राजनीति से लगभग 2 महीने के लिए ब्रेक ले लिया था।
- वर्तमान में वरुण ने अपनी “राजधानी” नाम की एक कंपनी भी शुरू की है। जो कि एक कमोडिटी ट्रेनिंग हेतु एनालिटिक्स कंपनी हैं।
- साल 2015 में बतौर सांसद उन्होंने यह शपथ ली, कि वह अपने सांसद वेतन को उन किसान परिवारों के लिए दान करेंगे जो कि कृषि संकट की वजह से अपने जीवन समाप्त करने को मजबूर है। और कर्ज के बोझ तले दब कर कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
संपत्ति
एक रिपोर्ट के अनुसार यह सामने आया है कि वर्ष 2019 के हिसाब से वरुण धवन के कुल संपत्ति लगभग 60 करोड के आसपास की है।