पदार्थ क्या है अवस्था, गुण | General Properties & Definition Of Matter In Hindi

पदार्थ क्या है अवस्था, गुण | General Properties & Definition Of Matter In Hindi:- संसार की वे समस्त वस्तुए जो स्थान घेरती है जिसका कुछ आयतन और द्रव्यमान होता है. पदार्थ (Matter) कहलाती है.

बोस-आइंस्टाइन कंडेंन-सेट की खोज के बाद भौतिक विज्ञान में पदार्थ के पांच प्रकार बताए गये हैं, जिनमें गैस, द्रव, ठोस एवं प्लाज्मा शामिल हैं.

इस आर्टिकल में हम पदार्थ की अवस्थाओं, विशेषताओं, गुण तथा अवस्था परिवर्तन के बारे में जानेगे.

पदार्थ क्या है अवस्था, गुण | Matter In Hindi

केमिस्ट्री और फिजिक्स साइंस में पदार्थ उस वस्तु को कहा जाता हैं जिनमें दो अहम गुण पहला जो स्थान घेरती है तथा दूसरा गुण द्रव्यमान का होता हैं.

शुरूआती विज्ञान के चरण में यह मान्यता थी कि मैटर को न तो उत्पन्न किया जा सकता हैं न ही उसे नष्ट करा जा सकता हैं. अर्थात मैटर एक अविनाशी वस्तु हैं.

पूर्व में यह अविनाशी का सिद्धांत कहा जाता था. विज्ञान की आधुनिक खोजों से अब स्पष्ट हो गया हैं कि पदार्थ एवं ऊर्जा में परिवर्तन किया जा सकता हैं. इस थ्यौरी को प्रमाणित करने के लिए आइन्स्टाइन ने E=m*c<su का प्रसिद्ध फार्मूला दिया था.

मूल रूप से पदार्थ की तीन अवस्थाएं ठोस, द्रव और गैस ही मानी जाती हैं, इसके अलावा कुछ विशेष हालातों में पदार्थ की दो अन्य अवस्थाएं प्लाज्मा और अतितरल व अतिठोस को भी शामिल किया जाता हैं.

पदार्थ या द्रव्य अर्थ परिभाषा (ठोस,द्रव, गैस) | Matter Meaning In Science In Hindi

हमारे चारों ओर भिन्न भिन्न वस्तुएं जैसे जल, हवा, नमक, किताब, कंप्यूटर आदि सभी द्रव्य या पदार्थ है, जिन्हें Science में Matter भी कहा जाता है.

प्रत्येक वस्तु जो स्थान घेरती है, जिसमें द्रव्यमान होता है एवं जिसे पाँचों ज्ञानेन्द्रियों द्वारा महसूस किया जा सकता है. वह द्रव्य या पदार्थ/Matter कहलाता है. 

जब हम कहते है कि द्रव्य का द्रव्यमान होता है इसका अर्थ है कि उसका भार होता है. एक वस्तु जितनी अधिक भारी होगी उतना ही अधिक उसका द्रव्यमान होगा. द्रव्य स्थान घेरता है, इसका अर्थ है उसका आयतन होता है.

द्रव्य के गुणधर्म (Properties of matter)-

  • द्रव्य के कणों के मध्य रिक्त स्थान होता है.
  • द्रव्य के कण निरंतर गतिशील रहते है.
  • द्रव्य के कण एक दुसरे को आकर्षित करते है.

द्रव्य के प्रकार (Type of matter)-

पदार्थ में उपस्थित अवयवों के आधार पर इन्हें दो प्रकार से विभाजित किया गया है.

  • शुद्ध द्रव्य (PURE MATTER)- ऐसे द्रव्य जिनमें एक ही प्रकार के घटक या अवयव होते है जिन्हें शुद्ध द्रव्य कहते है. जैसे- लोहा, सोना, जल, ओक्सीजन आदि. तत्व एवं यौगिक शुद्ध द्रव्य है.
  • अशुद्ध द्रव्य (IMPURE MATTER)- ऐसे द्रव्य जिनमें एक से अधिक प्रकार के घटक या अवयव होते है, उन्हें अशुद्ध द्रव्य कहते है. जैसे शीतल पेय, मिट्टी, वायु आदि. मिश्रण अशुद्ध द्रव्य है.

द्रव्य की अवस्थाएं (States Of Matter)

द्रव्य की भौतिक अवस्थाओं के आधार पर तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है.

  1. ठोस (solid)
  2. द्रव (liquid)
  3. गैस (Gas)

अब वैज्ञानिक पांच अवस्थाओं पर विचार कर रहे है, जिनमें प्लाज्मा (plasma), बोस- आइंस्टाइन कंडनसेट (BEC) भी शामिल है.

भारतीय दर्शन में पदार्थ

आधुनिक विज्ञान के समतुल्य प्राचीन भारतीय ज्ञान विज्ञान में भी प्रकृति के विभिन्न स्वरूपों को परिभाषित किया गया हैं. भारतीय दर्शनशास्त्र में भी पदार्थ की अलग अलग संख्या मानी गई हैं.

गौतम ने 16 तरह के पदार्थ माने हैं वही वेदांती इन्हें चित और अचित दो अवस्थाएं मानते हैं, आगे चलकर रामानुज ने इसमें तीसरा प्रकार ईश्वर जोड़ा हैं. सांख्य दर्शन में कुल 25 प्रकार के तत्व माने गये हैं, वही मीमांसकों ने इन्हें आठ माना हैं.

पदार्थ की अवस्थाएं

ठोस

यह पदार्थ की पहली अवस्था हैं इसमें कण बेहद बारीकी से भरे होते हैं तथा अत्यधिक आकर्षण बल के कारण इनका आयतन और आकार निश्चित होता हैं, इस अवस्था के कुछ उदाहरण जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस हैं.

हमारे चारों ओर असंख्य पदार्थ ठोस रूप में उपस्थित है, जैसे लकड़ी का टुकड़ा, पत्थर, पेन्सिल, पेन, कंप्यूटर, नमक आदि.

ठोस अवस्था के निम्नलिखित अभिलाक्षणिक गुणधर्म है.

  • ठोस का आकार निश्चित होता है.
  • ठोस का आयतन निश्चित होता है.
  • सॉलिड (ठोस) का घनत्व अधिक होता है.
  • ठोस में संपीडयता नगण्य होती है.
  • ठोस के कणों के मध्य उच्च अंतरानुक आकर्षण बन पाया जाता है.
  • इनके कणों में विसरण अत्यंत कम होता है.

द्रव

यह पदार्थ की दूसरी अवस्था हैं इसमें ठोस अवस्था की तुलना में कणों के बंधन तुलनात्मक रूप से कमजोर होने के साथ ही कण गतिमान रहते हैं.

द्रवीय पदार्थों का आकार निश्चित नहीं होता हैं इन्हें जिस आकार के बर्तन में डाला जाता हैं वे उसी का आकार ग्रहण कर लेते हैं. जबकि इनका आयतन निश्चित होता हैं. उदाहरण- तेल, जल व अन्य तरल वस्तुएं.

जल, सरसों का तेल, मिटटी का तेल द्रव के उदाहरण है. द्रव का आयतन निश्चित होता है परन्तु आकृति निश्चित नही होती है. ये पात्र के अनुसार आकार ले लेता है.

द्रव प्रवाह कर सकते है. द्रव को उड़ेला या फैलाया जा सकता है. द्रव के गुण ठोस और गैस में मध्यवर्ती होते है.

द्रव अवस्था के निम्नलिखित अभिलाक्षणिक होते है.

  • इनका आकार अनिश्चित होता है.
  • द्रव का आयतन निश्चित होता है.
  • द्रव का घनत्व गैस डॉ अधिक परन्तु ठोस से कम होता है.
  • द्र्व में सम्पीडयता बहुत कम होती है.
  • द्रव के कणों के मध्य दुर्बल अंतरानुक आकर्षण बल पाया जाता है.
  • लिक्विड के कणों में विसरण गैस से कम परन्तु ठोस से अधिक होता है.

गैस

लिक्विड के बाद यह पदार्थ की तीसरी अवस्था हैं, इसमें कणों के मध्य सबसे कमजोर बंधन पाया जाता है, कण गतिमान तो रहते ही हैं साथ ही इनका न तो आयतन निश्चित होता है न ही आकार.

हमारे आस-पास उपस्थित वायु गैस का सर्वश्रेष्ट उदहारण है. अन्य उदहारण -ओक्सीजन, नाइट्रोजन, आर्गन, कार्बन डाई ऑक्साइड आदि है. गैस अवस्था के निम्नलिखित अभिलाक्षणिक गुणधर्म होते है.

  • गैस का आकार अनिश्चित होता है, ये पात्र के आकार के अनुसार आकार ले लेते है.
  • गैस का आयतन अनिश्चित होता है, ये पात्र के आकार के अनुसार आयतन ले लेते है.
  • इसका घनत्व अत्यंत कम होता है.
  • गैस में संपीड्यता अत्यधिक होती है.
  • गैस के कणों के मध्य अतरागणुक आकर्षण बल नगण्य होता है.
  • इसके कणों में विसरण अत्यधिक होता है.

अतः गैस शीघ्रतापूर्वक सभी जगह फ़ैल जाती है.

गैस के कणों के मध्य अत्यधिक दूरी होती है. अधिक दाब या ताप देकर इन्हें समीप लाया जा सकता है. एवं द्रवित (LIQUIFY) किया जा सकता है. ईधन के रूप में प्रयुक्त CNG का नाम सपीडित प्राकृतिक गैस है, lpg द्रवित पेंट्रोलियम गैस है.

अवस्था में परिवर्तन

अवस्था परिवर्तन का आशय एक अवस्था से दूसरी अवस्था में जाना होता हैं. जैसे जल बर्फ के रूप में ठोस अवस्था में होता हैं. ऊष्मा पाने के बाद बर्फ का जल बन जाना यह उसकी द्रवीय अवस्था हैं.

एक नियत ताप पाकर जल का भाप बन जाना गैसीय अवस्था में रूपांतरण कहलाता हैं, जिसे वाष्पीकरण कहा जाता हैं.

पदार्थ के सामान्य गुण/ विशेषताएं

  1. पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बना होता है.
  2. पदार्थ की सामान्य तौर पर तीन अवस्थाएं मानी गई है जो ठोस द्रव और गैस है.
  3. पदार्थ की ये तीनों अवस्थाएं एक दुसरे में परिवर्तित होती है.
  4. जल एकमात्र ऐसा पदार्थ है जो तीनों अवस्थाओं में पाया जाता है.
  5. पदार्थ के कणों के मध्य रिक्त स्थान पाया जाता है.
  6. पदार्थ के कणों के मध्य गतिशीलता का गुण पाया जाता है. सबसे अधिक गतिशीलता गैसों में इसके बाद द्रव और सबसे कम गतिशीलता गैसों में पाई जाती है.
  7. पदार्थ के कणों के मध्य प्रबल आकर्षण बल पाया जाता है. जो पदार्थ के कणों को परस्पर बांधे रखते है. इसे ससंजक बल कहा जाता है.
  8. पदार्थो में सपीडयता का गुण पाया जाता है. पदार्थ के कणों पर बल लगाकर इनके बिच की दुरी को कम करना सपीडयता कहलाता है.सपीडयता का सबसे अधिक गुण गैसों में पाया जाता है. घरेलू गैस सिलेंडर एलपीजी और वाहनों के लिए CNG तथा हॉस्पिटल के लिए काम आने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर में भी गैस सपीडयता के कारण भरी जाती है.
  9. पदार्थो में विसरण का गुण पाया जाता है. विसरण का गुण प्रमुखता से गैसों में पाया जाता है. इसमे पदार्थ एक गैसीय माध्यम से दुसरे गैसीय माध्यम मर गति करते है.
  10. पदार्थो में प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है. प्रत्यास्थता का गुण बल लगाने पर यदि पदार्थ की आकृति में बदलाव आ जाता है. तथा बल को हटाने से फिर से उसी अवस्था में आ जाते है. तो इस गुण को प्रत्यास्थता का गुण कहते है,
  11. पदार्थो में श्यानता का गुण पाया जाता है. यह द्रवों का मुख्य गुण है. जो सतह पर द्रव के बहने का विरोध करता है. जो द्रव जितना अधिक गाढ़ा होता है उसकी श्यानता का मान उतना ही अधिक होता है.
  12. पदार्थो में उर्ध्वपातन का गुण पाया जाता है. कुछ ठोस पदार्थो को गर्म करने पर वे द्रव अवस्था में बदले बिना ही सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाते है. तथा उन्हें ठंडा करने पर वे पुनः ठोस अवस्था में बदल जाते है.
  13. पदार्थो के दहन से उर्जा प्राप्त होती है. सबसे अधिक उर्जा गैस से इसके बाद द्रव और सबसे कम उर्जा ठोस पदार्थो से मिलती है.
  14. पदार्थो में स्थायित्व का गुण पाया जाता है. सबसे अधिक स्थायित्व ठोस में तथा सबसे कम गैस में पाया जाता है.
  15. पदार्थो में क्रियाशीलता का गुण पाया जाता है. सबसे अधिक क्रियाशील धातु सोना है.
  16. पदार्थो में घनत्व का गुण भी पाया जाता है. सर्वाधिक घनत्व ठोस पदार्थो का होता है.
  17. पदार्थो में आघातवर्धनियता का गुण पाया जाता है. यह गुण सबसे अधिक चाँदी में पाया जाता है.
  18. पदार्थ के सामान्य गुण में तन्यता और घुलनशीलता का गुण भी पाया जाता है.

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