खेल पत्रकारिता | Sports Journalism In India In Hindi

नमस्कार खेल पत्रकारिता Sports Journalism In India In Hindi में आज हम स्पोर्ट्स जर्नलिज्म के बारे में जानेगे.

भारत में खेलों की लोकप्रियता बहुत अधिक हैं यही वजह हैं कि इस फील्ड में रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार भी पब्लिक फिगर बन जाते हैं.

हालांकि इस क्षेत्र में प्रतियोगिता भी उतनी ही बढ़ी है मगर आज ऑनलाइन पत्रकारिता के दौर में रूचि रखने वाला एक कामयाब खेल पत्रकार अपने करियर का बन्दोबस्त ऑनलाइन प्लेटफोर्म पर भी कर सकता हैं.

खेल पत्रकारिता Sports Journalism In India In Hindi

खेल पत्रकारिता | Sports Journalism In India In Hindi

आधुनिक युग में खेलों के प्रति पाठकों की रूचि बढ़ी है. एक समय था जब रेडियों पर कमेंट्री सुनने के लिए पुरे मोहल्ले के लोग इक्कठा हो जाया करते थे. और किसी टीम की जीत या हार पर ख़ुशी मनाते थे. आज भी दर्शक टीवी पर मैच देखने के लिए बेताब रहते है.

दुसरे दिन समाचारों में प्रकाशित विशेष्यज्ञों की राय तथा टिप्पणी जानने की जिज्ञासा रहती है. इसी जिज्ञासावृति को ध्यान में रखते हुए एक पूरा पृष्ट तथा समाचार पत्रों में तो दो पृष्ट भी खेल के लिए निर्धारित किये जाते है.

पत्रकारिता क्या है (sports journalism definition)

खेलों की रिपोर्टिंग करना बड़ा ही धैर्य और अनुभव का काम है. सामान्य रिपोर्टिंग से हटकर खेल पत्रकारिता को दुष्कर माना जाता है.

इसके लिए व्यापक अनुभव खेलों के सम्बन्ध में पर्याप्त ज्ञान उसके लिए बने हुए नियम समय समय पर किये गये बदलावों की सम्पूर्ण जानकारी, सम्बन्धित रिकॉर्ड की जानकारी होना आवश्यक है.

खेल संगठनो के बारे में जानकारी के साथ साथ राष्ट्रिय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लिए गये निर्णयों सभावित मैचों, विशेष खिलाड़ियों की सम्पूर्ण जानकारी उनके रोमाचकारी प्रदर्शन के अंशो के बारे में ज्ञान की अपेक्षा एक रिपोर्टर से की जाती है.

अन्य समाचारों या समाचार रिपोर्टरों की तरह खेल समाचारों के रिपोर्टरों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे पक्षपातहीन रिपोर्टिंग के साथ साथ मैच का सही वर्णन करे तथा ईमानदारी से करे.

बगैर किसी प्रलोभन के लिए आलोचना करने से बचते हुए की गई रिपोर्टिंग को आदर्श रिपोर्टिंग कहा जाता है.

प्रथम एशियाई खेलों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पंडीत जवाहरलाल नेहरु ने अपने संदेश में कहा कि ” खेल को खेल की भावना से खेलों” यह संदेश खिलाड़ियों के सामने जो आदर्श प्रस्तुत करता है. वही संदेश खेल पत्रकारिता में काम करने वाले पत्रकारों के लिए भी अनुकरणीय है.

खेल पत्रकारिता का इतिहास और प्रकार | History and types of sports journalism

खेल पत्रकार कई प्रकार के होते है. कुछ पत्रकार ऐसे होते है जो पत्र पत्रिकाओं में पूर्णकालिक पद पर कार्य करते है तो कुछ पत्रकार स्वतंत्र रूप से पत्रकार के रूप में कार्य करते है

जो अपने आलेख भिन्न भिन्न प्रकार के समाचार पत्रों में भेजते रहते है. तथा उन्हें प्रकाशन के बदले परिश्रमिक दिया जाता है.

इन्ही पत्रकारों में कुछ विशेष्यज्ञ भी होते है जो किसी खेल पर अपनी विशेष टिप्पणी अथवा साक्षात्कार करते है अथवा किसी मुद्दे पर अपनी विशेष टिप्पणी करते है.

एक अच्छे खेल पत्रकार में निम्नलिखित गुणों की अपेक्षा की जाती है.

  • सूक्ष्म और खोजपूर्ण नजर
  • खेल के नियमों की सम्पूर्ण जानकारी
  • भाषा का समुचित ज्ञान
  • खेल की तकनीक शब्दावली का ज्ञान
  • खिलाड़ियों तथा पदाधिकारियों से बातचीत करके सच्चाई को प्रकट करने का साहस
  • तकनिकी शब्दों को सरल भाषा में आम पाठकों की भाषा में प्रस्तुत करने का कौशल
  • पाठकों की रूचि को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष प्रस्तुतिकरण का कौशल
  • तेज गति से लिखने की आदत

खेल समाचारों की भाषा अन्य समाचारों की भाषा से थोड़ी भिन्न होती है. खेल समाचारों की भाषा कई बार अनौपचारिक भी हो जाती है. यथा भारत ने धुआधार बल्लेबाजी कर बोलर को खूब छकाया मैच को धो दिया इत्यादि..

खेल पत्रकार कैसे बने How to Become Sports Journalist

स्पोर्ट्स जनर्लिज्म में आज के समय में बहुत ज्यादा जॉब के विकल्प हैं. खेलों के ऑनलाइन माध्यमों पर प्रसारण और खेल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण बहुत से लोग अपने फेवरेट गेम्स की रिपोर्टिंग देखना, सुनना और पढ़ना पसंद करते हैं.

एक अच्छा खेल पत्रकार बनने के लिए पहली शर्त उस खेल में रूचि होना जरुरी हैं. बचपन से एक अच्छा क्रिकेट फैन अपने करियर को क्रिकेट पत्रकारिता में मदद दिला सकता हैं. एक खेल पत्रकार को खेल खिलाड़ियों उनके ओन फिल्ड और ऑफ फिल्ड को कवर करना पड़ता हैं.

उन पर रिपोर्ट या लेख लिखना मुख्य दायित्व होता हैं. अलग अलग तरह के मिडिया चैनल्स के अपने माध्यम के अनुसार रिपोर्ट का प्रकार भी बदल जाता हैं.

एक टीवी पत्रकार को विजुअल के साथ तो वही प्रिंट मिडिया में अपने लेख या चित्र के साथ जुड़ना होता हैं.

खेल पत्रकारिता में केवल फिल्ड एक्टिविटी के बारे में रिपोर्टिंग पर्याप्त नहीं होती हैं. बल्कि खेल से जुड़े खिलाड़ियों टीम स्टाफ से जुड़ी स्टोरीज, रहस्य, कारनामे, निजी जीवन से एक पत्रकार को रूबरू होना पड़ता हैं. खेल पत्रकारिता के लिए सबसे पहले मॉस कम्युनिकेशन अथवा जर्नलिज्म में डिग्री हासिल करनी होती हैं.

खेल पत्रकारिता के लिए अलग से कोई डिग्री या कोर्स नहीं होता हैं, बल्कि पत्रकारिता का प्रशिक्षण देने वाले संस्थान से जर्नलिज्म में ही कोर्स करना होता हैं. जिसमें पत्रकारिता के बेसिक्स से लेकर रिपोर्टिंग एडिटिंग और राइटिंग के बारे में सिखाया जाता हैं.

साथ ही प्रशिक्षु को कोर्स के दौरान इंटर्नशिप भी देनी होती हैं. इस दौरान यदि किसी अच्छे मिडिया संस्थान की स्पोर्ट्स डेस्क पर काम करने का मौका मिलता हैं तो यह काफी बड़ी उपलब्धि होती हैं. खेल पत्रकारिता के इस इंटर्नशिप के अवसर को स्पोर्ट्स जर्नलिज्म की शुरुआत मानी जाती हैं.

भारत में खेल पत्रकारिता कोर्स

12 वीं की बोर्ड परीक्षा देने के बाद स्पोर्ट्स जर्नलिज्म का कोर्स किया जा सकता हैं. डिप्लोमा जर्नलिज्म के कोर्स एक से दो साल की अवधि के होते हैं, वही यदि बैचलर जर्नलिज्म का कोर्स करना चाहते है तो यह तीन साल का होता हैं.

ग्रेजुएशन के पश्चात 2 वर्षीय मास्टर डिग्री कोर्स किया जा सकता हैं. भारत में खेल पत्रकारिता का कोर्स करवाने वाले निजी संस्थान 50 हजार से एक लाख रूपये की वार्षिक फीस के साथ एडमिशन देते हैं, जबकि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में यह राशि महज 15 से 20 हजार रूपये वार्षिक होती हैं.

जर्नलिज्म का कोर्स और इंटर्नशिप करने के पश्चात मीडिया हाउस, न्यूज़ चैनल, न्यूज़ पेपर, अखबारों, मैगज़ीन, न्यूजवायर, ऑनलाइन वेबसाइट, रेडियो स्टेशन, पीरियोडिकल पब्लिशर्स या जर्नल्स आदि में नौकरी की जा सकती हैं.

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