Atal Bhujal Yojana In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम अटल भूजल योजना की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे, 25 दिसम्बर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल भूजल योजना की घोषणा दिल्ली के विज्ञान भवन से की थी.
आज के आर्टिकल में हम जानेगे कि भू जल स्तर को बढ़ाने के लिए शुरू की गई यह भूजल योजना क्या है, लाभान्वित राज्य, बजट और प्रभाव के बारें में यहाँ विस्तार से चर्चा करेंगे.
अटल भूजल योजना की सम्पूर्ण जानकारी | Atal Bhujal Yojana In Hindi
पृष्ठभूमि
हमारे देश में ग्राउंड वाटर का अतिशय प्रयोग किया जाता हैं. आकंड़ों के मुताबिक़ भूजल का ६५ प्रतिशत उपयोग कृषि व वानिकी में तथा शेष ३५ प्रतिशत उपयोग पीने तथा उद्योगों में प्रयुक्त किया जाता हैं.
तेजी से बढ़ रही जनसंख्या व औद्योगिकीकरण के चलते आज जल का यह सुरक्षित स्रोत खतरें में हैं. देश के कई राज्यों में भूजल का स्तर बहुत कम हो चूका है जहाँ यह सुलभ है वहां निरंतर गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिल रही हैं.
केंद्र सरकार देश में सिर उठा रही जल सम्बन्धी समस्याओं से निपटने के लिए तैयारी कर रही हैं. १५ अगस्त को जल शक्ति मंत्रालय की घोषणा, गंगा संरक्षण विभाग की स्थापना तथा अब अटल भूजल योजना के माध्यम से अपनी चिताओं तथा प्रभावी तरीके से निपटने का कार्य कर रही हैं.
भू वैज्ञानिकों द्वारा देश के चिन्हित सात राज्यों जहाँ भूजल स्तर संकट में है इस योजना को उन राज्यों में ही लागू किया जा रहा हैं.
परिचय
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए जल उनके दिल के बहुत करीब था. प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी 95 वीं जयंती के शुभ अवसर पर अटल भूजल योजना का शुभारम्भ किया.
इस योजना के तहत देशभर में भूजल के पुनर्भरण तथा उसके प्रबंधन के लिए कार्य किया जाएगा. साथ ही वर्ष 2024 तक घर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने का कार्य सम्पन्न किया जाएगा.
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अटल भूजल योजना पर 6000 करोड़ रूपये खर्च किये जाएगे, जिनमें से 3000 रू विश्व बैंक द्वारा तथा शेष 3000 करोड़ रूपये की राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी.
भूजल समस्या से निपटान के लिए देश के सात राज्यों में संस्थागत प्रयासों, कानूनी पहलुओं तथा भू जल के उचित प्रबंधन के प्रयासों को आरम्भ किया जाएगा.
अटल भूजल योजना क्या है?
देश के ऐसे क्षेत्र जहाँ ग्राउंड लेवल वाटर की स्थितिचिंताजनक हैं वहां भूजल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से अटल भूजल योजना शुरू की गई हैं. इस योजना का अहम लक्ष्य भूजल स्तर में वृद्धि करना हैं.
इसके अतिरिक्त इस योजना के माध्यम से किसानो को आर्थिक लाभ पहुंचाना हैं. सरकार प्रत्येक किसान के लिए आवश्यक जल भंडारण के लिए योजना प्रस्तुत करेगी.
इस स्कीम में देश के सात राज्यों के 8350 गांवों को जोड़ा जाना हैं. जहाँ ग्राउंड लेवल वाटर को बचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्र म भी चलाएं जाएगे.
महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों में अटल भूजल योजना के पहले चरण के तहत कार्य किया जाएगा, जिनमें देश के इन सात राज्यों के 78 में भूजल की स्थिति को सुधारने के व्यापक प्रयास किये जाएगे.
आम लोगों को इस योजना का सहभागी बनाकर ग्राम पंचायत स्तर से कार्य की शुरुआत होगी. इस योजना को घर घर स्वच्छ जल की उपलब्धता के कार्यक्रम की पूर्व कड़ी के रूप में देखा जा रहा हैं.
योजना के बारे में
केन्द्रीय सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 के बजट में राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना की घोषणा की गई थी. मगर बाद में व्यय समिति के सुझाव पर इसे बंद कर दिया गया था.
25 दिसम्बर को अटल भूजल योजना के नाम के साथ इसे 2019 में पुनः आरम्भ किया गया हैं. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय विभाग के अधीन इसका क्रियान्वयन किया जाना हैं.
अटल भूजल योजना से आमजन की भागीदारी के द्वारा जल मिशन के लिए संसाधनों की निरन्तरता बनी रहेगी, साथ ही सर कार के किसानों की दो गुनी आय की संकल्पना को भी मजबूती मिलेगी.
इससे भूजल स्तर एवं प्रबंधन को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उन्नत कृषि तकनीकों तथा परिष्कृत जल उपयोग को बढ़ावा मिलेगा. हालिया दिनों में जल संसाधन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक़ वर्ष 1951 में जहाँ प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता 5177 घन मीटर थी जो वर्ष 2011 आते आते 1545 घन मीटर रह गई है.
Atal Bhujal Yojana के फायदे
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही अटल भू जल योजना में देश के अधिक जल दोहन की समस्या वाले कुछ राज्यों को प्राथमिकता दी गई हैं, इन राज्यों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.
योजना का मूल उद्देश्य भूजल स्तर में वृद्धि लाना हैं जाहिर है इसका सबसे बड़ा लाभ आने वाले समय में हमारे देश के लोगों को मिलेगा. जल की समस्या से जूझ रहे लोगों का जीवन बसर आसान होगा. पीने के पानी तथा सिंचाई की समस्या का हल मिल सकेगा.
केंद्र प्रवर्तित इस योजना में 7 राज्यों के 78 जिलो की करीब 8350 ग्राम पंचायत को शामिल किया गया हैं. 6000 करोड़ की धनराशि से शुरू गई इस स्कीम का लाभ आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा.
योजना के तहत कुल खर्च राशि का 50 प्रतिशत ऋण विश्व बैंक की ओर से मिलेगा तथा शेष राशि भारत सरकार द्वारा जारी की जाएगी.
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