आयन रैंड के सुविचार अनमोल वचन | Ayn Rand Golden Quotes In Hindi

आयन रैंड के सुविचार अनमोल वचन | Ayn Rand Golden Quotes In Hindi आयन रैंड रशियन-अमेरिकन नावलिस्ट, फिलासोफर, स्क्रीनराइटर थी. “एटलस श्रग्ड” और “द फाउंटेनहेड” उनके दो सबसे ज्यादा चर्चित बेस्ट-सेलिंग नावेल है.

यंगस्टर्स इन्हें इ ज्यादा खोजते और पढ़ते है. आईये इस पोस्ट में आयन रैंड की प्रेरणादायी बाते पढ़ते है, जिनसे हमें जीवन को सही से जीने की प्रेरणा मिलती है.

आयन रैंड के सुविचार अनमोल वचन | Ayn Rand Golden Quotes In Hindi

पूरा नामAlisa Zinov’yevna Rosenbaum
जन्म2 जनवरी 1905, सेंट पीटर्सबर्ग
व्यवसायउपन्यासकार, लेखक
उपन्यासफाउटेन हेड
नागरिकतारसियन
मृत्यु6 मार्च 1982
पतिफ्रैंक ओ’ कॉनर

जो भविष्य के लिए लड़ाई लड़ रहा है वो आज भी भविष्य में ही जी रहा है.


सभी को अपने निर्णय लेने का पूरा अधिकार है लेकिन किसी को भी अपने निर्णय दूसरों पर थोपने का अधिकार नहीं है.


बुराई और अच्छाई में अगर कोई समझौता होता है तो फायदा हमेशा बुराई का ही होगा.


आदमी की सोचने की क्षमता का ही उत्पाद है धन.


महान लोगों पर कभी भी शासन नहीं किया जा सकता है.


भ्रष्ट किस्म के लोगों के जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होता है.


आप अपना काम कितना अच्छी तरह से करते है इसके अलावा किसी बात की कोई अहमियत नहीं है.


तर्कसंगत व्यक्ति अपनी सोच और समझ के अनुसार आगे बढ़ता है. भावनाओं और अरमानों के जरिये नहीं.


सच्चाई से तो बचा जा सकता है लेकिन सच्चाई से दूर भागने के नतीजों से कभी बचा नहीं जा सकता है.


समाज के गुणों को नापने का यंत्र है पैसा.


अगर कोई कुछ करने के लायक है तो वह ज्यादा करने के लायक है.


अपर-क्लास देश का भविष्य है तो मिडिल-क्लास देश का भूतकाल.


रचनात्मक व्यक्ति कुछ कर दिखाने की चाह से प्रेरित होते है ना की दूसरों को गिराने की चाह से.


हर मुद्दे के दो पहलु होते है. एक सही और दूसरा गलत लेकिन बीच में हमेशा बुराई ही रहती है.


कुछ भी पाने के लिए विचार की जरूरत होती है. आपको पता होना चाहिए की आप क्या कर रहे है.


फिलोसोफी का ही पुरातन रूप है धर्म.


खुद की कद्र करना सीखिए. मतलब यह भी है की अपनी ख़ुशी के लिए लड़ाई कीजिये.


तो आपको लगता है की हर बुराई का जड़ पैसा है. कभी यह जाना है की इस पैसे की जड़ कहां है.


बिना शर्त की इच्छा रखने वाले जल्दी भरोसा कायम कर लेते है.


ज्यादा बोलने से कहीं बेहतर है ज्यादा सुनना.


अन्तर्मुखी होना किसी की सफलता की राह का रोड़ा नहीं है.


सफलता का पहला इशारा है आलोचना.


मौकों की सीढियों पर कदम रखकर ही सफलता की सीढ़ी को सबसे अच्छे तरीके से चढ़ते हैं.

Leave a Comment