दौलत, गुलाब, कोमल कोठारी का जीवन परिचय | Daulat, Gulab, Komal Kothari Biography In Hindi राजस्थान के कोठारी भाईयों ने अलग अलग क्षेत्रों में अपनी महारथ दर्शाई हैं.
दौलत कोठारी भारत के महान वैज्ञानिक रहे है. इनके अलावा गुलाब और कोमल कोठारी भी समाज सेवा के उत्कृष्ट व्यक्तित्व रहे हैं. इस लेख में तीनों व्यक्तित्व के बारे में संक्षिप्त में जानेगे.
दौलत, गुलाब, कोमल कोठारी का जीवन परिचय
दौलत कोठारी – Daulat Kothari Biography
1906 में उदयपुर में जन्मे कोठारी ने विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया. इन्होने श्वेत वामन, सितारों, अणुओं के आयनीकरण की दवाब के तहत की प्रक्रिया तथा परमाणु विखंडन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. 1948 में डॉ दौलत कोठारी को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन DRDO गठित करने एवं संचालित करने का कार्य सौपा गया.
वह रक्षा मंत्रालय के भौगोलिक सलाहकार भी रहे. इन्होने न्यूक्लियर एक्सप्लोजन एंड देयर इफेक्ट नाम से पुस्तक लिखी जिसमे परमाणु शक्ति के विध्वंसक स्वरूप का चित्रंण था.
1964-66 में गठित राष्ट्रीय शिक्षा आयोग के रूप में कोठारी ने ऐसी शिक्षा व्यवस्था की योजना प्रस्तुत की. जो बदलती परिस्थियों के अनुकूल विकास के लायक नमनीय हो तथा प्रयोगधर्मिता एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती हो.
गुलाब कोठारी की जीवनी – Gulab Kothari Biography
गुलाब कोठारी को भारतीय ज्ञानपीठ की ओर से भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित मौलिक चिन्तन और लेखन के लिए दिया जाने वाला 25 वां मूर्ति देवी पुरस्कार वर्ष 2011 में देने की घोषणा 19 मार्च 2012 को की गई. कोठारी को उनकी राजस्थानी भाषा की कृति मैं ही राधा मैं ही कृष्ण के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
यह राजस्थान के चौथे व कन्हैयालाल सेठिया के बाद राजस्थानी के दूसरे रचनाकार हैं. जिन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा. हिंदी में राजस्थान से य्श्देव शल्य और कल्याणमल लोढ़ा को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं.
मनीषी व चिंतक कोठारी को 1993 में राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, 2000 में भारतेंदु हरिश्चन्द्र पुरस्कार, 2003 में आचार्य तुलसी सम्मान, 2007 में आईओयू पीस अवार्ड ऑफ द ईयर, 2011 में प्रथम तरुण क्रांति पुरस्कार व 2011 में मेवाड़ फाउंडेशन द्वारा हिंदी पत्रकारिता एवं भारतीय दर्शन के चिन्तनपरक लेखन हेतु हल्दीघाटी सम्मान से सम्मानित किया जा चुका हैं.
कोठारी आज भी अपने मौलिक चिंतन एवं रचनाओं द्वारा समाज को नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं.
कोमल कोठारी की जीवनी – Komal Kothari Biography
कोमल कोठारी का जन्म 4 मार्च 1929 को चित्तौड़ जिले के कपासन कस्बे में हुआ. कोमल कोठारी ने लोक संस्कृति के उन्नयन में अपना जीवन लगा दिया. उन्होंने 1960 ई में जोधपुर जिले के बोरुंदा कस्बे में रूपायन नामक संस्थान की स्थापना की.
रूपायन राजस्थानी लोकगीतों, कथाओं एवं भाषाओं की परम्परागत धरोहर को खोजकर उन्हें क्रमबद्ध संकलन का रूप प्रदान कर रहा हैं. 1977-79 ई के दौरान इन्हें नेहरु फैलोशिप प्रदान की गई. इन्हें मांगणियार और लंगा कलाकारों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाश में लाने का श्रेय भी हैं.
भारत सरकार ने इन्हें 1983 में पद्म श्री एवं 2004 में पद्म भूषण से सम्मानित किया. अप्रैल 2004 में कैंसर से इनका निधन हो गया. इन्हें 15 मार्च 2012 को प्रथम राजस्थान रत्न पुरस्कार देने की घोषणा हुई.
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