दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi

Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में जानेगे.

स्कूल के विद्यार्थियों को टेलीविजन अथवा दूरदर्शन पर अनुच्छेद निबंध भाषण लिखने को कहा जाता हैं.

आज हम 5, 10 लाइन 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में टेलीविजन अथवा दूरदर्शन निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 ,9, 10 के बच्चों के लिए बता रहे हैं.

दूरदर्शन पर निबंध Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi

दूरदर्शन पर निबंध Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi

दूरदर्शन हमारे घरों का आवश्यक उपकरण बन चुका हैं. छोटे पर्दे के सिनेमा के नाम से यह घर घर प्रतिनिधित्व कर रहा हैं.

छात्रवर्ग तो दूरदर्शन का दीवाना हैं. उनके आचार-विचार, भाव भंगिमा नख शिख सज्जा भाषा और व्यवहार का दीक्षा गुरू दूरदर्शन बन चुका हैं.

दूरदर्शन का विस्तार– भारत में दूरदर्शन का आगमन वर्ष 1959 के आस-पास हुआ था. तब यह एक वैज्ञानिक चमत्कार मात्र की वस्तु थी.

केवल सम्पन्न व्यक्ति अथवा सरकारी प्रतिष्ठान ही इसका आनन्द लेने के अधिकारी थे. किन्तु पिछले वर्षों में दूरदर्शन सुरसा के मुख की भांति विस्तार को प्राप्त हुआ हैं.

दूरदर्शन के लाभ– आज दूरदर्शन सर्वव्यापक रूप में जनजीवन का अनिवार्य अंग बन चूका हैं. सामजिक जीवन का कोई भी अंग, कोई भी क्षेत्र इससे प्रभावित हुए बिना नही रह सकता हैं.

मनोरंजन के क्षेत्र में– मनोरंजन के क्षेत्र में तो इसने अपने सभी प्रतियोगियों को पछाड़ दिया हैं. सिनेमा से भी सुलभ और सुविधाजनक मनोरंजन दूरदर्शन से प्राप्त होता हैं. घर पर निश्चिंतता से बैठकर विविध प्रकार के मनोरंजन के लाभ और कोई उपकरण नही करा सकता.

फिल्म, नृत्य, नाटक, कवि सम्मेलन, विविध खेल और प्रतियोगिताएं दर्शन द्रश्य, पर्यटन आदि मनोरंजन के विविध स्वरूप घर बैठे उपलब्ध रहते हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में– शिक्षा के  क्षेत्र में भी दूरदर्शन ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. सक्रिय और प्रभावी शिक्षण प्रणाली में दूरदर्शन का मुकाबला कोई नही कर सकता.

कृषि के क्षेत्र में- कृषि सम्बन्धी जानकारियाँ, मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणीयां, पारिवारिक समस्याएं, रसोईघर की ज्ञान वृद्धि तथा सौदर्य सुरक्षा आदि की जानकारी देने से दूरदर्शन की उपयोगिता सभी को अनुभव हो रही हैं.

राजनीति के क्षेत्र में- राजनीतिक दृष्टि से तो दूरदर्शन का आज भी भारी महत्व हैं. जनमत के निर्माण, राजनेताओं के विचार और आचार के दर्शन, विश्व की राजनैतिक घटनाओं से परिचय आदि के द्वारा निरंतर राजनैतिक जागरूकता बनाए रखने में दूरदर्शन की ही भूमिका हैं.

व्यापार के क्षेत्र में दूरदर्शन- दूरदर्शन आज व्यापार का अभिन्न अंग बन चूका हैं. कौन सा वस्त्र, कौन सा भोजन, कौनसी सज्जा सामग्री, चाय, टूथपेस्ट और मसाले आपके लिए उपयोगी हैं. यह सलाह दूरदर्शन बिना कोई शुल्क लिए निरंतर दे रहा हैं.

दूरदर्शन से हानियां- दूरदर्शन का सबसे घातक प्रभाव युवावर्ग पर पड़ा हैं. युवक युवतियों का खान पान, वस्त्र, हाव भाव भाषा और चरित्र सभी कुछ दूरदर्शन से प्रभावित हो रहा हैं.

हिंसा, अश्लीलता, उद्दंडता, शिक्षा से अरुचि, सामाजिक मर्यादाओं की उपेक्षा बाजारू प्रेम प्रसंग सभी कुछ दूरदर्शन युवाओं और छात्र वर्ग के सामने परोस रहा हैं. अपराध, आतंक, मानसिक तनाव आदि सभी का उत्तरदायी दूरदर्शन ही हैं.

व्यापारिक विज्ञापनों द्वारा समाज को मुर्ख बनाने में भी दूरदर्शन सहायक बन रहा हैं. राजनीतिक दृष्टि से भी इसका दुरूपयोग हो रहा हैं. इसके माध्यम से सत्तारूढ़ दल के प्रचार को अधिक महत्व दिया जाता हैं.

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी दूरदर्शन हानिकारक हैं. निरंतर देखने से दृष्टि हास्य, मानसिक तनाव और आंगिक जड़ता आदि रोग भी दूरदर्शन दे रहा हैं.

क्षेत्र में भी दूरदर्शन ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. सक्रिय और प्रभावी शिक्षण प्रणाली में दूरदर्शन का मुकाबला कोई नही कर सकता.

उपसंहार– लाभ और हानियों पर विचार विमर्श करने के पश्चात भी दूरदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नही किया जा सकता हैं. प्रत्येक आविष्कार का दुरूपयोग या सदुपयोग मनुष्य के ऊपर निर्भर हैं.

दूरदर्शन के व्यापक प्रसार और प्रभाव का सदुपयोग करके उसे समाज का परम मित्र, मार्गदर्शक और सहयोगी बनाया जा सकता हैं.

Doordarshan Par Nibandh 300 Words – दूरदर्शन पर निबंध

दूरदर्शन आधुनिक वैज्ञानिक युग का महत्वपूर्ण आविष्कार हैं. यह एक ऐसा यंत्र हैं जिसकी सहायता से व्यक्ति दूर की वस्तु एवं व्यक्ति को देख व सुन सकता हैं.

इस यंत्र की सहायता से कानों और आँखों दोनों की तृप्ति होती हैं. दूरदर्शन का आविष्कार सन 1926 में इंग्लैंड के जॉन एल बेयर्ड ने किया था. दूरदर्शन मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा देने, जानकारी बढ़ाने, प्रसार और प्रचार का भी महत्वपूर्ण एवं सशक्त माध्यम हैं.

आरम्भ में दूरदर्शन काफी महंगा था, इसीलिए यह प्रत्येक व्यक्ति को तो क्या प्रत्येक देश तक सुलभ नही था. धीरे धीरे इसका प्रचलन और प्रसारण इस सीमा तक बढ़ा कि आज दूरदर्शन सर्वत्र देखा और सुना जा सकता हैं.

अब यह राजभवन से लेकर झोपडी तक पहुच चूका हैं. पहले तो दूरदर्शन श्याम श्वेत स्वरूप में ही प्राप्त था परन्तु अब तो रंगीन दूरदर्शन सारे संसार में उपलब्ध हैं.

इसके द्वारा देश विदेश में होने वाले खेलों को हम घर बैठे देख सकते हैं. और उनका भरपूर आनन्द उठा सकते हैं. इसके अतिरिक्त देश विदेश में घटित घटनाओं को सीधे आँखों से देख सकते हैं. आजकल दूरदर्शन के माध्यम से कक्षा में पाठ भी पढाया जाता हैं. जिसे बच्चे भली भांति समझ लेते हैं.

आजकल दूरदर्शन को भू उपग्रह से जोड़ दिया गया हैं ताकि ग्रामवासी इसका भरपूर लाभ उठा सके. आज के व्यस्त जीवन में यह मनोविनोद का बढ़िया और सस्ता साधन हैं.

इसके द्वारा नाटक हास्य व्यंग्य संगीत कवि सम्मेलन चलचित्र तथा अनेक प्रकार के सीरियल देखकर हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं. इसके माध्यम से कृषि सम्बन्धी कार्यक्रम दिखाकर कृषि कार्यों की अधिकाधिक जानकारी दी जा रही हैं.

इस तरह से दूरदर्शन कृषि के विकास में किसानो की सहायता कर रहा हैं. विज्ञापनों को देकर व्यापारी वर्ग व विभिन्न वस्तुओं के निर्माता अपनी वस्तुओं की बिक्री बढ़ा सकते हैं.

दूरदर्शन अंतरिक्ष विज्ञान की भी कई तरह से सहायता कर रहा हैं. सुदूर ग्रहों की जानकारी इसके कैमरे सरलता से कर लेते हैं.

विज्ञान के नित्य नयें नयें आविष्कारों ने इसे अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया हैं. केबल टीवी स्टार टीवी वी सी आर कंप्यूटर खेल आदि ने दूरदर्शन को नया रूप दे दिया हैं.

दूरदर्शन में कुछ कमियां भी दृष्टिगत होती हैं. इसके प्रकाश से तथा इसे अनवरत देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं. यहाँ तक आँखे भी खराब हो जाती हैं.

इसके द्वारा कुछ ऐसे कार्यक्रम देखने को मिलते हैं. जिनसे बच्चों के मानस पटल पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती हैं.

Doordarshan Par Nibandh 500 words In Hindi

प्रस्तावना

आधुनिक युग में टेलीविजन या दूरदर्शन मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन हैं. यह ज्ञानवर्धक अनोखा आविष्कार हैं. दूरदर्शन अर्थात टेलीविजन का सर्वप्रथम प्रयोग 25 जनवरी 1926 को इंग्लैंड के एक इंजिनियर जॉन बेयर्ड ने किया था.

इसका उत्तरोतर विकास होता रहा और अनेक कार्यों में इसकी उपयोगिता बढ़ी. हमारे देश में सन 1959 से दूरदर्शन का प्रसारण आरम्भ हुआ और यह सारे भारत में प्रसारित हो रहा हैं.

दूरदर्शन का महत्व

वर्तमान में समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन हैं. दूरदर्शन पर समाचारों के अतिरिक्त अनेक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं.

कृषि दर्शन, व्यापार समाचार, नाटक, सुगम संगीत, प्रश्नोत्तरी, चौपाल, महिलाओं के लिए कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताओं का सीधा प्रसारण, शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार, ज्ञानदर्शन एवं फिल्मों का प्रसारण आदि अनेक कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाए जाते हैं.

विविध उत्पादों के विज्ञापन एवं सूचनाएं भी प्रसारित होती हैं. इन कार्यक्रमों से मनोरंजन के साथ ही शिक्षा एवं जनजागरण का प्रसार तथा ज्ञान वृद्दि भी होती हैं. इन सभी कारणों से दूरदर्शन का अत्यधिक महत्व हैं.

दूरदर्शन विज्ञान का चमत्कार

हमारे सामाजिक जीवन में दूरदर्शन की अनेक उपयोगिताओं को देखते हुए इसे विज्ञान का वरदान ही माना गया हैं. आए दिन की घटनाएं, समाचार, मौसम सम्बन्धी जानकारी, खेलकूद का प्रसारण आदि दूरदर्शन पर आसानी से मिल जाते हैं.

आज के समय में दूरदर्शन पर हजारों की संख्या में चैनल अलग अलग धारावाहिकों तथा कार्यक्रमों का प्रसारण करते हैं. जिनसे हमारी सामाजिक तथा सांस्कृतिक परम्पराओं को भी मजबूती मिलती हैं.

साथ ही यह जनजागरण का मुख्य साधन भी बन चूका हैं. रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने, जनसंख्या तथा परिवार नियोजन के कार्यक्रमों के द्वारा समाज तक सीधा संदेश पहुचाने में ये कारगर उपाय हैं.

Doordarshan Essay In Hindi – दूरदर्शन वरदान या अभिशाप निबंध

प्रस्तावना– दूरदर्शन आज भारतीय जन जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया हैं. दृश्य और श्रव्य दोनों साधनों के सुसंयोजन ने इसे मनोरंजन का श्रेष्ठतम साधन प्रमाणित कर दिया हैं.

नित्य नई तकनीकों के प्रवेश और नये नये चैनलों के उद्घाटन ने बालक और युवा वर्ग को दूरदर्शन का दीवाना बना दिया हैं.

दूरदर्शन का प्रभाव क्षेत्र– दूरदर्शन बालकों, युवकों, वृद्धों गृहणियों तथा व्यावसायियों आदि सभी में अपनी पैठ बना चुका हैं. दूरदर्शन यंत्र के सामने बैठे छात्र अपनी पढ़ाई और युवा अनेक दायित्व भूल जाते हैं.

इस समय सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र पर किसी न किसी रूप में दूरदर्शन का प्रभाव हैं. युवा इसके मनोरंजक पक्ष से व्यवसायी इसकी असीमित विज्ञापन क्षमता से, राजनीतिज्ञ इसके देशव्यापी प्रसारण से धर्मात्मा लोग इसकी कथाओं और धार्मिक स्थलों की सजीव प्रस्तुती से प्रभावित हैं.

दूरदर्शन अथवा दूरदर्शन– दूरदर्शन की लोकप्रियता जैसे जैसे बढ़ रही हैं वैसे वैसे इसका हानिकारक पक्ष भी सामने आता जा रहा हैं. इसके दुष्प्रभाव संक्षेप में इस प्रकार हैं.

  • सामजिक दुष्प्रभाव- दूरदर्शन ने व्यक्ति के सामाजिक जीवन को गहराई से कुप्रभावित किया हैं. छात्र और युवा वर्ग घंटों इससे चिपका बैठा रहता हैं. इससे उनके जीवन में एकाकीपन आ गया हैं. और उनकी सामाजिक सक्रियता कम होती जा रही हैं विडियो गेम और कार्टून फिल्मों में उलझे रहने से उनके स्वाभाविक खेलकूद पर विराम सा लग गया हैं.
  • आर्थिक दुष्प्रभाव– दूरदर्शन लोगों के आर्थिक शोषण का भी माध्यम बन गया हैं. भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण विज्ञापनों के द्वारा लोगों को अपव्यय के लिए उकसाया गया है. अनेक कार्यक्रमों द्वारा एस एम एस कराके और मत संग्रह कराके लोगों की जेबें खाली कराई जाती हैं.
  • स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव– छात्र और युवा वर्ग घंटों दूरदर्शन के कार्यक्रम देखते रहते हैं. इससे उनकी आँखे खराब हो जाती हैं. मोटापा और पाचन क्रिया में विकार उत्पन्न हो जाते हैं.

दुष्प्रभावों से बचाव– दूरदर्शन के कुप्रभावों के बचाव तभी हो सकता हैं. जब जनता और सरकार दोनों ही सचेत हों. अभिभावक, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को दूरदर्शन के अश्लील और भ्रामक कार्यक्रमों का विरोध करना चाहिए.

इसके साथ ही छात्रों और युवाओं का भी सही मार्गदर्शन करना चाहिए. सरकार को भी दूरदर्शन पर नियंत्रण करना चाहिए.

उपसंहार– दूरदर्शन एक प्रबल प्रभाव छोड़ने वाला माध्यम हैं. उसे अपने सामाजिक दायित्व पर पूरा ध्यान देना चाहिए.

केवल व्यावसायिक लाभ को ही ध्यान में रखना चाहिए. दूरदर्शन के धारावाहिकों का एक नैतिक स्तर होना चाहिए, सरकार को भी इस दिशा में कठोर उपाय करने चाहिए.

दूरदर्शन के लाभ और हानि पर निबंध Advantages And Disadvantages Of Doordarshan Television In Hindi

आधुनिक युग में टेलीविजन या दूरदर्शन मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन है. यह ज्ञानवर्धक का अनोखा आविष्कार है.

दूरदर्शन अर्थात टेलीविजन का सर्वप्रथम प्रयोग 25 जनवरी 1926 को इंग्लैंड के एक इंजिनियर जॉन बेयर्ड ने किया था. इसका उतरोतर विकास होता रहा और अनेक कार्यों में इसकी उपयोगिता बढ़ी.

हमारे देश में सनः 1959 में दूरदर्शन का प्रसारण प्रारम्भ हुआ और आज यह सारे देश में प्रसारित हो रहा है.

दूरदर्शन का महत्व (Importance of Doordarshan)

वर्तमान समय में समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन है. दूरदर्शन पर समाचारों के अतिरिक्त अनेक कार्यक्रम दिखाए जाते है.

कृषि-दर्शन, व्यापार समाचार, नाटक, सुगम संगीत, प्रश्नोतरी, चौपाल, महिलाओं के लिए कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताओं का सीधा प्रसारण शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार , ज्ञान दर्शन एवं फिल्मों का प्रसारण इत्यादि अनेक कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाएं जाते है.

इन कार्यक्रमों से मनोरंजन के साथ ही शिक्षा एवं जन जागरण का प्रसार तथा ज्ञान वृद्धि भी होती है. इन सभी कारणों से दूरदर्शन का अत्यधिक महत्व है.

दूरदर्शन विज्ञान का वरदान (Doordarshan, science welfare)

सामाजिक जीवन में दूरदर्शन की उपयोगिता को देखकर इसे विज्ञान का वरदान माना जा सकता है. दूरदर्शन पर विश्व में घटने वाली घटनाओं का प्रसारण, मौसम की जानकारी, बाढ़, भूकम्प, प्राकृतिक दुर्घटना आदि के समाचार तत्काल मिल जाते है.

रोगों के निवारण, जनसंख्या नियन्त्रण तथा सामाजिक कुप्रवृत्तियों को रोकने में भी इसकी काफी उपयोगिता है. महिलाओं को दस्तकारी एवं गृह उद्योग के सबंध में इससे जानकारी दी जाती है शिक्षा के क्षेत्र में यह विज्ञान का श्रेष्ट वरदान है.

दूरदर्शन का दुष्प्रभाव (Side effects of television)

दूरदर्शन से कुछ हानियाँ भी है. इससे बच्चे मनोरंजन में अधिक रूचि लेने से पढ़ने में जी चुराते है. टेलीविजन पर धारावाहिक कार्यक्रमों एवं एक्शन फिल्मो के प्रसारण से नवयुवकों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है.

चोरी, बलात्कार, कुकृत्य आदि की प्रवृति इससे बढ़ी है. इस पर अश्लील विज्ञापनों का प्रसारण होने पर हमारी पारिवारिक संस्कृति पर बुरा असर पड़ रहा है.

तथा नवयुवक फैश्नपरस्त हो रहे है. इस तरह के दुष्प्रभावों के कारण दूरदर्शन को अभिशाप भी माना जा रहा है. आज के युग मनोरंजन की द्रष्टि से टेलीविजन की उपयोगिता है.

इससे संसार की नवीनतम घटनाओं, समाचारों आदि की जानकारी मिलती है तथा लोगों के ज्ञान का विकास होता है.

आर्थिक एवं सामाजिक विकास में इसका महत्व सर्वमान्य है, परन्तु इसके कुप्रभावों से युवकों को मुक्त रखा जावे, यह भी अपेक्षित है.

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