डॉ. एस सोमनाथ की जीवनी | Dr S Somanath Biography In Hindi

डॉ. एस सोमनाथ की जीवनी | Dr S Somanath Biography In Hindi : के सिवन के कार्यकाल की समाप्ति के बाद राकेट साइंटिस्ट एस सोमनाथ को नया इसरो चीफ बनाया गया हैं.

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक रह चुके सोमनाथ का कार्यकाल 14 जनवरी 2022 से इसरो अध्यक्ष और सचिव के रूप में शुरू हुआ हैं. अगले तीन वर्षों के दौरान ये इस पद पर बने रहेंगे.

एस सोमनाथ की जीवनी | Dr S Somanath Biography In Hindi

60 वर्षीय एस सोमनाथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के दसवें चैयरमैन बने हैं. आपकों बता दे यह एक केंद्रीय संस्थान हैं जिसका मुख्यालय बेग्लौर में हैं.

करीब सत्रह हजार कर्मचारियों के साथ इसरो देश के लिए अंतरिक्ष अभियानों और सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों को बनाने और उनके प्रक्षेपण का कार्य करता हैं.

पिछले साल चंद्रयान 2 अभियान को इसी संस्था द्वारा तैयार किया गया था, इस यान के लैडर इंजन पीएसएलवी की डिजायन और इंटीग्रेशन में डॉ सोमनाथ का अहम योगदान था.

कौन हैं एस सोमनाथ व्यक्तिगत जानकारी, तथ्य, जीवनी (Who is S Somnath Personal Information, Facts, Biography)

पूरा नामसोमनाथ श्रीधर पणिकर
उपनामसोम
पेशाएरोस्पेस इंजीनियर व रॉकेट वैज्ञानिक
प्रसिद्धइसरो के नए उध्यक्ष
कार्यकाल15 जनवरी 2022 से अगले तीन वर्ष
जन्मजुलाई 1963
उम्र60 साल (2022)
स्थानअरुर , अलपुझा
स्कूलसेंट अंगस्टाइन
कॉलेजमहाराजा कॉलेज , टिकेएम कॉलेज, क्विलोन
शैक्षणिक योग्यताएरोस्पेस & मैकेनिकल इंजीनियरिंग
नागरिकताभारत
धर्महिन्दू
जातिब्रमलयाली
आँख का रंगकाला
बालों का रंगकाला
शौकफ़िल्म देखना
पिता का नामश्रीधर पणिकर
माता का नामथांकम्म
पत्नीवलसाला सोमनाथ
बेटामाधव सोमनाथ
बेटीमालिका सोमनाथ
वेतन₹2.5 लाख /प्रति महीना

जन्म

भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक और नये इसरो चीफ एस सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 को केरल के अरूर गाँव में हुआ था. इनका मूल नाम सोमनाथ श्रीधर पनिकर हैं. इन्हें सोम नाम से बुलाया जाता हैं. इनके पिता जी श्रीधर पनिकर जी पेशे से एक अध्यापक हैं.

सोमनाथ की माता का नाम थैक्म्मा हैं जो कि एक गृहणी महिला हैं. बालपन से ही सोमनाथ को राकेट और एरोप्लेन को लेकर बहुत रूचि हुआ करती थी.

आगे चलकर इन्होने एयरोस्पेस इंजीनियर और रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट की पढ़ाई की और आज देश के टॉप वैज्ञानिकों में इनका नाम शुमार हैं.

एस सोमनाथ की शिक्षा (S Somnath’s Education)

अगर इनकी स्कूली शिक्षा की बात करे तो सोमनाथ जी ने सेंट ऑगस्टाइन ,अरूर विद्यालय से स्कूली शिक्षा अर्जित की. पढ़ने में बेहद तेज थे इनकी रूचि विज्ञान से जुड़े विषयों में अधिक थी.

इन्होने आगे की पढाई महाराजा कॉलेज से 1980 से 1985 के मध्य प्री डिग्री कार्यक्रम में की तथा इसी अवधि में इन्होने मैकेनिकल इंजिनियरिंग फील्ड में बीटेक की पढ़ाई पूर्ण की.

टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग क्विलोन कॉलेज से बीटेक करने के बाद एस सोमनाथ ने 1994 से 1995 के दरमियान इंडियन साइंस इंस्टीट्यूट बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग फिल्ड में एम टेक तक की पढ़ाई की.

परिवार और विवाह (Family and Marriage)

देश के उच्चतम वैज्ञानिकों में शुमार एस सोमनाथ जी ने वलसाला सोमनाथ से विवाह किया, ये गुड्स एंड सर्विस टेक्स (gst) में एक अधिकारी हैं. अगर इनके परिवार की बात करे तो इनके दो संतान हैं.

सोमनाथ के बेटे का नाम माधव और बेटी का नाम मलिका हैं. दोनों ही इंजीनियरिंग में मास्टरी कर चुके हैं. लॉन्च व्हीकल में विशेष अनुभव रखने वाले सोमनाथ जी इस सिस्टम के स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनॉमिक्स और पायरोटेक्निक्स में भी विशेषज्ञता रखते हैं.

डॉ. एस सोमनाथ का कैरियर

ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के साथ ही एस सोमनाथ ने साल 1985 से विक्रम साराभाई अंतरिक्ष सेंटर में इंजीनियर के रूप में नौकरी करनी शुरू दी.

साराभाई केंद्र इसरो का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं जो तिरुवनंतपुरम में अवस्थित हैं यहाँ राकेट और अंतरिक्ष यानों की तकनीक से जुड़े कार्य किये जाते हैं.

देश के महान परमाणु वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर इस संस्थान को 1962 में थम्बा भूमध्यरेखीय रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र के नाम से खोला गया था.

एस सोमनाथ जी को साराभाई सेंटर में पहला प्रोजेक्ट पोलर सैटेलाइट लंच व्हीकल ( PSLV ) के निर्माण का काम सौपा गया. अपनी बौद्धिक प्रतिभा के चलते इन्होने कई ऐसे काम किये जिनकी वजह से इनकी प्रतिभा का लोहा केंद्र के सभी वैज्ञानिकों ने माना.

साल 1994 की बात हैं जब PSLV इंजन में किसी तकनीकी खराबी के चलते इसके प्रक्षेपण को विराम लगाना पड़ गया था, मगर सोमनाथ ने अपनी सूझबूझ से इसकी खामियों का निदान कर इसका सफल प्रक्षेपण करवा दिया.

वर्ष 2010 में एस सोमनाथ जी को साराभाई केंद्र के कुछ आगामी अभियानों का हेड बनाया गया. उन्हें दिए गये अभियानों में VSSC और GSLV Mk – III शामिल थे. इन्होने इन अभियानों को इतनी कुशलता से सम्पन्न करवाया कि साल 2014 सोमनाथ जी को Propulsion and Space Ordinance Unit का उप निदेशक बनाया गया.

उनकी देखरेख में केंद्र ने 18 दिसंबर 2014 को LVM3- X मिशन का सफल प्रक्षेपण किया गया था. सतीश धवन स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किये इस यान को 126 किमी की ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल केयर को इंजेक्ट किया गया था, मगर उड़ान के महज बीस मिनट बाद ही यह क्रू मॉड्यूल अंडमान निकोबार द्वीप में गिर गया था.

वर्ष 2018 में एस सोमनाथ जी को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर का निदेशक बनाया गया, इसी समय ये LPSC के चेयरमैन भी बनाए गये.

अगले चार वर्षों तक साराभाई सेंटर के चीफ रहने के बाद 15 जनवरी 2022 को इन्हें इसरो का नया चीफ बना दिया हैं. इन्होने पूर्व निदेशक के सीवन की जगह ली.

एस सोमनाथ पुरस्कार और सम्मान (S Somanath Awards)

  • एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एएसआई) की ओर से स्पेस गोल्ड मेडल
  • इसरो से जीएसएलवी एमके-III सफल प्रक्षेपण हेतु उत्कृष्टता पुरस्कार-2014 और टीम उत्कृष्टता पुरस्कार-2014
  • इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (IAA) के संवाददाता सदस्य
  • इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (INAE) के सदस्य

वेतन (Salary & Networth)

इसरो के चीफ को प्रतिमाह ढाई लाख रु का वेतन मिलता हैं, इसके अतिरिक्त कई सुविधाएं और भत्ते भी मिलते हैं.

वेतन से बढ़कर यह एक प्रतिष्ठा का पद हैं जिसका सम्बन्ध देश के भावी विकास और अंतरिक्ष कार्यक्रमों से भविष्य से भी जुड़ा होता हैं.

सैलरी (Salary)₹2.5 लाख (US$3,300) (लगभग)
नेटवर्थ (Networth)₹ 1-2 करोड़ (लगभग)

डॉ. एस सोमनाथ के बारे में रोचक बातें

  1. इनके पिता केरल के एक हिंदी भाषा के अध्यापक थे, पिता ने इन्हें अंग्रेजी और मलयालम भाषाओं में विज्ञान की कई पुस्तकें दी थी.
  2. कॉलेज के अंतिम वर्ष में ही इन्होने इसरो में नौकरी के लिए आवेदन किया था और चुने गये.
  3. इन्होने एयरोस्पेस में एमटेक तक की पढ़ाई की हैं वही प्रेक्टिकल नॉलेज और लम्बे समय का अनुभव उन्हें देश के टॉप साइंटिस्ट में शामिल करता हैं.
  4. अब तक इसरो के 9 अध्यक्ष बने हैं, एस सोमनाथ दसवें अध्यक्ष के रूप में 2025 तक इस पद पर बने रहेगे.

अब तक के इसरो अध्यक्ष

नामकार्यकाल
डॉ. विक्रम साराभाई1963-1971
प्रोफ़ेसर एम.जी.के. मेननजन.-सित. 1972
प्रोफ़ेसर सतीश धवन1972-1984
प्रोफ़ेसर उडुपी रामचंद्र राव1984-1994
डॉ. कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन1994-2003
श्री जी. माधवन नायर2003-2009
डॉ. के. राधाकृष्णन2009-2014
श्री आ. सी. किरण कुमार2015 – 2018
कैलासवटिवु शिवन्2018-2022
डॉ एस सोमनाथ2022- अब तक

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