भारतीय रेलवे पर निबंध इतिहास | Essay on Indian Railway History In Hindi: इंडियन रेलवे संसार का सबसे बड़ा रेल परिवहन तन्त्र हैं.
आज के इस हिन्दी निबंध में हम indian railway essay in hindi language में इसके इतिहास, विस्तार के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी यहाँ प्राप्त करेगे. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए भारतीय रेल प्रणाली पर निबंध दिया गया हैं.
भारतीय रेलवे पर निबंध इतिहास | Essay on Indian Railway History In Hindi
Bhartiya Railway Par Nibandh- 200 Words
हमारे भारत देश में सबसे पहली बार ट्रेन मुंबई से ठाणे के बीच तकरीबन 34 किलोमीटर की दूरी पर साल 1858 में अप्रैल के महीने में चली थी।
जब हमारे भारत देश में रेलगाड़ी का आवागमन चालू हुआ था तब शायद ही किसी को यह पता था कि 1 दिन हमारे इंडियन रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे व्यवस्था बन कर उभरेगी, जिसके कारण करोड़ों लोगों को इंडिया में रोजगार मिलेगा।
आज इंडियन रेलवे की गिनती दुनिया की टॉप रेलवे सर्विस की लिस्ट में होती है। हर दिन भारत में तकरीबन एक लाख से भी ज्यादा ट्रेनें पूरे देश भर में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाती है।
इसके अलावा माल गाड़ियों की संख्या तो अलग ही है। मालगाड़ी के कारण कंपनियों को और ग्राहकों को उनके प्रोडक्ट काफी तेजी के साथ प्राप्त हो जा रहे हैं।
वहीं रेलवे पैसेंजर ट्रेन के कारण यात्री सिर्फ 1 से 2 दिन के अंदर ही 1400 से लेकर 1500 किलोमीटर तक का सफर तय कर रहे हैं। त्योहारों के सीजन में तो रेलवे में काफी ज्यादा भीड़ होती है क्योंकि त्योहारों में हर व्यक्ति शहर से गांव की ओर लौटता है।ऐसे में आवागमन के लिए उसके पास सबसे पहला विकल्प रेलवे ही होती है।
जिस तरह मुंबई मेट्रो मुंबई के लोगों की लाइफ लाइन है उसी तरह इंडियन रेलवे इंडिया के लोगों की लाइफ लाइन है।लोक डाउन में जब रेलवे का आवागमन बंद हो गया था तब लोगों को रेलवे की असली कीमत पता चली थी।
Bhartiya Railway Par Nibandh- 300 Words
भारत देश को रेलवे की सौगात अंग्रेज गवर्नमेंट के द्वारा साल 1858 में अप्रैल के महीने में दी गई थी जिसके अंतर्गत मुंबई से ठाणे के बीच तकरीबन 34 किलोमीटर की दूरी पर पहली बार इंडिया में रेलवे चलाई गई थी।
अंग्रेजी काल में चालू हुई रेलवे सर्विस आज इंडिया में एक बड़ा रूप ले चुकी है और वर्तमान के टाइम में इंडियन रेलवे सर्विस दुनिया में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी रेलवे सर्विस मानी जाती है।
रेलवे हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपनी मंजिल को प्राप्त करना चाहता है। दूसरे देशों में तो रेलवे सिर्फ आवागमन का साधन होती है परंतु हमारे इंडिया में रेलवे किसी के लिए अपने सपनों को पूरा करने का जरिया होता है।
लोग रेलवे के द्वारा रोजगार प्राप्त करने के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए इंडिया के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं।
इंडियन रेलवे में अभी तक काफी डेवलपमेंट हो चुके हैं। गवर्नमेंट के द्वारा रेलवे के अंतर्गत बुलेट ट्रेन पर भी काफी जोर-शोर से काम किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन के इंडियन रेलवे में शामिल हो जाने के बाद इंडिया की गिनती उन देशों में होने लगेगी जहां पर बुलेट ट्रेन चलती है।
रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए, माल की सुरक्षा के लिए और ट्रेन की सुरक्षा के लिए आरपीएफ सैनिक की तैनाती होती है जो रेलवे में चोरी, अपराध और दूसरी इलीगल गतिविधियों पर नजर बनाकर रखते हैं।
इंडियन रेलवे में लोगों का टिकट चेक करने के लिए टीटी भी होता है ताकि कोई व्यक्ति बिना टिकट के रेलवे से यात्रा ना कर पाए।
इंडियन रेलवे टोटल 17 जोन में बटी हुई है और टोटल 21 रेलवे बोर्ड रेलवे के अंतर्गत आते हैं। इंडिया में तकरीबन 15 लाख से अधिक लोगों को रेलवे के द्वारा रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
हर साल रेलवे में लाखों लोग रिटायर होते हैं और नए लोगों की भर्ती भी होती है। इंडियन रेलवे में आठवीं पास और 10वीं पास के लिए भी विभिन्न नौकरी मौजूद है।
500 शब्द इंडियन रेलवे भारतीय रेलवे पर निबंध
short essay on indian railway in hindi: रेल गाड़ी यातायात का एक अहम साधन हैं. भारत में रेलवे की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को अंग्रेजों के द्वारा मुंबई और थाणे के मध्य 34 किमी की दूरी पर सवारी गाड़ी चलाई गई थी.
तब से अब तक भारत ने रेलवे के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की हैं. तेज गति से आधुनिकीकरण कर रहा भारतीय रेल तन्त्र आज एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल तन्त्र बन चुका हैं.
रेलों का विकास सड़कों के बहुत बाद में हुआ हैं रेलमार्गों का निर्माण कम ढालों व मैदानी भागों में ही सम्भव हैं. इसके अतिरिक्त जलवायु, जनसंख्या वितरण व्यापार की स्थिति औद्योगिक प्रगति देश की सीमा सुरक्षा राष्ट्रीय एकता भी रेलमार्गों पर व्यापक प्रभाव डालती हैं.
भारत में माल ढोने एवं यात्री परिवहन का मुख्य साधन रेलें हैं. भारत में रेलमार्गों का निर्माण 1850 ई में तत्कालीन वायसराय लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में प्रारम्भ हुआ.
भारत में यात्री रेल सेवा का आरम्भ 16 अप्रैल 1853 को हुआ, जब देश में पहली रेल गाड़ी बोरीबंदर मुंबई से थाणे के मध्य 33.81 किमी फासले पर चलाई गई, जिसमें फाकलैंड नामक भाप का इंजन लगा था.
यह रेल ग्रेट इंडियन पेनिनस्युलर रेलवे कम्पनी ने स्थापित की थी. इसमें 14 रेलवे कैरिज थे जो 400 मेहमानों को लेकर चले थे.
भारत में प्रथम माल गाड़ी का परीक्षण 22 दिसम्बर 1851 को रूड़की में हुआ था. इसमें रेल इंजन थामसन प्रयुक्त हुआ था. 1925 में ईस्ट इंडियन रेलवे कम्पनी व ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे का नियंत्रण सरकार ने अपने हाथ में ले लिया. भारत में पहली विद्युत चालित ट्रेन मुंबई विटी से कुर्ला बंदरगाह के बीच 3 फरवरी 1925 को चलाई गई.
३१ मार्च 2016 तक भारतीय रेलमार्ग 66687 किमी था जिसमें 60510 किमी ब्राडगेज, 3880 किमी मीटर गेज और 2297 किमी नैरोगेज मार्ग था. 1950-51 में भारत में 53596 किमी लम्बा रेलमार्ग ही था तथा विधुतीकृत मार्ग 388 किमी था.
भारत में 31 मार्च 2016 तक विद्युतीकृत रेलमार्ग 21614 किमी था. 31 मार्च 2016 तक भारत में रेलवे स्टेशनों की संख्या 8000 के उपर थी 2013-14 तक डबल मल्टीपल ट्रेक 30.37 प्रतिशत था.
भारतीय रेलवे नेटवर्क विश्व का चौथा बड़ा नेटवर्क हैं. प्रथम स्थान अमरीका, द्वितीय चीन व तृतीय स्थान रूस का हैं. विश्व में हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क में चीन प्रथम स्थान पर हैं. बीजिंग गुआगंजाऊ हाई स्पीड लाइन विश्व की सबसे लम्बी हाई स्पीड रेल लाइन हैं.
यूरोप महाद्वीप में विश्व की सघनतम रेल व्यवस्था पाई जाती हैं. यात्री ढोने में विश्व में भारत प्रथम व चीन का द्वितीय स्थान हैं. माल ढोने में अमरीका प्रथम, चीन द्वितीय रूस तृतीय व भारत चतुर्थ स्थान पर हैं.
भारतीय रेल्वे को 67 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति माल ढोने व 26 प्रतिशत राजस्व यात्री भार से होती हैं. रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्ति कोयले के ढोने से होती हैं.
भारत में रेलमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई उत्तरप्रदेश में हैं. भारत में अभी केवल सिक्किम ऐसा राज्य हैं जो रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ नहीं हैं. भारत में वर्तमान में 17 रेलवे जोन व 73 रेल मंडल हैं.
भारतीय रेल व्यवस्था पूर्व में 9 जोनों में विभाजित थी, 1 अक्टूबर 2002 से 2 तथा 1 अप्रैल 2003 से 5 नयें रेलवे जोन गठित किये गये. 29 दिसम्बर 2010 को कोलकाता मेट्रों को 17 वाँ रेलवे जोन बनाया गया. इसका मुख्यालय कोलकाता में हैं.
सबसे छोटा जोन मेट्रों रेलवे स्टेशन कोलकाता है तथा सबसे बड़ा जोन उत्तर रेलवे जोन हैं. भारत में वर्तमान में तीन रेलवे कोच फैक्ट्री रायबरेली उत्तरप्रदेश, कपूरथला पंजाब तथा पेराम्बूर चैन्नई तमिलनाडु में स्थित हैं. देश की चौथी रेल कोच फैक्ट्री की आधारशिला कोलार कर्नाटक में 5 मार्च 2014 को रखी गई हैं.
भारतीय रेल का इतिहास हिंदी में | History of Indian Railways in Hindi
देश में माल एवं यात्री परिवहन का मुख्य साधन रेलें हैं. भारत में रेलमार्गों का निर्माण 1850 ई में तत्कालीन वायसराय लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में शुरू हुआ था.
भारत में यात्री रेल सेवा का प्रारम्भ 16 अप्रैल 1853 को हुआ, जब देश की पहली रेलगाड़ी बोरीबंदर मुंबई से थाने के बीच 33.81 किमी (21 मील) फासले पर चलाई गई. इसमें फाकलैंड नामक भाप का इंजन लगा था. यह रेल ग्रेट इंडियन पेनिन्स्यूलर रेलवे कम्पनी ने स्थापित की थी. इसमें 14 रेल्वे कैरिज थे जो दोपहर 3:30 बजे 400 मेहमानों को लेकर चले.
भारत में प्रथम माल गाड़ी का परीक्षण 22 दिसम्बर 1851 को रुड़की में हुआ. इसमें प्रथम रेल इंजन थामसन प्रयुक्त हुआ. भारत में पहला इंजन (First Steam Loco) नं. F 734 राजपूताना रेल्वे की अजमेर वर्कशॉप में 1895 में बना. 1880 तक भारत में 14400 किमी का रेल्वे रूट बन गया था, 1901 में रेल्वे बोर्ड का गठन किया गया.
भारतीय रेल्वे का गठन 42 पूर्व भारतीय रियासती राज्यों की रेल्वे को मिलाकर किया गया. 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत 55000 किमी का रेल नेटवर्क था. 1952 में विद्यमान रेल नेटवर्क को 6 जोनों में विभक्त किया गया.
भारत में रेलवे विद्युतीकरण (Railway electrification in India)
भारतीय रेल में मध्य रेल्वे की उपनगरीय प्रणाली पर 1500 वोल्ट डीसी पर पहली विद्युतीकृत ट्रेन बोम्बे विक्टोरिया टर्मिनल से कुर्ला बंदरगाह तक 3 फरवरी 1925 को चलाई गई. मद्रास दूसरा मेट्रो सिटी था. जहाँ दक्षिण रेल्वे ने 11 मई 1931 को द्वितीय विद्युतीकृत ट्रेन चलाई.
स्वतंत्रता प्राप्ति तक भारत के पास 388 रूट किमी का विद्युतीकृत ट्रैक था. स्वतंत्रता के बाद हावड़ा बर्दवान सेक्शन पर 3000 वोल्ट डी सी पर विद्युतीकरण किया गया. पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 14 दिसम्बर 1957 को हावड़ा शेवरा फुली सेक्शन पर ईएमयू सेवाएं प्रारम्भ की गई.
स्वदेशी विद्युतीकृत लोकोमोटिक्स 1960 में चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में बनने प्रारम्भ हुए और बोम्बे एरिया के लिए पहला 1500 वोल्ट डीसी का इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव 14 अक्तूबर 1961 को भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रारम्भ किया गया.
25000 वोल्ट AC (25 KV AC) विद्युत् ट्रेक्शन प्रणाली- 25 KV AC विद्युत् ट्रैक्शन प्रनाली भारतीय रेल्वे द्वारा 1961 में अपनाई गई. इसके लिए तकनीकी सहायता व परामर्श फ्रेंच नेशनल रेल्वे (SNCF) से प्राप्त हुआ. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बदलते हुए समय के अनुरूप पहली पूर्ण एयर कन्डीशन ट्रेन हावड़ा व दिल्ली के बीच 1956 में चली. इसे AC Express के नाम से जाने जाता हैं.
रेलवे लाइन के प्रकार
देश में दो रेल्वे पटरियों के बीच की दूरी के आधार पर तीन प्रकार की रेल सेवाएं संचालित हैं.
- ब्राडगेज – 1.67 मीटर (5’6)
- मीटरगेज – 1.00 मीटर (3’3)
- नैरोगेज – 0.610- 0.762 (2′ to 2’26)
इसके आलावा स्टैंडर्ड गेज (1.435) मीटर भी होती हैं. भारतीय रेलवे का 1951 में राष्ट्रीयकरण किया गया. भारतीय रेलवे नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क हैं. प्रथम स्थान अमरीका, द्वितीय स्थान चीन व तृतीय स्थान रूस का हैं.
रेल भूमि विकास प्राधिकरण
1 नवम्बर 2006 को गठित. यात्री ढ़ोने में विश्व में भारत का प्रथम व चीन का द्वितीय स्थान हैं. माल ढ़ोने में अमरीका प्रथम, चीन द्वितीय, रूस तृतीय व भारत चतुर्थ स्थान पर हैं. रेल जीडीपी का हिस्सा समग्र जीडीपी में लगभग 1 प्रतिशत हैं.
भारतीय रेलवे को 67 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति माल ढ़ोने व 26 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति यात्री भार से होती हैं. रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्ति कोयले के ढ़ोने से होती हैं. उत्तर पूर्व के 8 राज्यों में से 7 राज्य रेल नेटवर्क से जुड़ गये हैं.
भारत में अभी केवल सिक्किम ऐसा राज्य है जो रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ नहीं हैं. सिक्किम को रेल नेटवर्क से जोड़ने हेतु सिवोक रांगपो परियोजना निर्माणाधीन हैं.
भारत में वर्तमान में 17 रेलवे जोन व 73 रेल मंडल हैं. भारतीय रेल व्यवस्था पूर्व में 9 जोनों में विभाजित थी. 1 अक्टूबरः 2002 से 2 तथा 1 अप्रैल 2003 से 5 नए रेलवे जोन गठित किये गये. 29 दिसम्बर 2010 को कोलकाता मेट्रो को 17 वाँ रेलवे जोन बनाया गया. इसका मुख्यालय कोलकाता में हैं.
सबसे छोटा जोन मेट्रो रेलवे कोलकाता है तथा सबसे बड़ा जोन रेलवे उत्तर रेलवे जोन हैं. भारत में वर्तमान में तीन रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली, कपूरथला तथा पेराम्बूर तमिलनाडु में स्थित हैं. देश की चौथी रेल कोच फैक्ट्री की आधारशिला कोलार में 5 मार्च 2014 को रखी गई हैं.
रेल मंत्रालय के अधीन 16 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं अन्य संगठन कार्य कर रहे हैं.
भारतीय रेल बजट का इतिहास
1921 में गठित एकवर्थ समिति की सिफारिशों पर सितम्बर 1924 में रेल वित्त को सामान्य वित्त से पृथक किया गया तथा 1925 में पहली बार रेलवे का बजट पृथक रूप से पृथक रूप से संसद में प्रस्तुत किया गया. सुश्री ममता बनर्जी पहली महिला रेलमंत्री थी.
जिन्होंने सन 2000 में रेल बजट पेश किया. वे एकमात्र ऐसी महिला भी हैं. जिन्होंने केंद्र में दो विभिन्न सरकारों के लिए रेल बजट पेश किया. रेलवे बजट केन्द्रीय बजट से दो पूर्व सामान्यतः 26 फरवरी को पेश किया जाता हैं. लेकिन वर्ष 2017 से आम बजट व रेल बजट एक साथ पेश किया गया हैं.