झारखंड पर निबंध Essay On Jharkhand In Hindi: हमारा राज्य कैसा हो आज के निबंध में हम भारत के महत्वपूर्ण हिंदी प्रदेश के स्थापना दिवस, इतिहास, निर्माण, संस्कृति, भाषा आदि के बारे में इस निबंध स्पीच में विस्तार से यहाँ जानेगे.
Essay On Jharkhand In Hindi (झारखंड पर निबंध)
झारखंड राज्य का इतिहास, निबंध, भाषण (History, essay, speech of Jharkhand state In Hindi)
सन 2000 में दक्षिणी बिहार से काट कर बनाया गया झारखंड भारत के नव निर्मित राज्यों में से एक हैं. इस राज्य की स्थापना के पीछे का इतिहास एक सदी से अधिक का प्रतिरोध हैं.
झारखंड के लिए सामाजिक आंदोलन के करिश्माई नेता बिरसा मुंडा नाम का एक आदिवासी था जिसने अंग्रेजों के विरुद्ध एक बड़े विद्रोह का नेतृत्व किया. अपनी मृत्यु के बाद बिरसा इस आंदोलन का एक प्रमुख प्रतीक बन गया.
उसके बारें में कहानियाँ और गीत पूरे झारखंड में गाए जाते हैं. बिरसा के संघर्ष की स्मृति लेखों द्वारा भी जीवित रखी गई. दक्षिणी बिहार में काम कर रहे ईसाई मिशिनरी इस क्षेत्र में साक्षरता के प्रचार के लिए उत्तरदायी थे.
साक्षर आदिवासियों ने अपने इतिहास तथा मिथकों के बारे में शोध और लेख आरम्भ किया. उन्होंने जनजातीय प्रथाओं तथा सांस्कृतिक व्यवहारों के बारे में जानकारी प्रदान की. इससे झारखंड के लोगों को संगठित, संजातीय चेतना तथा साझी पहचान बनाने में सहायता मिली.
साक्षर आदिवासी सरकारी नौकरियां पाने की स्थिति में भी थे. जिससे समय के साथ एक मध्यवर्गीय आदिवासी बुद्धिजीवी नेतृत्व का उदय हुआ. जिसनें पृथक राज्य की मांग को प्रारूप दिया तथा भारत एवं विदेशों में भी इसका प्रचार किया.
दक्षिण बिहार के अंतर्गत आदिवासी, दिक्कुओं की जो प्रवासी व्यापारी तथा महाजन थे, और उस क्षेत्र में आकर बस गये थे तथा जिन्होंने वहां के मूल निवासियों की संपदा पर अधिकार कर लिया था.
मूल आदिवासी उनसे घ्रणा करते थे. इन खनिज सम्पन्न क्षेत्रों में खदान तथा औद्द्योगिक परियोजनाओं से मिलने वाले अधिकांश लाभ दिक्कुओं को मिलते थे, यहाँ तक कि आदिवासी भूमि अलग कर दी गई थी.
आदिवासियों ने अलग थलग किये जाने के अनुभव व अन्याय के बोध को झारखंड की साझी पहचान बनाने तथा सामूहिक कार्यवाही की प्रेरणा के लिए गतिशील किया. जिसके परिणामस्वरूप अन्तः पृथक राज्य का निर्माण हुआ.
झारखंड राज्य पर निबंध (250 शब्द)
भारत के महत्वपूर्ण प्रदेशों में झारखंड भी एक हैं, हरी भरी भूमि और खनिजों की बहुलता वाला यह प्रदेश वर्ष 2000 में अपने वर्तमान स्वरूप में आया और इसे एक भारतीय राज्य के रूप में दर्जा दिया गया.
अत्यधिक हरियाली और झाड़ी बहुत क्षेत्र होने के कारण इसका नाम झारखंड पड़ा. यह नाम झार और खंड दोनों भिन्न शब्दों से मिलकर बना हैं जिसका अर्थ होता है झाड़ियों वाला स्थान.
राज्य वन और खनिज सम्पदा से सम्पन्न हैं. अगर इस नाम के सर्वप्राचीन उल्लेख को देखे तो ऐतरेय उपनिषद में झारखंड नाम का उल्लेख मिलता हैं. साथ ही कबीर ने भी इस नाम का प्रयोग कई स्थानों पर अपनी रचनाओं में किया हैं.
धनबाद, बोकारो, और जमशेदपुर जैसे हाईटेक उद्योगिक शहरों वाला यह प्रदेश बिहार, यूपी ,छतीसगढ़ उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के साथ अपनी सीमाएं बनाता हैं. राज्य की बहुत आबादी आदिवासी हैं जो भारत की मूल जनजाति हैं.
राज्य के लोक जीवन में भारतीय जीवन और संस्कृति की छाप स्पष्ट देखी जा सकती हैं. यहाँ के आदिवासी समाज के पूर्व रीती रिवाजो में जितिया पूजा, करमा पूजा और सरहुल मुख्य हैं. यहाँ का जीवन प्रकृति के साथ विशेष रूप से जुड़ा होता हैं. यहाँ के घर अमूमन हरे भरे हरियाली से युक्त होते हैं.
झारखंड से जुडी कई हस्तियों ने देश दुनिया में नाम कमाया हैं. इसमें महेंद्र सिंह धोनी, राम दयाल मुंडा, बिरसा मुंडा, अलबर्ट एक्का, प्रियंका चोपड़ा आदि का नाम प्रमुखता से लिया जाता हैं.
300 शब्द : झारखंड निबंध
झारखंड भारत का एक उत्तर-पूर्वी राज्य है। झारखंड का अंक्षाशीय विस्तार 21º 58′ से 25º 18′ उत्तरी अक्षांश और देशांतरीय विस्तार 83º 22′ से 87º 57” पूर्वी देशांतर है। झारखण्ड राज्य की ज्यामितीय आकृति चर्तुभुजाकार है। झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग करके किया गया था। इसकी राजधानी रांची है।
झारखंड की जनसंख्या 3,29,88,134 और क्षेत्रफल 79,710 वर्ग किमी है। इसका क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्र का 2.42 % है। भारत की कुल जनसंख्या में झारखंड का भाग 2.72% है। इस राज्य का जनसंख्या घनत्व 414 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
झारखंड राज्य में कुल 24 जिले है। इसका राजकीय पशु हाथी है,और राजकीय पक्षी कोयल है। झारखंड राज्य का राजकीय वृक्ष साल है और राजकीय पुष्प पलाश है। झारखंड की राजकीय भाषा हिंदी है। झारखण्ड की कुल साक्षरता दर 66.41 % है।
झरखड़ राज्य की सीमा 5 राज्यों के साथलगती है। इसकी सीमा बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से लगती है। झारखंड राज्य में से 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश कर्क रेखा भी गुजरती है।
झारखंड राज्य की राजनीतिक परिचय की बात करें तो इस राज्य की विधानसभा एक सदनीय है। झारखण्ड राज्य की विधानसभा में कुल सदस्य संख्या कुल 82 है, इसमें से 81 निर्वाचित और 1 सदस्य मनोनित होता है।
झारखंड राज्य से लोकसभा की कुल 14 सीटें है वही राज्यसभा के लिए कुल 6 सीटें है। झारखड की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी जलवायु है।
जिसकी औसत वार्षिक वर्षा 140 सेमी है। यहां की प्रमुख फसल धान है। झारखण्ड राज्य में संथाल जाति की प्रमुख लोककला जादोपटिया और प्रमुख जनजातीय पर्व सरहुल है।
झारखण्ड एक आधत्मिक राज्य है , जिसमे कई भव्य मंदिर और धार्मिक पर्यटक स्थल है।देवघर झारखड़ का प्रमुख धार्मिक शहर है। झारखंड का बैधनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
700 शब्द: long Essay On Jharkhand In Hindi झारखंड राज्य पर बड़ा निबंध
झारखंड का अर्थ और नामकरण (Meaning and nomenclature of Jharkhand):
भारत के 28 वें राज्य के रूप में 15 नवम्बर 2000 के दिन स्थापना की गई. झारखंड शब्द दो हिंदी शब्दों से मिलकर बना हैं झार और खंड. झार का अर्थ झाड़ी या वन से जबकि खंड का आशय टुकड़ा या भाग अथवा क्षेत्र हैं.
इस तरह वन क्षेत्र इसका शाब्दिक अर्थ होता हैं. भारत के अग्रणी वन राज्यों में झारखंड की गिनती होती हैं. यहाँ सर्वाधिक मात्रा में वन सम्पदा पाई जाती हैं.
सर्वप्रथम झारखंड शब्द का प्रयोग एतरेय ब्राह्मण में हुआ है जिन्हें पुंड शब्द कहा गया था. इसके अतिरिक्त पद्मावत, अकबरनामा, कबीर की रचनाओं इस प्रदेश को झारखंड कहा गया हैं.
सामान्य परिचय (general introduction):
छोटा नागपुर पठार पर स्थित आदिवासी बहुल झारखंड राज्य निर्माण से पूर्व दक्षिणी बिहार का भाग था. आजादी के बाद से इस क्षेत्र के लोगों ने अलग राज्य बनाने की मांग निरंतर रही,
आखिर वर्ष 2000 में जब अटल बिहारी वाजपेयी थे उन्ही ने छतीसगढ़, उत्तराखंड के साथ ही झारखंड राज्य के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई.
राज्य की स्थापना का दिवस 15 नवम्बर को चुना गया, यह बिरसा मुंडा का जन्मदिन दिन भी हैं. आदिवासी समुदाय के बड़े नेता थे. जिन्होंने 1895 से 1900 तक अंग्रेज सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया था. राज्य की राजधानी रांची हैं.
जमशेदपुर राज्य का सबसे बड़ा महानगर हैं. धनबाद, बोकारो भी औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध हैं. भारत में नक्सल समस्या से प्रभावित राज्यों में झारखंड भी एक हैं.
झारखंड राज्य का इतिहास जानकारी (Jharkhand History Information):
शुरुआत से ही झारखंड का क्षेत्र आदिवासी समुदाय बहुल था. जब अंग्रेजों की दखल इस क्षेत्र में बढ़ने लगी तो वहां के लोगों ने 1765 में ईस्ट इंडिया का घोर विरोध किया तथा अपना राज्य को बचाने के लिए 1771 से 1900 जन आंदोलन चले.
पहरिया लीडर, तिलका मांझी ने इस क्षेत्र में 1771 में पहली बार ब्रिटिश सरकार एवं जमींदारों के प्रति आवाज उठाई. वे जागीर दारी प्रथा की खिलाफत के लिए खड़े हुए और अपने पूर्वजों की जमीन असली मालिको को लौटाने की पुरजोर मांग रही.
इसके बाद 1779 में भूमिज समुदाय के लोहो ने मनभूम तथा बाद पलामू की चेरो जनजाति ने अंग्रेजों के प्रति विद्रोह किया.
1855 में हुआ संथाल आदिवासी एवं किसान आंदोलन इस क्षेत्र का सबसे बड़ा जन आंदोलन था. इसके बाद कोल और सींथल आंदोलन हुए और बिरसा मुंडा झारखंड के अंतिम आंदोलनकारी थे. आजादी के बाद जेडीयू तथा कांग्रेस के सहयोग से बीजेपी ने राज्य निर्माण किया.
झारखंड की समस्याएं व बाधाएं (Problems and obstacles of Jharkhand):
हमारे राज्य के निर्माण के 19 वर्षों के पुरे होने के बाद भी राज्य में गरीबी और कमजोर प्रशासन की स्थिति बरकरार हैं. राज्य की 35 प्रतिशत आबादी अभी तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं जबकि 20 प्रतिशत बच्चें कुपोषण एवं भुखमरी के शिकार हैं.
तिलका मांझी और सिधु कान्हू के सपनों का झारखंड बनाने में पांच बड़ी विकास की बाधाएं हैं. राज्य के निर्माण के बाद की राजनीतिक अस्थिरता एक बड़ा कारण अब तक राज्य के इतिहास में 13 सरकारे बदल चुकी हैं पिछले कुछ सालों से बीजेपी सरकार स्थायी सरकार व प्रशासन दे रही हैं.
राज्य में इन सालों में व्यापक स्तर पर घोटाले भी हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कोयले के घोटाले में जेल जा चुके हैं अपने अस्तित्व के समय राज्य की जीडीपी 35 फीसदी थी जो अगले 10 सालों में 20 प्रतिशत तक आ गई.
राज्य की तीसरी बड़ी समस्या नक्सलवाद हैं. राज्य के 21 जिले आज भी नक्सल प्रभावित हैं. इसके अतिरिक्त नगरीकरण की धीमी गति तथा कृषकों पर कम ध्यान देना बड़ी समस्याएं हैं.
झारखंड की संस्कृति (Culture of Jharkhand):
राज्य की अधिकतर आबादी आदिवासी समुदाय से हैं इसी वजह से राज्य के जीवन और संस्कृति में इसकी छाप स्पष्ट देखी जा सकती हैं.
जितिया पूजा, कर्मा पूजा, सरहुल यहाँ के समाज के मूल रीति रिवाज हैं. राज्य के लोगों में प्रकृति के प्रति अनूठा प्रेम है यहाँ के प्रत्येक घर के आँगन में हरा पेड़ अवश्य नजर आएगा.
टुसू मेला उर्फ़ पौष मेले लगता हैं राज्य में मकर सक्रांति के अवसर पर यह कृषि पर्व मनाया जाता हैं. छोटा नागपुर के अधिकतर पठारी भाग में करम उत्सव मनाया जाता हैं. कुंवार का यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता हैं. इस दिन घर में पकवान बनाए जाते थे.
झारखंड की भाषा (Language of Jharkhand):
झारखंड राज्य भाषा के लिहाज से बहुभाषी राज्य हैं. यहाँ की मुख्य भाषा हिंदी हैं जिन्हें अधिकतर लोग बोलते और समझते हैं. राज्य एवं प्रशासन के माध्यम की भाषा हिंदी हैं. इसके अतिरक्त संताली, हो, मंदारी भाषा बोली जाती हैं.
झारखंड और पर्यटन स्थल:
अपनी सुंदर प्राकृतिक बसावट, प्राचीन संस्कृति एवं लोकजीवन के अनूठे रंग के चलते राज्य में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं. यहाँ हर साल बड़ी तादाद ने देशी विदेशी पर्यटक सैर करने आते हैं.
राजधानी शहर रांची एक बड़ा पर्यटन स्थल बनकर उभरा हैं. जहाँ रांची हिल तथा सूर्य मन्दिर मुख्य आकर्षण के केंद्र रहे हैं.
इसके अतिरिक्त यहाँ के चार बड़े शहर जमशेदपुर, धनबाद, पालामु और बोकारो भी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल हैं. बेल्टा और दालमा वन्य जीव अभ्यारण्य भी झारखंड के पर्यटन के आधार रहे हैं.
वन एवं वन्य जीवों से सम्रद्ध यह प्रदेश राष्ट्रीय पार्क, उद्यानों तथा विविधता के लिए जाना जाता हैं. जहाँ हजारीबाग का सुंदर अभ्यारण्य हैं.