Essay On Modern India In Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं. आधुनिक भारत पर निबंध आज हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं.
इस निबंध, भाषण, अनुच्छेद में हम आधुनिक भारत की रूपरेखा स्वरूप, युवाओं व महिलाओं की भागीदारी पर जानकारी प्राप्त करेगे. चलिए हम मॉडर्न इंडिया के शोर्ट एस्से को पढ़ते हैं.
आधुनिक भारत पर निबंध Essay On Modern India In Hindi
15 अगस्त 1947 के दिन भारत स्वतंत्र हुआ था, उस दिन को आज 75 साल पूरे हो चुके हैं. इन वर्षों में हमने क्या अर्जित किया तथा हम अपने निर्धारित लक्ष्यों से कितने पीछे है इसकी समीक्षा करे तो पाएगे कि भारत के लिए कई मायनों में आधुनिक शब्द बहुत बड़ा हैं.
हम 21 वीं सदी के भारत, प्रगतिशील भारत की संकल्पनाओं को गढ़ते है, आंकड़ों में हम पाकिस्तान को हरेक धरातल पर कमतर आंकते है. मगर क्या हमने कभी लोगों के रहन सहन मूलभूत आवश्यकताओं की स्थिति, संसाधन विभाजन एवं भागीदारी के क्षेत्रों में विकास दर के मामले में विश्व के बड़े देशों के नजदीक भी पहुँच पाए हैं.
भारत दुनियां के बड़े देशों में से एक है यह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनआबादी एवं सर्वाधिक युवा शक्ति का देश है फिर हम अपनी तुलना दुनियां के निम्न स्तरीय देश से हर बार क्यों करते हैं.
हमारा भारत कितना आधुनिक हुआ है इसे समझने के लिए हमें अपने पड़ोसी चीन की तरफ रूख करना चाहिए, जो हमसे दो वर्ष बाद स्वतंत्र हुआ तथा आज चीन की गिनति विश्व के सबसे विकसित देशों में की जाती हैं, इसकी तुलना में आधुनिक भारत को महज एक बड़े बाजार की तरजीह दी जाती हैं.
हाँ इन 7 दशकों में हम गरीबी को 25 प्रतिशत से पन्द्रह प्रतिशत ला पाए हैं, लोगों को रोजगार मिल रहा है सड़कें, टेलीफोन, कृषि, आदि सुकून देने वाले क्षेत्र हैं.
आधुनिक भारत में आज भी आबादी का एक बड़ा तबका रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए तरस रहा हैं. 30 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने के लिए मजबूर हैं. देश के संसाधनों पर आबादी के मात्र 10 प्रतिशत लोगों का अधिकार हैं.
शेष गरीब एवं निम्नवर्गीय लोगों के लिए जीवन संघर्ष की तरह बीत रहा हैं. स्वतंत्रता मिलने के बाद आधारभूत उद्योग कपड़ा, टेक्सटाइल, परिवहन, कृषि, उद्योग तथा संचार के क्षेत्र में हमने यथेष्ठ उन्नति की हैं आज हमारा देश कृषि में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर होने के साथ ही उत्पादों का निर्यात भी करता हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार की कई योजनाओं मेड इन इंडिया, इंडिया फ़ास्ट, डिजिटल इंडिया जैसे कदमों से भारत की आवश्यकता की वस्तुएं अब देश में ही निर्मित हो रही हैं. DRDO भारत के रक्षा एवं सैन्य उपकरणों का निर्माण स्वदेश में ही कर रहा हैं.
इसरों आए दिन अन्तरिक्ष में भारत की सफलता के नयें कीर्तिमान रच रहा हैं. हमारी इकोनोमी दुनियां की चार बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हैं.
देश 7 प्रतिशत की विकास दर से आगे बढ़ रहा हैं. प्रत्येक भारतीय को बिजली, शौचालय, पेयजल, चिकित्सा, शिक्षा के सुलभ अवसर प्रदान करने की योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा हैं.
तकनीक तथा पेट्रोलियम उत्पादों पर आज भी हम पश्चिम व खाड़ी के देशों पर निर्भर हैं. आधुनिक भारत ने न केवल अपने बाजार दुनियां की कम्पनियों के लिए खोले है बल्कि विश्व बाजार में भारत ने भी अपने उत्पादों की विश्वसनीयता तथा गुणवत्ता का लोहा मनवाया हैं.
सरकार आयात को कम करने तथा निर्यात को बढ़ाने का प्रयास कर रही है जिससे तेजी से देश में विदेशी मुद्रा का आगमन हो रहा हैं.
पर्यटन के लिहाज से इन वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई हैं. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, अयोध्या, राम सेतु, बुद्ध सर्किट जैसी नई पर्यटन योजनाओं पर काम चल रहा हैं.
आधुनिक भारत अपने अतीत की गलतियों से सीख लेते हुए उनमें सुधार की ओर तेजी से बढ़ रहा हैं. हाल ही के वर्षों में देश में तीन तलाक, धारा 370 का हटना, राम मंदिर, नागरिकता बिल, वेशभूषा कोड जैसे कानून आए है अथवा निकट भविष्य में आने वाले है.
इससे न केवल लम्बे समय से देश की प्रगति में बाधक तत्व दूर होंगे बल्कि भारतीय समाज में धर्म के नाम पर की गई खाई को भी पाटने में मदद मिलेगी. भारतीय समाज सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में उन्नति कर रहा हैं. देश में युवा आक्रोश एवं बेरोजगारी की समस्या यथावत हैं.
युवा नशाखोरी की प्रवृत्ति में लिप्त हो रहे हैं. इंटरनेट तथा सिनेमा के कारण तेजी से अपसंस्कृति को बढ़ावा मिल रहा हैं. नैतिक मूल्यों के पतन के इस दौर में भारत को अपनी पहचान बनाएं रखने की आवश्यकता हैं.
देश में जहाँ लोग अपनी संस्कृति को अपनाने से दूरी बना रहे है वही विदेशों में भारतीयों तथा भारत की संस्कृति को सम्मान मिल रहा हैं. योग की विश्वभर में बढ़ती स्वीकारोक्ति प्रगतिशील भारत के बढ़ते प्रभाव की निशानी हैं.
आधुनिक भारत में कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ आधुनिकता के नाम पर देश की संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं. समय रहते समाज को इससे सावधान होने की जरुरत हैं.
आधुनिक भारत की समस्याएं पर निबंध essay on adhunik bharat ki samasya in hindi
जब हम आधुनिक भारत की बात करे तो हमें इसकी उपलब्धियों के साथ ही समस्याओं को भी ध्यान में रखना होगा, आज के भारत की सबसे विकराल समस्या बेरोजगारी है. करोड़ों नवयुवक डिग्रीया लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त भी उन्हें काम नहीं मिल पाता हैं.
विगत एक दशक से बेरोजगारी की समस्या से युवाओं में आक्रोश भर दिया हैं. सरकारें अपने स्तर पर इस समस्या को समझने तथा इसके विकल्प तलाशने में अभी तक पूर्ण विफल नजर आई हैं. आज भी राजनेता चुनावों के समय देश के युवाओं को नौकरियां देने का झांसा देकर बड़ी आसानी से मुर्ख बनाकर उनके विश्वास के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं.
आधुनिक भारत की दूसरी बड़ी समस्या शिक्षा की हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू हुए एक दशक से अधिक समय हो चूका है इसके उपरान्त भी निम्न वर्ग के बच्चें शिक्षा से वंचित हैं. न केवल शिक्षा आमजन तक सुलभ बन पाई बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी आधुनिक युग के अनुकूल नहीं हैं.
हमारी शिक्षा का स्वरूप रोजगारोन्मुख नहीं है न ही जीवन उपयोगी है जिससे युवाओं में कौशल विकसित किया जाए. भारत सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट जारी किया है, उम्मीद है इससे कुछ बिन्दुओं पर शिक्षा को सार्थक एवं जीवन उपयोगी बनाने में मदद मिलेगी.
देश की तीसरी बड़ी समस्या गरीबी एवं महंगाई हैं. देश के कुल संसाधन मुट्ठी भर लोगों के पास ही है, इस तरह समाज में आर्थिक आधार पर बड़ी खाई उत्पन्न हो चुकी हैं. गरीब आए दिन गरीब होता जा रहा है तथा अमीर निरंतर अमीर होता जा रहा हैं.
देश का मध्यम वर्ग को अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा कर के रूप में देता है वह भी महंगाई की समस्या से त्रस्त नजर आता हैं ऐसे में भारत में कुछ मूलभूत बदलाव लाने की आवश्यकता हैं तभी देश से गरीबी और महंगाई का खात्मा हो सकेगा.
यदि सरकार बे रोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर अतिरिक्त उत्पादन के कार्य में लगाए तो निश्चय तीन बड़ी समस्याओं का एक साथ खात्मा किया जा सकता हैं.
भ्रष्टाचार आधुनिक भारत की एक विकराल समस्या हैं जो देश के शीर्ष पदाधिकारियों से लेकर चपरासी तक सभी लोगों में हैं भ्रष्टाचार के कारण देश का अपार धन काले धन के रूप में विदेशी बैंकों में जमा हैं.
यदि सरकार इस दिशा में कोई सार्थक कदम उठाएं तो न केवल भारत के लोगों के जीवन स्तर में बड़ा सुधार आ सकता हैं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के स्वरूप को विस्तार देने में मदद मिलेगी.
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए सरकार कानून बनाए यह पर्याप्त नहीं है बल्कि समाज भी स्वेच्छा से पहल करे तथा इस समस्या के खात्मे में अपनी भूमिका अदा करे तभी भारत भ्रष्टाचार मुक्त हो सकता हैं, देश की अन्य बड़ी समस्याओं में आतंकवाद एवं नक्सलवाद भी हैं जिससे हमारे सुरक्षा बल निपट रहे हैं.
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