प्रिय दोस्तों आपका स्वागत हैं Essay on My Best friend in Hindi में हमने स्टूडेंट्स के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिखा हैं. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 में पढने वाले बच्चों के लिए उपयोगी हैं.
1000 शब्दों में मेरे प्रिय मित्र का बड़ा निबंध आपकों यहाँ बता रहे हैं. आशा करते हैं यह आपकों बहुत मदद करेगा. चलिए सरल भाषा में लिखा यह निबंध जानते हैं.
मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा प्रिय मित्र निबंध Essay On My Best Friend In Hindi And English पर दिया गया हैं.
सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए प्रिय मित्र पर हिंदी व अंग्रेजी में छोटा बड़ा निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको मेरे प्रिय मित्र का सरल निबंध पसंद आएगा.
मेरा प्रिय मित्र अनुच्छेद
मेरे बहुत सारे मित्र हैं। मोहन उनमें से सबसे खास दोस्त है। वह मेरे घर के पास ही रहता है। वों मेरी कक्षा का साथी है। उनका अच्छा परिवार है। उसके पिता एक डॉक्टर हैं। उनकी मां एक घरेलू महिला है, वे बहुत सम्मानित हैं।
मोहन बुद्धिमान छात्र हैं। वह नियमित रूप से अध्ययन करने वाला लड़का है। वह हमेशा कक्षा में सबसे आगे बैठता हैं। वह अपने स्वास्थ्य भी का काफी ख्याल रखता है।
वह एक फुटबॉल खिलाड़ी और एक अच्छा गायक भी है। वह हमेशा साफ-सुथरी ड्रेस में रहता है। मोहन दिखने में काफी स्मार्ट है,साथ ही, वह बहुत विनम्र लड़का है।
सभी शिक्षक व विध्यार्थी उसका सम्मान करते है. मुझें पूरा यकीन है, वह जरुर एक दिन बड़ा व्यक्ति बनेगा. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे मोहन जैसा दोस्त मिला। मुझे अपने दोस्त पर गर्व है, भगवान का आशीर्वाद सदा उस पर बना रहे।
150 शब्दों में निबंध : मेरा प्रिय मित्र
मेरा प्रिय मित्र मोहित हैं, मोहित बहुत अच्छा लड़का हैं. आस पडौस के कई मित्र होने के बावजूद मोहित मुझे उन सभी में बहुत प्रिय हैं. जिस कारण वह मेरा प्रिय मित्र हैं. जो अति विनम्र और सरल स्वभाव का धनी हैं.
मोहित मेरे साथ ही मेरी क्लाश में पढ़ता हैं. उसके पिता हेड कांस्टेबल हैं वह स्वयं बड़ा होकर अपने पिता की तरह ही पुलिस सेवा में जाना चाहता हैं.
मोहित की माताजी अध्यापिका हैं. वह अति बेहद मधुर एवं स्नेहशील महिला हैं. मोहित के एक छोटा भाई राहुल भी हैं जो बेहद शरारती हैं.
मोहित पढ़ने में बहुत तेज हैं. हर बार वह प्रथम श्रेणी से उतीर्ण होता हैं. वह पढने के साथ साथ खेलने की रूचि भी रखता हैं. क्रिकेट उसका प्रिय खेल हैं.
स्कूल के अच्छे क्रिकेट खिलाड़ियों में उसे गिना जाता हैं. कई बार स्कूल टीम का नेतृत्व कर स्कूल का नाम रोशन किया हैं. मोहित मेरा अच्छा मित्र हैं, मैं भगवान को ऐसा दोस्त देने के लिए धन्यवाद देता हूँ.
300 शब्द मेरा प्रिय मित्र निबंध Essay On My Best Friend In Hindi
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के बिना नहीं रह सकता है। इसलिए उसके लिए दोस्ती जरूरी है। लेकिन इस दुनिया में एक सच्चा दोस्त मिलना बहुत मुश्किल है। ज्यादातर उचित मौसम दोस्त हैं।
भगवान की कृपा से, मेरे पास एक तेज़ और सच्चा मित्र है। उसका नाम संकल्प है। वह मेरा सहपाठी भी है। यह मेरा बचपन का दोस्त है। मेरा दोस्त मेरे घर के पास रहता है। हम अधिकांश समय अध्ययन और खेल में एक साथ बिताते है.
वह एक बड़े परिवार से आता है। उनके पिता एक एमएलए हैं। लेकिन उन्हें अपने पिता के राजनीतिक दृष्टिकोण, संपत्ति तथा वो इनका फायदा उठाने का जरा भी प्रयास नही करता है. यह उनकी बड़ी विशेषता है.
उनके शिष्टाचार तथा दुसरों के साथ बात करने का ढंग सभी को पसंद आता हैं क्योंकि वह एक सम्मानित परिवार से संबंधित है। वह अच्छे चरित्र का वाला लड़का है, यह अपने बड़े तथा शिक्षकों का बेहद सम्मान करता है।
उसका व्यवहार सभी के साथ अच्छा रहता है, किसी भी के साथ उनके व्यवहार में बनावटीपन नजर नही आता है। उसके मुस्कुराता हुआ चेहरा सभी के दिल को जीत लेता है,
जब किसी विद्यार्थी को किसी सवाल में कठिनाई आती है, तो वे इनसे सलाह लेते हैं। मेरा यह दोस्त स्वभाव से बहुत विनम्र है। वह कभी किसी के साथ झगड़ा नहीं करता है।
मैं उसे कई कारणों से पसंद करता हूं। वह ईमानदार, निष्पक्ष और सच्चा यार है। वह अपने दोस्तों के लिए सच्चा मित्र है। उसमें बुद्धि और मेहनती दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। वह हमेशा कक्षा में सबसे आगे बैठता है, तथा सभी सह शैक्षिक कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लेता है।
वह अन्य स्रोतों से अपने ज्ञान में जोड़ता है। वह टीवी कार्यक्रम देखता है लेकिन धार्मिक धारावाहिक उनके पसंदीदा धारावाहिक हैं। वह नियमित रूप से पुस्तकालय भी जाता है।
वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करता है। वह दिखावे में विश्वास नहीं करता है। वह हमेशा अच्छी दोस्ती रखता है। वह धर्मनिरपेक्ष है।
उनका मानना है कि हर इन्सान का दिल ही भगवान का मंदिर है। वह धार्मिक कट्टरता में विश्वास नहीं करता है। इस कारण शिक्षक भी उनकी राय लेते है। मुझे अपने सबसे अच्छे दोस्त पर गर्व है क्योंकि वह मेरा हर छोटा सुख- दुख मेरे साथ साझा करता है। इस तरह के एक अच्छे दोस्त को खोजने काफी मुश्किल है।
मैं नियमित रूप से परिवार के सदस्य के रूप में उनसे मिलता रहता हु। मैं ऐसे नम्र, स्वीट, ईमानदार और प्यारे दोस्त से मिलाने के लिए ईश्वर का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं।
मेरा प्रिय मित्र निबंध 500 शब्द
आज मैं आपको मेरे प्रिय मित्र रणवीर चौधरी के बारे में बताता हूं। रणवीर चौधरी और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते है और साथ ही बैठते है। मेरी इसके साथ दोस्ती पिछली कक्षा में ही हो गई थी।
मैं मेरे दोस्त की बात करू तो वो उसके पिताजी एक किसान है, वो साधारण परिवार से आता है। रनवीर के एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। रनवीर की माताजी गृहणी है। रणवीर पढाई में वे बहुत होशियार है।
हमारी कक्षा में उसका प्रथम स्थान आता है। रणवीर पढ़ाई के साथ साथ खेल खुद में भी बहुत रुचि रखता है , मैं और वो स्कूल में लंच के समय वॉलीबॉल खेलते है। रणवीर समय का बहुत पाबंद विधार्थी है, वो रोज समय पर स्कूल पहुंचता है। मैने कभी उसको देरी से विद्यालय आते नही देखा है।
मेरा दोस्त अपने गृहकार्य में कभी लापरवाही नहीं करता है, वो रोज अपना पूरा गृहकार्य करके आता है। रणवीर एक अनुशासनप्रिय विधार्थी है। रणवीर को जब भी कक्षा में टेस्ट का कहा जाता है तो वो इसकी पूरी तैयारी करके आता है, और अच्छे अंक लता है।
रणवीर का व्यवहार बहुत ही अच्छा है। विद्यालय के सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों से उसके अच्छे संबंध है। रणवीर हमेशा कक्षा में उन बच्चो की सहायता करता है जो उससे कुछ सीखना चाहते है, उनको वो सिखाता है।
रणवीर हमारी कक्षा का मॉनिटर भी है। वो ईमानदारी से अपना कार्य करता है। रणवीर मुझे भी हमेशा प्रेरित करता है। मैं अपने दोस्त से जब भी गणित या विज्ञान का प्रश्न जो मुझे समझ नहीं आता है, उसे समझाने में पूरी मदद करता है।
रणवीर का सपना आईएएस बनकर देश की सेवा करने का है। रणवीर एक जिज्ञासु विधार्थी है, वो हमेशा हमारे अध्यापक से नए नए प्रश्न करता है।
अगर किसी भी अध्यापक का पढ़ाया हुआ कोई भी बात समझ नही आए तो रणवीर तुरंत उसे वापस समझाने को कहता है। मेरा दोस्त एक रचनात्मक प्रवृति का विधार्थी है। उसे गणित विषय को पढ़ने में बहुत मज़ा आता है।
उसे जब भी कक्षा के दौरान फ्री टाइम मिलता है वो गणित के प्रश्न हल करने लग जाता है। रणवीर कक्षा में बहुत कम बोलता है और अपने काम से काम रखता है। रणवीर को समय बर्बाद करना बिल्कुल पसंद नहीं है।
रणवीर पढ़ने के साथ मनोरंजन के लिए भी समय निकलता है। रणवीर मनोरंजन के रूप में एतिहासिक फिल्में देखना पसंद करता है। रणवीर को फोन में नया सीखने में भी बहुत रुचि है।
रणवीर रोज सुबह 6 बजे उठ जाता है और रोज दौड़ करने जाता है और व्यायाम भी करता है। रनवीर कभी भी अपने आप घमंड नहीं करता है, वो हमेशा साथी की मदद करने को तत्पर रहता है।
मेरे प्रिय मित्र का पसंदीदा खेल वॉलीबॉल है, उसका पसंदीदा क्रिकेटर विराट कोहली है। रणवीर एक अच्छा वक्ता भी है। हमारे विद्यालय में सुबह प्रार्थना स्थल पर वे कभी कभी किसी विषय पर स्पीच देता है।
रणवीर विद्यालय की लगभग सभी अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेता है। रणवीर के इसी व्यवहार के कारण वो मेरा प्रिय मित्र है।
Essay on My Best friend in Hindi Language In 1000 Words
सच्चा मित्र मिल जाने पर जीवन की राह आसान हो जाती हैं.एक सच्चा मित्र व्यक्ति को सदैव सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करता हैं. वह उसके लिए आवश्यकता पड़ने पर हर प्रकार की कुर्बानी देने को भी तैयार रहता हैं.
इसलिए कई बार लोग परिवार के सदस्यों से भी अधिक अपने मित्र को महत्व देते हैं. अच्छा मित्र सुख हो या दुःख हमेशा साथ देता हैं. उसमें किसी प्रकार का लोभ एवं कपट नहीं होता हैं. वह हमेशा अपने मित्र का भला सोचता हैं.
मेरे कई मित्र हैं. उन सभी ने आवश्यकता पड़ने पर मेरी यथासम्भव मदद भी की हैं. उनमें अधिकतर मेरे प्रिय मित्र हैं. और मेरे ऐसे मित्र के नामों की सूची काफी लम्बी हैं.
इनमें से कौन मेरे लिए सर्वाधिक प्रिय हैं, इसका निर्णय करना काफी मुश्किल हैं. इनमें से किसी एक का नाम मैं अपने प्रिय मित्र के रूप में लेकर अन्य सभी को नाराज नहीं करना चाहता.
सभी ने जिन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर मेरा साथ अवश्य दिया हैं. फिर भी मेरे इन मित्रों में से एक ऐसा भी हैं, जिसकी मित्रता पर मुझे बहुत गर्व होता हैं. इसलिए नहीं कि आवश्यकता पड़ने पर वह मेरा साथ देता हैं बल्कि इसलिए कि वह एक अच्छा इंसान भी हैं.
इसलिए यदि मैं अपना नाम अपने प्रिय मित्र के रूप में लूँगा, तो मुझे विश्वास हैं कि मेरे अन्य किसी मित्र को मुझसे किसी प्रकार की नाराजगी नहीं होगी.
जॉन कृष्ण खान सिंह मेरा सर्वाधिक प्रिय एवं आदर्श मित्र हैं, जैसा कि उसके नाम से ही पता चल जाता हैं, वह सभी धर्मों का सम्मान करता हैं एवं सभी धर्मों को त्योहारों को भी मनाता हैं.
इस तरह वह विभिन्न धर्मों के बीच भाई चारे की जीती जागती मिसाल हैं. मैंने उससे एक दिन उसके धर्म के बारे में पूछा तो उसने बताया कि मानवता मेरा धर्म हैं और कर्म मेरी पूजा.
यदि मैं लोगों के काम आ सका तो समझूंगा मैंने सफलता प्राप्त कर ली हैं. उसे समाज सेवा अत्यधिक प्रिय हैं. अतः इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने के लिए उसने स्नातक के बाद समाज सेवा में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.
इसके बाद वह एक गैर सरकारी संगठन में कार्य करने लगा. वह प्रतिदिन गरीब बस्तियों में जाकर गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाता हैं. इसके अतिरिक्त वह उन बस्तियों में साफ़ सफाई करने के लिए अपने साथियों का हाथ भी बंटाता हैं.
जॉन कृष्ण खान सिंह काफी लम्बा नाम हैं. इसलिए उसके गुणों के अनुरूप मैंने उसका नाम मानव रखा. और मैं उसे इसी नाम से बुलाता हूँ.
अपने मित्र को कुसंग से बचाना विपत्ति के समय उसकी सहायता करना, विपत्ति के समय उसकी सहायता करना एवं सांत्वना एवं सहानुभूति देना इत्यादि एक सच्चे मित्र के कर्तव्य के अंतर्गत आते हैं.
मानव जब सारी दुनिया के लिए समाज सेवा के लिए तत्पर रहता हैं, तो भला अपने मित्र का साथ कैसे नहीं देगा. जीवन में जब कभी मैं गलत रास्ते पर चला जाता हूँ, वह मुझे सही रास्ते पर लाया हैं.
जब कभी मैं दुखी रहा हूँ, उसने मेरी सहायता कर मुझे उससे उबारा हैं. इस तरह जीवन के हर मोड़ पर उसने मेरा साथ एक आदर्श एवं सच्चे मित्र के रूप में दिया हैं.
जीवन की भागदौड़ में एक मित्र का होना बहुत आवश्यक हैं. प्रायः देखा जाता हैं कि पारिवारिक जीवन में भी स्वार्थ का समावेश होने के कारण रिश्तों में दरार आ जाती हैं. किन्तु एक मित्रता ऐसा अटूट बंधन हैं, जो दुनियावी स्वार्थों से परे हैं.
मानव के साथ मेरी मित्रता भी ऐसी ही हैं. अंग्रेजी में कहा गया हैं ए फ्रेंड इन नीड, इज फ्रेंड इंडीड अर्थात जो जरूरत के समय साथ दे वही सच्चा मित्र हैं. मानव इस पैमाने पर बिलकुल खरा उतरता हैं.
मेरे इस मित्र ने आवश्यकता पड़ने पर हमेशा मेरा साथ दिया हैं. मित्रता में धन, योग्यता या किसी अन्य चीज को पैमाना नहीं बनाया जाता, जिससे विचार मिलते हैं. प्रायः उससे ही मित्रता होती हैं.
मानव और मेरे विचार बहुत मिलते हैं. इसलिए हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता हैं. मित्रता एक ऐसा अभिनव रिश्ता हैं. जो अन्य रिश्तों की भांति थोपा नहीं जाता. अपनी सुविधा एवं रूचि के अनुसार देख परख कर मित्र चुनने की स्वतंत्रता होती हैं.
यह एक ऐसा बंधन हैं. जो दो दिलों, दो मनों को जोड़ता हैं और, इसी के आधार पर वे एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. बचपन के मित्रों की याद प्रायः सभी को जीवन भर आती हैं, क्योंकि बचपन की मित्रता में किसी प्रकार का कोई स्वार्थ नहीं रहता.
मानव मेरे बचपन का मित्र तो नहीं है, किन्तु उसकी मित्रता पर गर्व हैं और जीवन के किसी मोड़ पर यदि उसके लिए मुझे किसी प्रकार की कोई कुर्बानी देने की आवश्यकता पड़ी तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा.
Essay On My Best Friend In English
(1)
man is a social creature. he cannot live without society. so friendship is necessary for him. but it is very difficult to have a true friend in this world. there are mostly fair weather friends.
by God’s grace, I have a fast and true friend. his name is Sankalp. he is my class fellow. he is my childhood friend.
he lives just near my house. most of our time we spent together in our studies and games.
he comes from a noble family. his father is an m.l.a. but he is not proud of his father’s political approach, wealth on the property.
his manners are pleasing as he belongs to a respectable family. he is a young boy of good character. he is respectful to his teachers.
his behavior is good. he is not ill-tempered. he has a smiling face. he explains the difficulties when other students consult him. he is very polite. he never quarrels with anybody.
I like him for many reasons. he is honest, fair, and truthful. he is true to his friends. he is both intelligent and diligent.
he always stands first in the class. he is not a bookworm. he takes part in co-curricular activities.
he adds to his knowledge from other sources. he watches t.v programs but religious serials are his favorite serials. he is a regular visitor to the library.
he believes in simple living and high thinking. he does not believe in the show. he always keeps good company. he is secular.
he believes that every man’s heart is the temple of God. he does not believe in this crimination. the teachers have a high opinion of him.
I am proud of my best friend because he shares my sorrow. such a good friend is hard to find. I visit him regularly as a member of the family.
I thank almighty for having blessed me with such gentle, sweet, sincere and affectionately friend.
(2)
i have many friends. mohan is the best of them. he lives next door to me. he is also my class fellow. he belongs a good family. his father is a doctor. his mother is a noble lady, they are very much respected.
mohan is intelligent students. he is regular in studies. he always stand first in the class. he takes care of his health. he is a football player. he is an also good singer.
he is always neat and clean. he looks very smart, still, he is a very humble boy. all the teacher like him. I am sure that Mohan will become a great man, someday.
I am lucky to have such friend. I am proud of him, may God bless him.
Anuj kumar aapka website mujhe accha laga thanks