मेरा शहर निबंध हिंदी में – Essay On My City in Hindi

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मेरा शहर निबंध हिंदी में – Essay On My City in Hindi

शहर क्या है?

शहर को अंग्रेजी भाषा में सिटी कहा जाता है। यह एक ऐसी जगह होती है, जहां पर जन संख्या काफी अधिक मात्रा में होती है, क्योंकि अक्सर ग्रामीण इलाके के लोग पलायन करके रोजी रोजगार के लिए या फिर नौकरी के लिए शहर की तरफ ही जाते हैं।

शहर में अधिकतर मकान पक्के होते हैं और लोगों की आमदनी भी अच्छी खासी होती है। शहर में गरीब वर्ग के लोग भी निवास करते हैं, साथ ही मिडिल क्लास और अमीर वर्ग के लोग भी निवास करते हैं।

शहरों में रहने वाले अधिकतर लोग अच्छी पढ़ाई लिखाई वाले होते हैं और वह अपने अपने इलाके में सफल व्यक्ति होते हैं। शहरों में रोड काफी चौड़े होते हैं परंतु इसके बावजूद अक्सर लोगों को ट्रैफिक जाम से परेशान होना पड़ता है।

दुनिया में सबसे बड़े शहर की लिस्ट में जापान देश के टोक्यो शहर को शामिल किया गया है जहां की टोटल जनसंख्या 37 मिलियन के आसपास में है।

टोक्यो सिटी देखने में काफी खूबसूरत है और वहां पर घूमने के लायक भी कई मनमोहक जगह उपलब्ध है। हमारे भारत देश में मेट्रो सिटी के तौर पर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता का नाम शामिल है।

दुनिया के सबसे बड़े शहरो की सूचि 

नीचे हमने आपके समक्ष दुनिया के 10 ऐसे शहरों के नाम प्रस्तुत किए हैं जहां की जनसंख्या 10 मिलियन से भी ज्यादा है।

टोक्यो, जापान37+ मिलियन
मेक्सिको सिटी, मैक्सिको21 मिलियन
मुंबई,भारत20 मिलियन
साओ पाउलो, ब्राजील18 मिलियन
लागोस, नाइजीरिया13 मिलियन
कलकत्ता13 मिलियन
ब्यूनस आयर्स,अर्जेंटीना12 मिलियन
सियोल,दक्षिण कोरिया12 मिलियन
बीजिंग,चीन12 मिलियन
कराची,पाकिस्तान12 मिलियन

मेरा शहर निबंध 300 शब्द

आधुनिक भारत की राजधानी दिल्ली प्राचीनकाल से ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रही है. दिल्ली भारत का दिल है. यहाँ अनेक दर्शनीय, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल हैं जो अपने दामन में कला, सभ्यता, संस्कृति तथा इतिहास समेटे हुए हैं.

दिल्ली कितनी ही बार उजड़ी और बसी हैं. दिल्ली के हर कोने में पुराने खंडहर अपने प्राचीन अस्तित्व एवं वैभव की याद दिलाते हैं. महाभारत काल में इसे इंद्रप्रस्थ कहा जाता था, जिसका निर्माण युधिष्ठिर ने करवाया था.

आठवीं शताब्दी में राजा अंगपाल ने इसे अपनी राजधानी बनाया, इसके पश्चात पृथ्वीराज चौहान, मुहम्मद तुगलक और मुगलों ने सजाया संवारा.

दिल्ली के अनेक स्मारक विभिन्न काल तथा राजाओं के स्मृति चिह्न हैं. पुराना किला पांडवों के शासन की याद दिलाता हैं, तो लालकोट का दुर्ग पृथ्वीराज के समय का स्मारक हैं.

तुगलकाबाद तुगलक वंश तो कुतुबमीनार, फिरोजशाह कोटला, हुमायूं का मकबरा, जामा मस्जिद मुस्लिम सभ्यता के प्रतीक हैं. इसके अलावा जन्तर मन्तर, बिड़ला मंदिर, लोट्स टेम्पल, राष्ट्रीय भवन संसद भवन, चिड़ियाघर, नेहरू म्यूजियम आदि अनेक दर्शनीय स्थल हैं.

दिल्ली का लाल किला एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल हैं. इसके अंदर नौबतखाना, दीवान ए खास, दीवान ए आम देखने योग्य हैं. और जामा मस्जिद विश्व की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक हैं.

इसी प्रकार कुतुबमीनार अपनी ऊँचाई एवं भवन निर्माण कला से पर्यटकों का दिल मोह लेती हैं. दिल्ली में अत्यंत प्राचीन लौह स्तम्भ हैं, जिस पर कभी जंग नहीं लगती.

जन्तर मन्तर ज्योतिष शास्त्र पर निर्मित एक अद्भुत इमारत हैं. इसे सवाई मानसिंह ने बनवाया था. इससे दिन में समय की जानकारी प्राप्त होती हैं, तो रात में नक्षत्रों की गणना की जाती हैं.

पुराना किला के समीप बने चिड़ियाघर को देखने हजारों पर्यटक प्रतिदिन आते हैं. इसमें देश विदेश से लाए गये पशु पक्षियों को देखने का सुअवसर मिलता हैं.

इसी प्रकार लोट्स टेम्पल आधुनिक भवन निर्माण कला का अद्भुत नमूना हैं अंग्रेजीकाल  निर्मित कनाट प्लेस, इंडिया गेट, गोलाकार संसद भवन, राष्ट्रपति भवन आदि भी विशेष आकर्षण के केंद्र हैं.

इस प्रकार मेरे दिल्ली शहर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं, जो ज्ञान का स्रोत होने के साथ ही संस्कृति एवं सभ्यता के द्योतक हैं. ये स्थल दिल्ली की सुन्दरता में चार चाँद लगाते हैं और उसके ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाते हैं.

700 शब्द मेरा शहर निबंध My City Essay in Hindi

मेरे शहर का नाम वडोदरा शहर है जो कि देश के गुजरात राज्य में स्तिथ है। बड़ोदरा सिर्फ एक शहर ही नहीं है बल्कि मेरे सपनों का शहर है क्योंकि इसी शहर ने मेरे पिताजी को रोजगार दिया था और इसी से मेरी पढ़ाई लिखाई भी हुई है।

 इस प्रकार मेरी बहुत सारी यादें बड़ोदरा शहर के साथ जुड़ी हुई है। वडोदरा शब्द वाटोदर बर्ड से बना हुआ है जिसका मतलब होता है बरगद का पेड़, जिसकी कहानी है कि वडोदरा शहर गुजरात में विश्वमित्री नदी के किनारे पर मौजूद है और इस नदी के किनारे मिले हुए कुछ अवशेष बताते हैं कि विश्वमित्री नदी के आसपास पहले बहुत सारे बरगद के पेड़ होते थे। इसलिए आगे चलकर के इस शहर का नाम साल 1971 में वडोदरा पड़ गया।

बड़ोदरा शहर जाने के लिए भारत के किसी भी कोने से आपको ट्रेन मिल जाएगी। अगर आपको बड़ोदरा आना है तो आप कुछ ट्रेन को पकड़कर के डायरेक्ट बड़ोदरा आ सकते हैं।

मेरे बड़ोदरा शहर में एयरपोर्ट भी है जहां पर भारत के ही नहीं बल्कि विदेशों के भी कई विमान आते हैं। इस प्रकार वडोदरा शहर में रेल, बस और हवाई जहाज की अच्छी कनेक्टिविटी है।

बड़ोदरा गुजरात का आईटी हब कहा जाता है क्योंकि बड़ोदरा में ही आईटी की कई फेमस कंपनी और उनके ऑफिस मौजूद हैं। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध महाराजा सयाजीराव गायकवाड यूनिवर्सिटी भी बड़ौदा में ही है, जहां पर पढ़ने के लिए विदेशों के साथ-साथ इंडिया के भी अलग-अलग राज्यों से विद्यार्थी आते हैं।

हमारा वडोदरा शहर स्वच्छता में भी काफी आगे हैं और लगातार ये स्वच्छता में अपनी स्थिति को सुधार रहा है। बड़ौदा शहर के बीच में ही सूरसागर तालाब स्थित है जहां पर भोलेनाथ की बहुत ही बड़ी खड़ी हुई प्रतिमा स्थापित है।

वडोदरा शहर को संस्कारी नगरी भी कहा जाता है। यहां पर मौजूद इंडस्ट्रियल सिटी भारत की इकोनॉमी में बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार अदा करती हैं। जमशेदजी टाटा जैसे महान उद्योगपति भी वडोदरा शहर से ही संबंध रखते हैं। 

वडोदरा शहर में हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल और फर्नीचर बिजनेस काफी जोर-शोर से चलता है, साथ ही हमारे बड़ोदरा शहर के लोग खाना खाने के भी काफी शौकीन है। इसलिए आपको वडोदरा शहर में रेस्टोरेंट और होटल की भी भरमार मिल जाएगी।

बड़ोदरा शहर में घूमने लायक कई जगह है, जिसमें प्रसिद्ध सयाजीराव गार्डन, लक्ष्मी विलास पैलेस, काला घोड़ा इत्यादि है। बड़ोदरा शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर विश्व प्रसिद्ध माता काली जी का पावागढ़ मंदिर भी स्थित है जो की ऊंची पहाड़ियों पर बसा हुआ है।

इस मंदिर की अपनी एक अलग ही महिमा है। यह मंदिर माता पार्वती जी के 52 शक्तिपीठों में गिना जाता है जहां पर दर्शन करने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है।

बड़ोदरा शहर का प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड दाबेली,वडापाव, सेव उसल, फाफड़ा जलेबी, कचोरी के अलावा चाइनीस और मैक्सिकन फूड है जो कि खाने में बहुत ही टेस्टी लगते हैं। इसीलिए तो बड़ोदरा शहर में रात में भी आपको खाने पीने की दुकानों पर भीड़ दिखाई देगी।

अगर आपको शॉपिंग करने का शौक है तो आपको शॉपिंग करने का भी पूरा मजा बड़ोदरा शहर में आने वाला है क्योंकि बड़ौदा शहर में मांडवी बाजार, कपड़ा मार्केट, पानीगेट, चार दरवाजा विस्तार यह कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर आपको अच्छा सामान काफी कम कीमत में प्राप्त हो जाएंगे।

हमारे बड़ोदरा शहर की एक खास बात यह भी है कि हमारे बड़ोदरा शहर के पास अपनी खुद की क्रिकेट टीम है जिसमें महत्वपूर्ण खिलाड़ी हार्दिक पांड्या, युसूफ पठान, इरफान पठान और नयन मोंगिया जैसे खिलाड़ी खेल चुके हैं।

यूसुफ पठान और इरफान पठान का तो घर भी वडोदरा शहर में ही है। इसी शहर में विभिन्न प्रकार की क्रिकेट एकेडमी भी मौजूद है, जहां पर क्रिकेट में जाने हेतु बच्चे प्रैक्टिस करते रहते हैं।

इसके अलावा शहर में आपको विभिन्न प्रकार के सिनेमाहॉल भी मिल जाएंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो आपको यहां पर एंटरटेनमेंट की कोई भी कमी नहीं होगी।

बड़ोदरा का सबसे मुख्य त्यौहार नवरात्रि होता है जिसमें 9 दिन माता की आराधना की जाती है और बड़े पैमाने पर गरबे का आयोजन होता है। बड़ोदरा का गरबा पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

बड़ोदरा शहर भारत के अन्य बड़े शहर जैसे कि अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बड़ोदरा शहर में आपको यूपी और बिहार के भी काफी लोग मिल जाएंगे जो अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं। यह शहर सब को रोजगार देता है और सब के सपनों को पूरा करने का काम करता है।

मेरा शहर पर निबंध (800 शब्द)

शहर की चकाचौंध अक्सर ही लोगों को आकर्षित करती है और शहर एक ऐसी जगह होती है, जहां पर व्यक्ति को यह लगता है कि वह अपने सपनों को साकार कर सकता है।  गांव तो सो जाता है परंतु शहरों के बारे में कहा जाता है कि शहरों की सड़कें हमेशा जागती रहती है।

शहरों में आपको 24 घंटे गाड़ियां और व्यक्ति रोड पर चलते हुए दिखाई देते हैं। मैं भी एक ग्रामीण इलाके से हू परंतु अब मैं भी एक शहर में रह रहा हूं जिसका नाम बड़ौदा है जो कि भारत देश के गुजरात राज्य में मौजूद है।

मेरे शहर के बिल्कुल बीचो बीच में से एक बहुत ही बड़ी नदी गई हुई है, जिसका नाम विश्वामित्र नदी है। इस नदी में काफी खतरनाक मगरमच्छ पाए जाते हैं। बरसात के मौसम में इस नदी में भयंकर बाढ़ आती है जिससे आसपास के इलाके पानी से लबालब हो जाते हैं। हालांकि इसके बावजूद इस नदी में अक्सर धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं।

इस नदी के पानी की वजह से शहर के लोगों को पीने का पानी मिलता है क्योंकि नगर निगम के द्वारा नदी के पानी को फिल्टर किया जाता है और उसके बाद नलों के द्वारा लोगों को पानी दिया जाता है, साथ ही इस नदी के पानी का इस्तेमाल खेतों में सिंचाई करने के लिए भी होता है जिससे किसानों की फसल लहलाती है।

मेरे शहर में एक म्यूजियम भी स्थित है जहां पर इतिहास से संबंधित कई वस्तुएं रखी गई है। इस म्यूजियम में हम कई बार घूमने के लिए गए थे। म्यूजियम में हमें ऐसी कई चीजें देखने को मिली है जो अपने आप में अद्भुत है।

यह म्यूजियम हमारे शहर के बीच में ही स्थित है। म्यूजियम के अंदर हमारे शहर के इतिहास से संबंधित कई जानकारियों को हमें जानने का मौका मिलता है।

इसके अलावा म्यूजियम में कई ऐतिहासिक मूर्तियां और फोटो भी रखी गई है, साथ ही यहां पर कई ताम्रपत्र भी रखे गए हैं जिन पर अलग-अलग जानकारी लिखी गई है।

मेरे शहर में दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी में से एक महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी भी मौजूद है जिसे संक्षेप में एमएस यूनिवर्सिटी कहा जाता है।

इस यूनिवर्सिटी में सिर्फ मेरे शहर के ही नहीं बल्कि गुजरात के अलग-अलग राज्यों से विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इसके साथ ही भारत के अलग-अलग राज्यों से विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए आते हैं।

मेरे शहर में चारों तरफ पक्के रोड का जंजाल है। जिस प्रकार ग्रामीण इलाके में कच्चा रोड होते हैं वैसे रोड हमारे शहर में नहीं है। हमारे शहर के नगर निगम को वडोदरा महानगर पालिका कहा जाता है जिसके ऊपर शहर की साफ सफाई की जिम्मेदारी होती है।

मेरे शहर में खेल खेलने के लिए स्टेडियम भी बना हुआ है जिसका नाम मां शारदा स्टेडियम है। इस स्टेडियम में कई बार क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन भी होता है साथ ही यहां पर वॉलीबॉल का मैच भी खेला जाता है और बास्केटबॉल का खेल भी खेला जाता है। यह गवर्नमेंट स्टेडियम है। इसीलिए यहां पर अक्सर खेल होते ही रहते हैं।

मेरे शहर में एक मेडिकल कॉलेज भी मौजूद है जो कि गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज है। इस मेडिकल कॉलेज में काफी सस्ती दरों पर लोगों के इलाज किए जाते हैं। इसलिए हमारे शहर के अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी यहां पर अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं।

यहां पर गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है और जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड होता है, उनका इलाज बिल्कुल मुफ्त में किया जाता है। इस कॉलेज में हजारों लड़के और लड़कियां ट्रेनिंग भी हासिल करते हैं।

मेरे शहर में अलग-अलग धर्मों के लोग निवास करते हैं परंतु हमारे शहर में सबसे अधिक हिंदू धर्म की आबादी निवास करती है। हमारे शहर में सभी लोग त्योहारों को जोश के साथ मनाते हैं।

हमारे शहर में मुख्य तौर पर होली, दीपावली और उत्तरायण जैसे त्योहारों को मनाया जाता है। हमारे शहर को संस्कारी नगरी भी कहा जाता है। हमारे शहर के लोगों की भाषा बहुत ही मीठी है। इसलिए हमारे शहर के लोग हर किसी को अपना बना लेते हैं।

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