स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 2023 | Essay on Swachh Bharat Abhiyan In Hindi

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 2023 Essay on Swachh Bharat Abhiyan In Hindi: हर भारतीय का है सपना स्वच्छ हो भारत अपना.

Essay On Swachata & Swachh Bharat Swasth Bharat in Hindi Pdf में आज हम स्वच्छता के लिए शुरू किये गये स्वच्छ भारत अभियान पर हिंदी निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay) पढ़ेगे.

क्लीन इंडिया मिशन पर यहाँ दिया गया छोटा बड़ा निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए हैं.

वे छोटा भाषण 5 लाइन, 10 लाइन 100, 150, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में स्वच्छ भारत अभियान निबंध को परिक्षा के दृष्टिकोण से याद भी कर सकते हैं.

Essay on Swachh Bharat Abhiyan In Hindi 2023

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 2023 | Essay on Swachh Bharat Abhiyan In Hindi

Swachh Bharat Abhiyan in eassy Speech Paragraph Hindi language (स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध और भाषण) :

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन चलाकर देश को गुलामी से मुक्त करवाया. परन्तु क्लीन इण्डिया का उनका सपना पूरा नही हुआ.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की द्रष्टि से भारत में स्वच्छता की कमी है.इन्ही बातों का चिन्तन कर देश की वर्तमान स्थति को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के अवसर पर किया.

इस अभियान से पूरे देश में सफाई एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों को गंदगी से मुक्त करवाने का संदेश दिया गया

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 300 शब्दों में

हमारे देश में नगरों के आस-पास, बस्तियों में गाँवों एवं ढाणियों में शौचालय नही है विद्यालयों में भी पेयजल एवं शौचालयों का नितांत अभाव है. इससे खुले में शौच जाने से गंदगी बढ़ती है तथा पेयजल के साथ ही वातावरण भी दूषित होता है.

गंदगी के कारण स्वास्थ्य खराब रहता है और अनेक बीमारियाँ फैलती है. वर्तमान में देश में लगभग 12 करोड़ शौचालयों की आवश्यकता है. एक सर्वेक्षण के अनुसार 1.56 लाख सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में शौचालयों की व्यवस्था नही है.

अतः स्वच्छता अभियान का पहला उद्देश्य शौचालयों का निर्माण करना तथा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करना है. इस तरह देश को गंदगी से मुक्त करवाना इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है.

स्वच्छ भारत अभियान का क्षेत्र

भारत सरकार ने इस अभियान को आर्थिक स्थति से जोड़ा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गंदगी के कारण प्रत्येक नागरिक को बीमारियों पर औसतन सालाना बारह तेरह हजार रूपये खर्च करना पड़ता है. यह आंकड़ा गरीब परिवारों का बताया गया है.

यदि स्वच्छता रहेगी तो बीमारियों के कारण अनावश्यक आर्थिक बोझ भी नही बढ़ेगा. इस द्रष्टि से सरकार ने बीपीएल एवं लक्षित, लघु सीमांत किसान, भूमिहीन श्रमिक, एवं गरीब परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में बारह हजार रूपये ‘ स्वच्छ ग्रामीण मिशन‘ हेतु देने का निर्णय लिया है.

इसके साथ ही स्वच्छ पेयजल, शिशु मल निस्तारण, कूड़ा कचरा एवं गंदा जल निवारण तथा विद्यालयों में शौचालयों के साथ ही साबुन के प्रयोग कर जोर दिया गया है.

स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ होने के बाद इस व्यय वर्ष में लगभग चार सौ साठ करोड़ रूपये इस योजना पर खर्च किये जा चुके है. अभी तक विद्यालयों में साठ हजार शौचालय बन पाए है.

ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है. गंगा यमुना नदियों की स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. इस कार्य में सभी प्रदेशो की सरकारे, बड़े कार्पोरेट सेक्टर व समाज के प्रतिष्टित लोग सक्रिय सहयोग कर रहे है.

स्वच्छ भारत अभियान 2023 निबंध 400 शब्दों में

प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आवहान पर स्वच्छता अभियान के प्रति लोगों में काफी जूनून देखा जा रहा है. इस अभियान की शुरुआत के बाद मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों पर व्यापक असर पड़ा है,

जिन्होंने सफाई का काम दूसरों पर टालने की बजाय इसे स्वयं करने की दिशा में कदम बढाए है, जो इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणामों की तरफ संकेत करता है.

स्वच्छ भारत अभियान से लाभ- राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान से सबसे बड़ा लाभ स्वास्थ्य के क्षेत्र में रहेगा. आम नागरिकों को अस्वच्छता जनित बीमारियों से छुटकारा मिल सकेगा. इससे दवाओं पर व्यर्थ में पैसा बहाने की आवश्यकता भी नही रहेगी.

इसके साथ ही हमारा पूरा भारत स्वच्छ हो सकेगा जिससे भारत की दूसरें देशों में भी अच्छी छवि जाएगी. यदि हम अपने वातावरण को पूर्णत स्वच्छ बनाने में कामयाब हो पाए तो इससे प्रदूषण का स्तर भी गिरेगा.

जल मल की गंदगी का समुचित निस्तारण होने से हमारा पेयजल भी शुद्ध होगा. गंगा और यमुना जैसी नदियों का जल पूर्व स्थति के अनुसार अमृत जैसा हो पाएगा.

सिचित कृषि उपजों में भी स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा. स्वच्छ भारत अभियान से हमारे देश का वातावरण हर दिशा में स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त हो सकेगा.

उपसंहार- स्वच्छ भारत अभियान अभी तक अपने शुरूआती चरणों में है. इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक चलाकर देश को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाकर प्रस्तुत करना है. भारत सरकार के इस अभियान में जनता के सक्रिय योगदान की महत्वपूर्ण आवश्यकता है.

अभी तक स्वच्छ भारत अभियान के परिणाम अच्छे सामने आ रहे है. उम्मीद है इसी तरह सरकार का यह कार्यक्रम सफलता प्राप्त करेगा.

स्वच्छ भारत अभियान हिंदी निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना: स्वच्छता का अर्थ है साफ़ सफाई. साफ़ सफाई से रहना मनुष्य जीवन के लिए अति आवश्यक हैं. यदि इस बात पर हम दृष्टि डाले तो हमारी माताएं सुबह सोकर उठने के बाद सबसे पहले हमारे घर को झाड़ती बुहारती हैं.

और घर के सभी सदस्य नहाने धोने का काम करते हैं. यह स्वच्छता या साफ़ सफाई का काम हमारे दैनिक जीवन में एक सहज प्रक्रिया हैं, क्योंकि इसके पीछे हमारी निरोगी काया बनाये रखने की अवधारणा ही तो हैं.

स्वच्छ भारत अभियान क्या हैस्वच्छता का भाव हमारे मन से जुड़ा हुआ हैं. इसी भाव के प्रति जागरूकता सृजित करने के लिए तथा देश को साफ़ सुथरा व गंदगी से मुक्त बनाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत सुंदर भारत अभियान का औपचारिक शुभारम्भ 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के शुभ अवसर पर नई दिल्ली में वाल्मीकि बसती में झाड़ू लगाकर किया.

सुंदर भारत, स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा स्वच्छ भारत सुंदर भारत अभियान की घोषणा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की थी.

इसके तहत उन्होंने कहा था कि 2019 में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक देश को एक स्वच्छ भारत के रूप में प्रस्तुत करना हैं.

उनके अनुसार यही गांधीजी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी, क्योंकि गांधीजी ने ही देशवासियों को क्यूट इंडिया क्लीन इंडिया का संदेश दिया था.

स्वच्छता आंदोलन का आव्हान– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता आंदोलन का आव्हान करते हुए संदेश के रूप में कहा था कि हम मातृभूमि की स्वच्छता के लिए अपने आप को समर्पित कर दे. इसके लिए प्रत्येक सप्ताह दो घंटे अर्थात सभी देशवासी प्रतिवर्ष सौ घंटे का योगदान करे.

इसके साथ ही धार्मिक और राजनितिक नेताओं, महापौरों, सरपंचों, उद्योगपतियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे शहरों, आसपास के क्षेत्रों, गाँवों, कार्य स्थलों तथा घरों की स्वच्छता की कार्य योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करने में जुट जाए.

इसके लिए उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत को 20-20 लाख रूपये सालाना अनुदान देने की घोषणा की और ग्रामीण क्षेत्रों में 11.11 करोड़ शौचालयों का निर्माण के लिए 1.34 लाख करोड़ रूपये की मंजूरी प्रदान की गई हैं.

उपसंहारस्वच्छता ही जीवन है स्वच्छ रहना, हमारा अनिवार्य कर्म और धर्म है. इस सामाजिक और राष्ट्रीय दृष्टि से स्वच्छ भारत सुंदर भारत अभियान एक महत्वपूर्ण उद्देश्य प्रदान अभियान हैं. इसमें हम सबकी भागीदारी वांछनीय हैं.

स्वच्छ भारत अभियान का निबंध 700 शब्दों में 2023

स्वच्छता क्या है– निरंतर प्रयोग में आने पर या वातावरण के प्रभाव से वस्तु या स्थान मलित होता रहा हैं. धूल कण धुप कूड़ा करकट की परत को साफ़ करना, धोना, मैल और गंदगी को हटाना ही स्वच्छता कही जाती हैं.

अपने शरीर वस्त्रों, घरों, नालियों, यहाँ तक कि अपने मोहल्लों और नगरों को स्वच्छ रखना हम सबका दायित्व हैं.

.स्वच्छता के प्रकार– स्वच्छता को मोटे रूप में दो प्रकार से देखा जा सकता हैं. व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता. व्यक्तिगत स्वच्छता में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाड़ू पौछा लगाना, स्नानगृह तथा शौचालयों को विसंक्रमक पदार्थों द्वारा स्वच्छ रखना.

घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई ये सभी स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं. सार्वजनिक स्वच्छता में मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है

जो प्रायः नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर रहती हैं. सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूर्ण नही हो सकती.

.स्वच्छता के लाभ– कहा गया है कि स्वच्छता इश्वर को प्रिय है ईश्वर का कृपापात्र बनने की दृष्टि से ही नही अपितु मानव जीवन को सुखी, सुरक्षित और तनावमुक्त बनाए रखने के लिए स्वच्छता आवश्यक ही नही अनिवार्य हैं.

मलिनता या गंदगी न केवल आँखों को बुरी लगती हैं. बल्कि इसका हमारे स्वास्थ्य से भी सीधा सम्बन्ध हैं. गंदगी रोगों को जन्म देती हैं.

प्रदूषण की जननी हैं और हमारी असभ्यता की निशानी हैं, अतः व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने में योगदान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य हैं.

स्वच्छता के उपर्युक्त प्रत्यक्ष लाभों के अतिरिक्त कुछ अप्रत्यक्ष और दूरगामी लाभ भी हैं. सार्वजनिक स्वच्छता से व्यक्ति और शासन दोनों लाभान्वित होते हैं. बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी आती हैं. इस बचत को अन्य सेवाओं में उपयोग किया जा सकता हैं.

स्वच्छ भारत अभियान में हमारा योगदान– स्वच्छता केवल प्रशासनिक उपायों के बलबूते नही चल सकती. इसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी परम आवश्यक होती हैं. हम अनेक प्रकार से स्वच्छता में योगदान कर सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं.

घर का कूड़ा करकट गली या सड़क पर न फेके. उसे सफाई कर्मी के आने पर उसकी ठेल या वाहन में ही डाले. कूड़े कचरे को नालियों में न बहाए. इससे नालियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता हैं.

पोलीथिन का बिलकुल प्रयोग न करे, यह गंदगी बढ़ाने वाली वस्तु तो हैं ही पशुओं के लिए भी बहुत घातक हैं. घरों के शौचालयों की गंदगी नालियों में न बहाएं.

खुले में शौच न करे तथा बच्चों को नालियों या गलियों में शौच न कराएं. नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों का सहयोग करे.

उपसंहार: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया हैं. इसका प्रचार प्रसार मिडिया के माध्यमों से निरंतर किया जा रहा हैं. अनेक जन प्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, प्रसिद्ध सेलिब्रेटी इसमें भाग ले रहे हैं.

जनता को इसमें अपने स्तर से पूरा सहयोग देना चाहिए. इसके साथ ही गाँवों में खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को घरों में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैं.

उसके लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही हैं. इन अभियानों में समाज के प्रत्येक वर्ग को पूरा सहयोग करना चाहिए.

स्वच्छ भारत मिशन पर निबंध 1000 शब्दों में

प्रस्तावना– स्वच्छता मनुष्य की पहचान हैं. अपने शरीर, वस्त्रों और परिवेश को वह साफ़ सुथरा रखना चाहता हैं. मनुष्य ही नहीं पशु पक्षी भी स्वच्छता का ध्यान रखते हैं.

चिड़ियाँ अपने घोंसले में बीट नहीं करती कुत्ता भी बैठता हैं तो अपने स्थान को अपनी पूंछ से बुहार लेता हैं.

स्वच्छता और पवित्रता– भारतीय संस्कृति में पवित्रता स्वच्छता का ही पर्याय हैं धर्म व संस्कृति में लोगों को पवित्रता अपनाने का उपदेश दिया गया हैं.

तन की पवित्रता तो शरीर की स्वच्छता हैं ही, मन की पवित्रता भी मन से बुरे विचारों को हटाकर उसे स्वच्छ बनाना हैं. मन्दिर मस्जिदों को पवित्र बनाए रखने का अर्थ उनको अंदर बाहर की गंदगी से मुक्त करके स्वच्छ बनाना ही हैं.

सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता– भारत में सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता के प्रति उपेक्षा देखी जाती हैं. इसका कारण कुछ तो लोगों की निर्धनता है और कुछ उसका अज्ञान.

हम अपने घर को झाड़कर कूड़ा सड़क पर फेकना बुरा नहीं समझते. घर का पानी हम नालियों में बहा देते हैं पर गली और सड़क को साफ़ करना तो शायद ही कोई सोचता हो, हम समझते हैं कि यह काम हमारा नहीं, नगरपालिका आदि संस्थाओं का हैं.

विदेशों में स्वच्छता– स्वच्छता प्रेम के सम्बन्ध में विदेशी हमसे आगे हैं. वे अपने नगरों को गंदा नहीं करते हैं, कूड़ा करकट इधर उधर नहीं फेकते, उन्हें स्वयं साफ़ करने में संकोच नहीं करते. अपने घर के सामने की सड़क की सफाई करना अनुचित नहीं मानते.

मैंने एक विदेशी को देखा. उसने केले खरीदे, वह पैदल केले खाते हुए चल रहा था परन्तु छिलके अपने कंधे पर लटके थैले में डाल रहा था. आगे कूड़ेदान मिलने पर उसने छिलकों को उसमें डाला. इसके विपरीत भारत में हम केले के छिलकों को सड़क पर फेकना बुरा नहीं मानते.

राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान- हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को स्वच्छ रखने का बीड़ा उठाया हैं. उन्होंने अपने हाथ में झाड़ू पकड़कर सार्वजनिक स्थानों की सफाई करके स्वच्छता अभियान का आरम्भ किया हैं.

आवश्यकता है इस अभियान को जनता के जीवन में उतारने की, यदि ऐसा नहीं होता है तो यह अखबारों में छपने वाली तथा टीवी पर दिखाई जाने वाली खबर बनकर ही रह जाएगा.

स्वच्छता अभियान से पूर्व भी भारत के कई महान पुरुष अपने आचरण से स्वच्छता के उदहारण प्रस्तुत कर चुके हैं. महात्मा गांधी स्वयं अपने आश्रम की सफाई करते थे. प्रसिद्ध कहानीकार मुंशी प्रेमचन्द अपने घर में स्वयं झाड़ू लगाते थे.

स्वच्छता की प्रेरणा– राष्ट्रीय स्वच्छता का अभियान लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चलाया गया हैं. किसी कार्य की प्रेरणा दो प्रकार से दी जाती हैं एक पुरस्कार देकर तथा दो अवहेलना के लिए दंड देकर.

भारत का जनसंख्या नियंत्रण अभियान भी पुरस्कृत करने पर आधारित होने के कारण सफल न हो सका हैं. स्वच्छता अभियान को  अधिक सफलता मिलना संदिग्ध हैं.

इन दोनों आंदोलनों की सफलता के लिए उन्हें कठोर दंड की व्यवस्था से जोड़ना भी जरुरी हैं. सड़क पर कूड़ा फेकने, गंदा करने, थूकने, मल मूत्र आदि पर कठोर दंड की व्यवस्था किया जाना आवश्यक हैं.

स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक भी करना चाहिए. उनको समझाया जाना चाहिए कि उनको स्वास्थ्य का स्वच्छता से गहरा सम्बन्ध हैं. स्वच्छता का उदहारण प्रस्तुत करने वालों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए तथा उनको प्रचारित करना भी आवश्यक हैं.

उपसंहार– स्वच्छता का हमारे जीवन से अभिन्न सम्बन्ध हैं. स्वच्छ तन, स्वच्छ मन, स्वच्छ परिवेश, स्वच्छ स्वदेश हमारा संकल्प होना चाहिए.

स्वच्छता रखने से ही देशवासी स्वस्थ रह सकेगे और आनन्दपूर्ण जीवन जी सकेगे. अतः अंतर बाह्य स्वच्छता को जीवन का लक्ष्य बनाने की महत्ती आवश्यकता हैं.

स्वच्छ भारत निबंध 2023

प्रस्तावना

विश्व स्वास्थ्य संगठन की दृष्टि में भारत में स्वच्छता की कमी है, अनेक क्षेत्रों में गंदगी का फैलाव दिखाई देता है. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भी क्लीन इंडिया का सपना देखते थे.

उन्ही के सपने को संदेश रूप में लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत अभियान का औपचारिक शुभारम्भ 2 अक्टूबर 2014 को गाँधी जयंती के अवसर पर किया.

इस अभियान से सफाई एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों को गंदगी से मुक्त करने का संदेश दिया गया हैं.

स्वच्छता अभियान का उद्देश्य

हमारे देश में शहरों के आसपास की कच्ची बस्तियों में, गाँवों एवं ढाणियों में शौचालय नहीं है. विद्यालयों में भी पेयजल एवं शौचालयों की कमी है.

इससे खुले में शौच करने से गंदगी बढ़ती है तथा पेयजल के साथ ही वातावरण भी दूषित होता है. गंदगी के कारण स्वास्थ्य खराब रहता है और अनेक बीमारियों पर नागरिकों को खर्चा करना पड़ता हैं.

वर्तमान में देश में सवा ग्यारह करोड़ शौचालयों की जरुरत हैं. लगभग 1.56 लाख विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं. अतः स्वच्छता अभियान का पहला उद्देश्य शौचालयों का निर्माण करना एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करना है और देश को गंदगी मुक्त कराना हैं.

स्वच्छता अभियान का व्यापक क्षेत्र

केन्द्रीय सरकार ने इस स्वच्छता अभियान को आर्थिक स्थिति से जोड़ा हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गंदगी के कारण प्रत्येक नागरिक को बीमारियों पर सालाना बारह तेरह हजार रूपये का बोझ पड़ता हैं.

यदि स्वच्छता रहेगी तो बीमारियाँ नहीं होंगी और गरीब लोगों को अनावश्यक व्यय बोझ नहीं झेलना पड़ेगा.

इस द्रष्टि से शौचालय निर्माण के लिए पंचायत स्तर पर अनुदान देना प्रारम्भ कर दिया हैं. इस व्यय वर्ष तक विद्यालयों में साठ हजार शौचालय बन गये है और चार सौ करोड़ रूपये स्वच्छता अभियान पर खर्च किये जा रहे हैं.

इसके साथ ही गाँवों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा हैं. गंगा यमुना नदियों की स्वच्छता का अभियान चलाया जा रहा हैं. इस कार्य में देश के अनेक प्रतिष्ठित लोग सक्रिय सहयोग कर रहे हैं.

स्वच्छता अभियान से लाभ

इस अभियान से सबसे बड़ा लाभ स्वास्थ्य के क्षेत्र में रहेगा. लोगों को बीमारियों से मुक्ति मिलेगी, दवाइयों पर अपव्यय नहीं करना पड़ेगा.

सारा भारत स्वच्छ बन जाएगा तो देशों में भारत की स्वच्छ छवि उभरेगी. प्रदूषण का स्तर एकदम घट जाएगा और जल मल के उचित निस्तारण से पेयजल भी शुद्ध बना रहेगा, साथ ही कृषि उपजों में भी स्वच्छता बनी रहेगी.

उपसंहार

स्वच्छ भारत अभियान अभी प्रारम्भिक चरण में हैं. इसे गांधीजी की 150 वीं जयंती तक चलाकर देश को स्वच्छ भारत के रूप में प्रस्तुत करना हैं.

सरकार के इस अभियान में जनता का सक्रिय सहयोग नितांत अपेक्षित हैं. प्रतिबद्धता रहेगी तो सफलता अवश्य मिलेगी.

स्वच्छता अभियान स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य पर निबंध  Essay On aim of swachh bharat abhiyan in hindi

स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालय की सुविधा प्रदान करके और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में ठोस और द्रवित अपशिष्ट प्रबंध क्रियाकलापों के माध्यम से 2 अक्टूबरः 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त करना हैं.

आज हम swachh bharat abhiyan aim स्वच्छता अभियान के उद्देश्य आपकों इस लेख में बता रहे हैं.

ग्रामीण स्वच्छता को राज्य सरकार का विषय माना जाता है. किन्तु केंद्र सरकार ने राज्य के प्रयासों को सहयोग देने के उद्देश्य से वर्ष 1986 में केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम लागू किया. 1 अप्रैल 1999 से इस कार्यक्रम में संशोधन कर इसे पूर्ण स्वच्छता अभियान के रूप में बदल दिया गया.

इसका नाम भी बाद में निर्मल भारत अभियान कर दिया गया. इस अभियान का उद्देश्य सामुदायिक संतुष्टि दृष्टिकोण अपनाकर ग्रामीण भारत को निर्मल भारत मे परिवर्तित करना और 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को शत प्रतिशत स्वच्छ करना था.

वर्ष 2014 में 2 अक्टूबरः को निर्मल भारत अभियान का नाम बदलकर पुनः स्वच्छ भारत मिशन कर दिया गया हैं. इसका लक्ष्य सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालय की सुविधा प्रदान करके और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को 2 अक्टूबरः 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करना हैं.

इस कार्यक्रम के तहत शौचालय निर्माण हेतु प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 12000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही हैं. इस प्रकार एक लम्बे समय के पश्चात स्वच्छ भारत मिशन का वर्तमान स्वरूप सामने आया हैं.

स्वच्छ भारत मिशन के मुख्य उद्देश्य

स्वच्छता बनाए रखने या स्वच्छता प्रबंधन के लिए निम्न प्रयास किये जाने चाहिए.

  1. प्रतिष्ठान प्रबंधक को प्रदूषण के स्रोतों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, प्रदूषण के स्रोतों में घरेलू जानवर, दूषित पानी, रासायनिक पदार्थ और अन्य प्रदूषक पदार्थ शामिल है.
  2. प्रबंधक को चाहिए कि खराब बदबू हानिकारक गैसों तेज गंध युक्त धुआ और भाप निकासी के लिए अच्छे रोशनदान या निकास की व्यवस्था हो.
  3. कार्यस्थल को गंदगी से अच्छी तरह अलग रखा जाए, दीवारों फर्श और छत को गंदा ना होने दिया जाए.
  4. कच्चे माल का प्रोसेसिंग रूम, उत्पादन प्रक्रिया रूम और पैकिंग रूम अलग अलग होने चाहिए.
  5. फर्श दीवार छत को वाटरप्रूफ पदार्थों से साफ़ रखना चाहिए.
  6. प्रवेश द्वार खिड़की रोशनदान नालियों पर चूहों, धूल व हानिकारक जीवाणुओं को रोकने के उपकरण लगाने चाहिए.
  7. खाद्य पदार्थों को बनाते समय पैकिंग करते समय स्वच्छ रोगाणु रहित तथा कीटाणु रहित स्टील के उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए.
  8. पदार्थों को ठंडा करने व पुनः अधिक ठंडा एवं गर्म करने के स्थानों पर थर्मामीटर लगे होने चाहिए.
  9. गंदे पानी को शुद्ध करने व अन्य गंदगी व्यवस्था को रोकने के लिए सयंत्र लगाए जाने चाहिए.
  10. आराम कक्ष में फलश टायलेट तथा गंदगी रोकने के उपकरण लगे हो, वाटरप्रूफ सेप्टिक टैंक होना चाहिए.
  11. रेस्ट रूम में हाथ धोने व पौछ्ने के लिए वाशिंग स्टैंड होना चाहिए.
  12. मैटल डिटेक्टर का प्रयोग किया जाए.
  13. भोजन सम्बन्धी भंडार कक्ष उत्पादन कक्ष तथा पैकिंग कक्ष को स्वच्छतापूर्ण तरीके से प्रबंधित किया जाए.

स्वच्छ भारत अभियान भाषण स्पीच इन हिंदी 2023

आज से सौ साल पहले भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक सपना देखा था, स्वच्छ भारत का. उसे अब साकार करने का कदम भारत सरकार ने उठाया हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस मिशन के बागडोर संभाली हैं. गांधी का मानना था, कि स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण स्वच्छता हैं. देश में गंदगी के हालात से वों वाकिफ थे,

स्वयं झाड़ू उठाकर सफाई के अभियान गांधीजी ने भी चलाए थे. मगर उनका वों सपना सफल नही हो सका, जिन्हें अब पूरा करने का बीड़ा नरेंद्र मोदी ने उठाया हैं. मैं क्लीन इण्डिया मिशन पर संक्षिप्त भाषण व निबंध प्रस्तुत कर रहा हूँ.

2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के दिन हमारे प्रधानमंत्री ने भारत छोडो आंदोलन की तर्ज पर स्वच्छ भारत अभियान (क्लीन इण्डिया मूवमेंट) की शुरुआत की. भारत के सवा सौ करोड़ लोगों को आंदोलन का हिस्सा बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने खुद हाथ में झाड़ू थामी.

अभियान को राजनीति से दूर रखने का ऐलान कर हर नागरिक से आशा जताई कि वह अपने आस-पास स्वच्छता रखेगे. सफाई को सरकारी अभियान के बजाय जनता के आंदोलन के रूप में स्थापित करने का उन्होंने प्रयास किया.

स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा हैं. इस कार्यक्रम के साथ देश के सभी विद्यालयों, कॉलेज तथा महाविद्यालयों को जोड़ा गया.

विद्यालय के शिक्षकों व स्टूडेंट्स को प्रतिदिन आधा घंटा निकालकर सफाई करने का सुझाव दिया गया. गांधी जयंती के अवसर पर इन विद्यालयों में स्वच्छ भारत स्लोगन, स्वच्छ भारत अभियान निबंध, क्लीन इंडिया मिशन एस्से लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करवाया जाता हैं.

आज के स्वच्छ भारत अभियान में मै आपकों इस अभियान से जुड़े कुछ तथ्यों से अगवत कराना चाहुगा. भारत सरकार के इस अभियान के चार साल पूरे होने को हैं.

अक्टूबर 2019 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया हैं. सरकार की ओर से इन वर्षों में घर घर शौचालय देकर व्यक्तिगत तथा सामुदायिक स्वच्छता को बढ़ावा देने के प्रयत्न किए हैं.

सरकार ने आम जन पर इस खर्चे के वसूल के लिए ५ प्रतिशत अतिरिक्त कर भी लगाया हैं. पिछले तीन वर्षों के आकंड़ो के अनुसार अब तक 20 हजार करोड़ रूपये राजकोष में इस मिशन के नाम पर जमा हो चुके हैं.

मगर स्वच्छ भारत अभियान कहाँ तक सफल हो पाया हैं, इसका अंदाजा आप इस तथ्यों के आधार पर लगा सकते हैं.

  • एक सरकारी वेबसाइट ने स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े कुछ डाटा हाल में ही प्रकाशित किए हैं, जिनके अनुसार अब तक 1,58,957 गाँवों को खुले में शौच मुक्त शौचालय आवंटन हुए हैं, जबकि 2,57,259 गाँवों तक इस स्कीम को जोड़ने का दावा किया गया जो भारत के कुल गाँवों का मात्र चालीस प्रतिशत ही हैं.
  • सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार मात्र 51 फीसदी ही भारतीय शौचालयों का उपयोग करते हैं. शेष ४० फीसदी लोग अभी भी खुले में शौच करना पसंद करते हैं.
  • स्वच्छ भारत अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए बजट का समय पर पहुचना आवश्यक हैं. मगर सरकार द्वारा तय राशि का 5 से 50 प्रतिशत तक ही राज्यों को भुगतान हो पाता हैं, जिससे निर्माणधीन कार्य अधूरे ही रह जाते हैं.
  • अभी तक शहरी जीवन व्यतीत करने वाले सभी लोगों तक कचरा उठाने वाली गाड़ी नही पहुचती अथवा उनके घर के कूड़े करकट के निपटान का कोई ठोस उपाय नही निकल पाया हैं.
  • भारत में उपयोग हो रहे शौचालयों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत पानी किल्लत हैं. पानी की आपूर्ति नही होने के कारण कई बार सफाई कर्मचारियों को हाथ से मैला ढ़ोना पड़ता हैं.

स्वच्छ भारत अभियान हिंदी में 2023 Swachh Bharat Abhiyan in Hindi

निबंध, कविता और Slogen स्वच्छ भारत अभियान पर स्वच्छता का महत्व पर लेख हिन्दी में नमस्कार दोस्तों आज हम मोदीजी के स्वच्छ भारत मिशन पर आपके लिए स्वच्छ भारत अभियान पर नारे ,स्लोगन और स्वच्छ भारत के महत्व पर बात करने जा रहे हैं.

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रिय स्तर का अभियान हैं स्वच्छ भारत का मुख्य उद्देश्य भारत की गलियों ,सडको को स्वव्छ भारत का निर्माण करना हैं.

स्वच्छता भारत मिशन – swachh bharat Mission

स्वच्छ भारत अभियान, भारत सरकार द्वारा किया गया है जिसका उद्देश्य देश की गलियों, सड़कों तथा नालियो को पूरी तरह साफ-सुथरा बनाना है।

स्वच्छता भारत मिशन अभियान रास्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर 2014 को आरम्भ किया गया था ।

गांधी जी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता रखने की शिक्षा प्रदान कर देश को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था | इसी बात को मध्यनजर रखते हुए प्रधानमन्त्री श्री मोदी जी की सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया | सरकार के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश को स्वच्छ,साफ सुथरा,और सुंदर भारत की कल्पना को साकार करना हैं ..

हमारे देश के सभी नवयुवको और बहिनों से – हमारी तरफ से विनती हैं की हम अपने आस पास का माहोल साफ सुथरा रखे, गंदजी न फेलाए और न ही फेलाने दे |

इससे हम और हमारा परिवार और बच्चे और हमारा सम्पूर्ण देश स्वस्थ रहेगा और बीमारीयो से मुक्ति मिल सकती हैं |

और हम सभी एक स्वस्थ जीवन जी सकेगे और अपनी पीढियों को एक स्वस्थ भारत दे पायेगे और यही हमारी सरकार का नारा (स्लोगन )हैं,और इस अभियान को हमे जारी रखना हैं और अपने देश को साफ सुथरा बनाना हैं.

स्वच्छ भारत योजना का उद्देश्य – Swachh Bhart Plan Mission

  1. देहाती क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार करना।
  2.  भारत के सभी ग्राम पंचायतों द्वारा स्वच्छ स्थिति प्राप्त करने के साथ 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वच्छता के कार्य में तेजी लाना।
  3. लोंगो में जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थायी स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा देने वाले समुदायों और पंचायती राज संस्थाओं को प्रेरित करना।
  4. व्यवाहरिक रूप से सुरक्षित और स्थायी स्वच्छता के लिएसस्ती तथा उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना।
  5.  ग्रामीण भागो में पूर्ण स्वच्छता के लिए ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए, समुदाय प्रबंधित पर्यावरणीय स्वच्छता पद्धति को अपनाना

स्वच्छ भारत स्वच्छ स्कूल मिशन (clean india School Mission)

आज स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान सभी राजकीय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में चलाया जा रहा है। इस अभियान में शामिल हैं ये गतिविधियों निम्न हैं –

1 कक्षाकक्ष एव प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की साफ सफाई करना।
2 . विद्यालय में लगाई जाने वाली किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इस मूर्तियों की साफ सफाई करना।
3 . स्कूल के शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की साफ़ सफाई करना।
4 . रसोईघर और स्टोर रूम की सफाई करना।
5 . खेल के मैदान की साफ़ सफाई करना
6 . बगीचों का रखरखाव और सफाई करना।
7 . विद्यालय के सभी भवनों का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई के साथ।
8 . निबंध प्रतियोगिता ,वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करना ।
9 . प्रारम्भिक शालाओ के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर SBAविशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ीं शिक्षाओं को समझाना और व्यवहार में उतरने के लिए प्रेरित करना

10. बाल मंत्रिमंडलों का चुनाव करवाना व निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।
इसके अलावा, किसी फिल्म शो, स्वच्छता पर निबंध / पेंटिंग और अन्य प्रतियोगिताएं, नाटकों आदि का आयोजन करवाके स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का massage देना ।

शिक्षा विभाग ने इसके अलावा स्कूल के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए 7 दिनों में कम से कम दो बार आधे घंटे तक साफ़ सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव रखा है

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत clean india Healthy india

स्वच्छ भारत अभियान देश का राष्ट्रव्यापी साफ़ सफाई अभियान है जिसके शुभारम्भ में तकरीबन 30 लाख स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों और सरकारी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था ।

इस कार्यक्रम के शुभारंभ के दिन प्रधानमंत्री ने नौ हस्तियों के नामो की घोषणा की और उनसे अपने क्षेत्र में सफाई अभियान को बढाने और आम जनता को उससे जुड़ने के लिए प्रेरित करने को कहा|

मोदीजी ने यह भी बताया कि इन सितारों को अगले 9 लोगो को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करना है और ये सीरिज तब तक चले जब तक कीसम्पूर्ण देश तक इसका सन्देश न पहुंच जाये|

मोदी जी कहा कि हर एक भारतीय इसे एक चुनौती के रूप में ले और इसे सफल अभियान बनाने के लिए अपना पूरा प्रयास करे। नौ लोगों की सीरिज उस पेड़ पेड़ की एक शाखाओं की तरह है।

मोदी ने देश की आम जनता को इससे जुड़ने के लिए निवेदन किया और कहा की वे सफाई की फोटो सोशल साईट जैसे की फेसबुक, ट्विटर व अन्य वेबसाइट पर भी डालें और अन्य लोगो को भी इस कार्यकर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करे। इस तरह हमारा भारत एक स्वच्छ देश हो सकता है।

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