स्वास्थ्य का अर्थ और महत्व Health Meaning & Importance In Hindi पहला सुख निरोगी काया कहावत भले ही पुरानी हो चुकी हो,
मगर आज भी स्वास्थ्य सबसे पहली जरूरत बना हुआ है. अच्छा स्वास्थ्य क्या है. क्या जो व्यक्ति बीमार नही होता उसे स्वस्थ व्यक्ति ही कहा जाएगा.
स्वास्थ्य का अर्थ और महत्व Health Meaning & Importance In Hindi
स्वास्थ्य की अवधारणा व अर्थ के बारे में भले ही एक राय न हो. मगर स्वास्थ्य के महत्व को नकारा नहीं जा सकता. अक्सर हम स्वास्थ्य को नकारात्मक अर्थ में परिभाषित करते है.
हमारा मानना रहता है, कि जो मेंटल एवं फिजिकल रूप से फिट इंसान को ही हेल्थ मान लेते है. मगर ऐसा नही है. सही अर्थों में स्वास्थ्य का अर्थ एवं व्यक्ति की क्रियाशीलता से है. जो तन मन से किसी कर्म में सतत लगा है, वही स्वस्थ व्यक्ति कहा जाएगा.
पहला सुख निरोगी काया तथा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है. यह कहावत काफी पुरानी एवं प्रचलित होने के साथ साथ शत प्रतिशत सही है.
स्वास्थ्य सभी के लिए अनिवार्य व आवश्यक है. एक स्वस्थ व्यक्ति ही किसी भी प्रकार के कार्य को सुचारू रूप से कुशलतापूर्वक कर सकता हैं.
significance & Importance of Health In Hindi (स्वास्थ्य का महत्व)
सुखमय जीवन व्यतीत करने के लिए स्वस्थ होने की आवश्यकता होती है. स्वस्थ होने पर हम शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से अपनी क्षमताओं का अधिकाधिक उपयोग कर सकते है. स्वस्थ रहकर हम सुखी जीवन व्यतीत कर सकते है.
निरोगी होना हमारे स्वास्थ्य का प्रमुख लक्षण है. स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ और मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकता है. हमारे देश में स्वास्थ्य सुधार पर अधिक बल दिया जा रहा है.
साधारणतया स्वस्थ व्यक्ति का अर्थ होता है, वह व्यक्ति जिसका शरीर स्वस्थ हो, मन एवं मस्तिष्क स्वस्थ हो, परिवार स्वस्थ हो तथा स्वस्थ वातावरण में रहता हो.
किसी भी कार्य को सुचारू रूप से कुशलतापूर्वक करने के लिए व्यक्ति का स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है. एक प्रसन्नचित निरोग एवं स्वस्थ व्यक्ति ही किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न करने की क्षमता रखता है.
अतः जीवन की गुणवत्ता को समुन्नत करने के लिए सम्पूर्ण अवस्था जिसमें कार्यकुशलता, शारीरिक स्फूर्ति, मानसिक संतोष तथा सुख चैन पर विशेष बल देने की आवश्यकता है.
प्रस्तुत है, स्वास्थ्य पर कविता.
पहला सुख निरोगी काया।
दूजा सुख घर होवै माया॥
तीजा सुख कुलवन्ती नारी।
चौथा सुख सुत आज्ञाकारी॥
पंचम सुख भाई बलवीरा।
छठा सुख हो राज में सीरा॥
सप्तम सुख स्वदेश में वासा।
अष्टम सुख हों पंडित पासा।
नौवां सुख हों मित्र घनेरे।
ऐसे नर नहिं जग बहुतेरे॥
समग्र स्वास्थ्य की परिभाषा (definition of health in hindi)
WHO के अनुसार समग्र स्वास्थ्य का अर्थ सिर्फ बीमारी व दुर्बलता का होना नहीं है. अपितु समग्र स्वास्थ्य व्यक्ति की वह स्थति है, जब वह शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक तथा सामाजिक रूप से भी बेहतर स्थति में हो.
तथा वह समाज व समुदाय के साथ अपना समायोजन आसानी से कर सके. हाँ यह जरुरी है, कि एक रोगी व्यक्ति को स्वस्थ व्यक्ति नहीं कहाँ जा सकता मगर बीमारी स्वास्थ्य मापन का एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता.
इस लिहाज से स्वास्थ्य का अर्थ स्वयं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जीने की अच्छी आदतों को अपनाना है. किसी भी क्षेत्र में व्यक्ति को कामयाब होने के लिए उनकी पहली शर्त है,
कि वो पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, क्योंकि हेल्थ को हमारी पर्सनालिटी से अलग करके नहीं देखा जा सकता. समग्र स्वास्थ्य एक काल्पनिक स्तर है, वहां पर व्यक्ति अपने आप को पूर्ण रूप से फिट महसूस करता है.
स्वास्थ्य के प्रकार (Types of Health In Hindi)
शारीरिक स्वास्थ्य (Physical health)- यह हमारे शरीर की बाहरी स्थति को दर्शाता है, जिनमें हमारे शरीर की आकृति, देखभाल, कार्य करने का ढंग आदि को शारीरिक स्वास्थ्य के अंतर्गत लिया जाता है.
व्यक्ति समय पर भोजन तथा अच्छी नीद तथा स्वास्थ्य की अच्छी आदतों को अपनाकर अपनी फिजिकल हेल्थ में सुधार ला सकता है.
मानसिक स्वास्थ्य (mental health)- यह मस्तिष्क तथा सोच से जुडा विषय है. व्यक्ति को सुख दुःख तथा विभिन्न परिस्थतियों में संयमित व्यवहार तथा परेशानी आने पर उनसें निपटने के लिए अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का होना जरूरी है.
हमें अपनी भावना तथा विचारों को दूसरे के साथ व्यक्त करने की उत्तम स्थति की क्षमता अर्जित करना है. अपने मन की संतुलित स्थति तथा प्रसन्नता व शान्ति से मेंटल हेल्थ को इम्प्रूव किया जा सकता है.
बौद्धिक स्वास्थ्य (Intellectual health)- यह मानसिक हेल्थ से जुड़ा है, किसी समस्या अथवा मुद्दे पर अपनी समझ ज्ञान का उपयोग करते हुए संज्ञानात्मक निर्णय लेना तथा रचनात्मक कार्य व सोच के प्रोत्साहित होना बौद्धिक स्वास्थ्य के प्रतीक है.
सभी के साथ मिलजुलकर रहने अर्थात बहिर्मुखी स्वभाव से इस क्षमता को कुछ हद तक अर्जित किया जा सकता है.
आध्यात्मिक स्वास्थ्य (Spiritual health)– व्यक्ति के निजी मूल्य तथा आदर्श इनमें समाहित होते है. अन्य तरीकों से स्वस्थ रहने के उपरांत भी स्पिरिचुअल हेल्थ के बिना इसे समग्र स्वास्थ्य की श्रेणी में नही गिना जाता है.
अपनी life का टारगेट तथा सही मकसद की तलाश कर सही राह पर चलकर उन्हें पाना आध्यात्मिक स्वास्थ्य की निशानी है.
सामाजिक स्वास्थ्य (Social health) – मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, उन्हें सभी के साथ समायोजित होकर रहना पड़ता है. सभी के साथ अच्छे रिश्ते रखकर अपनी सोशल हेल्थ को सुधार जा सकता है.
उपर्युक्त सभी प्रकार के स्वास्थ्य रूपों से युक्त व्यक्ति को ही पूर्ण रूप से स्वस्थ (Completely healthy) कहा जाएगा.
That’s very nice nd good information about health
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने धन्यवाद