प्राचीन भारतीय खेल Indian Traditional Games In Hindi Language: समय के साथ साथ नजर और नजरियाँ बदल जाते हैं. शहर वहीँ रहता है मगर उसका अंदाज बदल जाता हैं. हाँ हम बात कर रहे हैं.
भारत के प्राचीन परम्परागत खेलों traditional games of india जिनके आज हमें नाम तक याद नहीं हैं. एक समय में वहीँ खेल हमारी दिनचर्या का बहुत बड़ा हिस्सा थे तथा उन्ही खेलों के जरिये मन बहलाने का एकमात्र जरिया हुआ करता था.
Ancient Indian Games में इनडोर तथा आउटडोर के कई खेल हुआ करते थे जिनकी जगह आज कंप्यूटर और एंड्राइड फोन ने ले ली हैं.
प्राचीन भारतीय खेल Indian Traditional Games In Hindi
जब आप को खेलने को कहा जाए तो शायद ही कोई ऐसा बालक होगा, जो खेलना न चाहे. समय के साथ अनेक तरह के खेल बनते बिगड़ते रहे हैं.
कई ऐसे खेल भी है जो सदाबहार हैं और कभी भी कहीं भी खेले जाते हैं. उन खेलों से न सिर्फ आपका मनोरंजन होता हैं, बल्कि आपका शारीरिक एवं मानसिक विकास भी होता हैं. आएये आपकों कुछ ऐसे ही प्राचीन भारतीय खेलों के बारे में बताते हैं.
रस्सी कूदना- indian games for kids
रस्सी कूदना आप सभी को आता होगा. यह खेल होने के साथ साथ एक बहुत अच्छा व्यायाम भी हैं. रस्सी कूदने से हम शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रहते हैं.
रस्सी खेलने को दो तरीको से खेल सकते हैं. एक तो आप अपने आप ही रस्सी कूदकर और दूसरे में दो बच्चे रस्सी पकड़कर उसे चलाते है और एक बच्चा रस्सी के अंदर कूदता हैं. जो सबसे अधिक बार बिना रुके कूदता हैं, उसे विजेता माना जाता हैं.
जलेबी रेस- indian traditional games to play
इस खेल में एक रस्सी टांगी जाती हैं. उस पर जलेबियाँ लटकाई जाती हैं. एक दो तीन की गिनती के साथ ही रेस शुरू होती हैं. रेस में भागते भागते उचककर जलेबी को खाना पड़ता हैं.
और फिर सरपट दौड़ना पड़ता हैं. कितना रस भरा खेल हैं. न यह, स्वाद भी है और खेल भी. इस खेल में विजेता को आकर्षक इनाम भी दिया जाता हैं.
सतोलिया या पिट्ठू- indian saree games
यह खेल बहुत ही मजेदार हैं, न कोई खर्चा न कोई टेंशन. इसके लिए सात चपटे पत्थर ढूढ़कर उन्हें एक के ऊपर एक करके जमाया जाता हैं.
नीचे सबसे बड़ा पत्थर होता हैं. और फिर उसके ऊपर की तरफ छोटे पत्थर. इसमें दो टीमें भाग लेती हैं. और एक गेंद. इस खेल को घर के बाहर या पार्क में खेला जा सकता हैं.
एक टीम का खिलाड़ी पत्थरों को गेंद से गिराता हैं और फिर उसकी टीम के अन्य सदस्यों को उन पत्थरों को फिर से जमाना पड़ता हैं. यह इतना आसान नहीं होता हैं.
जैसे ही सदस्य पत्थर जमाने के लिए आते हैं, वैसे ही दूसरी टीम के सदस्य उन्हें पीछे से गेंद मारते हैं. यदि वह गेंद सदस्य को लग जाती हैं तो टीम आउट हो जाती हैं. इसके बाद दूसरी टीम की बारी आती हैं.
लंगड़ी टांग- olden days games
इसमें कई खाने बनाएं जाते हैं. ये खाने चाक से बनाए जा सकते हैं. इस खेल के लिए दो लोगों का होना जरुरी हैं. इस खेल को एक चपटे पत्थर की सहायता से खेला जाता हैं.
पत्थर को एक टांग पर खड़े रहकर सरकाना पड़ता हैं. यदि पत्थर लाइन को छू जाता हैं तो खिलाड़ी आउट हो जाता हैं.
यदि वह लाइन को पार करते हुए आगे बढ़ जाता हैं तो फिर उसे एक टांग पर खड़े रहकर इसे एक हाथ से बिना लाइन छुए उठाना पड़ता हैं.
जो खिलाड़ी बिना आउट हुए इस राउंड को पार कर लेता हैं, एक खाना उसका हो जाता हैं और उसे खाने में दोनों पैर रखकर आगे बढ़ सकता हैं. है न मजेदार खेल.
कंचा- kancha game
एक समय में भारत के प्राचीन खेलों में कंचे के खेल का बड़ा दबदबा हुआ करता था. आज जिस तरह गली गली क्रिकेट खेला जाता हैं. उस समय में अक्सर बच्चे कंचे लेकर एक दूसरे से झगड़ते नजर आया करते थे.
यह खेल मार्बल की छोटी छोटी गोलियों से खेला जाता था. जिसे कंचा कहते हैं. एक कंचे से दूसरे कंचे को एक अंगुली तानकर निशाना लगाना होता हैं. यदि एक बालक उस कंचे पर निशाना लगा दिया तो वह कंचा उनका हो जाया करता था.
इस तरह बच्चे इस खेल में अधिक से अधिक कंचे पाने की होड़ में रहते थे. आज यह खेल बिलकुल लुप्त सा हो गया हैं. उत्तर भारत के कुछ गाँव के बच्चे अभी भी कंचे का खेल खेलते हैं.
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