जनता पर शायरी स्टेटस Janta Par Shayari Status On Public In Hindi

2 Line Janta Shayari & Poetry : जनता अर्थात् पब्लिक को समस्त व्यवस्थाओं में सर्वोपरि माना जाता हैं. वैसे यदि हम जनता शब्द के भाव को समझे तो इसे सीधे ही राजनीति से जोड़ लिया जाता हैं.

राजनेता और जनता किसी भी देश की सबसे शक्तिशाली दो जमाते हैं. आज के आर्टिकल में हम Janta Par Shayari और कुछ बेहतरीन जनता स्टेटस Public Status In Hindi यहाँ लेकर आए हैं. उम्मीद करते है मित्रों आपकों यह जनता शायरी का आर्टिकल पसंद आएगा.

जनता पर शायरी स्टेटस Janta Par Shayari Status On Public In Hindi

जनता पर शायरी स्टेटस Janta Par Shayari Status On Public In Hindi

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Janta Shayari In Hindi

जनता सुनती है, जनता देख’ती भी है।
जनता सिस’कती है, जनता रोती भी है।
और फिर जनता चुन’ती भी है
समय आने पर अपनी सरका’र…
यही तो है लोकतंत्र का व्यवहा’र…


कुर्सी पर बैठक’र बन जाता हर नेता गद्दा’र है ,
जनता को कर’के गुमराह चलते ये सरका’र हैं…

Short Poem On Public [desh Ki Janta]

जान कर के भी अनजान जनता,
झूठा सा रखे अभिमान जनता,
शक्ति हाथ में भरी पर हाथ बंधवा चुकी है जनता,
अपने हाथों अपने हाथ खुद कटवा चुकी है जनता,
धर्म- जात और नस्लों के आधार पर बांट चुकी है जनता,
राजनीति का मुहावरा गरीबी और,
गरीबी का मुहावरा बन कर रह गई है जनता,
जनता को जनता के जन सामान्य ही लूट रहे हैं और,
मुक दर्शक बनी खुद देख रही है जनता!


Jaise hota mandir ka ghanta
waise hi hogyi ammm janta.


Janta jabab magegi..
ek di sbka hisab magegi..
janta jabab magegi..
Jo Kar rahe karo itminan se..
ye paricha h Sahab aapki…
Zara karo ise dhyan se..
ek din ye tumhare likkhe har panne ko jachegi..
apne hath pr lagi is syahii se tumhara bhavisya vachegii..
ye janta h sahab..
tumhare kiye har ek kaam ka tumse hi jabab magegi….


Apna kaam bnta,
bhaad me jaaye janta….


सिंहासन खाली करो कि ‘जनता’ आती है


जनता से पलता नेता,
वही नेता आज भी जलता।


janta hi janta sabhi aur janta
main kya bolu mera kya banta?


Garib janta ki thali main Pulav aaya hain
lagta hain mere India main chunav aaya hain


जनता ने तुम्हें देश का राजा बनाया हैं तो बिखारी भी बना सकती हैं।
जनता ने तुम्हें सर पे चढ़ा रखा हैं तो एक दिन मुँह के बल भी गिरा सकती हैं।।
समझे ??


क्या कहु इस जनता के बारे में जीनमे
कई चेहरे नक़ाब पेहने है, उप्पर से सेहरे
और अंदर से ज़हरीले है!!


देश की जनता पर व्यंग्य शायरी (Satirical shayari on the people of the country)

जो सोई हुई हो तो लाश है ❤️जनता ❤️
अपने अधिकार पे आ जाये तो विनाश है जनता!


वक़्त आने पर सिंहासन भी हिलाती है,
साहब ये ‘जनता’ कहलाती है।


जनता सब जानती है सिर्फ जागति नहीं


राजनीती आज समाज को ऐसे मोड़ पे लेके आयी है
कि “ये जनता है ये सब जानती नहीं है” मानो सच हो गया हो


Janta se hi wo bna hai hero,
aur janta ko hi bna rha hai wo zero.


हस रहा हूँ खुद पर लंबी सान्स ले रहा हूँ
सोच रहा हूँ कुछ तो और पछता रहा हूँ
कुछ दोष खुद को मे यु दे रहा हूँ
समय के खेल मे यु मे मदहोश हो रहा हूँ
मे अलग मुसाफ़िर हूँ शायद जाग कर भी सो रहा हूँ
उजालो को ढूँढने की कोशिश मे अंधेरे सा हो रहा हूँ
पता नही किस बात का खुद को दोष दे रहा हूँ


Aajadi ki yhi pribhasa h ,
Media mdari h janta tmasha h


जनता क्या है?…एक भेड़ है,
जो दूसरों की ठंड के लिए,
अपनी पीठ पर,
ऊन की फसल ढो रही है।


लोक तंत्र में सरकार #जनता की बना करती हैं
बेचारी #जनता को लगता है सरकार
किसी पार्टी की बनी है। –


जनता की शायरी

वैसे तो बड़े अदब से कहलाती वो “जनार्दन” है,
पर हर फैसले में, तलवारो पर उसी की गर्दन है,
सब जानती है, पर बेवकूफ भी इसी का बनता है,
कोई और नही, ये हमारे ही देश की जनता है….


जनता की आवाज़ दबा दे ये है किस के बस की बात
हर वो शीशा टूटेगा जो पत्थर से टकराएगा


✪⇉वो बेईमान नेता सी है हर दिल से खेलती है ••
.
मै भोली जनता सा हर➖बार ☞ उसी को चुनता हूँ..|•|


जनता ख़ुद में थोड़ी समझदारी लाओ
ग़लत सही को पहचानों
आँख बंद कर के भरोसा मत करो
जनता ख़ुद में थोड़ी समझदारी लाओ !


तू चल यह तेरा रास्ता रुकेगी यह
जनता है साहब तमाशा जरूर देखेगी


जनता जिसकी कोई नही मानता ?
जनता जिसे कोई नही जानता
जनता जिसे कोई नही पहचानता
जनता जिसे हर अधिकारी कुचलता
जनता जिसे हर नेता बेवकूफ है मानता
जनता जिसे धर्म समय समय पर बरगलाता
जनता जो असहाय को खूब सताती
जनता जो सामूहिक दुःख कभी न भरती
जानता जो सही बात के लिए कभी न जगती


सब राम रहीम की कहानी है,
जरूरत पड़ने पे याद आनी है,
कभी तू लेजा, कभी में ले आऊँ,
बस यही जनता की कहानी है |


माना ये उम्मीदवार के वादों से बहक जाती हैं ..
पर जनता अपने देश की तरक्की के लिए घूस नहीं खाती हैं….
ये भी माना कि जनता अपना भला चाहती हैं..
पर जनता गरीब की थाली से निवाला नहीं उठाती हैं।


ये जनता है जनाब …..!
ये धर्म से चलती है।
और हर धर्म के रास्ते अलग है।
और हर रास्ते मे गड्ढे ।


जो सोई हुई थी तो लाश थी जनता
जो जाग गई तो विनाश है जनता

जनता स्टेटस इन हिंदी

धरती के हर कौने में प्यार को ज़िंदा बनाए रखना,
राह गुज़र ते हर निर्दोष से उसका हक ना छीन लेना,
देश के कलेजे में धड़कनेवाली ए जनता,
इंसानों से बनी है तू , इंसानियत कभी ना भूलना।


फिल्मे चलती है सिर्फ मनोरंजन,
मनोरंजन और मनोरंजन से!
और ये देश चलता है सिर्फ जनता,
जनता और जनता से !!


भोली जनता, समझदार जनता,
नेता जनता की विशेषण बदलते रहे
और जनता को “कठपुतली जनता” बनाते रहे।


बेटे के शव पे वो माँ नम आँखे सेक रही थी,
और ये जनता वहाँ खड़ी तमाशा देख रही थी!
हिंदू मुस्लिम की इस लडाई ने अपनो को काट दिया,
रोती माँ का वीडियो जनता ने मोबाइलों में बाँट दिया!
शौक भी ये जनता का नया सा बन गया,
बेबस माँ का भी देखो तमाशा बन गया!
मीडिया ने खबर को चुनावी दंगल बना दिया,
और देश की जनता ने उस माँ को रानू मंडल बना दिया!!


ए मेरे वतन, क्या किस्मत है रे तूने पाई,
फूटपाथ पे ” जनता ” सोये भूकी,
ओर नेता खाएं दूध मलाई …


चुनाव नज़दीक हैं.. वो टूटी-फूटी सड़क खुश है..
जनता की तरह इस आस में है कि
इसकी समस्या सुनी जायेगी..!


जनता जवाब चाहती है और उसे
लोकतंत्र बता कर डरा दिया जाता है।


माना नेता मासूम नहीं पर उन्हें
चुनती भी तो जनता ही है और
इतनी बेरहम जनता भी नहीं कि
किसी मासूम को नेता बना दे।?


जनता चटका आईना, जो सही छाप दिखलाये।
विषम सत्य बिन भेद के, दे अहंकार चटकाय।

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