कैलाश चौधरी की जीवनी | Kailash Choudhary Biography Hindi

भाजपा प्रत्याक्षी कैलाश चौधरी की जीवनी | Kailash Choudhary Biography Hindi में हम उनके शुरूआती जीवन, राजनैतिक सफर और व्यक्तित्व व उपलब्धियों की बात करेगे, मोदी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके कैलाश चौधरी पार्टी की तरफ से 2024 के लोकसभा चुनाव में बाड़मेर- जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याक्षी बनाए गये हैं.

कैलाश चौधरी की जीवनी | Kailash Choudhary Biography Hindi

कैलाश चौधरी की जीवनी | Kailash Choudhary Biography Hindi

बाड़मेर- जैसलमेर सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचित कैलाश चौधरी मोदी कैबिनेट में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री है तथा 2024 के चुनावों में पार्टी ने इनको अपना उम्मीदवार बनाया हैं.

छात्र राजनीति में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एवं विभिन्न पदों पर काम कर चुके चौधरी के सामने कांग्रेस से उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याक्षी रविन्द्र सिंह भाटी से मुकाबला हैं.

परिचय

जन्म20 सितंबर 1973
आयु 51 वर्ष
जन्म स्थानबायतु, राजस्थान
पिता का नामतगा राम
मां का नामचुकी देवी
दलभारतीय जनता पार्टी
पेशाराजनीतिज्ञ
शिक्षास्नातक
जीवनसाथीरूपो देवी
पहचानकेंद्रीय कृषि राज्य मंत्री

कैलाश चौधरी का शुरूआती जीवन

20 सितंबर 1973 को एक किसान जाट परिवार में इनका जन्म हुआ था. कैलाश जी के पिताजी का नाम तगाराम जी एवं माँ का नाम श्रीमती चुकी देवी हैं. इनकी धर्मपत्नी का नाम रूपों देवी है. इनके सन्तान के रूप में दो बेटे है.

शुरूआती शिक्षा के बाद इन्होने नागपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढाई की हैं. छात्र राजनीति के बाद 1999 में इन्होने पार्षद का चुनाव लड़ा मगर हार गये थे.

कैलाश चौधरी ने आजीविका निर्वहन के लिए बस कन्डक्टर की नौकरी की तथा राजनीति में भी सक्रिय बने रहे. बालोतरा में मजदूरों के रोजगार के लिए धरने, कवास बाढ़ के बाद कांग्रेस सरकार से टकरा गये थे.

राजनैतिक करियर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लम्बे समय से जुड़े रहे कैलाश चौधरी राजस्थान बीजेपी किसान मौर्चा के अध्यक्ष एवं बायतु से 2013 में विधायक व 2019 में बाड़मेर से सांसद भी चुने गये हैं. पहली बार सांसद बनने के बाद इन्हें केंद्र सरकार की कैबिनेट में काम करने का सौभाग्य भी मिला हैं.

कैलाश चौधरी संगठन के नेता माने जाते है उनका करियर बेहद उतार चढाव भरा रहा हैं. कई बार उन्हें पराजय का सामना भी करना पड़ा हैं. वर्ष 1999 में इन्होने पार्षद का चुना लड़ा और हार गये थे.

वर्ष 2004 में कैलाश चौधरी ने जिला परिषद का चुनाव लड़ा और पहली बार पार्षद बने. 2008 में पार्टी की टिकट पर बायतु से विधानसभा चुनाव लड़ा 36418 वोट से हार गये. पुनः 2013 में पार्टी ने कैलाश चौधरी को बायतु से अपना उम्मीदवार बनाया और इस बार ये 13974 वोट से जीत गए.

2018 के राजस्थान विधानसभा के चुनाव में फिर बायतु सीट से चुनाव लड़े, लेकिन 18311 वोट से हार गए. 2019 में पहली बार बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 3 लाख 23 हजार 808 से हराकर लोकसभा पहुंचे और मोदी मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल कर लिया गया.

केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में कैलाश चौधरी के कार्य

मोदी मंत्रिमंडल में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल आलोचनाओं और वाहवाहियों दोनों तरह की प्रतिक्रियाओं के रूप में देखा जाता हैं. तीन कृषि कानूनों, फसलों की MSP खरीद, किसानों के मुआवजों पर मोदी सरकार की नीतियों के चलते इनको घेरा जाता रहा है.

वहीं किसान सम्मान निधि, किसानों की आय दुगुनी करने आदि मामलों पर इनकी तारीफ भी की जाती रही हैं. करीब 67 साल बाद यह अवसर आया कि बाड़मेर के किसी राजनीतिज्ञ को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिला हो.

लोकसभा चुनाव 2024

बाड़मेर – जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में इस बार उम्मेदाराम, रवीन्द्र भाटी एवं कैलाश चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हैं. कैलाश चौधरी के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी का संगठन, बाड़मेर, चौहटन, गुडामालानी, सिवाना, पचपदरा और जैसलमेर के विधायक है.

चौधरी के विपक्षी खेमे में कांग्रेस के कई विधायक एवं पूर्व राजनेता है, इस बार का चुनाव भाजपा बनाम कांग्रेस के लिए कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. स्वयं प्रधानमंत्री मोदी व कई केंद्रीय नेता इनके समर्थन के लिए चुनावी रैलियाँ कर चुके हैं.

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