कानून पर नारे, सुविचार, अनमोल वचन | Law Quotes In Hindi ये हमारी व्यवस्थापिकाओं द्वारा निर्धारित नियम कायदे होते है हर जिम्मेदार नागरिक से इसकी पालना की अपेक्षा की जाती हैं.
न्यायपालिका एवं वकीलों द्वारा कानून की अवहेलना को रोकने के लिए सरकार को कानून व्यवस्था बनाएं रखने के लिए बाध्य किया जाता हैं.
कानून क्या होते है, कानून कैसे बनते है और किस तरह कार्य करते है इनके बारे में कानून पर नारे सुविचार (Law Quotes Hindi) में हम दार्शनिकों के थोट्स जानेगे.
कानून पर नारे, सुविचार, अनमोल वचन | Law Quotes In Hindi
जनता का कल्याण सर्वप्रथम कानून होता हैं.
कानून की कुछ नियमित काल्पनिक कथाएँ होती हैं, जिनके ऊपर वह न्याय के सत्य की स्थापना करती हैं.
कानूनों की यातना से अधिक बुरी वेदना नही होती हैं.
यह कहना असम्भव है कि कानून कहाँ समाप्त होता है तथा न्याय आरम्भ होता हैं.
मैं केवल दो बार बर्बाद हुआ हूँ- एक बार मैंने मुकदमा जीता और दूसरा बार जब मैं मुकदमा हारा.
कागज के रुमाल कपड़े धोने की दूकान से कभी वापस नही आतें हैं और न ही प्रेम कभी अदालतों से लौटकर आता हैं.
जो कानून की शरण लेता है, वह भेड़िये को कान से पकड़ता हैं.
कानून का अज्ञान किसी आदमी को क्षमा नहीं करता हैं.
कानून के सिवाय खर्च के कुछ भी निश्चित नही होता हैं.
आवश्यकता कोई कानून नही समझती हैं.
दया कानून को शिथिल कर देती हैं.
कानून और निष्पक्षता दो वस्तुएं है जिसकों परमात्मा ने आपस में मिला दिया है, परन्तु मनुष्य ने इसे पृथक कर दिया हैं.
कानूनों में एक कानून यह भी है कि कानून हो.
युद्ध में कानून मौन हो जाते हैं.
भावुकता से मुक्त विवेक का नाम कानून हैं.
कानून विवेक की एक युद्ध सामग्री हैं जिसका निर्माण वह करता है जिसकों समाज की चिंता होती हैं.
विवेक कानून का प्राण होता हैं.
जब लोग पवित्र होते है तब कानून बेकार हो जाते हैं, जब लोग भ्रष्ट होते है तब कानूनों का उल्लघन किया जाता हैं. अर्थात कानून तोड़े जाते हैं.
कानून पर सुविचार
इंसाफ दिलवाने वाले कानून में ईश्वर का वास होता है जो सही गलत के फैसले लेकर मनुष्य की ज़िन्दगी बचा लेता है।
देश का कानून देश का अभिमान साबित होता है अगर यह अपराध को मिटाने में सहायक होता है।
अपराध को नियंत्रित करने में कानून की विशेष भूमिका होती है। कानून अगर दृढ़ और सख्त हो तो अपराध करने वाले कम हो जायेगें।
देश का कानून देश की नींव मज़बूत करता है। देश में खुशहाली और अमन चैन की लौ जगाता है।
देश का कानून देशवासियों में विश्वास को दृढ़ करता है जिसकी वजह से अपराध रोके जा सकते हैं। कानून के ज़रिए अगर अपराधियों में डर होगा तो अपराध में कमी आयेगी। डर के अभाव में अक्सर अपराधी वास्तविक सज़ा से बच जाते हैं।
कानून देश और देशवासियों के लिए रक्षा कवच है जिसमें सही व दृढ़ निर्णय लेने की शक्ति होती है जो देश की प्रगति में सहायक होते हैं।
कानून सत्य की परछाई होते हैं जिसका पालन सत्य स्वरूप सही रूप से होना ही चाहिए।
देश के कानून की स्थिति से ही देश की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकती है। गलत कार्यों पर रोक लगाई जा सकती है।
देश की जनता को अपराधियों से बचाने वाला, देश में अपराध रोकने वाला कानून देश को मज़बूत बनाता है। देश मज़बूत होगा तो नागरिकों में भी आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होगी और उनमें भी कानून के प्रति सकारात्मकता जागेगी।
देश की तरक्की में कानून सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। अगर देश में गलत और बुरे कार्यों पर लगाम लगाई जाएगी तो देश की जनता खुद सुरक्षित महसूस करेगी और देश में हर कार्य सही रूप से किए जायेगें।
बढ़ते अपराध को रोकने व अपराधी को उसके अपराध के लिए सज़ा देने के लिए कानून नामक व्यवस्था बनाई गई है जो देश व देश के लोगों का भला करती है उन्हें खुश होने के मौके देती है।
कानून न्याय अन्याय का फैसला कर लोगों की ज़िन्दगी बदल देती है। लोग अपनी परेशानी का हल लेने कानून के द्वार आते हैं और आशा करते हैं कि उनको सही फैसला मिले जिससे उनके जीवन में नई आशा जाग जाती है।
कानून न्याय कर सच गलत का फैसला कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देती है यह युक्ति चरितार्थ होती है। अपराध की जड़ तक जा कर सही फैसला समक्ष लाती है।
कानून सबूतों पर निर्भर करती है और सबूत सही जानकारियों पर निर्भर होते हैं इसलिए सही जानकारी कानून के मध्य सही निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होती है।
देश का स्वाभिमान देश के गणतंत्र, देश के संविधान की रूपरेखा का दायित्व देश के कानून पर निर्भर करता है। कानून का स्वरूप देश में बदलती स्थितियों पर भी असर करता है।
कानून का मूल धर्म है कि जनता के लिए हितकारी हो उनका भला करे। कानून के कटघरे में सही फैसला सुनाया जाए और गुनाहगार को सज़ा और बेगुनाह को सही न्याय मिले।
कानून का मुख्य लक्ष्य न्याय से सही गलत का फैसला नागरिक के हित में करना होता है ताकि नागरिकों का विश्वास कानून पर बना रहे।
अपराधी को सज़ा देना कानून का दायित्व है और गुनाहगार को सज़ा कानून के द्वारा मिलती है जो उसके लिए जीवन सुधार का मौका देती है। अपने अपराधों की सज़ा काट कर वो नई राह चुन सकते हैं।
मनुष्य न्याय के लिए कानून की मदद लेकर अपने जीवन की परेशानी दूर कर सकता है।
कानून देशवासियों की आवश्यकता है। देश को अपराध मुक्त करने के लिए कानून अहम भूमिका निभाती है।
देश में कानून व्यवस्था देश की व्यवस्था को सुधार देती है जिसमें विवेकशीलता का गुण मुख्य है।
देश के हित में कानून का पालन हो तो देश के लिए हितकारी साबित होता है अन्यथा कानून तोड़ने पर अराजकता बढ़ती है।
देश में अनेक अपराधों के लिए अलग अलग कानून बनाए गए हैं जो अपराध संबंधित मामलों में सुधार लाने का कार्य करते हैं जो देश के उज्जवल भविष्य के लिए सहायक सिद्ध होते हैं।
समाज में कितनी समस्याएँ जैसे महिलाओं से संबंधित अपराध, बाल मज़दूरी, हत्या, चोरी, धोखाधड़ी, अत्याचार, भ्रष्टाचार आदि अपराध के मध्य अनेक कानून बनाए गए हैं जो इन अपराधों के लिए समाधान की नींव बनाते हैं और आशा जगाते हैं कि अपराध कम होगें।
कानून देश के दिल समान होता है अगर कानून सुचारू रूप से लागू होगा और पालन किया जाएगा तो देश भी सुचारू रूप से विकास करेगा जिस प्रकार मनुष्य का दिल स्वस्थ तो मनुष्य स्वस्थ अनुभव करता है उसी प्रकार अगर कानून सही होगा तो देश की नींव में दृढ़ता आएगी।
देश में कानून तोड़ने वालों को सख्त सज़ा मिलती है और अपने गुनाहों की सज़ा काटने पर ईश्वर की भी माफी मिलती है।
कानून की कद्र करना सीखना एक विशेष कला है जो सभी के पास नहीं होती जिसमें यह कला होती है कानून उनकी कद्र करता है।
कानून के नियमों का उल्लंघन करना जीवन में अपराध बोध को जन्म देता है जिसमें फंस कर मनुष्य अपने जीवन में परेशानी को आमंत्रित करता है।
न्यूटन के कानून ने वैज्ञानिक स्वरूप से हलचल मचा दी थी कि किसी भी प्रतिक्रिया का असर विपरीत व समानार्थी भी होता है लेकिन देश का कानून अपराधी को सीधे जेल पहुँचाता है।
प्रकृति का कानून है कि अगर मनुष्य अच्छे कर्म करता है तो उन अच्छे कर्मों का फल मनुष्य अवश्य प्राप्त करता है।
कानून के दायरे में वकीलों की वकालत चलती है जो इंसाफ दिला देती है। ऐसे वकीलों की वजह से कानून भी इतिहास के पन्नों में दर्ज होता है।
कानून प्ररेणा देता है कि गुनाह से दूर रहो क्योंकि मनुष्य की ज़िन्दगी खूबसूरत है ऐसे हाथों में अपराध की सज़ा रूपी हथकड़ियाँ शोभा नहीं देती।
लोगों की कई बार ज़िन्दगी कानून के चक्कर में पड़ कर पूरी निकल जाती है इसलिए कानून से इत्तेफाक सज़ा पाने के लिए नहीं अपराध को सज़ा दिलाने में सहयोग करना चाहिए।
देश में कानून अगर मज़बूत होगा तो हर नागरिक बेखौफ सांँस ले पायेगा। रास्तों में बिना डर के आज़ादी स्वरूप चल पायेगा।
कानून में ढील अपराध को बढ़ावा देती है और न्याय की नींव भी ढीली कर देती है।
कानून का साथ देशवासियों में आत्मविश्वास बढ़ाता है और आशा रूपी ज्योति जगाता है।
हमारे देश की पहचान और गाँवों की शान किसानों की समस्यायों से निजात दिलाता कृषि कानून का सही रूप किसानों के लिए सहायक सिद्ध होता है।
देश के कानून को नए आयाम मिलने से देश व देशवासियों का उद्धार होगा। देश में अपराध पर लगाम कसी जा सकती है।
देश का कानून हकदारों के लिए होना चाहिए। अपराध से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाना ही इसका मुख्य धर्म होना चाहिए।
देश का कानून इतना मज़बूत व शक्तिशाली हो कि अपराध रूक जाए और अपराधियों में भी खौफ हो।
अपराध मनुष्य को तोड़ देता है कानून का सही फैसला मनुष्य की हिम्मत बंधा देता है। कठोर कानून अपराध को रोकने में सक्षम होता है और दंड घोर अपराधियों को सज़ा दिलाता है इसका सही पालन देश और जनता को सुकून देता है।
कानून मनुष्य के दर्द को दूर करने का मार्ग है जो उसके खिलाफ हुए अन्याय को न्याय दिला सकता है।
कानून में अंधापन आना देश के लिए खतरा है। अपराधों के प्रति अन्याय को बढ़ावा देता है। अतः कानून को सही दिशा में उन्मुक्त रूप से अपनी छवि बनाई रखनी चाहिए तभी विश्वास रहेगा कि वाकई कानून देश व देशहित की बात कहता है।