शादी के बाद क्या होता है Marriage Ke Baad Kya Hota Hai

शादी के बाद क्या होता है Marriage Ke Baad Kya Hota Hai: शादी से पूर्व अक्सर लड़कों को या कुंवारी कन्याओं को यह जानने की जिज्ञासा होती है आखिर Marriage के बाद क्या होता है?

चूंकि शादी के बाद परिस्थितियां पूरी तरह बदल जाती हैं, जिससे मनुष्य के व्यवहार और उसके जीवन में भी अनेक परिवर्तन देखे जाते हैं।

अतः शादी के बाद क्या होता है? उसकी जानकारी यदि हमें हो तो हम आने वाले भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार रहते है।

अतः आज हम इस टॉपिक पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं तो बने रहें आर्टिकल में हमारे साथ अंत तक

शादी के बाद क्या होता है?

शादी के बाद क्या होता है Marriage Ke Baad Kya Hota Hai

शादी एक ऐसा पवित्र बंधन है जिसमें दो लोगों का ही नहीं, बल्कि उनके अनेक रिश्तेदारों का भी एक दूसरे के साथ नया रिश्ता जुड़ता है और नई ज़िम्मेदारियाँ आने लगती हैं।

भारत में शादी को शरीर का ही नहीं बल्कि दो आत्माओं का मिलन माना जाता है। शादी के बिना ज़िंदगी अधूरी सी महसूस होने लगती है।

समाजिक रूप से देखा जाए तो शादी दो लोगों का धार्मिक और समाजिक मान्यताओं के साथ मिलन है जो दोनों लोगों और उनके संबंधियों के बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है।

रीति रिवाज़ों की मानें तो हर धर्म में शादी के रीति रिवाज़, तौर तरीके और नियम अलग होते हैं। लेकिन शादी के बाद सभी को एक जैसी आम ज़िंदगी गुज़ारनी होती है।

आजकल के किशोर शादी को रोमांस का ज़रिया मानते हैं और एक अलग ही कल्पना में जी रहे होते हैं। लेकिन उन्हें पता होने के बाद किसी पर किस तरह की ज़िम्मेदारियाँ आ जाती हैं और उन्हें किस तरह नए रिश्तों को संभालना पड़ता है।

इसलिए आपको हम इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं कि शादी के बाद क्या होता है और कौन कोन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

शादी के बाद की रस्में

शादी के बाद शादी की कुछ रस्में होती हैं जिन्हें हमें रीति रिवाजों के साथ निभाना पड़ता है। जैसा कि हमने बताया है कि हर धर्म में शादी के रीति रिवाज अलग अलग होते हैं तो शादी की रस्में भी अलग अलग होती हैं। रस्में ही शादी को और यादगार बनाती हैं और शादी में चार चाँद लगा देती हैं।

शादी के बाद पति और पत्नी दोनों बहुत उत्साहित होते हैं क्योंकि वो एक नए साथी के साथ ज़िंदगी शुरू करने जा रहे हैं लेकिन इसी बीच नए रिश्तों का डर भी होता है कि कहीं हमसे कोई गलती ना हो जाए। ऐसे में शादी के बाद कि हर रस्म उत्साह और डर के साथ गुज़रती है।

ये रस्में कैसी भी हो सकती हैं जैसे कि गिफ्ट्स खोलना या अंगूठी ढूंढना आदि। शादी के बाद कि इन रस्मों में कुछ रिश्तेदार शामिल होते हैं वहीं कुछ रस्मों को केवल घरवालों की मौजूदगी में ही किया जाता है।

हर धर्म में किसी भी परंपरा या रस्म का अपना एक महत्व होता है जिसके बदले में हमें लोगों का प्यार और सतिकार मिलता है।

पुराने समय में शादी और शादी के बाद कि रस्मों में काफी दिन लग जाते थे लेकिन आज के इस व्यस्त समय में लोगों के पास समय नहीं होता जिससे लोग कुछ रस्मों को पूरा करके ही अपने अपने कामों में लग जाते हैं।

पति को समझना

हर किसी को अपने जीवन में एक अच्छा पति या पत्नी चाहिए। भारत में शादी केवल छोटा सा मिलन ही नहीं बल्कि इसे जन्मों जन्मों का बंधन माना जाता है। मान्यताओं और रीति रिवाजों के अनुसार लड़की को घर छोड़ कर अब बाकी की ज़िंदगी पति के साथ उसके घर में गुज़ारनी होती है।

किसी व्यक्ति के साथ ज़िंदगी भर रहना और उसकी गलतियों को स्वीकार करने के बावजूद साथ में मिलकर हर तरह की चुनोती का सामना करना इतना आसान नहीं है जितना लगता है।

अच्छी पत्नी या पति होने का अर्थ ये भी नहीं की आप उनकी केवल तारीफ करें, बल्कि अच्छा पति या पत्नी वो होती है जो अपने साथी की गलतियों को बताये भी और उन्हें सुधारने की भी कोशिश करे।

इसीलिए पति और पत्नी को अब एक दूसरे को समझना होगा और उनके सामने आने वाली हर मुश्किल को दूर करने की कोशिश करनी होगी क्योंकि अब दोनों को ही अपना जीवन एक दूसरे के साथ गुज़ारना है।

अपने पति की बेस्ट फ्रेंड बनें, उनकी हर समस्या को ध्यान से सुनें और उसका समाधान निकालने की कोशिश करें।

हमें उनके हर मूड को समझना होगा और उन्हें खुश रखने की सारी कोशिशें करनी होंगी। उनके साथ अपनी हर प्रॉब्लम को सांझा करना होगा क्योंकि आपको दूसरों की नज़रों में नहीं बल्कि अपनी नज़रों में एक अच्छा पति या पत्नी बनना है।

दूसरे रिश्तेदारों को समझना

पति के साथ साथ पत्नी को उसके माता पिता और दूसरे घरवालों के साथ भी रहना पड़ता है इसलिए पत्नी के लिए और भी जरूरी हो जाता है कि वो पति के माँ बाप का अच्छे से ख्याल रखे और रिश्तों को संभाले।

उनके साथ आदर के साथ बात करें क्योंकि आप का साथी आप से पहले उनके साथ रह रहा है।

वहीं दूसरी तरफ पति का भी फर्ज़ बनता है कि वो पत्नी का अच्छे से ख्याल रखे और पत्नी के माता पिता को ये विश्वास दिलाए कि उनकी बेटी एक अच्छे व्यक्ति के साथ अपना जीवन बिता रही है।

आप उन्हें उनकी मनपसंद डिश खिलाकर आप उन्हें खुश कर सकती हैं।

शादी के बाद लड़की एक अलग ही घर में जाती है जहां पर तौर तरीक़े और परंपराएं अलग होती हैं जिससे पत्नी को नई चीज़ें अजीब और मुश्किल लग सकती हैं लेकिन हमें ये भी समझना चाहिए कि मुश्किलों का अर्थ ही जीवन है।

उनके सामने अपनी राय देने से डरें ना बल्कि खुलकर अपनी सही बातों को उनके सामने रखें।

आदतें बदलना

आदत इंसान की ज़िंदगी बर्बाद भी कर सकती है और उसकी ज़िंदगी स्वर्ग जैसी भी बना सकती है। हर मनुष्य की आदतें होती हैं। कुछ आदतें अच्छी होती हैं और कुछ बुरी। लेकिन इन्हें अचानक से बदलना आसान नहीं है। कुछ आदतें उनकी हमें नहीं पसंद आ सकती तो कुछ हमारी आदते उन्हें अजीब लग सकती हैं।

ऐसे में हमें चाहिए कि शादी के बाद हम उनकी अच्छी आदतों को अपनाएं और खुद में भी लाने की कोशिश करें और उनकी और हमारी बुरी आदतों को बदलने की कोशिश करें।

ये आदतें कैसी भी हो सकती हैं। अपने साथी को आप अपनी कोई बुरी आदत के बारे में बता सकते हैं जिससे आपका साथी इसे छोड़ने में आपकी मदद करेगा और उसे यह एहसास होगा की आप उनके प्रति कितने वफादार हैं।

कुछ लोग कहते हैं कि वो जैसा है परफेक्ट है मुझे उसे ऐसे ही अपनाना चाहिए। लेकिन यह गलत है। ऐसे करके आप अपनी और उनकी ग्रोथ में बाधा डाल रहे हैं। अगर आपको उनकी कोई आदत अच्छी नहीं लगती तो बैठ कर अच्छे से विचार करें और समझ कर उसे अपनाने या बदलने का फैसला करें।

रोमांस

रोमांस का अर्थ केवल शारीरिक रूप से संबंध बनाना ही नहीं होता बल्कि छोटी छोटी शरारतों या आदतों में भी हो सकता हैं। शादी के बाद हमें एक नया दोस्त या साथी मिल जाता है जिसके साथ हम वो सब कर सकते हैं जो दूसरों के साथ नहीं कर सकते।

ज़िंदगी में रोमांस होने से व्यक्ति वो ऐसा फील करने लगता है जैसा उसने ज़िंदगी में पहले कभी ना किया हो। मानो कि वो हवा में उड़ रहा है। छोटी छोटी आदतों से हमारा जीवन और भी सुंदर बन जाता है। इससे ये ज़ाहिर होता है कि आप एक दूसरे की कितनी केयर करते हैं।

जैसे काम पर जाते समय ‘आई लव यू’ बोल कर जाना या फिर अपने खाली समय में उनके लिए उनकी फेवरट डिश बनाना।

शुरुआत में लोग ऐसा करने से हिचकिचाते हैं मगर जैसे जैसे समय गुज़रता है ये सब आम हो जाता है। याद रखें, इसे आपको गुंझलदार नहीं बनाना है बल्कि इसे सिंपल रखें और एक दूसरे के करीब होकर ज़्यादा से ज़्यादा वक्त बिताएं।

फैमिली प्लानिंग

आज के इस बदलते दौर में फैमिली प्लानिंग बहुत जरूरी हो चुकी है क्योंकि मॉडर्न ज़माने में माना जाता है की फैमिली प्लानिंग से पूरा परिवार खुश रहता है।

इसमें ये तय करना होता है कि हमें कब बच्चा चाहिए और क्या इसकी परवरिश हम ढंग से कर भी सकते हैं।

ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि आजकल लोग इतना अपने काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि जब उनके बच्चा होता है तो उसे समय नहीं दे पाते और उसकी परवरिश सही से नहीं कर पाते।

जिस के कारण माता पिता को बाद में इसका अंजाम भुगतना पड़ता है।

जब आपको लगे कि आप बच्चे के लिए तैयार हैं और उसका पालन पोषण अच्छे से कर सकते हैं तभी आपको बेबी के लिए प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। फैमिली प्लानिंग का रिवाज आजकल भारत में भी आम हो चुका है।

फैमिली प्लानिंग के लिए आप अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार की सलाह भी ले सकते हैं।

बच्चे की परवरिश

बच्चे की अच्छे तरीके से परवरिश करना शादी के बाद आने वाली बड़ी मुश्किलों में से एक है और आज के इस व्यस्त समय में मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। हर मां-बाप का बच्चे की अच्छी परवरिश करना फ़र्ज़ बनता है।

बच्चा होने के बाद कुछ लोग काम के चलते बच्चे कि देख-भाल करने के लिए किसी को हायर कर लेते हैं लेकिन बच्चे के असली माता पिता ना होने के कारण उनमें वो भावनाएं नहीं होती और वो अच्छे से देख-भाल नहीं कर पाते।

हमें चाहिए कि हम अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दें, उसे दूसरों की इज़्ज़त करना सिखाएं, अच्छे से ज़िंदगी जीने के तरीकों की जानकारी दें और उसे अपने और दूसरों के अधिकारों को समझने के सक्षम बनाएं।

ताकि बड़ा होकर वो अपनी ज़िंदगी अच्छे से व्यतीत कर पाए, आपकी सेवा करे, बड़ा होकर आपका नाम रोशन करे और इस जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए आपको धन्यवाद कहे।

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