मेरा बगीचा पर निबंध mera bagicha essay in hindi: दोस्तों आप सभी का स्वागत करता हूँ. My Garden के निबंध भाषण में हम My School के बगीचे पर class 1, 2, 3, 4, 5 के स्टूडेंट्स के लिए घर के गार्डन पर सरल भाषा में निबंध बता रहे हैं. चलिए इसे पढ़ना आरम्भ करते हैं.
बगीचा पर निबंध mera bagicha essay in hindi
एक बगीचा हमारे घर की रौनक को बढ़ाता हैं. आमतौर पर शहरों में घरों के लिए सिमित स्थान होने के चलते उपवन नहीं बनाए जाते हैं. मगर बड़े फार्म हाउस वाले घरो में बगीचे अवश्य होते हैं. मैं एक बड़े शहर के सुंदर से घर में रहता हूँ. घर में मेरा एक छोटा सी बगिया हैं.
हमारे घर के प्रवेश द्वार के बाई ओर की खुली जगह में हरा भरा मनभावन उपवन सभी को प्रिय हैं. करीब आज से १० साल पहले जब हम इस घर में आए तब इन्हें विकसित किया गया था.
इसमें विभिन्न तरह के रंग बिरंगे फूल, लताएं है लाल, गुलाबी रंगों के ये फूल सूरज की पहली किरण में जब खिलते है तो उपवन का नजारा देखते ही बनता हैं.
कुछ बड़े आम और अमरुद के पेड़ भी हैं. जो सभी को मीठे फल तथा ठंडी छाँव देते हैं. बगीचे को देखकर हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता हैं. बगिया में चारों ओर हरी भरी घास हैं.
जहाँ शाम को हम लम्बे वक्त तक बैठकर समय व्यतीत करते हैं. शहरी जीवन की तनाव भरी जिन्दगी में यहाँ बिताएं गये कुछ पल मन को शान्ति प्रदान करते हैं.
मैं सवेरे तथा शाम को अपने दादा व दादी के साथ टहलने के लिए बगीचे में जाता हूँ. हमने बगीचे की सुरक्षा के लिए इसके चारो ओर चहारदीवारी तथा उपर कांटेदार तार का पहरा बनाया है जिससे कोई आवारा पशु इसे नुकसान न पहुंचा सके. बगिया के सुंदर महकते गुलाब के फूलों को देखकर दिल खुश हो जाता हैं.
यदि शहरों में हर घर में छोटा बगीचा बनाया जाए तो शहरों के वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता हैं. ये वायु की गुणवत्ता को सुधारने का सबसे कारगर उपाय हैं.
सुंदर द्रश्य देने के साथ ही मन को शान्ति भी देते हैं. इस वर्ष हमने बगीचे की खाली बाहरी पंक्ति में कुछ नीम के पेड़ लगाए हैं, अभी वे बहुत छोटे है मगर कुछ वर्षों में ये बड़े होकर सभी को ठंडी छाँव प्रदान करते हैं.
सवेरे स्कूल जाने से पूर्व में बगीचे में भ्रमण के बाद इसके नन्हे पौधों की क्यारियों में पानी देता हूँ. मैं स्वेच्छा से अपने इस कर्तव्य को निभाने का प्रयत्न कर रहा हूँ. यह बगीचा मेरे दिल के बेहद करीब हैं. कई बार जब मेरे दोस्त आते है तो हम यही खेल खेलते हैं तथा मौज मस्ती करते हैं.
मेरे बगीचे में पक्षियों में बड़ा आश्रय स्थल है वे उद्यान के बड़े पेड़ों पर अपना घौसला बनाए हुए पक्षी हमारे साथ जीवन व्यतीत करते हैं. सवेरे जल्दी से ही कलरव की आवाज गूंजती रही हैं. मानों सूर्य के उदय से पूर्व ही हमें जगाने के लिए अपने संगीत की तान छेड़ देती हैं.
गौरैया, कबूतर और मैना मेरे घर के बाग़ के सदाबहार मेहमान हैं, जब कभी कोई पक्षी मुझे यहाँ नहीं दिखता है तो उसकी चिंता सताने लगती हैं. कई बार मोर भी बगीचे में आता है तथा अपने सुंदर सुंदर पंखों को फैलाकर नाचता हैं.
हमारे बाग़ में आम का एक बड़ा पेड़ हैं. जिस पर हमेशा झूला लगा रहता हैं. हम खाली वक्त में यहाँ झूलते हैं. दादाजी सवेरे इसी झूले में बैठकर सुबह चाय पीते हुए अखबार पढ़ते हैं. इस तरह मुझे मेरे घर का बगीचा मुझे बेहद प्रिय हैं.
अमूमन मैं और मेरे पिताजी ही माली बनकर इसकी देखभाल करते हैं. मगर कई बार जब हमें शहर से बाहर जाना होता है तो हमारे पड़ोस के रामू चाचा को यह जिम्मेदारी सौपकर जाते हैं.
मेरा भी आप सभी से अनुरोध है कि अपने घर में जितनी खाली जगह हो उसमें छोटा सा बगीचा अवश्य लगाएं क्योंकि यह आपके घर को स्वर्ग बनाने की दिशा में बेहतरीन कदम होगा.