पदबंध : परिभाषा, भेद और उदाहरण – Padbandh in Hindi

पदबंध : परिभाषा, भेद और उदाहरण – Padbandh in Hindi सामान्य तौर से हिंदी व्याकरण में कई सारे ऐसे शब्द होते हैं जिनके बारे में हमें विस्तृत जानकारी नहीं होती और निश्चित रूप से ही उनका इस्तेमाल करना हमारे वाक्यों के लिए बहुत ही बेहतर साबित होता है।

कई बार जानकारी के अभाव में हमारा वाक्य सही तरीके से नहीं बनता और ऐसे में हम किसी भी प्रकार से व्याकरण के बारे में सही जानकारी प्राप्त नहीं कर पाते हैं| 

ऐसे में आज हम आपको हिंदी व्याकरण के मुख्य तत्व के बारे में जानकारी देंगे जिसे “पदबंध” कहा जाता है।

पदबंध : परिभाषा, भेद और उदाहरण – Padbandh in Hindi

आप में से किसी को भी अगर इस की जानकारी ना हो तो यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि सामान्य दिखने वाला शब्द असली में काफी हद तक आवश्यक माना गया है|

पदबंध क्या है?

सामान्य तौर पर जब भी हम किसी वाक्य की संरचना करते हैं, तो उसमें कई प्रकार के पद मिलकर बने होते हैं। कभी-कभी हमारा वाक्य दो या दो से अधिक पदों से मिलकर बना होता है| 

ऐसे में हम कह सकते हैं कि जब वाक्य में 1 से अधिक पद मिल कर एक नई व्याकरण की इकाई बनाने का काम करती है, तो उस बंधन में आई हुई इकाई को पदबंध कहा जाता है| 

कभी-कभी हम पदबंध को वाक्यांश के रूप में भी दर्शा सकते हैं और इस शब्द को पद भी कहा जाता है|

 उदाहरण के रूप में—

  • सातवीं कक्षा की छात्रा मोनिका हमेशा हर एक्टिविटी में फर्स्ट आती है|
  •  संस्कृत की शिक्षिका अपने विषय में माहिर है|
  • आठवीं कक्षा में  पढ़ने वाला रोहन कुछ अजीब हरकतें करता है|

यहां पर हमने आप को समझने के लिए पदबंध से संबंधित कुछ उदाहरण दिए हैं जिनमें से अंडर लाइन वाला भाग  उस वाक्य का  पद बंध कहलाएगा।

पदबंध के मुख्य प्रकार 

कई बार हम सामान्य से दिखने वाली चीजों पर भी ध्यान नहीं देते| ऐसे में आज हम आपको पदबंध के मुख्य प्रकारों के बारे में जानकारी देंगे जिससे  आप हिंदी व्याकरण से संबंधित बातों को सही प्रकार से समझ सके|  पदबंध के मुख्य रूप से आठ भेद होते हैं, जो निम्नानुसार हैं—

1] संज्ञा पद बंध— जब हम किसी भी पद समूह में किसी वाक्य की संरचना करते हैं, तो उसे संज्ञा पदबंध कहा जाता है। जिसमें हमेशा  ऊपर का  पद एक संज्ञा होती है और बाकी के पद पर निर्भर होते हैं।  ऐसे में हमेशा मुख्य पद के बारे में जानकारी होना आवश्यक माना गया है–

 उदाहरण 

  • बगल के मोहल्ले की औरत मेरी रिश्तेदार है|
  • अयोध्या नरेश राम को 14 वर्ष का वनवास मिला था|
  • मेरी चाची बहुत समझदार हैं|
  • इस छोटे से पेड़ में कई सारे कांटे लगे हुए हैं|

 यहां पर आपको जहां पर भी अंडर लाइन नजर आ रही है, वह संज्ञा पदबंध कहलाता है।  जिनकी मुख्य रचना नीतियां होती हैं|

  1. विशेषण—  जो किसी  वाक्य की प्रमुखता बताता है|
  2.  उपाधि सूचक—  इसका उपयोग प्रायः किसी सम्मानीय व्यक्तियों के लिए किया जाता है जिसे सामान्य रूप से श्री, श्रीमान, महाराज के रूप में अंकित किया जाता है|
  3.  समानधिकरण सूचक—  इसका उपयोग समान रूप से ऐसी जगह किया जाता है जहां पर सम्मानीय व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है|

2] सर्वनाम पद बंध— मुख्य रूप से इसका उपयोग उस जगह होता है, जहां पर सर्वनाम कार्य करता है और इसे ही सर्वनाम पदबंध कहा जाता है|

 उदाहरण 

  • मेरी किस्मत में यह क्या लिखा हुआ है?
  •  यहां ऐसा कोई नहीं है जिसने मेरा सामना किया हो|
  • आप के आंसू मगरमच्छ की तरह लगते हैं|
  • अरे तुम्हें तो  काफी चोट लगाई है|

 यहां पर आपको जहां पर भी अंडर लाइन नजर आ रही है, वह सभी सर्वनाम पदबंध के अंतर्गत आते हैं|

3] क्रिया पदबंध— इसका उपयोग ऐसी जगह पर किया जाता है, जहां एक से अधिक पदों से बनने वाले क्रिया  रूपों का इस्तेमाल किया जाता हो।

ज्यादातर हम इनका उपयोग अपने विभिन्न प्रकार के वाक्यों में किया करते हैं| यहां पर  पहले  क्रिया होती है और बाद में दूसरे पद होते हैं|

 उदाहरण

  •  आना चाहिए था|
  •  वह तो चला जा रहा है|
  •  उसने दुखी होकर कहा|
  •  वह मेरे साथ आया है|

  क्रियापद बंध के मुख्य रूप से दो भेद पाए जाते हैं—

  1. अंता केंद्रित क्रिया पदबंध— इसे क्रिया पदबंध के मुख्य रूप में देखा जाता है, जहां पर मुख्य क्रिया के रूप में सहायक संयोजी और रंजक क्रियाएं होती हैं और साथ ही साथ  ऊपर के शब्दों में इसका  इस्तेमाल किया जाता है|
  2.   क्रिया  विश्लेषणात्मक क्रिया पदबंध— यहां पर किया के हिसाब  पर या पदबंध आश्रित होता है जिसका उपयोग हम अपने वाक्यों में किया करते हैं। उदाहरण के तौर पर हम तेजी से दौड़ते हैं| सुबह-सुबह खेलना अच्छा होता है| 

4] विशेषण पद बंध— इसका इस्तेमाल ऐसी जगह पर किया जाता है, जहां पर कोई पद किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हो और उसे सही तरीके से वाक्यों में इस्तेमाल किया जाए उसे विशेषण पदबंध कहा जाता है|

इसमें भी सामने  मुख्य रूप से विशेषण होते हैं और बाद में प्रयुक्त होने वाले पदों पर  आश्रित रूप से होते हैं|

 उदाहरण 

  • जोर जोर से आवाज करने वाला [  हाथी]
  •  सुंदर लेखन करने वाले [ लेखक]
  •  मुर्गी के सामने ताकतवर [ बकरी]

 इन के कुछ मुख्य भेद होते हैं—

1] तुलनात्मक/  सादृश्यआत्मक — इसके अंतर्गत तुलना करते हुए  वाक्य  को लिखा जाता है और उन्हें उसी हिसाब से समझा भी जाता है|  उदाहरण के रूप में

  • हाथी से अत्यधिक बलवान शेर होता है|
  •  सोने की कीमत चांदी से ज्यादा होती है|
  • मैं अपनी बहन से बहुत होशियार हूं|

2]  प्रविशेषण — इसके अंतर्गत कुछ ऐसी शब्दों का उपयोग किया जाता है, जो सामान्य रूप से बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल किए जाते हैं|  उदाहरण  के रूप में 

  •   बहुत सुंदर
  •  थोड़ा थोड़ा नमकीन
  •  कुछ कुछ खट्टा, कुछ कुछ  मीठा
  •  कुछ  1000000 रुपए 

5] क्रिया विशेषण पद बंध— इस  वाक्यांश  का उपयोग ऐसी जगह किया जाता है,  जहां पर क्रियाविशेषण का उपयोग होता है और इनका सही तरीके से इस्तेमाल अपने वाक्यों में किया जाता है। ऐसे में इसे क्रियाविशेषण पदबंध कहा जाता है। 

 उदाहरण

  • मैं खाना खाऊंगा, मुझे भूख लगी है|
  • तुम पहले से बहुत ज्यादा तेज चलने लगे हो|
  •  मेरे पैरों में हल्का हल्का दर्द हो रहा है|
  •  मेरी सहेली मुझे बहुत प्यारी है|

 इनमें भी  उन शब्दों को  क्रिया विशेषण पदबंध कहा जाएगा जिनमें अंडर लाइन किया गया है। यहां पर क्रियाविशेषण पदबंध के तीन भेद दर्शाए गए हैं===

  1. स्थानवाचक क्रिया विशेषण पद बंध— इसके अंतर्गत किसी स्थान विशेष के बारे में जानकारी ली जाती है। उदाहरण के तौर पर नदी के दूसरी तरफ मेरा घर है|  गांव के उस तरफ एक पहाड़ी है।
  2. समय वाचक क्रिया विशेषण पद बंध— इसके अंतर्गत किसी विशेष रूप से समय के बारे में जानकारी ली जाती है और उसे वाक्यों में भी दर्शाया जाता है|  उदाहरण  के तौर पर लगभग 7 दिनों से हम आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं|  हमारी परीक्षा फरवरी महीने में है|  6:00 बजे  मुझे पार्क में मिलना|
  3. रीतिवाचक क्रिया विशेषण पद  बंध— इसके अंतर्गत सामान्य रूप से ऐसी चीजों का उल्लेख किया जाता है जिसका हम अपने नियमित बोलचाल में भी उपयोग करते हैं। उदाहरण के तौर पर  मैं धीरे-धीरे काम करना पसंद करती हूं|  निशांत हॉकी अच्छा खेलता है|  वह पागल जोर-जोर से आवाज निकाल रहा है| 

6] संबंधबोधक पद बंध— इनका इस्तेमाल ऐसे वाक्यों में होता है, जहां पर दो शब्द या वाक्य में 2 पद बंध के बीच  संबंध स्थापित हो सके साथ-साथ उन शब्दों को भी  मिश्रित रूप से संबंधबोधक पदबंध कहा जाता है।

 उदाहरण 

  • सामान्य रूप से
  •  भीतर
  •  पीछे से
  •  बाहर की ओर
  •  बदले में
  •  के ऊपर 

7] समुच्चयबोधक पद बंध— इनका इस्तेमाल ऐसी जगहों पर होता है, जहां पर कोई भी दो शब्द वाक्य एक दूसरे से किसी अन्य शब्द के माध्यम से मिल पाते हो उन्हें समुच्चयबोधक पदबंध कहा जाता है|

 उदाहरण

  •  मैं और अंजली परम मित्र हैं|
  • तुम और रजनी मेरे घर आना|
  • तुम आ जाओ अन्यथा हम ही सुलेखा को भेजेंगे|
  • हिंदी अथवा संस्कृत का चयन तुम्हें खुद ही करना होगा|

जहां पर अंडर लाइन किए गए शब्द ही समुच्चयबोधक पदबंध कहलाएंगे| 

8] विस्मयादिबोधक पद बंध— इनका इस्तेमाल ऐसे वाक्यों में किया जाता है जहां पर  शोक,  लज्जा,  ग्लानि, खुशी, जैसे मनोभावों को व्यक्त किया जाता है वहां पर इन विस्मयादिबोधक पदबंध का इस्तेमाल किया जाता है| इनका इस्तेमाल भी हम सामान्य रूप से बोलचाल की भाषा में करते हैं|

 उदाहरण

  • वाह | हमें तो मजा ही आ गया|
  •  अरे,  यह तुम क्या कर रहे हो?
  • आहा,  आज तुमने समोसे बनाए हैं|
  •  हे भगवान,  दीनानाथ के साथ ऐसे कैसे हो गया? 

पद बंध का पद क्रम

कई बार हिंदी व्याकरण में ऐसे विभिन्न शब्दों का भी समावेश किया जाता है जिनमें विभिन्न प्रकार के पद  बंध को जोड़कर शब्द क्रम बनाया जाता है और  उसका उल्लेख भी किया जाता है|

ऐसे में विभिन्न रूप से संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया विशेषण के साथ पदबंध का इस्तेमाल करते हुए वाक्य बनाया जाता है और इसे अपने वाक्यों में भी उपयोग किया जाता है।

कई बार हमें उनके बारे में समुचित जानकारी नहीं होती लेकिन हम आपको इसके बारे में कुछ उदाहरण देकर समझा रहे हैं|

  1. दशरथ पुत्र राम ने रावण  जैसे महा असुर को हमेशा के लिए मार गिराया| [  संज्ञा पदबंध]
  2.  मेहनत करने वाला [ वह]  कैसे इतनी जल्दी असफल हो गया? [  सर्वनाम पदबंध]
  3.  दो लड़कियां कूदती हुई घर की ओर चली गई|[  क्रिया पदबंध]
  4.  वह  भोर होने पर घर वापस आया|  [ क्रिया विशेषण  पद बंध] 

इस प्रकार से हम विभिन्न पदबंध का इस्तेमाल करते हुए भी अपने वाक्यों को पूरा कर सकते हैं जिन्हें हिंदी व्याकरण में खास स्थान प्राप्त है|

यह भी पढ़े

इस प्रकार से आज हमने आपको हिंदी व्याकरण के  महत्वपूर्ण भाग पदबंध परिभाषा, भेद और उदाहरण – Padbandh in Hindi के बारे में जानकारी दी है जिसके बारे में समुचित जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती और हम सही तरीके से व्याकरण को समझ नहीं पाते हैं|

हम उम्मीद करते हैं कि आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी को समझते हुए हिंदी व्याकरण को भी सही तरीके से समझ पाएंगे जिससे आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

आप भी इस मुख्य बातों को आसानी से ही समझ सकेंगे|उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी| 

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