रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2024 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2024 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi: Here Is A Article About Few Lines Good Information in 5,10 Line Paragraph On Raksha Short Essay & Speech On Rakhi 2024.

प्रिय दोस्तों आज के लेख में हम राखी पर हिंदी में अनुच्छेद साझा कर रहे हैं. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए यह उपयोगी हो सकता हैं.

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2024 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद 2022 | Paragraph On Raksha Bandhan In Hindi

Raksha Bandhan 2024 Paragraph Essay Article Few Lines On Rakhi Festival In Hindi: आगामी 11 अगस्त को हिन्दुओं का महत्वपूर्ण पर्व रक्षा बंधन मनाया जाना है.

इसे हम राखी के नाम से भी जानते हैं. इस साल समूची मानव सृष्टि कोरोना की महामारी से संघर्ष कर रही है. इसलिए इस बार रक्षा बंधन का पर्व घरों में रहकर ही मनाया जाए तो यह हमारे स्वयं तथा अपनों के लिए अच्छा होगा.

यहाँ हम रक्षा बंधन पर शोर्ट पैराग्राफ बता रहे है, छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए यह उपयोगी लेख होगा, इसमें संक्षिप्त और सारगर्भित रूप में राखी पर्व की जानकारी महत्व इतिहास आदि के बारें में जानकारी दी गई हैं.

Short Raksha Bandhan Paragraph For Students In Hindi Language

रक्षा बंधन के पर्व को भाई बहिन का उत्सव कहा जाता हैं. मूल रूप से यह हिन्दुओं का त्योहार हैं, वर्तमान काल में यह धर्म की सीमाओं से बाहर निकलकर भारत के सभी मत एवं सम्प्रदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता हैं.

सभी धर्मों के लिए प्रेम एवं मेलजोल से इस पर्व को मनाते हैं ऐसा हो भी क्यों न क्योकि यह भाई बहिन के स्नेह का प्रतीक पर्व हैं, जो भारत की संस्क्रति का परिचायक हैं.

वैसे तो हमारे समाज में बहिन भाई के रिश्ते की पवित्रता, आपसी समझ कर्तव्यनिष्ठां के भाव को किसी दिन विशेष पर प्रकट नहीं किया जा सकता हैं.

मगर इस दिन का अपना सामाजिक एवं धार्मिक महत्व इसे बड़ा दिन बना देते हैं. भारत में राखी का त्योहार रक्षा बंधन सैकड़ों वर्षों से मनाया जाता रहा हैं.

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार राखी का पर्व श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार यह अगस्त माह में पड़ता हैं.

रक्षा बंधन के दिन बहिन अपने भैया के घर जाती हैं तथा उन्हें मुहं मीठा करवाकर तिलक लगाकर राखी बांधती हैं. भाई बहिन को उनकी रक्षा का वचन देता हैं तथा ही वह उन्हें कुछ भेंट उपहार देकर विदा करता हैं.

राखी का अपना एक सांकेतिक महत्व हैं, यह हिन्दू धर्म के अनुसार एक भाई को अपनी बहिन के प्रति दायित्वों की याद दिलाता हैं. इस पर्व के सम्बन्ध में पुराणों में राजा बलि एवं इंद्र की एक कथा का प्रसंग मिलता हैं जिसके मुताबिक देवराज इंद्र के राज्य को बलि हडप लेता हैं.

राज्य प्राप्ति के लिए इंद्र भगवान् विष्णु की मदद से बलि से तीन पग जमीन मांगते हैं. वे जानते थे कि बलि बड़ा दानी राजा हैं वह ब्राह्मण को मना नहीं करेगा. उनकी हामी पर विष्णु ने विराट रूप दिखाकर तीनों लोक को अपने पैरों से नापकर बलि को पाताल लोक भेज दिया था.

हमें इतिहास की पुस्तकों में रक्षा बंधन से जुड़ा एक और प्रसंग कर्मावती और हुमायूं का बताया जाता हैं. कुछ भी मान्यता रही हो, वाकई साल के 365 दिनों में एक दिन भाई बहिन के समर्पण के दिन को हमें अपनी परम्पराओं के अनुसार मनाना चाहिए.

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद, paragraph on raksha bandhan in hindi – 2

रक्षा बंधन भारतीय संस्कृति से जुड़ा एक हिन्दू त्यौहार हैं. इसे भारत के अलावा नेपाल तथा मारीशस में भी सेलिब्रेट किया जाता हैं. इसे दुसरे शब्दों में भाई बहिन का त्यौहार भी कहा जाता हैं. इस दिन बहिने अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं.

पर्व के मौके पर चहुओर हरियाली का वातावरण होता हैं. लोगों में ख़ुशी और उत्साह के भाव होते हैं. बहिनें कई दिन पूर्व से ही अपने भाई के लिए सुंदर राखियाँ और मिठाइयाँ खरीदती हैं. श्रावण पूर्णिमा के दिन वह भाई का मुहं मीठा कर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं.

महिलाओं तथा बच्चों के लिए यह पर्व ख़ास उत्साह और उमंग का केंद्र होता हैं. बाजारों में खूब जमकर खरीददारी की जाती हैं रिश्तों में प्रगाढ़ता और प्रेम के बंधन का यह पर्व सभी भारतीय समुदायों द्वारा मनाया जाता हैं. लोग बड़ी दूर से एक दूजे को स्नेह से मिलते है.

रक्षा बंधन पर अनुच्छेद, paragraph on raksha bandhan in hindi – 3

राखी का त्यौहार कहे जाने वाले भाई-बहिन का पर्व हैं. किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त में किया जाना अच्छा समझा जाता हैं. ठीक उसी प्रकार रक्षाबंधन में भी बहिन शुभ मुहूर्त में अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं.

अच्छे और मंगल मुहूर्त में राखी बहिन द्वारा राखी बाधने पर भाई की लम्बी आयु तथा सुख सम्रद्धि में बढ़ोतरी होती हैं. वर्ष भर बहुप्रतीक्षित राखी का त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं.

इस दिन का भाई-बहिन बेसब्री से राखी बाँधने और बंधवाने का इन्तजार करते हैं. इस वर्ष राखी का पर्व हिन्दू कैलेंडर की नियत तिथि श्रावण पूर्णिमा के दिन को हैं. इस पर्व के पीछे कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं, भविष्य पुराण के अनुसार यह एक विजय पर्व हैं.

जिनमें देवताओं और असुरों के बिच हुए 12 वर्षो तक के युद्ध में इंद्राणी द्वारा इंद्र को राखी बाँधने पर उनमे खोई हुई पूर्ण शक्ति पुन: प्राप्त हो गईं थी. जिससे असुरों को हराकर अपना खोया हुआ पूर्ण राज्य वापिस पा लिया था.

इस दिन जब बहिन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं तो इसका मतलब धागा या डोरा भर नही होता हैं. मगर यह भाई-बहिन के पावन रिश्ते और प्रेम का प्रतीक होता हैं. वह साधारण सा धागा रक्षा पोटली के रूप में काम करता हैं.

श्रावण माह शिवजी का महिना माना जाता हैं. और इसी महीने रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता हैं. इसलिए इस राखी के त्यौहार का और महत्व बढ़ जाता हैं. यह एक धार्मिक त्यौहार हैं,

जिनकी विविध पौराणिक कथाएँ इसके महत्व को दिखाती हैं, जिनमे माता लक्ष्मी जी द्वारा अपने पति विष्णु के बलि द्वारा छुड़वाने की कथा भी जुड़ी हुई हैं.

इसमे लक्ष्मी बली को राखी का धागा बांधकर उपहार स्वरूप अपने पति को मांग लेती हैं. कहते हैं उस दिन भी श्रावण मास की पूर्णिमा थी.

हमारे इतिहास में जब बच्चों को गुरुकुल में पढने के लिए भेजा जाता था. तो उनका उपाकर्म संस्कार रक्षाबंधन के दिन ही किया जाता था. साथ ही इस दिन से उनकी विद्या आरम्भ की जाती थी.

उपाकर्म संस्कार के दौरान सभी नये शिष्यों को पंचगव्य का पान करवाया जाता था. उनका उपाकर्म संस्कार होने के पश्चात जब वे पहले दिन घर पहुचते हैं. तो उनकी छोटी-बड़ी बहिन दाए हाथ के राखी बांधकर मुह मीठा करवाती हैं.

इस दिन भगवान् सूर्य को जल चढाने के साथ ही सप्त ऋषियों की पूजा की भी की जाती हैं. इस पूजा में दही सत्तू का अर्ध्य दिया जाता हैं, जिन्हें उत्सर्ज भी कहा जाता हैं.

कई दिनों से रक्षाबन्धन के इन्तजार के बाद बहिन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधने से पूर्व अन्न का दाना भी ग्रहण नही करती हैं.

इस दिन प्रत्येक बहिन स्नान कर अगरबती जलाती हैं. तथा अपने भाई के लिए अपने हाथों से मीठे और स्वादिष्ट व्यजंन तैयार करती हैं.

इसके पश्चात एक थाली में फुल, फल, चावल, अगरबत्ती और रोली लेकर शुभ मुहूर्त का इन्तजार करने लगती हैं. अच्छे समय में बहिन अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं,

बदले में भाई आजीवन अपनी बहिन की सुरक्षा और सहायता करने का वचन देता हैं. आज के समय में भाई अपनी बहिनों को बेशकीमती उपहार भी देते हैं.

Leave a Comment