चेहरा, शक्ल पर कोट्स | Quotes On Face In Hindi

चेहरा, शक्ल पर कोट्स | Quotes On Face In Hindi नमस्कार फ्रेड्स आज का आर्टिकल मानव के चेहरे अथवा उनकी शक्ल के विषय पर दिए गये हैं.

विद्वानों ने भोले सुंदर, बनावटी, आकर्षक शक्ल के बारे में क्या कुछ कहा हैं, यहाँ हम कुछ कोट्स उद्धरण इस बारे में ही पढ़ेगे.

चेहरा, शक्ल पर कोट्स | Quotes On Face In Hindi

चेहरा, शक्ल पर कोट्स Quotes On Face In Hindi

Quotes:-Face always cheats

In Hindi:- शक्ल सूरते प्राय धोखा देती है


Quotes:- Even innocent people are hangers.

In Hindi:- भोली शक्ल वाले जल्लाद भी होते है.


Quotes:- A person who constantly smiles at the feet may be a villain.

In Hindi:- अधरों पर निरंतर मुस्कान धारण करने वाला व्यक्ति एक खलनायक भी हो सकता है.


Quotes:- Every bright object is not gold. Goldmeat is found when the gold-plowed tombs are opened.

In Hindi:- प्रत्येक चमकदार वस्तु स्वर्ण नही होती है. स्वर्ण जडित मकबरों को खोलने पर कर्मीकीट मिलते है.


Quotes:- It is useless to believe in the appearance of the face.

In Hindi:- शक्ल सूरतों पर विश्वास करना व्यर्थ है.


Quotes:- Decision about any flower or butterfly by looking at the shape, but not about any man.

In Hindi:- शक्ल देखकर किसी फूल अथवा तितली के बारे में निर्णय करों, परन्तु किसी मनुष्य के बारे में नही.


Quotes:- There are also beautiful people who are never seen.

In Hindi:- कभी दिखने में सुंदर न होने वाले भी होते है.


Quotes:- All things in the world are beautiful, just have to be seen seeing it.

In Hindi:- दुनियां की हर वस्तु सुंदर होती है, बस उसे देखने वाली नजर होनी चाहिए.

शक्ल पर सुविचार

मनुष्य के संपूर्ण व्यक्तित्व की पहचान मात्र शक्ल दर्शन से नहीं की जा सकती है क्योंकि सम्पूर्ण व्यक्तित्व सिर्फ चेहरे पर आधारित नहीं होता है।


मनुष्य की शक्ल वास्तविक सत्य का दर्शन नहीं देती है सिर्फ एक पक्ष दर्शाती है।


मनुष्य के शक्ल की खूबसूरती अच्छी लगती है, आकर्षित करती है, पसंद की जाती है, चाहत में स्थान मिलता है, विशेष महत्व मिलता है लेकिन श्रेष्ठ खूबसूरती सिर्फ दिल की खूबसूरती होती है।


दर्पण में हम जिस शक्ल को देखते हैं वह खूबसूरत ही होता है क्योंकि ईश्वर द्वारा निर्मित कोई शक्ल बुरी नहीं हो सकती है। शक्लों में बातों की विभिन्नता तो मात्र मनुष्य के दृष्टिकोण व दृष्टि को प्रदर्शित करती है।


मनुष्य अगर शक्ल से बहुत खूबसूरत है तो ज़रूरी नहीं वह मनुष्य दिल से भी अच्छा हो क्योंकि शक्ल कभी दिल की सच्चाई पूर्णरूपेण बयां नहीं कर पाती है।


मनुष्य जीवन में शक्ल की अपनी महत्वपूर्णता होती है उस शक्ल की महत्ता को बनाए रखना चाहिए और विपरीत संदर्भ में भी सकारात्मक सोच को अपनाना चाहिए।


मनुष्य की शक्ल कई बार धोखा दे देती है इसलिए सिर्फ शक्ल देखकर किसी पर पूर्ण विश्वास नहीं करना चाहिए।


शक्ल से मनुष्य की हकीकत उजागर नहीं होती है लेकिन शक्ल से मनुष्य के हाव भाव उजागर हो जाते हैं।


मनुष्य की शक्ल विभिन्न विभिन्न किरदार की हकीकत लिए होती है। कोई शरीफ शक्ल का इंसान ज़रूरी नहीं शरीफ हो और ज़रूरी नहीं कि बदमाश दिखने वाला इंसान बुरा ही हो।


मनुष्य की शक्ल अगर मुस्कुराती है तो अच्छा लगता है लेकिन उस मुस्कुराती शक्ल का सत्य उजागर नहीं होता है क्योंकि शक्ल सत्य बयां नहीं करती है।


मनुष्य की खूबसूरत शक्ल मन को भाती है ज़रूरी नहीं कि दिल को भी भा जाए क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना चाँदी नहीं होती है लेकिन भ्रम ज़रूर पैदा करती है।


मनुष्य को किसी पर विश्वास बहुत सोच समझ कर करना चाहिए क्योंकि शक्ल देख कर विश्वास करना मुसीबतों को न्योता देना हो सकता है और विश्वास कई बार टूट जाता है।


किसी मनुष्य के बारे में जानना है तो सिर्फ शक्ल देख कर किसी निर्णय पर नहीं पहुँचना चाहिए क्योंकि शक्ल देखकर पशु पक्षियों के बारे में जाना समझा जा सकता है लेकिन इंसानों की शक्ल सही रूप प्रदर्शित नहीं करती है, जिस पर भरोसा करके सही निर्णय नहीं लिया जा सकता है।


ज़रूरी नहीं चेहरे की खूबसूरती महत्वपूर्ण हो इंसान के व्यवहार की खूबसूरती, उसके दृष्टिकोण, दृष्टि, विचारों व  सोच की खूबसूरती महान होती है।


मनुष्य को सम्मान उसकी शक्ल देखकर नहीं बल्कि उसकी सोच, उसके व्यवहार, उसके दृष्टिकोण, उसके व्यक्तित्व को देखकर करना चाहिए। किसी मनुष्य की दयालुता का व्यवहारिक रूप उसे सम्मानीय बना देता है।


मनुष्य का आदर नाम, शोहरत, पैसा, शक्ल देखकर नहीं बल्कि उसका अच्छा व्यवहार, अच्छे विचार, अच्छे कर्म, अच्छी सोच, अच्छे दिल स्वरूप करना चाहिए।


मनुष्य की नीयत का पता नहीं चलता है लेकिन मनुष्य की शक्ल पर उभरे हाव-भाव उसके मस्तिष्क की सोच को उजाकर कर देते हैं जिन्हें वो छिपा नहीं पाता है।


मनुष्य की हंसी चेहरे की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है। हंसता हुआ चेहरा हसीन होता है जिसे देखकर अच्छा महसूस होता है।


प्राकृतिक वातावरण की अनुभूति शक्ल को आनंद प्रदान करती है। सुबह ठंडी हवा का झोंका चेहरे पर पड़ना स्वास्थ्यवर्धक होता है।


मनुष्य का मुस्कुराता हुआ चेहरा उसकी असली खूबसूरती होती है, जिसे वह आईने में देखता है।


मनुष्य को अपने आंतरिक मन की खूबसूरती बनाए रखनी चाहिए क्योंकि अंतर्मन से ही बाहरी रूप लक्षित होते हैं। अगर मनुष्य मन से खुश होगा तो उसकी कांति चेहरे पर भी नज़र आयेगी।


मनुष्य को चेहरे की रौनक बनाए रखने के लिए अपने दिल का भी ख्याल रखना चाहिए। आईने में अपने चेहरे की खूबसूरती देखते हैं तो वैसे ही अच्छे कर्म से अपने मन को भी खूबसूरत बनाना चाहिए।


मनुष्य की खुशी कई बार अपने माता-पिता और अपनों के चेहरे पर मुस्कान देखकर होती है व सुकून भी पहुँचाती है।


इन्सान अपनी खूबसूरती को स्वयं महसूस करे तो चेहरे की खूबसूरती निखरती है।


मनुष्य की महानता किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने से दर्शित होती है, जो सुकर्म है।


अगर किसी को देखकर चेहरे में मुस्कुराहट आती है तो वह व्यक्ति विशेष महत्व रखता है या उस व्यक्ति को मुस्कुराते चेहरे अच्छे लगते हो।


दोमुखी चेहरों पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है। जो सामने कुछ और भाव दिखाते हैं और पीठ पीछे कुछ और होते हैं।


किसी की खूबसूरती उसकी शक्ल से ज्यादा उसके अंतर्मन में प्रदर्शित होती है।


प्यार बयां करने के लिए ज़रूरी नहीं शब्दों का सहारा लिया जाए किसी को चेहरे से भी प्यार हो जाता है।


अगर किसी मनुष्य की शक्ल को देखकर ईश्वर की याद आती है तो वह मनुष्य अच्छा होगा।


मनुष्य की असलियत चेहरे से पता नहीं चलती है बल्कि मनुष्य की असलियत वक्त के साथ उजागर हो जाती है।


हर पड़ाव का दौर मनुष्य के चेहरे पर दिख ही जाता है जो मनुष्य पर निर्भर करता है वह कैसे उसका ख्याल रखता है।


एक माँ के चेहरे की खुशी अपने बच्चों के चेहरे पर खुशी देकर प्रफुल्लित हो जाती है।


ईश्वर द्वारा सभी इंसानों को खूबसूरत चेहरा तोहफे के रूप में मिला है लेकिन मनुष्य उस चेहरे को दूसरे रूप में ढाल लेता है।


हंसना वो व्यायाम है जो चेहरे के लिए बहुत अच्छा होता है।


मनुष्य को जीवन की चुनौतियों को सिर्फ शक्ल नहीं दिखाना होता बल्कि सामना करना होता है अपनी नईया पार करनी होती है।


चेहरा हृदय का दर्पण समान होता है।


बुरी आदतों, बुरे कर्म, बुरे व्यवहार का नतीजा जब सामने आता है तो जीवन में सबका वास्तविक चेहरा दिखाई पड़ता है।


मनुष्य को दूसरे के चेहरे की धूल हटाने से पहले अपने चेहरे की धूल हटानी चाहिए।


मनुष्य की हिम्मत गिरने पर नहीं दिखती है बल्कि मनुष्य की हिम्मत चेहरे के बल गिर कर पुनः उठने में दर्शित होती है।


शक्ल की हकीकत जो होती है वही रहती है न कि जो मनुष्य बनाना चाहता है या जो चेहरे की हकीकत थी वो दर्शनीय होती है।


मनुष्य में इतनी क्षमता होनी चाहिए कि अपने जीवन की परेशानियों के असली चेहरे को देख सके व सामना कर सके।


मनुष्य के सच का चेहरा जब सामने आता है तब सभी तर्क धरे के धरे रह जाते हैं।


झूठ पर हंसने से, अपने चेहरे को खुशी देने से बेहतर है सच का सामना कर, सच अपनाकर, जीवन खुशहाल बना कर अपने चेहरे को खुशी देना।


मनुष्य के जब शब्द नहीं बोलते तब उसका चेहरा बोलता है।


समय के साथ-साथ लोगों का वास्तविक चेहरा सबके सामने आ जाता है जो ज्यादा दिन तक छुपाया नहीं जा सकता है।


किसी से बात करते वक्त चेहरे से चेहरे को देख कर बात करनी चाहिए, आँखों से आँखें मिला कर बात करनी चाहिए जो आत्मविश्वास को प्रदर्शित करती है।


मनुष्य को इतना भी अंधा नहीं होना चाहिए कि झूठ और सच का वास्तविक चेहरा ना देख पाए।


जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सच्चाई और अच्छाई के वास्तविक चेहरे का सामना करना पड़ता है।


मनुष्य अगर जीवन के वास्तविक चेहरे को जान समझ कर सामना करता है तो अनेक परेशानियों का सामना करने की क्षमता प्राप्त कर लेता है।


मनुष्य के क्रोधित चेहरे से ज्यादा प्रिय होते हैं मनुष्य का मुस्कुराता हुआ चेहरा।


जीवन में स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने से उसका असर चेहरे पर पड़ता है।

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