स्वतंत्रता का अधिकार (Right To Freedom In Hindi) : भारत का संविधान अपने नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार देता है, इनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं. स्वतंत्रता का अधिकार इसकें बिना अन्य अधिकारों का उपयोग संभव नहीं हैं.
इस अधिकार के तहत नागरिकों को अपने विचारों को अभिव्यक्त करने, आवाजाही की आजादी दी गई हैं. संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिले इन अधिकारों को राष्ट्रीय एकता तथा प्रभुसत्ता पर खतरे के समय सिमित किया जा सकता हैं. यहाँ हम right to freedom को विस्तार से जानेगे.
स्वतंत्रता का अधिकार | Right To Freedom In Hindi
भारतीय संविधान में व्यक्ति को 6 बुनियादी स्वतन्त्रताए भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शस्त्र रहित शांति पूर्वक सम्मेलन करने की स्वतंत्रता, भारत राज्य में अबाध भ्रमण व निवास की स्वतंत्रता एवं व्यापार व कारोबार की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं.
What Is Meaning Of Right To Freedom In Hindi
विचार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (क): भारत के अभी नागरिकों को विचार अभिव्यक्त करने, भाषण देने तथा अन्य व्यक्तियों के विचारों का प्रसार करने की स्वतंत्रता हैं. इसमें प्रेस की स्वतंत्रता भी सम्मिलित हैं. किन्तु इस अधिकार का दुरूपयोग रोकने के लिए प्रतिबंध भी लगाए गये हैं.
इस स्वतंत्रता पर भारत की प्रभुता व अखंडता के पक्ष में राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों के हित में, लोक व्यवस्था , शिष्टाचार या सदाचार के हित में, न्यायालय अवमानना, मानहानि, अपराध के लिए उत्तेजित करना आदि के सम्बन्ध में उचित निर्बंध लगाए जा सकते हैं.
अस्त्र शस्त्र रहित शांतिपूर्ण सम्मेलन की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1) ख: इसके तहत सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण व बिना अस्त्र शस्त्र के सभा व सम्मेलन करने का अधिकार दिया गया हैं. इस अधिकार को भी राज्य हित या सार्वजनिक सुरक्षा में सिमित किया जा सकता हैं.
संघ व समुदाय निर्माण की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1) ग: इसके अनुसार नागरिक मिलकर अपना समुदाय या संघ बना सकते हैं. किन्तु राज्य हित में इसे भी प्रतिबंधित किया जा सकता हैं.
सर्वत्र आने जाने व निवास करने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1) घ: इसके अनुसार भारत के राज्य क्षेत्र में अबाध रूप से आने जाने का अधिकार दिया गया हैं.
निवास की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1) ड : इस अनुच्छेद के अनुसार भारत के राज्य क्षेत्र में अबाध रूप से आने जाने का अधिकार दिया गया हैं.
वृत्ति या व्यापार की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 (1) छः : इस अनुच्छेद द्वारा सभी नागरिकों को वृत्ति, आजीविका, व्यापार तथा व्यवसाय करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं.
किन्तु जनहित में नशीली व खतरनाक चीजों के व्यापार करने तथा अन्य ऐसे कार्य करना जो राज्य हित में न हो को निषेध किया जा सकता हैं. इसके अलावा अनुच्छेद 20, 21, 22 द्वारा व्यक्तिगत मौलिक स्वतंत्रताओं की व्यवस्था की गई हैं.
अपराधों के लिए दोष सिद्धिके विषय में संरक्षण अनुच्छेद 20: इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी व्यक्ति को उस समय तक अपराधी नहीं ठहराया जा सकता हैं.
– जब तक कि उसने अपराध के समय लागू किसी कानून का उल्लंघन न किया हो.
– किसी व्यक्ति को एक अपराध के लिए एक बार से अधिक दंडित नहीं किया जा सकता.
– किसी व्यक्ति को अपराध करने के समय निर्धारित सजा से अधिक सजा भी नहीं दी जा सकती हैं.
व्यक्ति व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण अनुच्छेद 21: इसके अनुसार किसी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को छोड़कर अन्य किसी प्रकार से वंचित नहीं किया जा सकता.
44 वें संविधान संशोधन 1979 द्वारा इस अधिकार को और अधिकार को और अधिक प्रभावशाली बना दिया गया हैं. अब आपातकाल में भी जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकारों को सिमित नहीं किया जा सकता.
बंदीकरण में संरक्षण- अनुच्छेद 22 के तहत बंदी व्यक्तियों को कुछ अधिकार दिए गये हैं.
- उसे बंदी बनाने का कारण जानने का अधिकार हैं.
- उसे इच्छानुसार स्वयं के लिए कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार दिया गया हैं.
- 24 घंटे के अंदर बंदी को न्यायधीश के सम्मुख पेश किया जाना आवश्यक हैं. ये अधिकार शत्रु देश के निवासियों एवं निवारक नजरबंदी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किये गये अपराधियों पर लागू नहीं होंगे.
स्वतंत्रता का अधिकार किसे कहते हैं?
हमारे भारत देश के संविधान के द्वारा भारतीय नागरिक को स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त हुआ है, जो कि मौलिक अधिकारों में से एक है। इसलिए भारतीय लोगों को यह समझना बहुत ही जरूरी है कि आखिर स्वतंत्रता का अधिकार क्या है और स्वतंत्रता के अधिकार में क्या क्या शामिल है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत देश के निवासियों को दूसरी बातों के साथ ही साथ सम्मान पूर्व जिंदगी जीने की गारंटी स्वतंत्रता के अधिकार के तहत प्राप्त हुई है और यह सभी अधिकार हमारे भारत देश के संविधान के अनुच्छेद 19, 20, 21A और 22 में दिया गया है।
देखा जाए तो मुख्य तौर पर 6 मूलभूत स्वतंत्रता के अधिकार हैं जो नीचे बताए अनुसार हैं।
1: भाषण और अभिव्यक्ति का अधिकार
2: सभा का अधिकार
3: संगठन का अधिकार
4: भ्रमण का अधिकार
5: निवास स्थान का अधिकार
6: व्यापार या कारोबार करने का अधिकार
स्वतंत्रता के अधिकार के तहत कौन कौन से अधिकार मिलते हैं?
मूल अधिकारों में हमारे भारतीय संविधान में स्वतंत्रता के अधिकार को शामिल किया गया है और इसकी 19,20,21 तथा 22 नंबर की धाराएं भारतीय लोगों को बोलने की और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत तकरीबन 6 स्वतंत्रता देती है,
जिसमें भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी शामिल है, जो कि भारतीय संविधान में धारा 19(क) में शामिल है। नीचे आपको यह बताया गया है कि स्वतंत्रता के अधिकार के तहत कौन से अधिकार हमें प्राप्त होते हैं।
भारतीय संविधान के 19(क) धारा के अंतर्गत व्यक्ति को बोलने की और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है। इसके तहत वह सम्मान पूर्वक भाषा में अपनी बात को लोगों के सामने रख सकता है।
भारतीय संविधान के 19(ख) धारा के अंतर्गत व्यक्ति को शांतिपूर्ण और निराययुद्ध सम्मेलन करने की भी स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। भारतीय संविधान की धारा 19(ग) के अंतर्गत व्यक्ति को यह अधिकार प्राप्त है कि वह सहकारी समिति बना सके अथवा सहकारी संघ या फिर संगम बना सकें।
संविधान की धारा 19(घ) के अंतर्गत भारतीय व्यक्ति को भारत के किसी भी राज्य में आने जाने की स्वतंत्रता है। संविधान के अनुच्छेद (ड) के अंतर्गत भारतीय नागरिक को भारत के किसी भी राज्य में जाकर के बसने की भी आजादी है। इसके लिए उसे कोई भी रोक नहीं सकता।
संविधान के अनुच्छेद 19(छ) के अंतर्गत भारतीय व्यक्ति को भारत में किसी भी राज्य में जा करके अपना लीगल बिजनेस चालू करने की स्वतंत्रता है। वह चाहे तो दुकान खोल सकता है या फिर नौकरी भी कर सकता है।
स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होने पर क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति को यह लगता है कि संविधान के अंतर्गत उसे स्वतंत्रता के जो भी अधिकार प्राप्त हुए हैं, उसका उल्लंघन किया जा रहा है अथवा कोई उसे प्राप्त हुए अधिकारों का पालन नहीं करने दे रहा है तो वह अपने नजदीकी पुलिस थाने में इसकी एफआईआर दर्ज करवा सकता है
और अगर पुलिस भी किसी के दबाव में कार्यवाही नहीं कर रही है तो वह पुलिस के उच्च अधिकारियों से अपनी शिकायत लिखित तौर पर दे सकता है या फिर वह अपने जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को भी इस बारे में अवगत करा सकता है।
अगर आरोप सही पाया जाता है तो दूसरे व्यक्ति पर गंभीर से गंभीर कार्रवाई की जाएगी और कोर्ट के द्वारा आरोप सही पाए जाने पर दोषी व्यक्ति को 1 से 2 साल की सजा भी सुनाई जा सकती है, साथ ही उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
FAQ:
Q: स्वतंत्रता के अधिकार कितने हैं?
Q: संविधान का अनुच्छेद 19 क्या कहता है?
Q: भारत के 6 मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं?
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उम्मीद करता हूँ फ्रेड्स आपकों Right To Freedom In Hindi का यह लेख अच्छा लगा होगा. यहाँ हमने स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में आपकों जानकारी दी हैं. पसंद आई हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ शेयर करे.