Swachata Abhiyan In Hindi Essay For Students स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध

Swachata Abhiyan In Hindi Essay: समस्त भारत में 2 अक्टूबर 2014 से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान, क्लीन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान देश का सामाजिक आंदोलन हैं, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा बापू की 145 वीं जयंती पर आरम्भ किया गया था,

वर्ष 2019 को 2 अक्टूबर के दिन गांधीजी की 150 वीं जयंती पर स्वच्छ भारत के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि देने का संकल्प किया गया हैं. स्वच्छता अभियान विश्व का सबसे अधिक जन भागीदारी वाला आंदोलन बन चूका हैं,

जिसमें बड़े से बड़े व्यक्ति से निम्न वर्ग का व्यक्ति भी जुड़ पाया हैं. स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए इसी तरह सभी देशवासियों के प्रत्यक्ष सहयोग एवं समर्थन का महत्वपूर्ण योगदान हैं. 

essay on swachata in hindi–  स्वच्छता अभियान पर निबंध में हम स्टूडेंट्स के लिए छोटा बड़ा निबंध एस्से स्पीच यहाँ लेकर आये हैं.

 स्वच्छता अभियान निबंध Swachata Abhiyan In Hindi Essay

essays on Swachh Bharat Abhiyan in easy Hindi language Swachh Bharat Abhiyan in Hindi. Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi: स्वच्छता आज भारत का अहम तत्कालिक मुद्दा हैं.

बच्चों को हिंदी में स्वच्छता अभियान पर छोटा बड़ा निबंध एस्से लिखने को कहा जाता हैं. यहाँ आज हम आपके लिए स्वच्छता एस्से कक्षा 1,2, 3,4,5,6,7,8,10 के स्टूडेंट्स के लिए 10 लाइन, 100,200,250,300,400,500 और 1000 शब्दों में स्वच्छ भारत अभियान का निबंध यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 100 Words

स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाया गया भारत सरकार का एक सफाई अभियान हैं. यह एक महत्वपूर्ण विषय हैं और बच्चों और छात्रों को इसकी जानकारी होना अति आवश्यक हैं.

यह एक जनरल नॉलेज के विषय की तरह अब आवश्यक बन चूका हैं. क्लीन इंडिया मिशन पर स्टूडेंट्स को शोर्ट & बड़ा निबंध लिखने को कहा जाता हैं.

स्वच्छता अभियान राजनीति से मुक्त अभियान हैं. और जो देशभक्ति से प्रेरित हैं. प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य हैं कि भारत को स्वच्छ देश बनाने के लिए मोदीजी के इस अभियान में अपनी भूमिका अदा करे.

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने समय में नारों द्वारा लोगों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित किया था.

मगर लोगों की कम रूचि के चलते वे अपने लक्ष्य में कामयाब नही हो पाए थे. मगर वर्तमान समय में शिक्षक छात्र तथा आम आदमी हर्ष एवं उल्लास के साथ इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

भारत में गंदगी बहुत अफ्हिक हैं. ये यहाँ के लोगों की मानसिकता बनी हुई हैं, कि अकेले व्यक्ति के करने से क्या होगा. भारत में खुले में शौच, गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का प्रबंध ना होना तथा सफाई के लीये कड़े कानूनों का प्रावधान न होने की वजह से भारत में स्वच्छता अभियान की आवश्यकता हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 150 Words

स्वच्छ भारत मेरे सपनों का भारत

भारत के महान व्यक्ति महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं. गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक मुद्दों के कारण भारत अभी भी विकासशील देश हैं. हमे समाज से सभी बुरी बातों को खत्म करने की आवश्यकता हैं, जिससे हमारे देश के विकास में रुकावट न हो.

और मुझे लगता हैं कि स्वच्छता अभियान समाज को सामाजिक मुद्दों को दूर करने के साथ साथ अपने नागरिकों के व्यक्तित्व विकास व देश के विकास को बढ़ावा देने की सर्वोत्तम शुरुआत हैं.

केवल स्वच्छता अभियान की सफलता से भारत में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता हैं. यह आंतरिक और बाहरी विकास से सम्बन्धित हैं.

जो हमें स्वच्छ खुश और स्वस्थ नागरिकों द्वारा स्वस्थ व विकसित राष्ट्र का जन्म होता हैं. स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में महात्मा गाँधी की 145 वीं जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर शुरू किया था.

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय ग्रामीण लोगों की कमजोरी के बारे में महात्मा गांधी अच्छी तरह जानते थे, उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने का सपना देखा था.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 200 Words

प्रस्तावना- मन में जो स्थान पवित्रता का हैं, तन में वही स्वच्छता का हैं. मन आंतरिक मनोभावों और विचारों का तथा बाह्य सांसारिक वातावरण का सूचक हैं. जीवन में हम अनेक वस्तुओं का प्रयोग करते हैं.

उनका अपशिष्ट हमारे आस-पास को अस्वच्छ बनाता हैं. इस अस्वच्छता को दूर करने के लिए हमें व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करने होते हैं.

भारत में स्वच्छता– अस्वच्छता भारत की एक विकट समस्या हैं हमारी संस्कृति मन की पवित्रता पर जितना जोर दिया गया हैं. हमारी संस्कृति में मन की पवित्रता पर जितना जोर दिया गया हैं.

जितना जोर बाह्य परिवेश की स्वच्छता पर नही रहा हैं. परिणामस्वरूप भारतीय लोग अस्वच्छता से इतने चिंतित दिखाई नही देते हैं. अस्वच्छता ग्रामीण तथा शहरी दोनों ही स्थानों पर दिखाई देती हैं.

अस्वच्छ गाँव और शहर– गाँव अस्वच्छ हैं जहाँ पक्की गलियों, नालियों के अभाव में ही कूड़े के निस्तारण के प्रबंध की समस्या हैं. गाँवों में इस अस्वच्छता के दुष्प्रभाव से कुछ मुक्ति इस कारण मिल जाती हैं कि वहां प्रकृति स्वयं स्वच्छकरण का कर्तव्य निभाती हैं. नगरों में ज्यादा आबादी होने से हर दिन भारी मात्रा में कूड़ा निकलता हैं.

गली मुहल्लों से लेकर सडकों तक झाड पौछ करना और कचरा उठाना, उसको ड्लाबघर तक पहुचाना, उसके निष्पादन की व्यवस्था करना, गंदे पानी को नालियों नालों से होकर जाने और उनकों स्वच्छ बनाकर सिंचाई के काम लाने की व्यवस्था करना आदि कारू नगरपालिका आदि सार्वजनिक संस्थाएं करती हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 250 Words

गांवों में शौचालय की घरों में व्यवस्था नही होने से परेशानी तो होती ही हैं. किन्तु खुले में शौच जाने से होने वाली अस्वच्छता उतनी भयावह नही होती हैं. जितनी शहरों में होती हैं.

शहरों में जिन घरों में शौचालयों की व्यवस्था नही हैं. वहां के निवासियों को सड़कों, रेलवे लाइनों तथा खाली पड़े मैदानों, नाले नालियों के किनारे शौच करते देखा जा सकता हैं. धन के अभाव में सभी के लिए सीवर की व्यवस्था करना संभव नही हो पा रहा हैं.

अस्वच्छता और अस्वास्थ्य– अस्वस्थता का अस्वास्थ्य से गहरा रिश्ता हैं. स्वच्छता की कमी से लोगों में तरह तरह के रोग होने लगते हैं. संसार के अनेक देशों में शिशु और मातृ मृत्यु दर बहुत ज्यादा हैं.

भारत भी उनमे से एक हैं. इसको घटाने के प्रयास हो रहे हैं. नई दिल्ली में इस विषय पर वैश्विक सम्मेलन हुआ था, भारत में 1990 में पांच साल से कम आयु के एक हजार में से 126 शिशुओं की मृत्यु हो जाती हैं. वर्ष 2013 में भारत की इस संख्या को घटाकर 49 तक लाने में सफलता मिली हैं.

इस बिच शिशु मृत्यु दर सालाना 6.6 प्रतिशत घटी हैं. प्रसव के समय मरने वाली महिलाओं की संख्या जो 1990 में 560 प्रति हजार थी वह अब घटकर 67 रह गई हैं. अभी भी भारत में अस्वच्छता से होने वाले अनेक रोगों को रोकना अब भी एक बड़ी समस्या हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध– भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वच्छता अभियान चलाकर देश के नागरिकों को इससे जुड़ने का आव्हान किया हैं.

स्वच्छता की जिम्मेदारी सरकारी संस्थाओं की ही नही, प्रत्येक नागरिक की भी हैं. हमारे आस-पास जो गंदगी फैली दिखाई देती हैं इसका कारण हमारी आदते भी हैं. हम चाहे जहाँ कूड़ा फैकते हैं. और गंदगी फैलाते हैं.

खाते खाते केलों के छिलके सडकों को फेकना हमारी आदत हैं. मैंने एक विदेशी को देखा जो केले खाते हुए पैदल चल रहा था. और छिलके अपने कंधे पर लटके थैले में डाल रहा था. अपने आस-पास की सफाई करना अन्य देशों में बुरा नही माना जाता हैं.

महात्मा गांधी अपने आश्रम में शौचालय को भी साफ़ करना बुरा नही मानते थे. महान कहानीकार मुंशी प्रेमचन्द सवेरे घर की झाड़ू स्वयं लगाते थे.

भारत में चलने वाले स्वच्छता अभियान का लक्ष्य लोगों में यही भावना पैदा करना हैं. कि वे अपने घरों और आस-पास की सफाई करने की आदत डाले, ऐसा करने से हम अपने तथा अपने बच्चों के स्वास्थ्य के हित में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगे.

उपसंहार- उत्तम स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता आवश्यक हैं. अपने स्कूल, घर, दफ्तर, कारखाने आदि को स्वयं साफ करने का आदत हमें स्वच्छता के विषय में आत्म निर्भर बनाएगी.

इससे हमारे परिवेश में जो परिवर्तन होगा. हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकारी होगा. यदपि कठोर दंड व्यवस्था द्वारा भी अस्वच्छता को रोका जा सकता हैं किन्तु स्वच्छता की आदत बनाना एक उत्तम उपाय हैं.

स्वच्छता अभियान पर निबंध

स्वच्छता हर किसी के लिए जरुरी हैं स्वच्छता पर निबंध, स्वच्छता अभियान निबंध एस्से इन हिंदी, स्वच्छता मिशन भाषण, स्वच्छता अभियान पर निबंध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के छात्रों, स्टूडेंट्स, बच्चों व शिक्षकों के लिए दिया गया हैं. 

स्वच्छता अभियान पर निबंध को 100, 200, 250, 300, 350, 400, 500 शब्दों में बाटा गया हैं. Swachh Bharat Abhiyan Essay in hindi giving Blow.

स्वच्छता अभियान निबंध 1

खुले में शोच की प्रवृति देश को अस्वस्थ बना रही हैं और आज भी देश इस बुराई से लड़ रहा हैं. जब तक खुले में शोच की प्रवर्ती समाप्त नही होगी स्वच्छ भारत अभियान  के हर प्रयास अधूरे रहेगे.

खुले में शौच के अलावा, देश में स्वच्छता के लिए अन्य गंभीर चुनौती कचरे का निस्तारण हैं. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और यूनिसेफ की एक सयुक्त रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत हर रोज 18 अरब लीटर और 40 लाख किवटल ठोस अपशिष्ट पैदा करता हैं. 

नेशनल इनवायरमेंट इंजिनयरिंग रिसर्च इनस्टटयूट नागपुर के अनुसार देश में हर साल 44 लाख टन खतरनाक कचरा निकल रहा हैं.

इस कचरे में से आधा कागज लकड़ी, कागज या पुट्टा होता हैं. जबकि 22 प्रतिशत अन्य घरेलू कबाड़ या कचरा होता हैं. कचरे के निपटान पुरे देश के लिए समस्या बनता जा रहा हैं.

राजधानी दिल्ली में 1950 से लेकर आज तक 12 बड़े कचरे के ढेर बनाए जा चुके हैं. जो कि सात मंजिल से अधिक ऊँचे हैं, मुंबई का सबसे बड़ा कचरा संग्रह 110 हैक्टर में फैला, देवनार कचरा स्थल हैं. यहाँ पर 92 लाख टन कचरे का ढेर लगा हुआ.

कचरा जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ हैं. कचरे से रिस कर जहरीला रसायन, भूमि, हवा तथा जल को दूषित कर रहा हैं. और इसके पास रहने वाली अनेक गंभीर आबादी अनेक गम्भीर बीमारियों जैसे मलेरिया, टीबी दमा तथा चर्म रोग से ग्रसित हैं.

मुंबई के देवनार इलाके में बसी बस्तियाँ में प्रत्येक एक हजार बच्चों में 60 बच्चे लेते ही मर जाते हैं, जबकि बाकी मुंबई में यह औसत 30 बच्चे प्रति हजार हैं.

आज के बढ़ते शहरीकरण के अलावा भारत जैसे विकासशील देशो में कचरा प्रबन्धन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया हैं. राजधानी दिल्ली का 57 प्रतिशत कचरा यमुना में बहा दिया जाता हैं.

जो कि पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक हैं. हमारा कचरा निस्तारण बहुत पुराना हैं. अक्सर कचरा उसे समझा जाता हैं, जो बेकार हो चूका होता हैं.

लेकिन सही और सुनियोजित तरीके से कचरा प्रबन्धन का आशय, कचरे में से उपयोगी तत्वों को सुरक्षित रखा जाना उन्हें पुन: प्रयोग में लाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास हैं.

कचरे का प्रबन्धन और निस्तारण एक गंभीर समस्या के चिन्तन हेतु 7 से 9 सितम्बर 2015 को एंटवर्प (बेलिजियम) में UNEP द्वारा वैश्विक अपशिष्ट प्रबन्धन द्रष्टिकोण रिपोर्ट जारी की गईं. सयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और अंतरराष्ट्रीय ठोस अपशिष्ट संघ (ISWA) द्वारा जारी की इस रिपोर्ट में कचरा प्रबन्धन पर जागरूकता पैदा करना हैं.

वैश्विक आधार पर कचरा प्रबन्धन के लिए यह प्रथम रिपोर्ट हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में डंपिंग स्थलों ( कचरा डालने की जगह) में से एक बन गया हैं. विश्व के प्रमुख 50 डंपिंग स्थलों में 3 स्थल भारत में स्थित हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 2

अगर हम स्वच्छ भारत अभियान में कचरे का सही ढंग से प्रबन्धन करे तो पर्यावरण की सुरक्षा होगी ही तथा हम सतत विकास की ओर बढ़ेगे. उदहारण के लिए अगर कचरे को सही तरह से एकत्रित किया जाए.

और उनको पुन: चक्रित किया जाए तो तो हमे कच्चे पदार्थ मिल जाएगे. जिससे धातुओ को पाने के लिए खदानों का भार कम होगा, कागज के लिए जंगल कम कटेगे. कागज को पुन: चक्रित कर कम से कम उतने पेड़ो को काटे जाने से रोका जा सकता हैं.

कचरा निस्तारण में घरो से निकले जैविक खाध्य पदार्थो का उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए. मीथेन गैस उर्जा का उत्तम स्त्रोत हैं. जो जैव खाद और मिटटी की उर्वरकता बढाने में मददगार हैं.

कचरा प्रबन्धन से प्राकृतिक संसाधनो पर हमारी निर्भरता को कुछ हद तक कम किया जा सकता हैं. क्युकि कचरा प्रबन्धन के उपयोग तथा उनके पुन: उपयोग से एक चक्र बनता हैं.

जो प्राकृतिक संसाधनो के दोहन को रोकने में महती भूमिका निभाता हैं. एक शोध के अनुसार एक टन ठोस कचरे से 55 घन मीटर गैस पैदा होती हैं और 12 हजार घन मीटर गैस से एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होता हैं. कचरा प्रबन्धन का एक उत्कृष्ट उदाहरन राजस्थान के मध्यप्रदेश की सीमा से सटे प्रतापगढ़ जिले का हैं.

यहाँ एक कचरा वाहन शुरू किया गया हैं. जो कसबे के प्रत्येक घर से कचरा एकत्रित करने के लिए दिन के अलग-अलग समय में शहर के विभिन्न क्षेत्रो में घुमता हैं.इस कार्य का प्रबंध स्वयसेवी संगठन स्रजन द्वारा किया जाता जाता हैं.

कचरे को एकत्रित करते समय ही इस बात की सावधानी रखी जाती हैं कि निस्तारित करने वाला गीला अवशिष्ट जैसे अलग स्थान पर और पुन चक्रित करने योग्य सूखे कचरे को अलग स्थान पर एकत्रित किया जाता हैं.

नागरिको को इस सम्बन्ध में जागरूक किया गया और कचरे को घर में ही अलग-अलग श्रेणियों में एकत्रित किया जाता हैं. इससे व्यापक स्तर पर कचरे को अलग करने की लागत बच जाती हैं. गीले कचरे से जैविक खाद बनाई जाती हैं.

तथा पुरे कार्य में नगर परिषद की स्रजन का सहयोग कर रही हैं. इसलिए इस जैविक खाद को नीलाम किया जाता हैं जिससे परिषद को अतिरिक्त आय होती हैं. इस प्रणाली को अपनाने के बाद शहर से गंदगी जनित रोग कम फैले हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 3

कचरा प्रबन्धन की दिशा में आंध्रप्रदेश की बाब्बिब्ली नगरपालिका के प्रयास सराहनीय हैं यहाँ घर से दो प्रकार का कूड़ा अलग-अलग एकत्रित किया जाता हैं.

रसोई से निकले गीले कूड़े को एक पार्क में निर्धारित स्थान पर पशूओ के खाने के लिए रख दिया हैं, बतख, मछली, सूअर आदि अपशिष्ट तथा कुत्तो द्वारा मॉस खा लिया जाता हैं.

शेष को खाद बनाकर बेच दिया जाता हैं, जहाँ उन्हें पुन: चक्रित कर दिया जाता हैं. जो कूड़ा पुन: चक्रित या खाद में परिवर्तित नही किया जाता उसे लैंडफिल में डाल दिया जाता हैं. या फिर जलाकर इसे बिजली प्राप्त कर दी जाती हैं.

आंध्र प्रदेश की ही सूर्यापेट नगरपालिका एक कदम आगे हैं. यहाँ किराणा दुकानों मिट विक्रेताओ को थैला लाने पर एक से पांच रूपये की छुट दी जाती हैं. इन शहरों की सड़के आज भी साफ़ हैं.

कचरा प्रबन्धन के चलते मैसूर भारत का सबसे स्वच्छ शहर हैं. मैसूर की स्वच्छता का सम्पूर्ण दायित्व वहां स्थानीय लोग उठाते हैं. पूर्वी मैसूर के कुंबर केप्प्ल में नागरिक कार्यकर्ता जिरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की देखरेख करते हैं. चार घंटो तक वे पांच हजार घरो से अलग-अलग कचरा जमा करते हैं, जिसमे गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग जमा किया जाता हैं.

और उस कचरे को वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता हैं. 45 दिनों के प्रशोधन के बाद खाद में बदल दिया जाता हैं. जिसे किसान ले जाते हैं. वही सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक और ग्लास आदि को जमा कर बेच दिया जाता हैं. मैसूर के नौ में से एक प्लांट की स्थापना मैसूर नगर निगम द्वारा की गई.

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के विकेंद्रीकरण से न केवल केन्द्रीय सयंत्र का भार कम होता हैं. यहाँ एक वार्ड में 30 नागरिक कार्यकर्ताओ को कचरा जमा करने से लेकर संसाधित करने का दायित्व दिया जाता हैं.

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एक वार्ड से 25 हजार रूपये प्रतिमाह की आय होती हैं. जिससे क्षमता संवर्द्धन और जागरूकता कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता हैं.

उपर्युक्त उदाहरनो से स्पष्ट हो जाता हैं कि कचरा प्रबन्धन से कचरे को संसाधन में परिवर्तित किया जा सकता हैं. वही अपने मोहल्ले क्षेत्र, गाँव राज्य और देश को स्वच्छ बनाया जा सकता हैं.

इस दिशा में हमारे प्रमुख मंत्रालय नए कानून और नियम बनाने की प्रक्रिया में हैं. कचरा प्रबन्धन के साथ ही हमे कम कचरा पैदा करने का प्रयास किया जाना चाहिए.

‘स्वच्छता बनाए रखने के लिए अनेकानेक प्रयास करने की आवश्यकता हैं हैं इसके साथ ही हमे यह जानना चाहिए कि भारत में स्वच्छता को जीवन मानने की अलख किसने जगाई थी. क्या आप जानते हैं वौ कौन हैं ? वो देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ही हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 4 (स्वच्छता का महत्व )

एक बार एक अंग्रेज में महात्मा गांधी से पूछा, यदि आपकों एक दिन के लिए भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो आप क्या करेगे? गाँधीजी ने कहा- राजभवन के पास जो गंदी बसती हैं मै उसे साफ़ करुगा. अंग्रेज ने फिर कहा, मान लीजिए फिर आपकों उस पद पर रहने दिया जाए तो, गांधी ने फिर कहा दुसरे दिन भी वही करुगा.

सत्य के अन्वेषक के रूप में , गांधीजी ने बहुत सतर्क जीवन शैली अपनाई और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की. गांधीजी ने अनुभव किया कि सफाई का राष्ट्र निर्माण में अपरिहार्य स्थान हैं. और कहा’ स्वच्छता का स्थान ईश्वर के करीब हैं’

सार्वजनिक स्वच्छता के प्रति शहर के लोगों के बेरुखी भरे रेवैयेपर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा ‘ यह सोच सुविधाजनक हैं नही हैं कि लोग बम्बई की सड़को पर निरंतर इस खौफ के इस छाए में चलते हैं कि बहुमंजिली इमारते के बाशिंदे उन पर थूक सकते हैं’

स्वास्थ्य के द्रष्टिकोण से गांधीजी ने गाँवों की स्थति को शोचनीय बताया. ‘ हमारी गरीबी का एक प्रमुख कारण स्वच्छता की अनिवार्य जानकारी उपलब्ध नही होना हैं.

यदि गाँवों की साफ़-सफाई में सुधार लाया जाए तो लाखों रूपये आसानी से बचाए जा सकते हैं और लोगों की दशा में कुछ हद तक सुधार लाया जा सकेगा.

लोक सेवक संघ के सविधान के मसौदे में उन्होंने कार्यकर्ताओ के सम्बन्ध में लिखा था-” कार्यकर्ता को गाँव की स्वच्छता और सफाई के बारे में जागरूक करना चाहिए और गाँवों में फैलने वाली बीमारियों को रोकने के सभी कदम उठाने चाहिए”

गांधीजी का विशवास था कि जो देश की भावी आधारस्तम्भ हैं अर्थात विद्यालय और विद्यार्थी जहाँ स्वच्छता का ज्ञान होना चाहिए. 20 मार्च 1916 को गुरुकुल कांगड़ी में दिए गये भाषण में उन्होंने कहा था. ‘

गुरुकुल के बच्चों के लिए स्वच्छता और सफाई के नियमों के ज्ञान के साथ ही उनका पालन करना भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए”

इन अदम्य स्वच्छता निरीक्षको ने लगातार लगातार चेतावनी दी हैं, कि स्वच्छता के बारे में सब कुछ ठीक नही हैं.. मुझे लग रहा हैं कि स्वच्छता पर आगन्तुको के लिए वार्षिक व्यवहारिक सबक देने के सुनहरे मौके को हमने खो दिया हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 5 (swachh bharat in hindi )

गांधीजी ने स्वच्छता को शुद्दता के कार्य के रूप में देखा. गांधीजी के सचिव प्यारेलाल इस सम्बन्ध में नौखाली का किस्सा सुनाते हैं. जहाँ गांधीजी हिन्दुओ और मुसलमानों के बिच सद्भाव कायम करने के लिए कोने-कोने में जा रहे थे.

वे लिखते हैं कि नोआखली के लिए वह ओस से भी गीली रात थी. जिस संकरे फुटपाथ पर गांधीजी को चलना था. उस पर बहुत फिचलन थी. फुटपाथ बहुत संकरा था इसलिए उनके दल के लोग एक एक कर आगे बढ़ सकते थे.

अचानक इस समूह को रुकना पड़ा क्युकि गांधीजी सूखी पतियों की मदद से फुटपाथ से मल हटा रहे थे. कुछ साम्प्रदायिक शरारती तत्वों ने फुटपाथ को गन्दा कर दिया था.

मनु ने पूछा, आपने मुझे क्यों नही करने दिया? आपने इस तरह हम सभी को शर्मसार क्यों किया ? गांधीजी ने हंसते हुए कहा- तुम उस आनन्द के बारे में नही जानती, जो ऐसे काम करने में मुझे प्राप्त होता हैं.

आप सभी को गांधीजी का यह उद्बोधन आश्चयर्यचकित लगा होगा कि कैसे एक व्यक्ति को मल साफ़ करने में आनन्द प्राप्त हो सकता हैं.

इस बात को समझने के लिए अपने द्रष्टिकोण को परिवर्तित करना होगा. क्या इस धरा पर ऐसा कोई व्यक्ति हैं. जिसे गंदगी देखने में अच्छी लगती हो. नही ना! परन्तु विडम्बना यह हैं.

कि हमे गंदगी देखना तो अच्छा नही लगता पर हम उस जगह से आँख मुदकर निकल जाना बेहतर समझते हैं. या प्रशासन को कोचते हैं. राष्ट्रभक्त वही करता हैं या कहता हैं. जो बापू ने किया.

मध्यप्रदेश के एक नवयुवक ने गांधीजी का आशीर्वाद लेने के लिए सेवाग्राम आश्रम में उनसे भेट की, उस युवक ने प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा उतीर्ण कर ली थी. बापू ने उस युवक से प्रश्न किया-तुम आईसीएस क्यों बनना चाहते हो?

युवक ने उत्तर दिया, भारत की सेवा करने के लिए. बापू ने परामर्श दिया- गाँव में जाना और साफ़-सफाई करना भारत की उत्कर्षट सेवा हैं और इसके पश्चात् आईसीएस बनने के इच्छुक अप्पा पटवर्धन सफाई की कला में विशेष्यज्ञता हासिल कर देश के स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हो गये.

गांधीजी ने ट्रेन के तृतीय क्लास के डिब्बे में बैठकर देशभर में प्रवास किये थे. वह भारतीय रेलवे के तीसरे श्रेणी के डिब्बे की गंदगी को देखकर स्तम्भ थे.

उन्होंने 25 सितम्बर 1917 को समाचार पत्र में लिखे एक पत्र के माध्यम से आमजन का इस ओर ध्यान आक्रष्ट किया. उन्होंने लिखा इस तरह की संकट की स्थति में यात्री को परिवहन बंद कर देना चाहिए जिस तरह की गंदगी की यह स्थति इन डिब्बो में हैं.

उसे जारी रहने नही दिया जा सकता क्युकि वह हमारे स्वास्थ्य और नैतिकता को प्रभावित करती हैं. निश्चित तौर पर तीसरी श्रेणी के यात्री को जीवन की बुनियादी जरुरत हासिल करने का अधिकार तो हैं. ही तीसरे श्रेणी के यात्री की उपेक्षा कर लाखों लोगों की व्यवस्था, स्वच्छता, शालीन जीवन की शिक्षा देना, सादगी और स्वच्छता की आदते विकसित करने का बेहतरीन मौका गँवा रहे हैं.

स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध कक्षा पांच से बारहवीं के लिए

Cleanliness campaign Hindi essay for class five to XII: स्वच्छ भारत अर्थात स्वच्छता अभियान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूम्बर 2014 शुरू किया गया| जिन्हें महात्मा गाँधी जयंती 2020 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित हैं|

आज आपके लिए स्वच्छ भारत अभियान नारे और कुछ लोकप्रिय उद्दरण स्वच्छ भारत अभियान नारे के अलावा स्वच्छ भारत अभियान पर कविता जो हमारे प्रधानमन्त्री के मिशन स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत को साकार कर सके|

(स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध) essay on swachh bharat swasth bharat in hindi

छात्र-छात्राओं के लिए स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण और हिंदी निबन्ध की इस श्रखला में सभी विद्यार्थियों के लिए कक्षा 5 से 6, 7, 8, 9, 10, 11 और बाहरवी के स्टूडेंट्स के लिए स्वच्छ भारत अभियान मराठी निबंध में यहाँ उपलब्ध हैं|

यहाँ स्वच्छ भारत अभियान मराठी माहिती निबंध पढने के लिए गूगल ट्रांसलेटर टूल के जरिये आप स्वच्छ भारत मिशन योजना के इस लेख को मराठी, अग्रेजी, गुजराती, अग्रेजी, उर्दू, पंजाबी और अन्य भाषाओं में रीड कर सकेगे|

वर्तमान में स्वच्छ भारत मिशन शौचालय निर्माण का दूसरा चरण मार्च 2017 से 2020 तक चल रहा हैं| जिसकी प्रगति रिपोर्ट और आकड़े आपके लिए यहाँ एकत्रित किये गये हैं|

स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध कक्षावार

आज स्वच्छता अभियान के इस लेख में सभी क्लास के विद्यार्थियों के भाषण और निबन्ध यहाँ दिए जा रहे हैं| सम्बन्धित कक्षा के बोद्दिक स्तर के अनुकूल शब्द सीमा में तथ्यात्मक जानकारी के साथ शुरू किया गया हैं| लीजिए मित्रो शुरू करते हैं,स्वच्छता अभियान निबंध कक्षा 1 के छात्रों के लिए-

स्वच्छता अभियान-निबंध/भाषण कक्षा 1

आजकल स्वच्छता का अर्थ हमे बेहद सकीर्ण रूप से लेते हैं|

स्वच्छता की परिभाषा को परिभाषित करना चाहे तो इनके सामान्य अर्थ(शब्दार्थ) निर्मलता, पवित्रता, सफ़ाई और उज्ज्वलता होते हैं| जिन्हें अंग्रेजी भाषा में cleanliness और neatness भी कहा जाता हैं|

अंग्रेजी व्याकरण में इसके पर्यायवाची शब्दों को तलाशे तो sincereness, sereneness,pellucidity,trimness, nattiness,primness, orderliness जैसे शब्दों से इसे परिभाषित किया जा सकता हैं|

यह स्वच्छता शब्द का जन्म आधुनिक समय की ही देन हैं| ओद्योगिक क्रांति के समय 18व़ी और 19व़ी सदी में यूरोप और अमेरिका में गंदगी का बेहद बोलबाला था| इस वजह से कई भयानक बीमारियाँ पनपनी शुरू हो गयी थी|

स्थानीय मशीनरीज और संस्थाओ ने जन-जागरूकता फैलाने के लिए स्वच्छता के सिद्दांत की खोज की| साफ़-सफाई और स्वच्छता को इश्वर के साथ जोड़कर इसे एक ईश्वरीय गुण की उपाधि दी गयी|

इस सिद्दांत में आमजन की भावनाओं को मूल में रखकर गंदगी करने वालों को जधन्य पाप की श्रेणी में माना गया| शालाओं में शारीरिक विषय के पाठ्यक्रम को पढाया जाने लगा|

उस समय लोगों में स्वच्छता मिशन के प्रति जागरूकता लाने के लिए इसे पाप और पुण्य जैसे धार्मिक हथकंडो को अपनाया गया| वैसे स्वास्थ्य का सीधा सम्बन्ध प्रत्येक व्यक्ति दे होता हैं, जिन्हें परिभाषित करने और समझने का अपना-अपना व्यू हैं|

समग्र स्वच्छता की बात करे तो इसमे आपके शारीरिक,मानसिक और बोद्दिक स्वच्छता की बात करते हैं| जिनमे सबसे बड़ी भूमिका आपके बाहरी वातावरण की होती हैं, व्यक्ति वैसा ही व्यवहार करता हैं| जिस वातावरण में वह रहता हैं उसका सीधा प्रभाव पड़ता हैं|

स्वच्छता अभियान  निबंध/भाषण कक्षा 2

समय के साथ स्वच्छता अभियान के अलग-अलग मतलब भी निकाले गये | आरम्भिक समय में साबुन और सूप को स्वच्छता से जोड़कर देखा जाता था| इसके पीछे लोजिक यह था कि बिमारी जीवाणुओं के कारण ही पनपती हैं| जिन्हें स्वच्छता रखकर नियंत्रित किया जा सकता हैं|

आज भी बहुत सारे लोग ये मानते हैं, कि दुनिया में कोई व्यवसाय या कारोबार करने से पैसा मिलता हैं, फिर हम साफसफाई क्यों करे| इसके लिए पगार कौन देता हैं| जब बात की जाती हैं, पर्यावरण की रक्षा की तो इससे हमे क्या मिलेगा|

बस यही से स्वच्छता अभियान का अभिप्राय अपने शरीर को साफ़-सुथरा रखने की रीती गढ़ दी गईं| मगर सर्वागींण स्वच्छता यही नही हैं, मानसिक,बौद्धिक,शारीरिक,आध्यात्मिक और पर्यावर्णीय स्वच्छता इसका हिस्सा हैं|

स्वच्छता अभियान  निबंध भाषण कक्षा 3

शारीरिक स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक हैं| यदि हम ऐसा नही करते हैं तो निकट भविष्य में हमे और अपने परिवार को कई तरह की मुशिब्तो का सामना करना पड़ सकता हैं|

हमे अपने शरीर अपने आस-पास के वातावरण की साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए| इसमे हमे कुछ वितीय खर्च आए तो भी इनसे मुह फेरने की बजाय स्वय जिम्मेदारी लेकर उनकी मरम्मत करवाए, हो सकता हैं|

इन्ही अव्यवस्थित वस्तुओ से पनपने वाली गंदगी और जीवाणु आपके परिवार के किसी सदस्य को बीमार कर सकती हैं| अथवा जान भी ले सकती हैं|

भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन में हम स्वय अपनी और अपने आस-पास के परिद्रश्य की साफ़-सफाई रखकर बड़ा योगदान दे सकते हैं|

केंद्र सरकार खुले में शोच जाने से देश को मुक्त करने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रही हैं| भारत सरकार की शौचालय योजना तभी अपने उदेश्यों में सफल हो सकेगी जब हम अपना सक्रिय योगदान दे|

एक जिम्मेदार विद्यार्थी होने के नाते आज मै यह प्रतिज्ञा करता हु.. मै स्वयं साफ़-सुथरा रहुगा| न तो गंदगी फैलाउगा न किसी को फ़ैलाने दुगा|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 4

स्वच्छ भारत अभियान का महत्व महात्मा गाँधी की एक उक्ति ” स्वच्छता स्वत्रन्त्रता से अधिक जरुरी हैं”

आज से 100 साल पहले गांधीजी द्वारा देखे गये स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने का सकल्प माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी ने उठाया हैं| हम सभी देश के जिम्मेदार नागरिको का यह कर्तव्य बनता हैं|

हम अपने प्रधानमन्त्री के स्वच्छ भारत अभियान के सहयोगी बनने और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के इस सपने को सन 2020 को 2 अक्टूबर उनकी 150 व़ी जयंती पर स्वच्छ भारत का नक्शा समर्पित करे|

यह सच हैं जब तक कोई सरकारी कार्य या मिशन पूरा नही होता जब जनता का सहयोग न हो| स्वच्छता अभियान के इस सपने को साकार करने के लिए हमे घर-घर शौचालय बनाने भर पर्याप्त नही हैं|

हमारी जिम्मेदारी बनती हैं, हम समाज में एक नई सोच विकसित करे जो स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाए| घर में बने शौचालयों का उपयोग करे और सरकार के प्रयास को सार्थक बनाए|

देश इस गंदगी का दश बेहद झेल चूका हैं| यहाँ तक की हमारे देश को बुढा भारत तक कहा जा चूका हैं| इसकी वजह हमारी आदतों में निर्मलता और स्वच्छता को इतना महत्व नही दिया गया हैं|

बड़ी आबादी इस गंदगी के माहौल के कारण बीमार ही रहती हैं| जिनका सीधा असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ता हैं, जिस तरह एक लगडा घोड़ा रेस जीत नही सकता. हम भी इस तरीके से तो आगे नही बढ़ सकते|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 5

देश के अरबन एरिया में सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए दो मापदंड अपनाए हैं| देश के सभी एक करोड़ दस लाख घरो में शौचालय का निर्माण करवाया जाए और कचरे का ठोस निपटान किया जाए|

इसके लिए ढाई-ढाई लाख सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का भी निर्माण करवाया जाना हैं| इस शौचालयों को घनी आबादी और सार्वजनिक स्थल जैसे बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन हवाई अड्डा, खेल मैदान के सा-पास बनाए जाने प्रस्तावित हैं|

यदि हम एक नजर उठाकर आस-पास के शहरों के हालात देखे तो बेहद दयनीय हैं| हालाँकि शहरो की तुलना में गाँवों की स्थति बेहद सुविधाजनक हैं| घर-घर शौचालय उपलब्ध करवाना बेहद कठिन हैं| स्वच्छता अभियान के लिए सामुदायिक शौचालयों के द्वारा भी चल रही स्थति को काफी हद तक बदला जा सकता हैं|

दूसरी तरफ अपशिष्ट और कचरे के निपटन के लिए केंद्र सरकार 9 हजार करोड़ खर्च कर चुकी हैं| इस मिशन को 2 अक्टूबर 2020 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित हैं|हमे यदि स्वच्छ भारत बनाना हैं|

 स्वय खुले में शौच जाने की प्रवर्ती को खत्म करनी होगी| साथ ही लोगों को भी इस दिशा में अग्रसर करना होगा | और अपने आस-पास सफाई अपने ऑफिस या कमरे की सफाई स्वय करने की आदत विकसित करनी होगी|

हमे बापू के सपने को पूरा करके दिखाना हैं| वाकई में यदि हम इस मिशन में 50 फीसदी भी सफल हो गये तो विश्व में भारत की छवि को और बेहतर और साफ़-सुथरी बना सकते हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 6

भारत प्राक्रतिक सौदर्य का देश हैं किसी महाद्वीप में जितने दर्शनीय स्थल नही हैं उतने हमारे देश में हैं|यदि भारत की साफ़ सुथरी तस्वीर विश्व के अन्य देशो तक पहुचेगी तो यकीनन हमारा टूरिज्म कई गुना बढ़ सकता हैं जिससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी|

स्वच्छता अभियान में स्कुल एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं भारत के भविष्य की इस पौधशाला में कई कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं| जिसके जरिए बच्चो में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और इसके महत्व को अच्छी तरह समझ सके|इस कार्यक्रम के तहंत महात्मा गाँधी के वक्तव्यों और स्वच्छता से जुड़े विचार शिक्षा पाठ्यक्रम में समाहित किया गया हैं|

साथ ही बारिवार स्वय छात्रों को अपने कक्षा कक्ष शोधशाला और रसोई घर में साफ़ सफाई के द्वारा उनमे अच्छी आदते विकसित की जा रही हैं|साथ ही शिक्षको को भी निर्देश दिया गया हैं वे स्वय अपने कार्यालय की सफाई करे जिससे छात्रों में अच्छा संदेश प्रसारित किया जा सके|

स्वच्छता अभियान में बच्चो से उनके खेल मैदान में सफाई विद्यालय भवन के आस-पास की सफाई और पेड़ पौधो की सुरक्षा की आदते भी विकसित की जा सकती हैं|

विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रमों,प्रतियोगिताओ और सफाई अभियान के द्वारा एक अच्छा संदेश विद्यार्थियों और समाज में प्रसारित करने की कोशिश की जा रही हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 7

भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान के पिछले दो वर्षो की प्रगति रिपोर्ट जारी की हैं इस सूचि में देशभर के 80 शहर सम्मलित हैं| जो नगर निगम की श्रेणी में आते हैं इनकी जनसंख्या 10 लाख से उपर की हैं|

इस सूची को बनाने के लिए एक टीम का गठन किया जिन्होंने देश के सभी राज्यों के शहरों का दौरा किया| किस शहर में सफाई व्यवस्था कैसी हैं

इस पर आधारित इस सूची के टॉप में उन शहरों को स्थान दिया गया हैं जिनकी सफाई व्यवस्था सबसे अच्छी हैं| वे स्वच्छता अभियान के स्वच्छ शहर हैं|

इस सूचि के उपरी शहरों में कर्नाटक का मैसूर शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर हैं, इसके बाद punjab का चण्डीगढ़, फिर तमिलनाडू का चिरापल्ली, चौथा स्थान राजधानी नई दिल्ली का हैं|

फिर विशाखापत्तनम और इसके बाद गुजरात के दो शहर सुरत और राजकोट फिर सिकिम की राजधानी गंगटोक और नौवे और दसवे स्थान पर महारास्ट्र राज्य के दो शहर ग्रेटर मुंबई और पिपरी आते हैं|

इस सूची में दिल्ली चोथे स्थान पर हैं, इससे अंदाजा तो कर सकते हैं नीचें की सूची के शहरों के हालात क्या हैं| हम अपने-अपने घर को साफ़ सुथरा रखकर भी अपने शहर को सुंदर बना सकते हैं|

कचरे को इधर उधर न फेककर यदि कचरा पेटी में डाले तो बहुत बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं| सरकार अपने बजट का काफी बड़ा हिस्सा सफाई कर्मचारियों और स्वास्थ्य सेवाओं में खर्च करती हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 8

स्वच्छता अभियान की इस सूची के अंतिम दस शहरों की बात की जाए तो इसमे भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के तीन मेरठ और वाराणसी और गाजियाबाद आते हैं झारखंड के दो बिहार छतीसगढ़ और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी क्षेत्र भी इस सूची के अंतिम पायदानों पर हैं|

हालात बदले नही हैं बल्कि अब बदले जाने हैं हम और आप मिलकर इस स्थति को सुधारेगे| जरुर आपकों एक सूचि से निराशा हाथ लगी होगी मगर ये आकडे जनवरी 2016 के हैं, जिनके बाद कई बड़े बदलाव हुए हैं प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान में 50 लाख से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक स्वैछिक रूप से अपनी सेवाए दे रहे हैं|

साथ ही बॉलीवुड,व्यापार,खेल जगत शिक्षा और राजनीती के कई ऐसे सितारों को इस कार्यक्रम का ब्रांड अबेसदर बनाया हैं|

जो इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुचाने का कार्य कर रहे हैं| स्वच्छ भारत अभियान से ये हस्तियाँ जुड़ीं हुई हैं| सचिन तेंडुलकर, राज्ययोगी ब्रह्मकुमारी, किरण बेदी , अरुण पुरी,गुनुपति वेंकट कृष्ण रेड्डी,प्रियंका चोपड़ा,सोनल मानसिंह, दादी जानकीजी, मृदुला सिन्हा, कपिल शर्मा, अखिलेश यादव, सलमान खान,महेन्द्र सिंह धोनी, ईआर. दिलकेश्वर कुमार, विराट कोहली,के कविता, के कविता,स्वामी रामभद्राचार्यसुरेश रैना,हम्पी कोनेरू,वी.वी.एस. लक्ष्मण,राजू श्रीवास्तव,जे रामेश्वर राव,एस पी बालासुब्रह्मण्यम, पुलेला गोपीचंद, मोहम्मद कैफ ये सूचि बेहद लम्बी हैं|

ये वे हस्तियाँ हैं जिनके फॉलोवर करोड़ो में हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 9

भारत के इतिहास में महात्मा गाँधी पहले व्यक्ति थे| जिन्होंने देश में व्याप्त गंदगी और गरीबी पर लोगों में जागरूकता लाने के प्रयत्न कियें| महात्मा गाँधी आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण स्वच्छता को मानते थे|

क्युकि वे जानते थे देश तो आजाद हो जाएगा मगर लोगों की आदतों से भली-भांति परिचित थे| इसमे बदलाव लाना बेहद कठिन हैं| उन्होंने कहा था हम पिछड़े या गरीब हैं तो इसका कारण हमारी दिनचर्या और स्वच्छता के प्रति ध्यान न देना हैं| आज जो देश विकसित हैं|

उनकी ताकत वहा की स्वस्थ आबादी हैं एक बीमार देश कभी भी सुपरपॉवर नही बन सकता हैं| महात्मा गाँधी की इस बात में पूर्ण सत्यता थी|

इस देश का दुर्भाग्य हैं आजादी के 77 साल बाद भी राष्ट्रपिता की इच्छा को किसी ने पूरा करने का साहस नही दिखाया माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी इस बात को पहले से समझ चुके थे महात्मा गाँधी स्वच्छ भारत का सपना देखना चाहते थे|

नरेंद्र मोदी सुपरपॉवर का अतः नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष स्वच्छता अभियान का बीड़ा उठाया| विश्व के किसी भी देश में राजनेताओ की छवि से स्वय को अलग करते हुए एक आम आदमी की तरह इन्होने न सिर्फ अपनी प्रतिबधता दोहराई बल्कि स्वय राजपथ की सड़को पर अपने हाथ से झाड़ू लगाईं|

स्वच्छता अभियान क्या हैं ?

यह सत्य हैं नकारा नही जा सकता हैं हम आलसी हैं और जल्द ही बीती बात भूल जाते हैं| नरेंद्र मोदी ने स्वय झाड़ू उठाई तो लाखोँ लोगों और सरकारी कर्मचारियों ने भी झाड़ू लगाईं थी|

मगर वहीं नजर आ रहा हैं रात गईं बात गईं| अभियान में लग्न से लगे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आज भी स्वयं अपने कार्यालय की सफाई करते हैं|

हमे भी यह आदत विकसित करनी होगी| जब इस देश का प्रधानमन्त्री झाड़ू से सडक पर सफाई कर सकता हैं| तो आखिर हम क्यों नही अपने घर में झाड़ू लगा सकते हैं|

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था| इसके उद्घाटन के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संसद में भाषण दिया था| उन्होंने कहा था हम स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ करने जा रहे हैं|

जिनमे देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता पर विशेष तोर पर ध्यान देने के अतिरिक्त कचरे निपटान पर भी ध्यान दिया जाएगा|नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा था हमे बापू की 150 व़ी जयंती पर एक स्वच्छ और आदर्श भारत का निर्माण करना हैं|

इसके लिए प्रधानमन्त्री ने देश वासियों से प्रतिवर्ष 100घंटे इस स्वच्छता अभियान में योगदान देने का अनुरोध किया था|

स्वच्छ भारत मिशन योजना के आंकड़े

  • योजना की शुरुआत- 2 अक्टूबर 2014
  • पूरी करने की तिथि- 2 अक्टूबर 2020
  • सरकार– भारतीय जनता पार्टी
  • कुल बजट-1,96,009 करोड़ रुपये
  • उपलक्ष्य-राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी
  • स्लोगन-नीट & क्लीन इंडिया
  • वेबसाइट-swachhbharat.mygov.in
  • लीडर- नरेंद्र मोदी
  • शौचालय की लागत-12,000 सरकार द्वारा सहायता
  • कुल शौचालय-1 करोड़ 10 लाख
  • प्रमुख मुद्दे-कचरा निपटान, शौचालय निर्माण और उपयोग
  • स्थान-नई दिल्ली

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 10

स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट हैं जिनकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2017 को की गईं| इन्हे कई अलग-अलग नामो से जाना जाता हैं जैसे क्लीन इंडिया मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छता अभियान इत्यादि|

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में ही प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को सक्रिय योगदान देने के लिए अपील की थी| यह एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम हैं विश्व का सबसे बड़ा मिशन को अगले पांच वर्षो में 2 अक्टूबर 2020 तक पूरा किया जाना हैं|

इस मिशन को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने शौचालय निर्माण और कचरे निपटान के सयंत्र भी लगवाए हैं| भारत ने स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए विश्व बैंक से 96697500000 रूपये का लोन लिया हैं|

बड़ा दर्द होता हैं जब हमारी सरकार इतने प्रयास और पैसे खर्च करके भी लोगों से कुछ अच्छा करने की अपेक्षा करने की उम्मीद करती हैं|

तो परिणाम अपेक्षाकृत नही आते हैं| आज भी हम बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को देख सकते हैं जो सरकार द्वारा वितीय सहायता उपलब्ध करवाने के बावजूद शौचालयों का निर्माण Construction of toilets नही करवाते हैं|

Swachh Bharat Abhiyan

Swachh Bharat Abhiyan is a dream project of Prime Minister Narendra Modi, which started on 2 October 2017. These are known by many different names such as Clean India Mission, Clean India Mission, Sanitation Campaign etc.

At the beginning of this project, Prime Minister Narendra Modi appealed to all the citizens to make active contribution. This is a nationwide program to be completed in the next five years by 2 October 2020, the world’s largest mission.

In order to fulfill this mission, the Central Government has also set up toilet and garbage disposal plants. India has taken a loan of 96697500000 from the World Bank to complete the Sanitation Campaign. वर्तमान स्थति (present situation)

यदि किसी सरकारी काम में रूकावट के डर से बनवा भी लेते हैं तो इनका उपयोग नही करते हैं| शौच के लिए वही रेलवे पटरी, खेतो में या झाड़ियो के पीछे ही जाते हैं| सभी शिक्षित नागरिको (Educated citizens) की यह जिम्मेदारी बनती हैं|

हम लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करे और स्वय भी आदतों को बदले और समाज के लिए एक उदाहरन पेश करे| लोगों को यह सोचना चाहिए आखिर सरकार आपके भले के लिए ही कर रही हैं | तो फिर स्वच्छता अभियान में सहयोग करने से पीछे नही हटना नही चाहिए|

स्वच्छता अभियान मेरा योगदान

  • स्वय साफ़ सुथरे रहे और कम से कम अपने परिवार के लोगों को ऐसा कहे|
  • कचरा इधर उधर ना फेके|
  • कोई कचरा फेक रहा हो तो उन्हें ऐसा ना करने के लिए समझाए|
  • अपने घर में शौचालय का निर्माण करवाए और उपयोग करे|
  • अपने विद्यालय को साफ़-सुथरा बनाने में रूचि दिखाए|
  • ऑफिस जाते हैं तो स्वय झाड़ू निकाले|
  • घर का कचरा इधर उधर न फेककर कचरा पेटी में ही डाले|

(Keep yourself clean and at least say to your family members.
The garbage does not stop here.
If someone is throwing garbage, then explain to them not to do this.
Build and use toilets in your home.
Show your interest in making your school clean.
If you go to the office then you sweep the broom.
Do not throw the garbage at home and put it in the trash.)

 निष्कर्ष

स्वच्छता अभियान Cleanliness campaign के सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी हमने आप तक पहुचाने की कोशिश की उम्मीद करते हैं, आज का लेख आपकों पसंद आया होगा|इस लेख को सोशल मिडिया पर अधिक से अधिक शेयर कर आप भी स्वच्छता अभियान  में भूमिका निभा सकते हैं|

We look forward to reaching out to you about all the information related to the cleanliness campaign. Today’s accounting would have liked you.

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